बैंकॉक के गे जोन में मैने अपनी गांड चुदाई और इनाम जीते - Gay Sex Stories
- Chomal Gupta
- Sep 28
- 11 min read
Updated: Oct 3
मै चौमल. मैने अपनी पहली कहानी कलकत्ता के सिनेमा घर में मेरी गांड चुदाई में बता दिया था कि मैं चिकना साफ शरीर का समलैंगिक हूँ।
उस कहानी पर तेजी से वयूज बढ़ रहे हैं। सरेआम हुये मेरी गांड चुदाई की वह गरम कहानी जिसने नही पढा जरूर पढ़े।
यह कहानी 2018 की है जब मै (पताया) थाईलैंड गया था। आमतोर पर लोग वहां अपनी योन आकांक्षाओं को पूरा करने जाते हैं। मै भी उसी लिए गया था। ये कहानी बिल्कुल सच्ची है वो आपको पढ़के ही पता चल जाएगा।
अपनी विशेष इच्छा पूरी करने की हसरत से दिन में पूछताछ कर शाम को पहुंच गया अपने पसंदीदा जगह पर। वाकिग स्ट्रीट के आखरी में बस स्टैंड के बाद साइलेंट जगह। एक क्लब था, नाम शायद गे जोन जैसा कुछ था। प्रवेश केवल पुरुषों के लिए था। मै अन्दर गया।
सामने दो काउन्टर नजर आये एक मे लिखा था ‘WELCOME TOP’ और दूसरे में ‘WELCOME BOTTOM’ मै चुकि बाटम बनता हूं इसलिए Bottom काउंटर पर जाकर 200 भाट (भाट वहाँ की मुद्रा है, १ भाट करीबन ३ रुपए के आसपास होता है) देकर एक बैग लिया, जो लेना सभी के लिए कंपल्सरी था।
बैग लेकर अन्य लोगो का अनुसरण करते हुये मै एक खाली चेंजिंग केबिन मे गया। कैबिन मे मुझे क्या करना है यह जानकारी मैने वहां मौजूद गाइड से ले लिया था और केबिन में इसका अनुदेश भी इंग्लिश और हिन्दी दो भाषाओ में लिखे हुए थे।
हिन्दी इसलिए क्योंकि बैकांक जाने वाले पर्यटकों में से बहुतयात भारत से होते हैं। मैने बैग खोलकर उसमे मौजूद सामग्री बाहर निकाला।
सामग्री में एक फेस मास्क और एक कमर पर पहनने के लिये पिंक कलर का कपड़े का गोल झालर था। जिसमें दो पाकीट भी था।
एक मे फोन रखने के लिए दूसरे में पैसे रख सकते थे। फोन मै होटल मे छोड़ आया था। पैसे कुछ थे वह रख लिये एक जेब मे।
मैने क्लब के नियमों का पालन करते हुए अपने सभी कपड़े उतारकर बेग मे रख जन्मजात नंगा हो गया और बैग में रखा मास्क निकालकर अपने चेहरे पर चढ़ा लिया।
मास्क पहनने के बाद केवल मेरी आंखे नाक और मुंह दिख रहे थे जिससे मै शिशा में स्वयं को भी नही पहचान पा रहा था। उसके बाद गोल झालर को भी मै कमर मे पहन लिया। झालर पहनने पर अब मै पूरा नंगा होने पर भी सीधे नग्न नजर नही आ रहा था और बाहर निकलने पर बरगल फिल नही होना था।
हालाकि वह कपड़ा कही से भी बंद नही था कोई भी उसके पहने रहते हुये भी मेरी गांड सहजता से मार सकता था या लंड भी पकड सकता था। खैर मै तैयार था मैदान में जाने के लिए।
बेगमें मेरे सभी कपड़े थे और मैं मास्क लगाये अपनी नग्नता को मानो रुमाल में छिपाये बाहर निकलना के लीये केबिन का दरवाजा खोला। आगे होने वाले मेरी इच्छित कल्पनाओ से मेरा शरीर थोड़ा थोड़ा सिहर रहा था और लंड पूरा टाइट हो चुका था।
हालांकि मै मानसिक रूप से यहॉ बाटम के लिए तैयार था लेकिन सेक्स इच्छा और जवा उम्र गरम माहोल से लंड उठ चुका था। थोड़ा डर थोड़ी हीचक और हल्की शर्म के साथ बैग सम्भाले में केबिन खोल बाहर निकला, बाहर गैलरी मे अब मेरे जैसे अनेक लोग अपनी नग्नता पर झालर लगाये मास्क पहन चल फिर रहे थे और एक दूसरे को देखते भी जा रहे थे।
लेकिन कोई यहां किसी के साथ कोई हरकत नही कर रहा था। वहां कुछ के के कमर पर झालर पिंक कलर के थे तो कुछ के ब्लू कलर के। इसका अर्थ था पिकं झालर वाले सब पिंकी थे यानी बाटम और ब्लू झालर पहने लोग टाप थे।
आगे चलकर दो और काउन्टर नजर आये। एक ब्लू और दुसरा था पिंक। जिनमें टाप और बाटम अपना अपना बेग जमा दे रहे थे ताकि हम पूरी तरह से फ्री होकर एंजॉय कर सके।
मैने भी सब समझने के बाद अपना बेग पिंक काउन्टर में देने पर वहां से मुझे एक रिबन मिला जिसपर बेग का नंबर लिखा था। उसे मुझे अपनी कलाई में पहन लिया ताकि वापसी में अपना नंबर दिखाकर अपने कपड़े का बेग प्राप्त कर कपड़े पहन कर जा सकू।
सबकूछ बिल्कुल व्यवस्थित तरीके से था और बड़ा ही दिलचस्प लग रहा था। आगे चलने पर एक बडा सा दरवाज़ा नजर आया जिसके बाहर दो लोग खड़े थे और केवल नग्न झालर वालो को ही अन्दर जाने दिया जा रहा था क्यो कि उन्होने 200 भाट का भुगतान किया था।
कपड़े पहने अन्य वही खड़े सोच रहे थे। मै अन्दर गया तो देखा एक बडा विराट वातानुकूलित हल था जिसके बिच मे एक बडा अखाड़ा के लिये मानो रिंग बना हुआ था जिसमें जमीन पर कार्पेट और उसपर बीच मे एक मास्टर साइज मेट्ररेस डाला गया था।
चारो कोने मे चार बकेट रखे थे जिसपर Condom Bin लिखे थे। रिंग सहित पूरे हल में रंगीन लाइटे रोशनी बिखेर रही थी और दर्जनो गय वहॉ मेरी ही तरह नग्न व मास्क के साथ चहलकदमी कर रहे थे। कुछ किनारे लगे सोफे पर बैठ बाते कर रहे थे तो कुछ एक दूसरे के अंगों को देख और सहला रहे थे।
मैने नोट किया वहां लगभग सभी भारतीय ही नजर आ रहे थे। सोफे पर बैठे लोगों की कमर को ढक रहे झालर में से प्राय सभी की नग्नता साफ दिखाई दे रही थी।
मै 200 भाट देकर अन्दर आ तो गया था लेकिन आगे यहां क्या होने वाला है यह मुझे नहीं पत था। अंदाजा लगा सकता था कि शायद रिग के अंदर गांड चुदाई होगा लेकिन मेरे दिमाग में दूर दूर तक भी यह बात नही थी कि रिंग के अन्दर इतने लोगो के सामने मै अपने गांड चुदाने के लिये उतर पडूँगा।
मै किनारे खाली पड़ा एक सोफे पर बैठ गया और माहोल को देखने समझने की कोशिश करने लगा। मास्क और झालर पहने और भी लोग आते जा रहे थे।
हॉल में ज्यादा से ज्यादा से ज्यादा ब्लू झालर वाले नजर आ रहे थे। पिंकी कुछ पांच साल ही थे। यह मेरे लिये अच्छी बात थी यहां मेरे चाहने वाले मुझे अधिक मिलने की पूरी संभावना दिख रही थी। बहोत की नजर भी मेरी छाती पर चूभती महसूस हो रही थी। हल के एक कोने मे शराब का काउंटर लगा था लोग खरीद कर पी भी रहे थे।
खैर चूंकि मै शराब पिता नहीं इसलिए उस तरफ ज्यादा ध्यान नहीं दिया। तभी एक लंबा सा नोजवान ब्लू झालर वाला मुझे हाय करते हुये मेरे साथ सोफे पर बैठ गया और मेरे कंधे पर हाथ रख मेरी उभरी छाती को दबाने लगा।
मुझे अच्छ लग रहा था कुछ आंखे मास्क के पिछे से हमे देख रहे थे। लेकिन यहां शरम किसी को नही आ रहा था क्यो कि हमाम मे सभी नंगे थे और मास्क की वजह से पहचाना कोई नही जा सकता था।
मेरी छाती मसल रहा आदमी अचानक से मेरे एक निपल को अपने होठो से भिंच लिया मेरे मुह से आह निकल गई तभी वह अपना हाथ मेरे कंधे से हटाकर मेरी कमर के पिंक झालर के अंदर घुसा मेरी गांड को मसलना शुर कर दिया।
वहां मौजूद और भी लोग अपनी अपनी पसन्द के साथ हरकतों में आगे बढ़ने लगे थे। मेरा यार अब मुझे अपनी गोद में बिठाकर अपने दोनों हाथो से मेरी चूची नुमा छातियों को मसलते हुये मेरे गले में किस करता जा रहा था।
चूकि झालर के अन्दर दोनों नंगे थे इसलिए उसकी गोद मे बैठने पर मेरे अपनी गांड की दरार मे उसके लंड की रगड के साथ चूभन हो रही थी। मुझे बहुत अच्छा लगा रहा था। मैने हाथ पिछे कर उसके लंड को टटोल कर पकड़ा तो पाया अच्छा लंबा लंड था छ इंच जरूर होगा। मैने पूछा यहां रिंग मे क्या होता है।
उसने कहा अभी थोडी देर में शुरू होगी गांड चुदाई का खेल और जितने वाले को मिलेंगे सैकड़ों हजारों भाट।
मैने आश्चर्य से पूछा कौन करेगा चुदाई और किसकी ? उसने कहा हम चाहे तो मै भी कर सकता हूं और तुम चाहो तो तुम भी चुदवा कर हजारो भाट जीत सकते हो।
मामला दिलचस्प लगा और कुछ मै पूछता इससे पहले ही स्पीकर पर रेफरी ने अनाउंसमैंट शुरू कर दिया - “टाप एडं बाटम गाइज़ आप सभी का गे जोन में स्वागत है। हम यहा रिग मे आप लोगों के बिच गांड चुदाई का कॉम्पिटिशन करने जा रहे हैं। आप मे से कोई भी इस कंपटीशन में पार्टिसिपेट कर सकता है।
जितने वाले को बहुत भाट इनाम मे दिया जाएगा। गांड चुदाई का प्रत्येक राउन्ड मिनीमम 5 मिनट रहेगा । इस राउंड में गांड में लंड घुसने के बाद कम से कम 5 मिनिट की चुदाई होनी चाहिए, 5 मिनट पहले अलग हट जाने पर उस गय को रिंग से आउट कर दिया जायेगा वह बाटम या टाप दोनों मे से कोई भी हो सकता है और पांच मिनट तक चुदाई करते रहने पर उसे विजेता मान 250 भाट इनाम दिया जाएगा साथ ही उसे दूसरे राउंड के लिए भी मौका दिया जायेगा।
दूसरा राउन्ड जितने पर उसे फिर 500 भाट इनाम दिया जाएगा साथ ही तीसरे राउंड के लिये इन्वाइट किया जायेगा। लास्ट और तीसरा राउन्ड जीतने पर उसे फिर से और एक हजार भाट इनाम दिया जाएगा साथ ही उस गे को सर्वश्रेष्ठ गे मानते हुये हमारे गे जोन के एक वर्ष का फ्री मेंबरशिप दिया जायेगा।
तो टाप एन्ड बाटम तैयार हो जाइये हमारे राउन्ड में मे आकर पूरे 1750 भाट अर्निंग करने के लिए।” मैने देखा सभी गय रिंग के चारो तरफ घेराव में खड़े होकर गुफ्तगू करने लगे थे। मै और मेरा यार भी खड़े थे।
रेफरी अलग अलग लुभावने शब्दों से रिंग मे आने के लिए उकसा रहा था। यार ने मुझसे पूछा क्या इरादा है? मैने उसके लडं को टटोला शांत था मेरे हाथ लगाते ही उसमे हरकत हुई। मैने कहा डर लगता है। उसने कहा डरने की बात ही नही भाट जीते तो जीते नही तो कोई गल नही वैसे भी हम गे चोदने चुदाने के लिये ही तो है।
मै सोचने लगा - मन तो मेरा भी बहुत मचलने लग था। सिर्फ अपनी गांड चुदाई करवाने के लिए नही। नंगे लोगो के समूह के बीच रंडी की तरह चूदने के लिए यह फेनटेसी जिनकी होती है वह किसी भी हद तक जाने के लिए मचल जाते है बस सुरक्षा और सुविधा मिलनी चाहिए।
मै कुछ जवाब देता उससे पहले ही यार मेरा मेरे हाथ को पकड़ उपर करते हुये चिल्लाया ‘WE ARE’ मै चौकं कर हाथ छुड़ाना चाहा लेकिन पकड उसकी मजबुत थी।
सब लोगो की नजर हम पर टिक गई। रेफरी हमारे स्वागत मे दो शब्द बोलने के बाद हमे रिंग में आने के लिए कहा। यार मेरा हाथ पकड़ मेरा रिंग के बाड़े के निचे से रिंग में घुस गया। अनचाहे और चाहत के मिले जुले भाव के साथ मै भी उसके हाथों खिंचा चला गया।
रिग के बाहर मौजूद सभी लोगो ने तालियां बजाई। तालियां थमने के बाद रेफरी ने माइक पर हम दोनों के लिए कहना शुरू किया। आप लोगों को राउन्ड शुरू करने से पहले 10 मिनट का समय दिया जा रहा है इसमे आप दोनो अपनी इच्छा अनुसार बॉडी प्ले कर एक दमदार चुदाई के लिये अपने लंड और गांड को तैयार कर सकते हैं।
कहकर उसने व्हिसिल मारी। मेरा साथी झपट कर मुझे अपनी बांहों मे ले मेरे गले कनपटी इत्यादि को चूमने और दातों से दबाने लगा। मुझे अच्छा महसूस हो रहा था। मैने देखा रिंग के बाहर खड़े लोग भी एक दूसरे के साथ मजे करने लगे थे।
महौल वहा का गरम होता जा रहा था। मेरा साथी उपर से नीचे सरकते हुये अब मेरे दोनों बूब को चूसने दबाने और दातों से हल्के हल्के काटने भी लगा था जिससे मुझे बहुत आनंद आ रहा था और मेरे अन्दर का विपरित सेक्स प्रबल हो रहा था।
मै समझ गया यार मेरा मझां हुआ खिलाड़ी हैं। छाती चूमते हुये उसने मुझे लेकर नीचे लगे गद्दे पर बैठ मुझे ओधा लिटाकर मेरु पीठ चूमते हुये नीचे खिसक मेरी गांड की दरार मे अपनी जीभ रगडऩे लगा। मेरी गांड की छेद खुलने लगी।
10 मिनट बाड़ी प्ले का समय खत्म होने में ढाई तीन मीनट बचे थे। उसने मुझे घुटनों के बल बिठाया और अपना लंड निकाल कर मेरे होठो पर लिपस्टिक की तरह रगडऩे लगा। लंड उसका मध्यम मोटाई मे था लेकिन गधे के लंड की तरह लंबा था जो गाड मे लेने के लायक मुझे लगा। हल्का दबाव मिलते ही मैने मुह खोल दिया जिससे उसका छ ईःच लंड आधा मेरे हलक में चला गया।
मेरे मुह बंद करते ही वह अपनी कमर आगे पिछै करने लगा जिससे लंड उसका और कडक होकर फुल गया। रिंग के बाहर लोग हमे देखते चुदाई और चुसाई मे लग चुके थे।
समय पूरा होने का व्हिसिल बजते ही रेफरी ने मेरे साथी को खिंच लिया जिससे मेरे थूक से सना उसका तना लंड मेरे मुह से निकल बाहर फुफकारने लगा था। रेफरी ने तुरन्त मेरे हाथ एक कॉन्डोम दिया और उसे उस फुफकारते लंड पर लगाने का इशारा किया। लंड पर कॉन्डोम लगते ही मेरे यार ने मुझे गद्दे पर सीधे लिटाकर मेरी दोनो टांगे चौड़ी कर उन्हें अपने कंधों पर चढ़ा लिया। अब मेरा भी खड़ा लंड उसके पेट की नाभी को छूने लग रहे थे और गांड की छेद अजीब तरीके से फडक रही थी मानो दरवाज़े पर खड़े लंड का स्वागत करने के लिए बेताब हो रही हो।
तभी छेद मे मुझे दबाव महसूस हुआ और लंड उसका मेरी गांड का चौखट पार कर चुका था। यह देख रेफरी ने राउन्ड शुरू हो जाने का व्हिसिल बजाया और पांच मिनट खत्म होने का उल्टा घड़ी चलने लगा। व्हिसिल के बजते ही मेरे चोदू ने एक और धक्का लगाया जिससे इस बार मेरी चीख निकल गई और मैने अपने घुटनों से उसे रोकने की कोशिश करने लगा लेकिन वह रुकने की बजाय धीरे से एक और दबाव देते ही महसुस हुआ उसके छ इचं का लंड पूरा मेरे गांड के रस्ते मेरे अन्दर पंहुच चुका था। वह बहुत धीमी गति से अपनी कमर आगे पीछे करने लगा।
शायद पांच मिनट से उपर तक टिके रहने के लिए। गेम के नियम अनुसार पांच मिनट से पहले न उसे मेरी गांड चोदन रोकना था और न ही लंड बाहर निकालना था। मुझे भी अब मजा आने लगा था। क्यो कि यहां आने से पहले मै पोट करने और धुलाई के बाद मैने अपनी गांड के अन्दर तक लुबरिकेंट जैल डाल लिया था।
चालिस पचास लोगो के बिच मेरे गांड की चुदाई हो रही थी और कुछ मोबाइल मेरी चुदाई को मोबाइल मे रिकॉर्ड कर रहे थे। जो अद्भुत बात थी। मेरा जोश उफान मारने लगा और मै आह…आउच… वेरी गुड बूम बूम आदि कहते हुये अनायास ही नीचे से अपनी कमर उपर नीचे करने लगा। चोदू मेरा हिलने से मुझे रोक दिया क्यो कि लंड के बाहर निकलने पर वह गेम से बाहर हो सकता था।
रिंग के बाहर अब अनेक लोग अपना लंड हाथ से पकड़ हिलाते हुये मुझे ललचा रहे थे और मै चूदते हुये अपना मुह खोल उनकी इच्छा को भडका रहा था। राउन्ड पूरा होने का व्हिसिल बजा। वहीसिल बजते ही मेरा चोदू जीत जाने की खुशी से जोर लगाकर धक्के लगाने लगा। इधर उसकी स्पीड बढी और इधर उसके लंड ने मेरे अन्दर पिचकारी छोड़ी।
मुझे अपनी गांड में एक अलग अह्सास हुआ। कंडोम की वजह से पूरा अह्सास नही मिला। रेफरी माइक पर कह रहा था हमारे पहले राउंड के दोनों गय राउन्ड जीत कर 250, 250 भाट जीत गये हे जो उन्हें दिये जा रहे हैं। कुछ लोगो ने तालियां बजाई तो कूछ ने अपने लंड हिलाये। मेरा चोदू अपने लंड का कंडोम निकाल उसमे गांठ लगाकर कोने मे रखे डस्टबिन मे डाल दिया।
रेफरी ने दोनो को 250, 250 भाट पकड़ा दिये। दोनो ने भाट लेकर अपने अपने कमर के झालर में बनी जेब में रख लिये और रिंग के अन्दर गदे पर ही आराम करने लगे। मेरा चोदू थक कर बैठा तो मै भी आराम करने के लिए उसकी नंगी गोद को पिलो बना लेट गया और उसके सुस्त हो चुके लंड को हिलाने लगा।
रेफरी ने अनाउंस किया दूसरा राउन्ड शुरू होने में 15 मिनट है तब तक पहला राउन्ड जितने वाले फ्रेश होने के लिए वाशरूम जा सकते हैं और दूसरे राउंड मे पार्टिसिपेट करने के लिए सबसे पहले अधिकार उनका ही है।
यदि वे नही चाहे तभी अन्य को रिंग मे आने के लिये कहा जायेगा। मेरा चोदू उठते हुये I am quit कहकर रिंग से निकल गया शायद उसका सारा रस निचोड़ा गया था। मै इतनी भीड़ के बीच और मोबाइल कैमरे के आगे अपनी धकाधक चुदाई कराने और लंड चूसने के बाद मेरे अन्दर का डर शर्म मिट चुका था और उसकी जगह विपरित सेक्स की भूख बढ़ गई थी।
मै अपनी गांड के अन्दर और लंड लेना चाहता था। चूसना चाह रहा था, अपने बूब दबवाना और चूसवाना चाह रहा था इसलिए मैने अपनी गांड प्रदर्शन करते हुए कह दिया I am ready for second round.

मेरे बदन के दूसरे फोटो के लिए मुजे ईमेल करे। मुजे उत्साहित करे ताकि में अपनी गांड में किसी का लंड डाल के मज़ेदार कहानी का अगला भाग लिख सकू। इसके बाद की Gay Sex Stories अगले भाग में प्रकाशित होगी।
पढ़े अगला भाग: बैंकॉक के गे जोन में मैने अपनी गांड चुदाई और इनाम जीते -२
कृपया मुजे ईमेल करे :chomalgupt@gmail.com

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तीसरा राउन्ड भी आगे प्रस्तुत होगा।