मौसी के साथ डर्टी सेक्स
- Kamvasna
- Jan 9
- 8 min read
Updated: Jan 10
सभी को मेरा नमस्ते!मेरा नाम यश है और यह मेरी पहली सेक्स स्टोरी है।अगर कोई गलती हो जाए तो आप माफ कीजिएगा।
मेरी सेक्स स्टोरी आपको बहुत अच्छी भी लग सकती है और बहुत गंदी भी … क्योंकि मैं टॉयलेट में सेक्स की कहानी आपको बताने जा रहा हूं।
अब मैं सेक्स विद मौसी कहानी पर आता हूं।
यह बात 6 महीने पहले की है।मेरे मामा के यहां शादी थी तो हम पहले से गए हुए थे।
हम उनके यहां घर में रुके हुए थे।उसी दिन दूर के रिश्ते की एक मौसी आई।उनसे मेरी मुलाक़ात पारिवारिक समारोहों में होती रहती थी तो अच्छी जान पहचान थी.
उनकी उम्र 30 साल की है। देखने में वो 25-26 की ही लगती हैं।
मौसी गांव की रहने वाली है और फिगर 32-28-34 का, भरे बदन वाला है।उनकी गांड भी गजब शेप में है, जिसे कोई भी देखे तो चोदने का मन करेगा।
दोस्तो, बता दूं कि मौसी की शादी नहीं हुई है।लेकिन चुदाई से पहले मुझे पता नहीं था कि उनकी चूत एकदम सीलपैक है।मौसी ने जिंदगी में शादी नहीं करने का फैसला किया था।
मौसी को मैं बहुत पहले से पसंद करता था और उनके बारे में सोच सोचकर कई बार मुठ मार चुका था।मेरा मन था कि मौसी के साथ कुछ हो जाए तो मजा आ जाए।
खैर अगले दिन शादी की तैयारियां करनी थीं।तो दिन शुरू होते ही काम भी शुरू हो गया।
मैं भैया के साथ भवन में सामान ले जाने लगा।पूरा दिन ऐसे ही निकल गया।
फिर रात हुई तो संयोग ऐसा हुआ कि मुझे मौसी के साथ ही सोने का मौका मिला।
हम दोनों एक ही कमरे में सो रहे थे।मेरा लंड खड़ा हो रहा था बार-बार!
मैं चाह रहा था कि मौसी की चूचियों को दबाऊं, उनकी चूत की जगह पर हाथ से सहलाऊं।पास में कोई भी नहीं था।लेकिन मैं डर रहा था कि कहीं वे गुस्सा न हो जायें।
रात में तो मेरी कुछ करने की हिम्मत नहीं हुई मौसी के साथ … तो मैं मुठ मारने लगा।मैंने माल निकाल दिया और फिर नींद आने लगी तो मैं सो गया।
सुबह फिर मैं उठकर बाथरूम में घुस गया और नहाने लगा।थोड़ी देर बाद मौसी दरवाजा खटखटाने लगी।
मैंने पूछा- क्या हुआ मौसी?वो बोली- तुझे कितना टाइम और लगेगा नहाने में?
मैं- अभी तो शुरू किया है नहाना! क्या हुआ?मौसी- मुझे जोर से टॉयलेट लगी है।
घर में एक ही बाथरूम था जो टॉयलेट अटैच था।इसलिए मौसी के लिए मजबूरी हो गई थी।
मैं भी सोच ही रहा था कि क्या करूं, नंगा और गीले बदन के साथ एकदम से कैसे बाहर निकलूं।
तभी मौसी बोली- अरे मैं नहीं रोक पाऊंगी, अंदर आने दे … तू नहाते रहना।मैं- ठीक है, लेकिन आपको प्रॉब्लम तो नहीं? मैं नंगा नहा रहा हूं!मौसी- ठीक है, लेकिन किसी को बताना मत!मैं- ठीक है।
मौसी ने बाथरूम का दरवाजा खोला मैं नंगा ही था।
तभी मौसी ने एक नजर मुझे देखा और फिर जल्दी से अंदर आकर टॉयलेट सीट पर बैठकर मलत्याग करने लगी।
मैं एक तरफ मुंह करके नहाने लगा और मौसी सामने ही बैठी टॉयलेट कर रही थी।मेरे सपनों की चूत मेरे सामने नंगी थी तो मैं कैसे कंट्रोल कर पाता दोस्तो!
मैं नीचे ही नीचे नजर किए हुए मौसी की तरफ देखने लगा।
मौसी की चूत मुझे नजर नहीं आ रही थी लेकिन उनकी नंगी जांघें जरूर दिख रही थीं।
सामने मौसी के नंगी होने के ख्याल से ही वासना उठने लगी।
देखते ही देखते मेरे लौड़ा खड़ा होकर 6 इंच का हो गया, लंड झटके मारने लगा।
मैं कुछ कर भी नहीं सकता था क्योंकि मौसी की चूत देखने के ख्याल से मैं उत्तेजित होता जा रहा था।
मौसी की ध्यान मेरी तरफ गया तो उन्होंने मेरा खड़ा लंड देख लिया।और मौसी के देखते ही लंड में और जोर से झटके लगने लगे।मैंने सोचा कि आज तो मौका है, काश मौसी की चूत चोदने को मिल जाए!
वे मेरे लंड को लगातार देख रही थी।
मैं बोला- क्या हुआ मौसी?मौसी थोड़े गुस्से में बोली- ये क्या है?
मैंने हिम्मत करके बोल ही दिया- आपको देख कर ही हुआ है।मौसी ने मुझे अपने पास बुलाया और बोली- अच्छा, तो ये मुझे देखकर हुआ है?मैं- हां!
मौसी- तो फिर इसे शांत कौन करेगा?कहकर मौसी मुस्करा दी।
मैं बोला- आप ही कुछ करो मौसी, आपकी (चूत) देखने के चक्कर में ही हुआ है और अब आपसे ही शांत होगा।मौसी- ठीक है, मैं हेल्प कर दूंगी। लेकिन किसी को बतायेगा नहीं!मैं बोला- नहीं, मैं क्यों बताऊंगा।
फिर मौसी ने मेरे लंड को हाथ में ले लिया और सहलाने लगी।
मौसी के हाथ में जाते ही लंड में करंट सा दौड़ने लगा; एकदम से मेरे लंड की नसें जैसे फटने को हो गईं।
मौसी ने फिर लंड को मुंह में भर लिया और टॉयलेट सीट पर बैठी हुई ही चूसने लगी।
वे मस्ती से मेरे लंड को चूस रही थी।मैं भी खुद को रोक नहीं पा रहा था।
मैंने मौसी का सिर पकड़ लिया और मेरी तरफ दबाते हुए लंड चुसवाने लगा।अब मेरा चूत मारने का मन कर रहा था।
मैं बोला- मौसी दे दो ना!वो बोली- क्या?
मौसी की चूची दबाते हुए मैंने कहा- चूत दे दो ना मौसी!वो बोली- कमीने, शर्म नहीं आती है तुझे?मैं- शर्म कैसी, जब मुंह में ले लिया तो चूत में लेने में क्या हर्ज है, प्लीज मौसी, बहुत मन कर रहा है … आह्ह … प्लीज दे दो।
फिर मौसी ने अपनी गांड साफ की और खड़ी होकर कपड़े उतारने लगी।वे भी मेरे सामने नंगी हो गई और मैंने उसे बांहों में कस लिया।हम दोनों एक दूसरे के होंठों को पीने लगे।
नीचे से मेरा हाथ मौसी की चूत को सहलाने लगा।वे भी चुदासी होकर चूत को हाथ पर रगड़वाने लगी।मौसी की चूत से अब गीलापन बाहर महसूस हो रहा था।
मैंने चूत में उंगली दे दी.तो वो उचक गई- आअह्ह … आराम से!मैंने कहा- इतनी टाइट कैसे है? चुदवायी नहीं हो क्या अभी?वो बोली- नहीं, मुझे किसी पर भरोसा नहीं होता है आसानी से! तुम घर के हो तो इसलिए मन कर गया।मैं बोला- ठीक है, बात आपके मेरे बीच ही रहेगी।
फिर मैं मौसी की चूत में उंगली करने लगा।मौसी की गीली चूत के अंदर उंगली अंदर बाहर करते हुए पच-पच की आवाज हो रही थी।
मौसी की चूत में उंगली करते हुए बड़ा मजा आ रहा था।चूत अंदर से गीली और नर्म होने के साथ-साथ बहुत गर्म भी थी।
मौसी को भी अब सेक्स चढ़ने लगा था।वे आह्ह … आह्ह करती हुई चूत में उंगली का मजा ले रही थी।
मौसी चुदासी होकर बोली- कर ले अब जल्दी, नहीं तो तेरे मामा लोग आ जाएंगे।मैं बोला- वो तो दोपहर तक आने वाले हैं, तब तक तो हमारा काम हो जाएगा।
वो बोली- लेकिन जल्दी कर ले।
फिर मैंने मौसी को दीवार के साथ सटा लिया और आगे से चूत में लंड डालने लगा।
मैंने धक्का दिया तो मौसी कराह गई।वे चिल्लाना चाहती थी लेकिन आवाज को दबा लिया।
मौसी बोली- क्या कर रहा है! आराम से, दर्द हो रहा है … आइह्ह!मैं बोला- ओके, आराम से करता हूं।
फिर मैं धीरे-धीरे मौसी की चूत में लंड घुसाने लगा।
जब पूरा लंड चला गया तो मैं मौसी के होंठों से होंठ लगाकर चूत में धक्के लगाने लगा।
मौसी ने एक टांग उठाकर मेरी गांड पर लपेट ली और मेरी पीठ पर हाथों से सहलाते हुए चुदने लगी।मैं भी धक्कम-पेल करने लगा।
कुछ ही देर में मौसी की चूत ने पानी फेंक दिया।वे शांत हो गई।मैं बोला- मौसी मेरा नहीं हुआ है अभी!वे बोली- जल्द कर तो!
मैंने कहा- सीट पर बैठता हूं, मेरे ऊपर बैठ जाओ।फिर मैं टॉयलेट सीट पर बैठ गया और मौसी मेरे लंड पर जा बैठी।मैं मौसी को उछालते हुए चोदने लगा।
मौसी की भारी गांड देखकर मेरा मन हुआ कि मैं गांड भी चोद दूं।मैंने चूत से लंड निकाला और गांड के छेद में देने लगा।वो बोली- कमीने, क्या कर रहा है?
मैं बोला- मौसी गांड मारने दो बस एक बार … प्लीज! तुम्हारी सेक्सी गांड देखकर रहा नहीं जाता है, प्लीज चोदने दो।वो बोली- नहीं, वहां नहीं, दर्द होगा। और अभी मैंने पूरी लेटरिन भी नहीं की है।
मैं बोला- कोई नहीं, मुझे गांड चोदनी है।फिर मैंने दोबारा से मौसी की गांड के छेद पर लंड लगा दिया।वो हटा रही थी लेकिन मैंने मौसी को पकड़ लिया।
मैं उसे लंड की ओर धकेलने हुए बिठाने लगा।
मौसी की टाइट गांड में पच से लंड घुस गया जिससे उसकी जोर की चीख निकल गई।मैंने मौसी के मुंह पर हाथ रखा और लंड का धक्का दे दिया।
मौसी छटपटा रही थी लेकिन मुझे गांड चोदने का भूत सवार था। सेक्स करते हुए मैंने लंड के धक्के लगाने शुरू कर दिए।
कुछ देर में मौसी भी साथ देने लगी।चोदते हुए मैंने मौसी की गांड में माल छोड़ दिया।
फिर लंड बाहर निकाला तो उस पर वीर्य के साथ मौसी का मल भी लग गया था।मैंने लंड को वहीं पर पानी से धोकर साफ कर दिया।
फिर मैं और मौसी साथ में नहाने लगे।
नहाते हुए एक बार फिर से मेरा लौड़ा खड़ा हो गया।मैंने फिर से मौसी के हाथ में लंड पकड़ा दिया।वे नीचे बैठकर लंड को मुंह में लेकर चूसने लगी।
अबकी बार मैं चुसवाने का मजा लेता रहा।कुछ देर बाद मेरा निकलने को हुआ तो मैंने मौसी को बताया।वो बोली- मुंह पर ही गिरा दे।
फिर मैंने मौसी के मुंह पर अपना माल गिरा दिया।
मौसी का पूरा चेहरा माल में सन गया।जिसके बाद मौसी ने अपना मुंह साफ किया।
मुझे मौसी के साथ कुछ और भी डर्टी करना था।मैंने मौसी से कहा- मौसी, मेरे बदन पर मूत दो।वो बोली- फिर तुझे भी करना पड़ेगा!मैं बोला- ठीक है।
वे बोली- ठीक है तो फिर लेट जा!मैं मौसी के सामने लेट गया और वे मेरे ऊपर बैठकर पेशाब करने लगी।
मौसी की चूत से निकलती मूत की धार मेरी छाती और मुंह तक आ रही थी।मेरा पूरा मुंह मौसी के मूत में भीग रहा था और मुझे बहुत मजा आ रहा था।मौसी के गर्म-गर्म मूत से नहाकर मुझे बहुत मजा मिला।फिर मौसी ने कहा- अब मेरी बारी!
वे नीचे लेट गई और मैंने खड़े होकर मौसी के ऊपर मूत की धार बरसानी शुरू कर दी।
मौसी के चूचों, पेट और चूत पर मूत की धार मारने लगा।वो बोली- मुंह पर भी!
मैंने मौसी के मुंह पर मूत गिराना शुरू किया तो उसने मुंह खोल लिया।
वो मेरे मूत को पी गई।हम दोनों को इस मूता मूती में खूब मजा आया।
फिर हम उठे और अच्छी तरह साबुन से रगड़ कर नहाए।
नहाते हुए एक बार फिर से मैंने मौसी को लौड़ा चुसाया और आधे घंटे तक उनकी चूत मारी।फिर आखिर में मौसी के मुंह में पानी छोड़ दिया।
वो बोली- आह्ह मजा गया! तेरे साथ फिर से कभी टॉयलेट सेक्स करूंगी।उसके बाद हम दोनों बाहर आ गए।
अभी मामा लोगों के आने में वक्त था।मौसी के साथ कुछ देर बैठकर मैं बातें करता रहा।
बातों-बातों में मौसी ने मेरा लंड फिर से पकड़ कर सहलाना शुरू कर दिया।
मैं बोला- मौसी, मामा लोग जब तक नहीं आते तब तक मुंह में रख लो ना मेरे लंड को! आपके गर्म गर्म मुंह में इसे बहुत राहत मिलेगी। चूत चोदकर थक गया है बेचारा!
फिर कहने पर मौसी ने मुंह में लंड ले लिया और चूसने लगी।वे प्यार से मेरे लंड को मुंह में लेकर पपोलती रही।
आधे घंटे तक मौसी ने लौड़ा चूसा और फिर मैं मौसी के मुंह में खाली हो गया।
फिर 2 बजे के करीब मामा आ गए।फिर हम दोनों भवन के लिए निकल गए।
शादी के बाद मुझे फिर से मौसी को चोदने का मौका नहीं मिला है।मौसी की चुदाई करने का मुझे बेसब्री से इंतजार है।पता नहीं फिर कब मैं मौसी के साथ डर्टी सेक्स कर पाऊंगा, उसकी चूत का मूत और रस पी सकूंगा।
आपको मौसी के साथ डर्टी चुदाई की यह कहानी कैसी लगी मुझे जरूर बताना।कहानी के नीचे कमेंट बॉक्स में आप कमेंट कर सकते हैं और अपने विचार प्रकट कर सकते हैं।या फिर आप मुझे ईमेल भी कर सकते हैं।
सेक्स विद मौसी कहानी पर मुझे आप सबके कमेंट्स और मैसेज का इंतजार रहेगा.मेरा ईमेल आईडी है yashsing3766@gamil.com

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