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मेरी बीवी की सुहागरात दूसरे ने मनाई - Free Sex Kahani

प्यारे चुदक्कड़ दोस्तों, बुर चोदने का माहौल कैसा चल रहा है? आज मैं तुम्हें अपनी बीवी शुभी की चुदाई की एक ऐसी कहानी सुनाने जा रहा हूँ, जो तुम्हारे लंड को तनतनाने पर मजबूर कर देगी। ये किस्सा है कि कैसे मेरी बीवी शुभी ने हमारे ही बिस्तर पर, मेरे सामने, एक पराये लंड से अपनी बुर की धुनाई करवाई।


हम लोग उत्तर प्रदेश के बहराइच शहर में रहते हैं। शुभी की उम्र 28 साल है, स्लिम-फिट फिगर, गोरी-चिट्टी, और चेहरा ऐसा कि कोई भी देखकर उसकी बुर चोदने को बेकरार हो जाए। उसकी चूचियाँ इतनी बड़ी हैं कि बाजार में उसकी साइज की ब्रा मिलना मुश्किल है। उसकी चूचियों का साइज 38DD है, जो हर मर्द की नजरों को अपनी ओर खींच लेता है। उसकी गाँड गोल, गुदाज़, और इतनी रसीली कि देखकर लंड अपने आप फुंफकारने लगे। शुभी को टेलीग्राम चलाने का बड़ा शौक है। फेसबुक, व्हाट्सएप, या इन्स्टाग्राम से ज्यादा उसे टेलीग्राम पसंद है। उसने वहाँ अपना एक ग्रुप और चैनल बनाया हुआ है, जहाँ वो मर्दों, जवान लड़कों, और लड़कियों के साथ चैट करती है। सेक्सी वीडियो देखना और गंदी-गंदी बातें करना उसका पसंदीदा टाइमपास है।


शुभी की खासियत ये है कि वो इतनी हॉट और चुदक्कड़ है कि उसकी बुर को चोदने के लिए लोग कुछ भी करने को तैयार हो जाते हैं। उसकी गदराई बुर और बड़ी-बड़ी चूचियाँ देखकर कोई भी मर्द खुद को रोक नहीं पाता। अब बात करते हैं उस रात की, जब हमारी शादी की सालगिरह थी। हम हर साल अपनी मैरिज एनिवर्सरी बड़े धूमधाम से मनाते हैं। दोस्तों को बुलाते हैं, खूब पार्टी होती है, और जो लोग दूर से आते हैं, उनके लिए रुकने का इंतजाम भी करते हैं। हर सालगिरह पर मैं और शुभी सुहागरात जरूर मनाते हैं, और मैं उसकी बुर को नए-नए तरीकों से चोदता हूँ।


शुभी की चूचियों की बात करें तो वो इतनी बड़ी हैं कि टेलर मास्टर को घर बुलाकर नाप लेना पड़ता है। बाजार में उसकी साइज की ब्रा नहीं मिलती। टेलर मास्टर, जिसका नाम रमेश है, हर बार शुभी की चूचियों को नापने के लिए उसे ऊपर से नंगा करता है। फिर मौका पाकर उसकी गुदाज़ बुर को चोदता है। ये सब मेरे सामने ही होता है, और शुभी भी बड़े मजे से चुदवाती है। इस बार की सालगिरह के लिए शुभी ने एक खास ब्रा बनवाई थी, जिसमें सिर्फ चूचियों के निप्पल ढकने का सिस्टम था, बाकी हिस्सा खुला रहता था। जब रमेश ब्रा देने आया, तो उसने फिर से शुभी की बुर को चोदा और ब्रा पहनाकर गया। मैं और शुभी खुले विचारों वाले हैं, इसलिए मुझे इस बात से कोई ऐतराज नहीं था। रमेश को शुभी की चूचियों की सही नाप लेने के लिए ऐसा करना पड़ता था, और शुभी को भी इसमें मजा आता था।


अब बात सालगिरह की रात की। हमने अपने सारे दोस्तों को बुलाया था। कुछ लोकल थे, कुछ बाहर के शहरों से आए थे, जिनमें शुभी के टेलीग्राम ग्रुप के दोस्त भी शामिल थे। पार्टी रात को थी। हमने खूब मस्ती की, व्हिस्की के पैग पे पैग लगाए, और दोस्तों ने भी जमकर इंजॉय किया। रात के 12 बज गए, लोकल लोग अपने घर चले गए, लेकिन बाहर से आए शुभी के दोस्त हमारे घर में ही रुक गए। हर साल की तरह, हमने एक खास कमरा सजाया था, जहाँ मैं और शुभी सुहागरात मनाते थे। मैं शुभी की बुर को चोदे बिना कभी सोता नहीं था, लेकिन उस रात कुछ अलग ही होने वाला था।


पार्टी खत्म होने के बाद, हम सब हॉल में ही बैठे गपशप कर रहे थे। शुभी के टेलीग्राम ग्रुप से आए एक दोस्त, रोहन, ने मेरी नजर पकड़ी। रोहन 30 साल का था, 6 फीट लंबा, कसरती बदन, और चेहरा ऐसा कि लड़कियाँ उस पर फिदा हो जाएँ। वो जब से आया था, शुभी को घूर-घूरकर ताड़ रहा था। उसने पार्टी में शुभी को व्हिस्की के साथ खूब पानी पिलाया, जिसका मुझे बाद में पता चला। शुभी ने उस रात एक टाइट लो-कट टॉप और लेगिंग्स पहनी थी, जिसमें उसकी बड़ी-बड़ी चूचियाँ 75% बाहर झाँक रही थीं। उसकी गदराई गाँड लेगिंग्स में और भी उभरी हुई लग रही थी।


आधे घंटे तक हँसी-मजाक चलता रहा। कुछ लोग सो गए, कुछ सोने की तैयारी कर रहे थे। शुभी मेरी जाँघ पर सिर रखकर लेटी थी, और उसकी टाँगें रोहन की जाँघों पर थीं। बातें करते-करते शुभी को व्हिस्की का नशा चढ़ गया, और वो नींद में चली गई। उसकी चूचियाँ टॉप के गहरे गले से और भी बाहर निकल आई थीं। मैंने सोचा कि उसे बाद में कमरे में ले जाऊँगा, इसलिए वैसे ही लेट गया। रोहन की आँखें शुभी की चूचियों पर टिकी थीं। वो बोला, “सम्मू भाई, शुभी को अच्छे से लिटा दो, जब जागेगी तो रूम में चले जाना।” मैंने कहा, “हाँ, ठीक है।”


मुझे बाथरूम जाना था, तो मैंने रोहन को बुलाया और कहा कि वो शुभी का सिर अपनी गोद में रख ले। रोहन को तो जैसे यही चाहिए था। उसने धीरे से शुभी का सिर उठाया और अपनी जाँघों पर रख लिया। बहाने से उसने शुभी की चूचियों को टच किया और टॉप को ऊपर सरकाने की कोशिश की। एक-दो बार तो उसने शुभी के निप्पल भी दबा दिए। मैं बाथरूम गया और जब लौटा, तो देखा कि रोहन का हाथ शुभी की चूचियों पर था। मैं चुपचाप लेट गया और सब देखने लगा।


शुभी व्हिस्की के नशे में थी। जब वो अंगड़ाई लेती, तो उसकी टाँगें फैल जातीं और चूचियाँ जैसे टॉप फाड़कर बाहर आने को बेताब थीं। रोहन हर बार जब शुभी अंगड़ाई लेती, अपना मुँह उसकी चूचियों के पास ले जाता और गर्म साँसें छोड़ता। शुभी की चूचियों पर उसकी साँसों की गर्माहट से वो और भी मचल रही थी। वो समझ रही थी कि मैं हूँ, इसलिए उसने रोहन का लंड पैंट के ऊपर से ही पकड़ लिया। रोहन भी मौके का फायदा उठाने लगा। वो कभी शुभी की चूचियों को हल्के से दबाता, कभी उसके पेट को सहलाता, और बहाने से अपने हाथ को शुभी की लेगिंग्स के अंदर उसकी गुदाज़ बुर तक ले जाने की कोशिश करता।


जब वो ऐसा करता, शुभी जोर से अंगड़ाई लेती, जिससे उसकी चूचियाँ और बाहर निकल आतीं। रोहन फटाफट टॉप को ऊपर चढ़ाकर उसकी चूचियों को ढकने की कोशिश करता, लेकिन उसकी नजरें शुभी की बुर पर टिकी थीं। मुझे नींद आ रही थी, लेकिन ये सब देखकर मेरा लंड भी तन गया था। मामला गर्म हो रहा था। अब रोहन ने शुभी की लेगिंग्स के अंदर हाथ डाला और उसकी फूली हुई, चिकनी बुर को छूने लगा। शुभी ने नशे में उसका हाथ पकड़ा और अपनी बुर पर रख लिया, समझकर कि वो मेरा हाथ है।


रोहन को जैसे खजाना मिल गया। उसने शुभी की लेगिंग्स नीचे सरकाई, और उसकी चिकनी, गुदाज़ बुर नंगी हो गई। शुभी की बुर पर एक भी बाल नहीं था, वो हमेशा उसे चिकना रखती थी। रोहन ने अपनी उंगलियाँ शुभी की बुर की फांकों पर फेरीं, और वो धीरे-धीरे मसलने लगा। शुभी मचल रही थी, और उसकी सिसकारियाँ निकलने लगीं, “आह्ह… उफ्फ…” रोहन ने मौका देखकर शुभी का टॉप भी ऊपर उठा दिया, और उसकी बड़ी-बड़ी चूचियाँ ब्रा से आजाद हो गईं। उसकी नई ब्रा, जिसमें सिर्फ निप्पल ढकते थे, पहले ही उतरी हुई थी।


रोहन का लंड अब पैंट में फुंफकार रहा था। उसने अपनी पैंट खोली और उतार दी। उसका लंड देखकर मेरी आँखें फटी रह गईं। स्साला, वो कोई लंड नहीं, कोबरा साँप था! 10 इंच लंबा, 4 इंच मोटा, अनकट लंड, जिसका सुपारा खाल के अंदर से भी इतना मोटा दिख रहा था कि शुभी की बुर को चीर दे। रोहन ने अपना लंड शुभी के हाथ में थमा दिया और उसकी बुर को चाटने लगा। शुभी ने अपनी टाँगें और फैलाईं, जिससे उसकी बुर की गुलाबी फांकें खुल गईं। रोहन अपनी लंबी जीभ से शुभी की बुर को चोदने लगा, और शुभी सिसकारियाँ निकालने लगी, “आह्ह… उफ्फ… श्श्श… आउच!”


रोहन की जीभ शुभी की बुर की गहराइयों में घुस रही थी, और शुभी अपनी गाँड हिलाकर उसकी जीभ से चुदने लगी। वो रोहन के लंड को अपने नरम हाथों से सहलाने लगी, लेकिन जैसे ही उसने उसका अनकट लंड पकड़ा, वो चौंक गई। उसे मेरा कटा हुआ लंड पकड़ने की आदत थी, और ये अनकट लंड उसे अजीब लगा। लेकिन रोहन की जीभ की चुदाई ने उसे इतना गर्म कर दिया था कि वो सब भूल गई। वो रोहन का चेहरा अपनी बुर में दबाने लगी, और रोहन ने अपनी जीभ को और गहराई तक पेल दिया। शुभी की सिसकारियाँ अब चीखों में बदल रही थीं, “आह्ह… ऊह्ह… श्श्शी…”


रोहन ने अपनी शर्ट उतार दी, और अब वो भी पूरी तरह नंगा था। उसने शुभी को अपनी मजबूत बाँहों में जकड़ लिया और उसके रसीले होंठों को चूसने लगा। शुभी भी उसके होंठों का स्वाद ले रही थी, जिसमें उसकी बुर का नमकीन स्वाद मिला हुआ था। रोहन ने शुभी की चूचियों को दोनों हाथों से मसला, उनके निप्पल को चुटकी में लेकर दबाया, जिससे शुभी की सिसकारी निकल गई, “आह्ह… रोहन, धीरे…”


मैंने बीच में टोका, “शुभी, रोहन, ये क्या कर रहे हो? मेरे ही घर में मेरी बीवी को चोदने जा रहे हो?” शुभी चौंककर उठ बैठी, “अरे सम्मू, तुम वहाँ हो? तो ये कौन है?” रोहन ने हँसते हुए कहा, “हाँ शुभी, मैं हूँ।” शुभी ने मुझे देखा और बोली, “सम्मू, ये तो गलती से हुआ। मैं समझी तुम हो।” मैंने कहा, “हाँ, मुझे बाथरूम जाना था, तो मैंने रोहन से तुम्हारा सिर अपनी गोद में रखने को कहा था।”


शुभी ने हँसते हुए कहा, “ओह, तो ये बात है। चलो, अब क्या।” रोहन ने मौका देखकर कहा, “शुभी, प्लीज, मुझे तुम्हारी बुर चोदने दे। मैं कब से कह रहा था। आज मौका मिला है, प्लीज चोद लेने दे।” शुभी ने मुझे देखा और बोली, “सम्मू, कर लेने दो। रोहन मेरा अच्छा दोस्त है। इसे मेरी बुर चोदने दे।” मैंने कहा, “अरे, ये जो 8-10 लोग यहाँ सो रहे हैं, अगर ये जाग गए तो क्या? ये सब भी तुम्हारी बुर चोदने को लाइन लगा देंगे।” रोहन ने हँसकर कहा, “नहीं सम्मू भाई, ये सब नशे में धुत्त हैं। इनकी नींद नहीं खुलेगी। तुम भी आओ, हम दोनों मिलकर शुभी की बुर चोदते हैं।”


रोहन का लंड शुभी की बुर को चैलेंज कर रहा था। शुभी ने उसका मोटा, लंबा, अनकट लंड देखा और उसके मुँह से निकला, “वॉव!” मैं भी हैरान था। उसका सुपारा इतना मोटा था कि खाल के अंदर से भी डरावना लग रहा था। शुभी ने दोनों हाथों से उसका लंड पकड़ा और जोर-जोर से हिलाने लगी। वो ऐसा पकड़ रही थी जैसे कोई भारी चीज उठा रही हो। रोहन ने शुभी को नीचे बैठाया और अपने लंड का मोटा सुपारा खाल से बाहर निकालकर उसके मुँह में डाल दिया। शुभी ने उत्साह से उसका लंड चाटना शुरू कर दिया, उसकी नाजुक जीभ रोहन के सुपारे पर घूम रही थी। रोहन और गर्म हो गया।


उसने शुभी को 69 की पोजीशन में लिटाया और उसकी गदराई बुर को फिर से चाटने लगा। उसकी लंबी जीभ शुभी की बुर की फांकों में घुस रही थी, और शुभी की सिसकारियाँ हॉल में गूँज रही थीं, “आह्ह… उफ्फ… श्श्शी…” शुभी ने अपनी टाँगें और फैलाईं, जिससे उसकी बुर की लाल-लाल फांकें पूरी तरह खुल गईं। रोहन ने अपनी जीभ को और गहराई तक पेला, और शुभी की गाँड हिलने लगी। वो अपनी बुर को रोहन के मुँह पर रगड़ने लगी, “आह्ह… रोहन, और चाट… उफ्फ…”


रोहन ने शुभी की चूचियों के बीच अपना लंड रखा और चूची चोदना शुरू कर दिया। शुभी ने अपनी चूचियों को और दबाकर रोहन के लंड को जकड़ लिया। रोहन का लंड शुभी की चूचियों के बीच फिसल रहा था, और वो जोर-जोर से धक्के मार रहा था। 20 मिनट तक चूची चोदने के बाद, रोहन का गाढ़ा, सफेद पानी शुभी के होंठों और नाक पर गिरा। शुभी ने उसका लंड फिर से मुँह में लिया और चूसने लगी। रोहन का लंड फिर से फुंफकारने लगा।


शुभी ने रोहन को लिटाया और उसके लंबे, मोटे लंड पर अपनी बुर सेट की। वो धीरे-धीरे उस पर बैठने लगी। रोहन का मोटा सुपारा शुभी की बुर की फांकों को चीरता हुआ अंदर गया। शुभी की सिसकारी निकली, “आह्ह… उफ्फ… कितना मोटा है…” रोहन ने शुभी की गदराई गाँड पकड़ी और एक जोरदार धक्का मारा। उसका लंड शुभी की बुर की गहराइयों में समा गया। दोनों जोर-जोर से चोदने लगे। फच-फच, भच-भच की आवाजें हॉल में गूँज रही थीं। शुभी अपनी गाँड उठा-उठाकर रोहन के लंड पर पटक रही थी, और रोहन उसकी चूचियों को मसल रहा था।


शुभी की चूचियों से पसीना टपक रहा था, और रोहन उसे चाट रहा था। शुभी चिल्ला रही थी, “आह्ह… रोहन, और जोर से… फाड़ दे मेरी बुर…” रोहन ने अपनी स्पीड बढ़ा दी। उसका लंड शुभी की बुर को चीर रहा था। 40-50 मिनट तक चुदाई चलती रही। दोनों पसीने से लथपथ थे। रोहन ने शुभी को अब घोड़ी बनाया और पीछे से उसकी बुर में लंड पेल दिया। शुभी की गाँड हिल रही थी, और वो चिल्ला रही थी, “आह्ह… उफ्फ… और गहरा… श्श्शी…”


रोहन ने शुभी की चूचियों को पीछे से पकड़ा और जोर-जोर से धक्के मारने लगा। शुभी की बुर से पानी बह रहा था, और रोहन का लंड उसमें फिसल रहा था। आखिरकार, दोनों एक साथ झड़ गए। रोहन का गाढ़ा पानी शुभी की बुर में भर गया, और दोनों एक-दूसरे की बाँहों में भींच गए। रोहन का लंड अब भी शुभी की बुर में था, और उसका पानी शुभी की जाँघों पर बह रहा था।


इस तरह मेरी शादी की सालगिरह पर रोहन ने मेरे घर में, मेरे सामने, मेरी बीवी की बुर चोदकर सुहागरात मनाई। दोस्तो, ये Free Sex Kahani कैसी लगी? अपनी राय जरूर बताएँ।

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