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ससुर ने गांड मारी - Antarvasna Sex Stories

मैं आशिका शादीशुदा हूं, 37 साल की उम्र है और मेरे पति के साथ मैं सूरत में रहती हूं। हमारी फैमिली में मेरा 4 साल का बच्चा और मेरे ससुरजी और हम दोनों हैं। आज से करीब 10 साल पहले मैं शादी करके आई मेरे हब्बी के घर पर। मैं बहुत खुश थी। मेरे पति मुझे बहुत खुश रखते थे। सास-ससुर भी मेरा काफी खयाल रखते थे, मुझे अपनी बेटी की तरह रखते थे। लेकिन बात तब बिगड़ी जब मेरी सास का देहांत हो गया 2 साल पहले। तबसे मेरे ससुरजी की नजर मुझपर बिगड़ी है। वो रिटायरमेंट लाइफ जी रहे हैं इसलिए पूरे दिन घर पर ही रहते हैं। और बार-बार मुझे वासना की नजर से देखते रहते हैं। कई बार आंगन पर सुखाने रखे कपड़ों में से वो मेरी ब्रा एन पैंटी से खेलते हैं, वो मैंने छुपकर देखा है। मैंने कई बार सोचा कि अपने पति को सब बता दूं कि ससुर क्या कर रहे हैं। पर मेरा मन नहीं माना कि क्यों बाप-बेटे में झगड़ा करवाना। कुछ दिन वैसे ही निकल गए। और दिन निकलने के साथ-साथ मेरे ससुर की हिम्मत भी बढ़ने लगी। वो मेरे पास चाय बनाने को कहते और जब मैं चाय बनाती होती किचन में तो वो आजाते मुझे हेल्प करने के बहाने। मुझे कोई न कोई बहाना बनाकर छूने लगे।


एक दिन की बात है, मेरे हब्बी सुबह जॉब पर चले गए और मेरे लड़के को भी स्कूल पर उतारने को लेके गए। सुबह के 7 बजे थे। मैं बाथ के लिए जा ही रही थी। मैंने मेरी ब्रा एन पैंटी एन टॉवल बाथरूम में लगा दिए थे और अंदर जाकर अपने एक-एक करके कपड़े उतारने लगी एन पूरी नंगी होकर जस्ट बाथ लेने ही वाली थी। तब मेरे ससुर ने जोर से आवाज लगाई, अशी… घर में मुझे प्यार से सब आशिका की बजाय अशी कहते हैं। अशी… जरा जल्दी आओ। उनकी जोर की आवाज से मैं डर गई। और डर के मारे हड़बड़ाती हुई सोचते हुए कि कुछ अशुभ न हुआ हो तो अच्छा है। मैंने फटाफट अंदर रखी हुई मेरी नाइटी पहनी और बाहर आई। सिर्फ नाइटी पहने, नहीं मैंने अंदर ब्रा पहनी थी या पैंटी? पूरे बदन पर सिर्फ एक नाइटी थी, वो भी काफी पतली थी कि इसके आर-पार आसानी से देखा जाए।


मैं बाहर निकलकर देखा तो वो कहीं दिखाई नहीं दिए तो मैंने बाहर जाकर देखा तो वो गार्डन में गिरे पड़े थे। मैं दौड़ती गई उनके पास और उनको उठाने की कोशिश करने लगी। तभी मैंने महसूस किया कि वो मेरी नाइटी से दिखाई देने वाले मेरे बूब्स एन निप्पल को देख रहे हैं। मैं शर्मा गई एन जैसे बने वैसे उन्हें जल्दी से उठाया। उठते समय उन्होंने अपना एक हाथ मेरी गांड पर रख दिया और उन्हें महसूस हो गया कि मैंने अंदर पैंटी भी नहीं पहनी है। मैंने पूछा, बाबूजी क्या हुआ, कैसे गिर गए? वो बोले, बहू, पैर फिसल गया और गिर गया। माफ करना बहू मुझे तुम्हें इस हालत में बुलाना पड़ा। मैंने कहा, पिताजी कोई बात नहीं। आप आराम कीजिए। मैं बाथ लेकर आती हूं। वो बोले, बहू मैं कीचड़ वाला हो गया हूं, तुम बाद में नहा लेना, मुझे पहले स्नान कर लेने दो। उनकी बात सुनकर मैं पहले तो सोच में पड़ गई पर मुझे लगा वो मेरे पिताजी जैसे ही हैं। मैंने कहा, ठीक है पिताजी आप स्नान कर लो।


उनके बाथरूम में घुसने के बाद थोड़ी देर में वो बाहर निकल गए। और उनके निकलने के बाद मैं नाइटी में अपने गुप्तांग जो छुप नहीं रहे थे वो छुपाने की कोशिश करते हुए अंदर चली गई बाथ करने के लिए। और मैं अपनी धुन में एन सोच में ही बाथ करती रही। जब स्नान खत्म कर कर मैंने टॉवल लेने के लिए हाथ बढ़ाया तो मुझे जोर का झटका लगा, वहां मैंने रखा हुआ टॉवल नहीं था। तभी मेरे मन में शक हुआ कि ये ससुरजी की कोई नई चाल है। फिर मैंने सोचा कि नहीं, वो जल्दी में स्नान करने आए थे तो गलती से मेरा टॉवल ले गए होंगे। मैंने जैसे-तैसे कर कर अपने आप को पोछा और अपनी पैंटी हाथ में लेकर पहने जा रही थी कि मुझे कुछ गीला सा लगा। मैंने वापस पैंटी उतार कर देखा तो अंदर पैंटी के भाग पर चिपचिपा था कुछ। मैं समझ गई कि मेरे ससुर ने मेरी पैंटी पर मुठ मारकर अपना वीर्य निकाला है और वो मेरी चूत पर भी थोड़ा-थोड़ा लग गया था। मुझे बहुत गुस्सा आया। और मैंने पैंटी निकाल कर कचरे के डिब्बे में फेंक दी। मैंने ब्रा देखा तो उन्होंने उसमें भी अपने वीर्य का पानी छोड़ा हुआ था। मुझे इतना गुस्सा आ रहा था कि मन कर रहा था उनका खून कर दूं। मैंने गुस्से में आकर अपनी ब्रा भी कचरे के डिब्बे में फेंक दी। और वापस उनके वीर्य वाली चूत को मैंने साफ किया और दूसरी बार वही बाथ लिया।


अब मैं सोच रही थी बाहर जाऊं तो कैसे जाऊं क्योंकि न अब मेरे पास टॉवल था या न ब्रा पैंटी। मुझे गुस्सा आ रहा था और अब पछतावा भी हो रहा था कि मैंने क्यों जल्दबाजी में ब्रा एन पैंटी निकाल कर फेंक दी कचरे में। तभी मुझे न चाहते हुए भी ससुरजी को आवाज लगानी पड़ी। मैंने कहा, पिताजी आप मेरा टॉवल गलती से लेके गए हैं, जरा मुझे दे दीजिए। उन्होंने जवाब दिया, ओह बहू माफ करना, जल्दबाजी में अपना टॉवल ले जाना भूल गया था तो तुम्हारा ले लिया। ठहरो मैं तुम्हें दूसरा टॉवल दे रहा हूं। मुझे उनपर इतना गुस्सा आ रहा था पर मैं भला कर भी क्या सकती थी। उन्होंने मुझे आवाज लगाकर कहा, ये लो बहू। मैंने बाथरूम का दरवाजा थोड़ा खोलकर हाथ बाहर निकाला और उन्होंने मेरे हाथ को टच करते हुए मुझे टॉवल दे दिया। मैंने टॉवल देखा तो मुझे और भी ज्यादा गुस्सा आया क्योंकि उन्होंने जो टॉवल दिया था वो एकदम छोटी साइज का था और उसपर 2 जगह से छोटे-छोटे होल भी थे। मैं समझ गई कि आज ये बूढ़ा मुझे छोड़ने वाला नहीं है। मजबूरी का नाम महात्मा गांधी। मैंने वो टॉवल से अपना शरीर पोछा और अपने बूब्स से टॉवल को लपेटा तो देखा कि टॉवल छोटा होने की वजह से वो मेरी चूत को ठीक तरीके से नहीं ढक पा रहा था। तो मैंने न चाहते हुए टॉवल को थोड़ा ऊपर से नीचे किया जिसकी वजह से अब टॉवल मेरी निप्पल से तक यानी कि मेरे हाफ बूब्स दिख रहे थे। और वो 2 छोटे-छोटे होल वो मेरी गांड की साइड पर दे जिससे मेरी गांड का गोरा रंग दिख रहा था। मैं जल्दी से बाहर आई और अपने कमरे में चली गई एन दरवाजा बंद कर लिया। बाथरूम से निकलने और रूम में जाने के टाइम मेरे ससुर ने साले बूढ़े ने मेरे जिस्म के भरपूर दर्शन कर लिए थे और मेरा ध्यान उसके पजामे पर गया था, उसका लंड तान गया था जोकि उसके पजामे से पता चलता था।


रात को जब मेरे पति घर आए तब मैंने उन्हें बताने का काफी सोचा पर कह नहीं पाई और मुझे रोना आ गया। उन्होंने पूछा भी क्या हुआ, मैंने कुछ नहीं बताया। और सुबह हम जब उठे तो मैंने देखा कि मेरे पति तैयार हो रहे थे। मैंने पूछा, कहां जा रहे हो? तो वो बोले कि ऑफिस के काम से 3 दिन दिल्ली जा रहा हूं। मेरे ऊपर जैसे आसमान गिर गया। मैंने गुस्से से कहा, अभी बता रहे हो। तो उन्होंने कहा, डार्लिंग कल रात को तुम रोने लगी थी और मुझे तुम्हें और परेशान नहीं करना था इसलिए मैंने नहीं बताया। मैं जिद करने लगी कि मुझे भी आना है, मुझे साथ ले चलो। वो मेरे ऊपर गुस्सा हो गए और बोले, क्या बच्चों जैसे कर रही हो। और उन्होंने मुझे सुबह-सुबह एक बार अपनी बाहों में ले लिया और मुझे नंगा कर कर किस करने लगे। पर मेरा नसीब ही फूटा हुआ था। जैसे ही उन्होंने मेरी पैंटी निकाली तो तो वो बोले कि अपनी चूत तो साफ रखा करो, तुम्हें पता है मुझे बालों वाली चूत चोदनी अच्छी नहीं लगती। मैंने कहा, आज की बार कर लो, मैं अगले टाइम से साफ रखूंगी। उन्होंने कहा, नहीं। और अपना लंड मेरे मुंह में दे दिया और मेरे मुंह को चोदने लगे और उनका सारा वीर्य मेरे मुंह में भर गया। फिर मैंने फटाफट कपड़े पहन लिए और उन्हें छोड़ने के लिए बस स्टॉप चली गई।


अब मैं और ससुरजी घर में अकेले थे। मुझे उनसे डर लग रहा था। मैं आज वापस नहाने चली गई। मैंने पहले से ही आज चेक किया था कि ब्रा पैंटी एन टॉवल बाराबर है या नहीं है। नहाने के बाद मैंने खाना पकाया और दोपहर में मैंने एन ससुरजी ने खाना खाया साथ में। और मैंने कहा, पिताजी मैं सोने जा रही हूं। तो उन्होंने कहा, ठीक है बहू। रात को ज्यादा रोने की वजह से मुझे नींद ठीक से नहीं आई थी रात को तो दोपहर को कुछ ज्यादा टाइम के लिए आंख लग गई थी। मेरा लड़का स्कूल से आकर बाहर खेलने चला गया था। थोड़ी देर के बाद मैं रूम के दरवाजे पर किसी के खटखटाने की आवाज आई। मैं उठी और मैंने अपने आप को देखा तो नींद में मेरी साड़ी कमर तक आ गई थी। पैंटी दिख रही थी। साड़ी का पल्लू फिसल गया था। मैंने जल्दी से कपड़े ठीक किए और अपना दरवाजा खोला। तो देखा कि ससुरजी थे। मैंने कहा, आप। तो उन्होंने मुझे चाय देते हुए कहा, बहू तुम आज कुछ ज्यादा ही सोई हुई थी तो मैंने सोचा मैं ही चाय अपने आप बना लूं तो मैंने बना के पी ली और ये तुम्हारे लिए है और चिंटू को भी दूध पिला दिया है। मैं मन ही मन सोचने लगी कि क्या ये वही ससुर हैं जो पिछले दिन अपने लंड का पानी मेरी पैंटी पर डाल गए थे और आज मेरे लिए चाय बना के लाए। मैंने सोचा, आदमी कितना जल्दी रंग बदल लेता है। मैंने चाय पी ली और अपने काम में लग गई।


पर अचानक तकरीबन 7 बजे चाय पीने के 1 घंटे बाद मुझे बेचैनी सी लगने लगी। पूरे बॉडी में हल्का सा पेन होने लगा, शरीर टूटने लगा। और नींद सी आने लगी। मैंने सोचा ससुर ने जरूर चाय में कुछ मिलाया होगा। और मैं अपने आप से बाहर होने लगी। और किचन में गिर गई। पिताजी आए और मेरे सामने देख कर हंसने लगे। मैं थोड़ी बेहोशी की हालत में थी, मुझे उठा भी नहीं जा रहा था और मेरे हाथ-पांव भी नहीं हिल रहे थे। पर मैं कोशिश कर रही थी उठने के लिए। वो मुझे देख कर हंसने लगे और बोले, कुछ भी कर लो 10 घंटे तक तुम अपने आप को नहीं संभाल पाओगी, चाय में मैंने ड्रग मिला दिया था। मैं उन्हें देखती ही रही। बाद में वो मुझे उठा कर रूम में ले गए और बिस्तर पर पटक दिया। मैं सब समझ सकती थी लेकिन कोई हरकत नहीं कर पा रही थी। सिर्फ महसूस कर पा रही थी। ससुरजी मेरे पास आकर मुझे चूमने लगे। मेरे गले पर किस करने लगे। उन्होंने मेरे लिप्स पर किस किया और काटने लगे। मुझे घिन आ रही थी। उन्होंने अब मेरी साड़ी उतार दी। अब मैं सिर्फ उनके सामने पेटीकोट और ब्लाउज में थी। मैं साड़ी नाभि के नीचे से पहनती हूं तो अब मेरी नाभि उनके सामने नंगी पड़ी थी। उन्होंने मुझे किस करने लगे। मैं अपना मुंह हिलाकर और मुंह से आवाज निकाल कर पार्टी किया करने लगी। पर मानो मेरे हाथ-पैर पर लकवा मार गया हो वैसा हो गया था। धीरे-धीरे ससुरजी बोलने लगे, आज तुझे जी भर के चोदूंगा। 2 साल से भूखा हूं। मैंने कहा, पिताजी ये क्या कर रहे हो, ये गलत है। वो बोले, कुछ गलत नहीं है। मैंने कहा, मैं प्रशांत (मेरे हब्बी) को सब बता दूंगी। उन्होंने कहा, मैं तुझे वो लायक रहने ही नहीं दूंगा। और कहते ही उन्होंने मेरे ब्लाउज के हुक खोलने शुरू कर दिए और पेटीकोट भी उतार दिया। अब मैं सिर्फ ब्रा पैंटी में थी उनके सामने। उन्होंने मेरी रोती हुई आंख पर जरा भी दया नहीं की और मेरे शरीर से मेरी ब्रा को एन पैंटी को निकाल दिया। अब मैं बिलकुल नेकेड उनके सामने पड़ी थी बिस्तर पर। मुझे रोना आ रहा था लेकिन उन्होंने मुंह पर कोई दया नहीं दिखाई।


मेरी झांटों वाली चूत देखकर वो बोले, साली रंडी, तुझे मेरे बेटे ने कितनी बार कहा है कि चूत पर से बाल साफ करके रख, तू समझती नहीं है। चल ठीक है रंड आज तेरी चूत का शेविंग मैं करता हूं। इतना कहने के बाद वो मर्दों वाला रेजर और क्रीम लेकर आए। आज तक कभी मैंने रेजर यूज नहीं किया था, मैं हमेशा हेयर रिमूवर यूज करती थी। मुझे रेजर देख कर डर लगने लगा था। तभी वो मेरी चूत पर क्रीम लगाने लगे। मेरी चूत पर क्रीम लगाते समय उन्होंने काफी बार उंगली मेरी चूत में डाल दी। ऐसा करते-करते न चाहते हुए भी मैं गर्म होने लगी। और मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया। वो हंसने लगे और कहा, कमिनी नखरे कर रही है। फिर उन्हें क्या सूझा उन्होंने मेरी चूत पर लगा क्रीम निकाल दिया और कहा, तुझे बिना क्रीम के शेव करता हूं साली, तने मुझे बहुत तड़पाया है आज मैं तुझे तड़पाऊंगा। कह कर उन्होंने अकेला रेजर मेरी चूत पर घुमाने लगे। मुझे चिलने का काफी डर था कि कहीं कट न जाए और काफी दर्द भी हो रहा था। थोड़ी देर बाद उन्होंने मेरे छोट से सब बाल निकाल दिए। बाद में वो रूम से चले गए मुझे यूं ही नंगी छोड़ कर चले गए।


थोड़ी देर में मेरा लड़का चिंटू रूम में आ गया। मुझे देख कर बोलने लगा, मम्मी मम्मी आपने कपड़े क्यों नहीं पहने हैं? बताओ मम्मी आपने कपड़े क्यों नहीं पहने हैं। मैं इतनी ज्यादा पहले कभी बेबस नहीं थी। मुझे अपने आप पर घिन आ रही थी कि मैं अपने 4 साल के बच्चे के सामने पूरी तरह नंगी पड़ी हुई थी। उतने में ससुरजी आए और चिंटू को ले जाकर सुला दिया बगल वाले कमरे में। और जब वो वापस आए तो देखा कि वो सिर्फ अंडरवियर में आए थे। 65 साल की उम्र में भी उनका शरीर चुस्त था, वो सिर्फ 45-50 साल के लग रहे थे। और मेरे सामने आकर वापस हंसने लगे। और उन्होंने एक कैमरा निकाला और मेरी तस्वीर खींचने लगे। मेरी चूत का क्लोज अप लिया, मेरे बूब्स के फोटोज, मेरी पूरी तस्वीर खींचने लगे। बाद में बोले, अगर तूने किसी को कुछ बताया तो मैं तो जेल जाऊंगा ही पर तेरी इज्जत के चिथड़े उड़ाकर जाऊंगा। बाद में वो ऑयल लेके आए और मेरे पूरे बदन पर मसल ने लगे। ऑयल की वजह से मैं काफी चिकनी हो गई थी। मेरे बूब्स को बुरी तरह मसल ने लगे। न चाहते हुए भी मैं एक औरत हूं और मेरा शरीर गर्म होने लगा, मेरे निप्पल टाइट होने लगे। वो समझ गए कि मैं गर्म हो रही हूं।


उन्होंने अपना लंड निकाल कर मेरी चूत के ऊपर घिसने लगे। बजाह छोड़ ने के वो सिर्फ मुझे ललचा रहे थे। उनकी उंगली से मेरी चूत में उंगली कर रहे थे। मेरा शरीर भी उनको साथ देने लगा था। मेरे मुंह से आवाज निकल ने लगी। आह्ह्ह… उह्ह… और मेरी चूत ने वापस एक बार पानी छोड़ दिया। वो हंसने लगे और मैं शर्म से मरे जा रही थी। उनका लंड अभी भी ठीक तरह से तना नहीं था। फिर भी उनके लंड की साइज 7 इंच होगी। उन्होंने मुझे कहा, ले मुंह में ले ले। मैंने ना कहते हुए अपना मुंह फेर लिया तो वो बोले, क्यों सुबह तो जोर-जोर से मेरे बेटे का लंड मुंह में ले रही थी, अभी क्या हुआ। उन्होंने जोर से मेरा मुंह खोलने के लिए ट्राई की पर मैंने मुंह नहीं खोला। तो उन्होंने एक हाथ से जोर से मेरा नाक पकड़ लिया और दबा दिया। मैं सांस नहीं ले पा रही थी, घुटन होने लगी, इसके लिए मुझे मजबूरन मेरा मुंह खोलना पड़ा। जैसे मैंने हवा लेने के लिए मुंह खोला उन्होंने अपना बड़ा लंड मेरे मुंह में पूरा घुसा दिया। उनका बड़ा लंड मेरे गले में लग रहा था और ऊपर से मेरा नाक भी बंद था तो मुझे घूटन भी हो रही थी। लेकिन वो मुझे अनदेखा कर के मेरे मुंह में चोदने को मस्त थे।


तभी मैंने सोचा क्यों न उनके लंड को काट लिया जाए। मैंने जोर से उनके लंड को काट लिया। वो चिल्ला उठे। और उनके लंड से थोड़ा खून भी निकल ने लगा। उन्हें मुझ पर गुस्सा आया और जोर से मुझे चांटे मारने लगे और कहा, रुक रंडी काट कुत्तिया, देख मैं तुझे दिखा ता हूं। और वो बाहर चले गए। मैं डर गई थी कि न जाने अब वो क्या करेंगे। वो वापस आए और उनका हाथ देख कर मैं डर गई। उनके हाथ में एक बड़ा सा डंडा था जो 15 इंच बड़ा और 3 इंच चौड़ा था। उन्होंने मुझे घोड़ी बनाया और मेरी गांड पर ऑयल लगाने लगे। मैं डर गई और जोर-जोर से रोने लगी पर वो काफी गुस्से में थे। और उन्होंने मेरी गांड के होल में भी तेल डाला। और जोर से लकड़े को मेरी गांड के छेद पर रख कर धक्का दिया। मेरे मुंह से चीख निकल गई। पर वो हंसते हुए बोले, अभी तुझे पता चलेगा कि दर्द क्या होता है। और जोर से दूसरा धक्का लगाया और मेरी जान निकली जा रही थी। शायद उन्होंने मेरी गांड फाड़ डाली थी। डर के मारे मुझसे पिसाब हो गया बिस्तर में, मेरे पिसाब से पूरा बेड गीला हो गया था। और उन्होंने मेरी गांड में से वो डंडा निकाला तो मैंने देखा कि उसपर काफी खून लगा हुआ था। ससुरजी ने कहा कि देख रंड मुझे काटने का नतीजा। अब पहले मैं तुझे चोदूंगा बाद में तेरी चूत को भी भोसड़ा बनाऊंगा। यही डंडे से।


बाद में उन्होंने वापस मुझे लंड मुंह में दिया। अब मैंने हार मान ली, मैं उनके लांड को चूस रही थी। थोड़ी देर चूसने के बाद उन्होंने अपने वीर्य की पिचकारी मेरे मुंह पर मार दी। और उनका लंड ढीला पड़ गया। मेरे बूब्स पर भी उनके वीर्य के बूंद थे। वापस उन्होंने कहा, चल अब इसे चूस-चूस कर वापस खड़ा कर दे। थोड़ी देर चूस ने के बाद वो वापस खड़ा हो गया। मुझे विश्वास नहीं आ रहा था कि इतने बूढ़े आदमी का इतना जल्दी वापस तान कर खड़ा हो गया। अबकी बार उन्होंने ऊपर आकर मेरी चूत पर अपना लंड रखा और दोनों हाथों से मेरे बूब्स को दबाने लगे, मेरे निप्पल को मसलने लगे। और एक धक्का दिया, मेरे मुंह से आह्ह्ह… निकल गई। उन्होंने अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया था। और वो धक्के लगाते रहे, पहले धीमे, मेरी चूत की दीवारों को महसूस करते, फिर स्पीड बढ़ाई, पच-पच की आवाजें आने लगीं।


मैं भी वापस गर्म होने लगी थी पर गांड में दर्द भी बहुत हो रहा था। और खून अभी भी रुक ने का नाम नहीं ले रहा था। ससुरजी के चोदते-चोदे और करारे धक्कों के साथ मेरी चूत भी उनको साथ देने लगी और मैं शर्म के मारे मरी जा रही थी। मेरी चूत ने पूरी चुदाई के टाइम पर 3 बार पानी छोड़ दिया था। मैं वो बूढ़े का स्टेमिना देख कर हैरान हो गई थी। और थोड़ी देर की चुदाई के बाद उसके लंड ने मेरी चूत में पानी छोड़ दिया। उन्होंने लंड बाहर निकाला तो उनके लंड पर खून था।


मैं हैरान हो गई कि चूत में तो दर्द हुआ नहीं तो चूत से खून कैसे निकला। पर तभी मुझे खयाल आ गया कि मैं एमसी (पीरियड) में हो गई हूं। तभी भी मेरे ससुर ने मुझे कपड़े नहीं पहने दिए। ऐसे दिनों में भी मुझे नंगा रखा और लगातार मेरी चूत से पीरियड्स का खून निकले जा रहा था। मुझे दर्द हो रहा था। और पूरा बिस्तर भी गंदा हो गया था फिर भी वो बूढ़ा लगातार दूसरे दिन दोपहर तक मुझे जोर-जोर से अलग-अलग स्टाइल में चोदता रहा। जब उसने मिरर में मुझे अपनी गांड का होल दिखाया तो मैं हैरान हो गई कि मेरी गांड का छेद मानो किसी फटी हुई चूत के जैसा था, कई जगह से फट गया था। अब मुझ में थोड़ी जान आने लगी थी, मैं उठ पा रही थी पर अब भी बूढ़े का जी नहीं भरा था, पूरी रात एन दिन मुझे चोदने के बाद भी वो कुछ नया-नया करता था।


अब जब भी मेरे पति होते है तो बूढ़ा सलीके से पेश आता है। उनके जाते ही मुजपे चड़ जाता है। अभी मुजे भी मज़ा आने लगा है। आप बताए की मुजे मेरे पति को बता देना चाहिए या मज़े लेते रहना चाहिए। अपने सुझाव कमेंट करे। में जर्रूर रिप्लाई दूँगी।


आप को मेरी Antarvasna Sex Stories कैसी लगी ये भी कमेंट में बताये। बाद में मेरे ससुर ने मुजे और मेरी कामवाली को एक साथ कैसे चोदा वो कहानी बताऊँगी।

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5 Comments

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Guest
Sep 22
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Bahut dino baad sasur babu sex story Padhi. Mere husband office kaan se tour par rehte hain, or mai pyasi rehti hoon, mere sasur ke saath, par wo mujhe dekhte he nahi, kya karoon.

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Guest
Nov 02
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8393083049msg kro

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Dazzy
Sep 21
Rated 5 out of 5 stars.

Kash mera sasur bhee meri choot le.

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Guest
Nov 02
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8393083049msg me

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