मैंने अपनी बुर में पहला लंड कैसे लिया - Hindi Sex Story
- Kamvasna
- Feb 15
- 14 min read
Updated: Feb 21
दोस्तो, मेरा नाम शनाया है, मेरी उम्र अभी 23 साल की है. मैं दिखने में एक हसीन माल हूँ. मैंने बहुत सारे लड़कों को अपनी जवानी का गुलाम बनाया है.
मेरे कामुक फिगर और बड़े बड़े मम्मों की वजह से मैं बहुत सुंदर और गर्म माल लगती हूँ. मेरे पीछे लौंडे लंड उठाए घूमते हैं.
मुझे भी उन्हें अपनी तरफ आकर्षित करने में मजा आता है. फिर जो मुझे पटा लेता है, उसके साथ मैं अपनी चुत खोल कर चुदाई का मजा भी ले लेती हूँ.
आज मैं जो हिंदी कॉलेज सेक्स कहानी लिख रही हूँ … वो मेरी पहली की चुदाई की कहानी है.
मेरी पहली चुदाई जब हुई थी, तब मैं 20 साल की थी. इसलिए ये घटना 3 साल पहले की है.
हालांकि चुदने से पहले मैंने अपना ब्वॉयफ्रेंड बालिग़ होते ही बना लिया था. उस समय में एक कमसिन और सामान्य फिगर वाली लड़की थी.
बालिग़ होते ही मेरे दिमाग में ब्वॉयफ्रेंड बनाने का जुनून सवार हो गया था क्योंकि मेरी सभी सहेलियों के ब्वॉयफ्रेंड थे.
वो सब अपने ब्वॉयफ्रेंड्स की बातें करती थीं तो मुझे लगता था कि मुझे भी एक यार बना लेना चाहिए.
मैंने अपने इर्द-गिर्द देखना शुरू किया, तो मुझे मालूम चला कि ऐसे बहुत से लड़के हैं, जिनमें से किसी को भी अपना ब्वॉयफ्रेंड बनाया जा सकता था.
मैंने लड़कों को लिफ्ट देनी शुरू की तो मुझे बहुत से लड़कों के प्रोपोजल आने लगे थे.
लेकिन मैं अभी भी सभी को नजरअंदाज करती गई.
मैं किसी अच्छे से लड़के की खोज में थी.
मेरी कॉलोनी में एक शैंकी नाम का लड़का था.
उसकी उम्र 22 साल की थी. वो मुझे बहुत अच्छा लगता था.
मुझे शैंकी अक्सर उसकी छत पर दिखता था.
मैंने अपनी नजरें उस पर चलाना शुरू कर दीं.
वो भी मुझे देखता रहता था.
दरअसल वो एक बहुत चालू चीज था. मैं उसकी छटवीं नम्बर की गर्लफ्रेंड बनी थी, ये मुझे बाद में पता चला था.
देखते ही देखते, कुछ दिनों में हम दोनों का फोन नंबर एक दूसरे के पास आ गया.
मेरी उससे बात होने लगी.
तीन महीने में ही बातों बातों में उसने मुझे फंसा लिया और मैं उसकी सैटिंग बन गई.
हम दोनों को प्यार की बातें करते हुए अब एक साल हो गया था मगर अब तक हम दोनों में किस भी नहीं हुई थी.
इसी बीच उसका बर्थडे भी आकर निकल गया.
उसके बहुत कहने पर भी मैंने उसको किस नहीं करने दिया.
उसने भी कुछ नहीं कहा और हम दोनों जुड़े रहे.
अब हम दोनों फोन सेक्स भी करने लगे थे. रात रात भर गंदी गंदी बातें होने लगीं.
मुझे वो पोर्न चुदाई वाली वीडियो भेजने लगा … और अक्सर यही कहता रहा कि एक दिन तुम भी मुझसे ऐसे ही करोगी और मैं भी तुम्हारे साथ ये सब करूंगा.
मैं उसकी बातों को हंस कर टाल देती थी.
लेकिन उसकी भेजी उन वीडियो क्लिप्स का खूब मजा लेती.
सेक्स वीडियो देख कर मैं अपनी चुत सहलाने लगती थी.
इससे मेरी चूत रस छोड़ कर चिकनी हो जाती थी.
मगर ये सब न तो शैंकी को बताया और न ही अपनी किसी सहेली को बताया.
मेरी सभी सहेलियों में सबकी चुदाई हो चुकी थी लेकिन मैं अभी तक कुंवारी थी. मेरी चुत में अन्दर तक उंगली भी नहीं गई थी.
कभी कभार मैं सिर्फ अपनी चुत के दाने को मसल लेती थी.
शैंकी को भी मैंने उसके मन का करने नहीं दिया था.
अब मैं 20 साल की हो गई थी.
सहेलियों की चुदाई की बातें सुनकर मेरी भी चुदने की इच्छा होती थी लेकिन उनके दर्द की दास्तान सुनकर मेरी हिम्मत नहीं होती थी कि मैं भी अपनी चुत में लंड ले लूं.
मेरी एक अच्छी सहेली थी, उसने भी मुझे बताया था कि पहली बार में चुत फटने पर खून निकलता है और काफी दर्द होता है … चाल बदल जाती है.
ये सब बातें मुझे चुदने से रोक देती थीं.
अब शैंकी का बर्थडे फिर से आ गया था.
उसने मुझसे पूछा- तुम मुझे क्या गिफ्ट दोगी.
तो मैंने उससे कहा- तुम जो मांगोगे, मैं दे दूँगी.
लेकिन ये कह देना मेरी सबसे बड़ी गलती साबित हुई थी.
शैंकी ने मुझसे इस बात का वादा करवा लिया कि तुम अपने वादे से मुकरोगी नहीं.
अब चूंकि मैं भी उसको बहुत प्यार करने लगी थी तो मैंने भी उसको जुबान दे दी.
उस रात उसने मुझसे वो सब कहा जिसके लिए मैं उसे मना कर देती थी.
उसने मुझे उसी रात चुदाई करवाने के लिए कहा.
हम दोनों बहुत घुल-मिल चुके थे इसलिए उसने सीधे मुझसे कह दिया कि मैं तुम्हें आज चोदना चाहता हूँ.
उसकी बात सुनकर मैं एक बार को झिझक उठी.
उसी समय मैंने अपनी सहेली को फोन करके ये सब बताया.
उसने मुझे हिम्मत दी और कहा- देखो शनाया किसी न किसी दिन तुम्हें चुदना ही पड़ेगा, चाहे तुम कुछ भी कर लो. इसलिए ये मौका सही है, कुछ नहीं होगा. शैंकी तुम्हारा प्यार है. तुमको कभी न कभी तुम्हें ये दर्द मिलना ही है, तो आज ही अपने लवर से ये दर्द झेल लो.
अपनी सहेली की बात में दम जानकर मैंने चुदने का मन बना लिया और शैंकी को वीडियो काल करके उसकी तरफ देख मुस्कुरा दी.
मेरी मीठी मुस्कान देख कर वो समझ गया कि मेरी तरफ से हां है.
उसने मुझसे कहा- मेरा एक दूसरा फ्लैट है, हम वहीं चलते हैं. दोनों सुकून से उधर प्यार करेंगे.
मैं मान गई और शैंकी के साथ चली गई.
मेरे मन में चुदाई का डर तो था, पर अब मैंने मन बना लिया था कि ये दर्द अपनाना ही है.
मैं शैंकी के लंड के आकार से अब तक अनजान थी. उसने कभी मुझे अपना लंड ही नहीं दिखाया था और मैंने उसको कभी कहा भी नहीं था.
मैंने अपनी सहेलियों से अपने घर बात करवा दी और कह दिया कि कल सुबह आऊंगी, आज सहेली के जन्मदिन की लेट नाईट पार्टी है.
और मैं शाम को ही शैंकी के साथ चली गई.
वो मुझे पहले मॉल वगैरा घुमाता रहा, हमने खाना खाया.
उसके बाद वो मुझे अपने फ्लैट पर ले गया.
वहां पहुंच कर मेरे मन में यही बात बार बार आ रही थी कि शैंकी का लंड न जाने कितना बड़ा होगा. कहीं मूसल सा हुआ, तो मैं मर तो नहीं जाऊंगी. मुझे कल घर भी जाना है, किसी को पता तो नहीं चल जाएगा.
मैं यही सब सोच रही थी.
तभी शैंकी ने मुझे बातों में लगा लिया और मैंने उससे कहा कि जान मुझे डर लग रहा है.
उसने मुझसे कहा कि मैं इसमें बहुत एक्सपीरियंस वाला हूँ. मेरी उम्र 24 साल ऐसे ही नहीं हो गई है. तुमसे पहले मैं अपनी भाभी की बहन को और अपनी 5 गर्लफ्रेंड को चोद चुका हूं.
मेरे मन को यह सब सुनकर काफी बुरा लगा लेकिन चुदने के लिए अब मेरा भी मन कर रहा था तो मैंने कुछ नहीं कहा.
फिर मेरी चूत में लंड तो मुझे डलवाना ही था.
मैं बाथरूम गई.
वहां से वापस आई, तो शैंकी बिस्तर पर लेटा हुआ हाथ से अपनी पैंट के ऊपर से ही खड़े लंड पर फेर रहा था और उसको सहला रहा था.
उसने मुझे पास बुला कर बिठाया और किस करने को पास आ गया.
मुझे पकड़ कर उसने किस करना शुरू कर दिया.
मैं अपने इस पहले रोमांस को यादगार और अच्छा बनाना चाहती थी.
भले ही मेरे मन में चुदाई का डर था, लेकिन मैं ये पहला दर्द और पहला मजा लेने को तैयार थी.
मैं रोमांटिक सीन के जैसे उठी और शैंकी के पैरों पर बैठ गई.
अब मैं उससे ऊपर हो गई और उसका मुँह ऊपर था. उसके मुँह पर मेरा मुँह झुक गया था. मेरे बाल उसके चेहरे पर आ गए थे.
उसने मेरे बालों को अपने हाथों से ऊपर कर दिया. मैंने भी उसके कानों के पास हाथ ले जाकर उसको पकड़ा और किस करने लगी.
आज मुझे भी शैंकी को किस करने में मजा आने लगा था.
शैंकी जल्दी जल्दी मेरे होंठों को चूस रहा था.
मैं भी उसका साथ दे रही थी.
कुछ देर के बाद शैंकी ने अपने हाथ मेरे मम्मों पर रख दिए.
मैं कपड़े पहने थी तो उस समय मुझे कुछ अच्छा नहीं लगा लेकिन वो बेपरवाह होकर मेरी चूचियों को हल्के हल्के से मसलने लगा.
मैं शैंकी को किस किए जा रही थी.
कुछ देर बाद उसने मेरे कपड़े उतार दिए और ब्रा भी निकाल दी.
मैं उस समय उसको मना ही न कर सकी.
शैंकी के सामने मेरे खुले सफेद मम्मे फुदकने लगे थे.
उसने अपने हाथों में मेरे दोनों दूध पकड़ लिए थे.
अचानक से मुझे नीचे अपनी टांगों के बीच में कुछ महसूस होने लगा तो मेरा ध्यान वहां चला गया.
वो उसका लंड था … जो बहुत ही कड़क हो चुका था.
शैंकी ने बताया कि उसका लंड दो महीनों से भूखा है.
इसका मतलब ये था कि शैंकी ने दो महीने पहले ही किसी को चोदा था.
मैं अब इन सब बातों को नजरअंदाज करके बस शैंकी को किस कर रही थी.
वो मेरी चुचियों के निप्पल मींजने लगा.
मुझे दर्द हुआ तो मैंने उसके होंठों पर काट लिया.
वो हंस पड़ा और उसने मेरे निप्पल छोड़ दिए. फिर उसने मेरा हाथ पकड़ कर चड्डी के ऊपर से ही अपने लंड पर रख दिया.
मैं अपने हाथ में शैंकी के लंड का स्पर्श पाकर एकदम से झनझना उठी.
उधर शैंकी ने फिर से मेरे एक मम्मे को अपने मुँह में ले लिया था और वो उसे चूसने लगा था.
मुझे अपने निप्पल चुसवाने में अपार आनन्द आने लगा था और उसी पल उसके लंड ने मेरे हाथ की गर्मी पाकर एक ठुमकी मारी.
जैसे ही मेरे हाथ में उसके उस बड़े और मोटे लंड का अहसास जागा, मेरे मन में यही विचार आया कि ये लंड है या कोई बेसबॉल का बल्ला है.
उसने मेरा हाथ पकड़ कर अब अपनी चड्डी के अन्दर कर दिया.
अब तो मैं और चकित रह गई थी. उसका लंड मेरे हाथ में पकड़ ही नहीं आ रहा था.
मेरे यार का लंड बहुत गर्म था और लंड के आगे वाले टोपे पर थोड़ा थोड़ा चिपचिपा भी लग रहा था.
उसी समय उसने मेरे दोनों मम्मों को बारी बारी से चूसना तेज कर दिया.
वो किसी बच्चे की तरह मेरे दोनों दूध चूसे जा रहा था.
फिर उसने एक पल के लिए रुक कर मेरी तरफ देखा और दोनों के ही सारे कपड़े उतार दिए.
उसने मेरी पैंटी भी उतार दी थी.
मेरी नई नवेली चिकनी चूत उसके सामने खुल गई थी.
उसने मुझसे कहा- सन्नो, तुम्हारी तो बड़ी चिकनी चूत है.
मुझे यह सुनकर बहुत अच्छा लगा.
उसने कहा- मैं इसको चूमना चाहता हूँ.
मैं कुछ न कह सकी और उसने अपनी बांहों में भरकर मुझे बेड पर लिटा दिया.
मुझे शैंकी की बांहों में बड़ा मादक लग रहा था, तब भी अन्दर ही अन्दर एक डर भी लग रहा था.
शैंकी ने मेरी चूत पर हथेली फेरते हुए हल्के से एक हाथ मार दिया.
मैं चिहुंक गई मगर वो अब मेरी चुत पर आराम आराम से जीभ फिराने लगा.
उस समय मैं बहुत गर्म हो गई थी.
मुझे एक गुदगुदी सी होने लगी और मैं वासना में सिसकने लगी.
उसने मेरी चूत में जीभ डालनी शुरू कर दी.
मैं कामुक सिसकारियां ले रही थी.
कुछ समय बाद वो बोला- अब तू भी अपनी चुत से मेरा लॉलीपॉप चूस ले.
वो मेरी चुत चूसना छोड़ कर उठ गया और उसने अपने लंड जल्दी चूत पर रखकर थोड़ा दाब देते हुए अन्दर कर दिया.
उसका सुपारा ही अन्दर गया था कि मैं तड़फने को हुई.
मगर शैंकी ने जल्दी से लंड चुत से बाहर निकाल दिया.
उस समय एक अलग किस्म का दर्द मुझे महसूस हुआ, लेकिन लंड जल्दी निकाल लेने के करण मैं उस दर्द को सहन कर गई.
उसने मुझसे कहा- पहले मेरे लंड को चूसो.
मैं मना करने लगी और बोली- ये गंदा है.
वो बाथरूम में जाकर लंड साफ करके आया.
उसके लंड से शैम्पू की महक आ रही थी.
वो कहने लगा- अब चूसो.
मैं मना करने लगी तो उसने मुझे नीचे बिठाया और अपने पैरों के बीच में करके मेरे मुँह के पास अपना लंड कर दिया.
वो बोला- मुँह खोल दो जान जल्दी से!
मैं मुँह नहीं खोल रही थी तो उसने मेरे एक दूध को अपने एक हाथ से जोर से दबा दिया.
मेरी ‘आआ …’ निकल आई और मुँह खुल गया.
उसी समय उसने लंड मेरे मुँह के अन्दर कर दिया और बोला- बेबी, मुझे तुमने मजबूर कर दिया, तुम खुद भी तो कर सकती थी ये सब … लव यू सन्नो … सक इट डॉल.
उसका मोटा लंड मेरे मुँह में था. मैं कुछ न कह पाई.
अब उसने चूसने को कहा.
मैंने अपना मुँह पूरा खोल दिया.
उसने आराम आराम से लंड को अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया.
मैं उस समय कुछ समझ नहीं पा रही थी कि क्या करूँ.
फिर मैंने अपने मन में कहा कि मजेदार पल बनाना है, तो आज कुछ भी कर लो यार!
बस अब मैं उसके लंड को पकड़ कर चूसने लगी.
पांच मिनट तक मैंने लंड की जमकर चुसाई की.
फिर उसने खड़े होकर मेरे मुँह में ही झटके देने शुरू कर दिए.
मैं उससे छूट ही न सकी क्योंकि मेरे सर के बाल उसके हाथों में थे.
उसका लंड थोड़ा सा ही बाहर रह जा रहा था. बाकी लंड मेरे गले तक चला जा रहा था.
उस पल मैं सांस भी नहीं ले पाती थी, मेरी आंखों से पानी बहने लगा.
मेरे गले में बहुत दर्द भी हुआ मगर शैंकी ने झड़ कर अपने लंड का पानी मेरे मुँह में ही छोड़ दिया.
वो लंड अन्दर अड़ा कर बोला- आंह मेरी जान सन्नो … पी जाओ, दर्द कम हो जाएगा.
मैं पी भी गई क्योंकि और कोई विकल्प ही नहीं था.
उसके वीर्य छोड़ देने से मैं उस पर गुस्सा हुई और उसको धक्का भी दे मारा.
मैंने उससे कहा- शैंकी मैं सब करना चाहती हूँ … और कर भी रही हूँ. लेकिन ऐसे नहीं करो प्लीज़ … थोड़ा मेरा ध्यान रखकर करो. मुझे ऐसा दर्द सहन नहीं होता है.
उसने सॉरी कहा और मेरे ऊपर लेट गया.
वो मेरे मम्मों को चाटने लगा. मेरी चूत और मम्मों को बारी बारी से चाटता रहा.
मैं फिर से मजे लेने लगी थी.
कुछ समय बाद उसका लंड फिर से कड़क हो गया.
उसने मुझसे कहा- चलो डार्लिंग अब चुदाई करते हैं.
मैं एक पल को डर गई लेकिन मन तो मेरा भी था.
मन में सब कुछ फिर से चलने लगा.
शैंकी का लंड बड़ा हुआ तो क्या हुआ … चुदना तो एक दिन है ही.
ये मैं सोच कर रेडी होने लगी.
उसने मुझे चित लिटाया और मेरे दोनों पैर फैला कर चुदाई की पोजीशन में लिटा दिया.
फिर वो अपने लंड को हाथ में पकड़ कर मेरी चूत के मुँह पर रखने लगा, चुत की दरार में लंड फिराने लगा.
उसने एक बार वहां अपना थूक भी लगा दिया था.
मैं डर रही थी तो उसने मुझे हिम्मत दी और किस किया.
वो करीब दो मिनट तक ऐसे ही करता रहा.
फिर उसने मुझसे पूछा कि अब यदि तुम तैयार हो तो मैं लंड अन्दर डाल दूँ?
मैंने आंखों को नीचे ऊपर करके हां कहा.
उसने मेरा एक पैर अपने कंधे पर रख लिया और लंड को चूत की फांकों पर रख दिया.
फिर शैंकी ने मेरे हाथ पकड़े और लंड को झटके से चुत के अन्दर डाल दिया.
इस झटके में उसका लंड 3 इंच अन्दर हो गया. बाकी का 5 या 6 इंच बाहर रह गया.
उस समय मेरी आंखें दर्द से बंद हो गईं और मैंने ‘रुको रुको …’ करके चिल्ला दी.
मेरा जिस्म तड़फने लगा.
उसने मुझे किस किया और रुका रहा. फिर थोड़ी ही देर बाद उसने एक और झटका दे दिया.
इस बार उसका लंड सिर्फ दो इंच ही बाहर बच गया था, बाक़ी पूरा लौड़ा चुत के अन्दर घुस गया था.
अब मेरी आंखों से पानी आने लगा और मैं रोने चिल्लाने लगी.
मेरा सर घूमने लगा, मेरी सील खुल गई थी.
मुझे चूत में बहुत दर्द होने लगा था और चादर पर खून के दाग लग गए थे.
मैंने अपना हाथ लगाकर देखा तो खून ही था.
तभी शैंकी ने बताया- जान तुम्हारी सील खुल गई है.
मैं डर गई और आंखें बंद करके बेहोश हो गई.
मुझे होश ही नहीं था.
शैंकी मुझे चोदता रहा.
बीस मिनट बाद शैंकी के पानी मारने पर मैं उठी.
तब तक शैंकी का लंड साफ हो गया था और मेरी चूत भी साफ हो चुकी थी.
बिस्तर पर वो चादर नहीं थी.
दोस्तो, उस समय मैंने कमरे के अन्दर ही बंद आंख से तारे देख लिए थे.
फिर मैं उठी तो चूत में एक अजीब दर्द सा उठा.
शैंकी ने मुझे दो गोलियां दीं, जिसमें से एक दर्द कम करने की थी और दूसरी प्रेग्नेंसी रोकने की थी.
मैंने दोनों गोलियां खा लीं.
उसके बाद शैंकी ने मुझे फिर से लिटा दिया.
मैं उसको मना करने लगी.
वो ‘बाबू बाबू …’ करके लंड को चूत तक ले ही गया और उसने किस करके लंड को अन्दर डाल दिया. फिर जल्दी जल्दी से शैंकी ने 7-8 झटके दे दिए.
उस समय मैं फिर से बहुत चिल्लाई, लेकिन अबकी बार दर्द कम हो गया था.
मुझे चुदने में मजा आने लगा था. हालांकि अब भी थोड़ा थोड़ा दर्द होता था.
जब शैंकी का लंड चुत के अन्दर जाता, तब ज्यादा दर्द होता था.
वो मेरे दर्द को मजे में बदलने के लिए मेरे दूध चूस रहा था.
मुझे भी शैंकी से अपने मम्मे चुसवाने में बड़ा मजा आ रहा था.
जिस समय वो मेरे निप्पल को खींच कर चूसता था तो नीचे मेरी चुत में मुझे बड़ा मजा आने लगता था.
उसी समय शैंकी अपना लंड चुत में रगड़ देता था तो दर्द का अहसास होने लगता था.
फिर इसी तरफ वो मुझे धकापेल चोदने लगा और मेरे दूध चूसता रहा.
न ही शैंकी के झटके रुके और न ही मेरे मुँह से ‘अअह …’ निकलना बंद हो पाया.
अब शैंकी मुझे जोर जोर से चोदने लगा.
मेरे हाथों में नीचे की चादर थी, जो मेरे दर्द और मजे को सह रही थी.
कुछ ही झटकों के बाद शैंकी ने मुझे उठाया और दीवार पर मेरे हाथ रख दिए.
मेरे चूतड़ों को पीछे किया और कहने लगा कि तेरी चूत अभी थोड़ी ही लाल हुई है. मैं साफ साफ देख रहा हूँ.
मैंने कहा- दिखाओ, मुझे देखना है!
वो बोला- रुको अभी दिखाता हूँ.
मैं सोचने लगी कि ये मुझे मेरी चुत कैसे दिखाएगा, तभी वो मुझे अपने लंड पर उठाए हुए बिस्तर पर आ गया और उधर से अपना मोबाइल उठा कर मेरी चुत की फोटो खींचने लगा.
शैंकी ने मुझे मेरी लाल हुई चुत पड़ी फोटो निकाल कर दिखाई.
मेरी चूत सच में बहुत लाल हो गई थी.
चुत की दरार में थोड़ा घाव भी दिख रहा था.
मैंने उससे कहा- तुमने मेरी चुत फाड़ दी है.
वो हंसने लगा और बोला- दो दिन में ही सब ठीक ही जाएगी और तुम खुद ही फिर से चुत चुदवाने के लिए मचल उठोगी.
मुझे उसकी बात पर भरोसा नहीं हो रहा था मगर उसकी बात बाद में सही निकली थी.
फिर शैंकी ने मेरी चुत में अपना थूक लगाया और लंड को पीछे से ही चूत पर रखकर अन्दर पेल दिया.
मेरी ‘आअ … ह्ह्ह्ह अअह ईईई …’ की चीख निकली.
मेरी कामुक आवाजें कमरे में गूँजने लगीं. आस पास कोई सुनने वाला भी नहीं था.
शैंकी घोड़े की तरह मेरे ऊपर चढ़ गया था और मुझे चोदने में लगा था.
उसका लंड मेरी चूत में बहुत अन्दर तक जाने लगा था.
शैंकी पूरी दम से झटके लगा देता और उसका लंड मानो मेरे पेट तक चला जाता. शैंकी के लंड को मैं अपनी बच्चेदानी के मुँह पर महसूस कर रही थी.
करीब 20 मिनट उसने मेरे बाल पकड़ कर और मेरे हाथ पकड़ कर मुझे बहुत चोदा.
इस बीच मैं एक बार झड़ चुकी थी.
मेरा पानी शैंकी के लंड पर बहने लगा और उसके लंड के गोटों तक आ गया था.
फिर उसने मुझे अपनी गोद में लिया और बेड के किनारे पर बैठ कर मुझे अपनी गोद में उछालता रहा.
काफी देर बाद उसने अपने लंड का पानी मेरी चूत में छोड़ दिया.
उसके पानी में बहुत गर्मी थी, बहुत ही गर्म माल था.
मेरी चूत में मुझे सिकाई सा मजा मिल रहा था.
चुदाई के बाद मैं करीब एक घण्टे तक करवट बदल बदल कर लेटती रही.
शैंकी ने फिर से लंड हाथ में पकड़ा दिया.
उसने इस बार मेरी फिर से देर तक चुदाई की. उस रात शैंकी का मन मेरी गांड मारने का भी था लेकिन मैंने मना कर दिया.
उस रात उसने अलग अलग स्टाइल में मेरी चार बार चुदाई की.
सुबह 5 बजे शैंकी ने मुझे उठा दिया और फिर से मेरी चुदाई करने लगा.
अब मेरी हालत बहुत खराब हो गई थी.
जैसे तैसे मैं सुबह 11 बजे अपने घर पहुंची और नहा धो कर खाना खाकर सो गई.
इस बीच में चलने में बहुत दर्द महसूस हो रहा था.
उस दिन मैं दिन रात लेटी रही.
दो तीन दिन बाद मुझे फिर से शैंकी के लंड की जरूरत महसूस होने लगी थी.
एक महीने बाद शैंकी ने मुझे फिर से होटल ले जाकर 3 घंटे तक चोदा.
जब उसका मुझसे मन भर गया तो उसने मुझसे ब्रेकअप कर लिया.
पहली चुदाई के डेढ़ महीने बाद ब्रेकअप हो गया था. मैं उस दिन बहुत रोई थी क्योंकि मैं तब तक अपना सब कुछ खो चुकी थी.
लेकिन शैंकी ने मेरे मम्मों को एक अच्छा आकार दे दिया था और चुदाई के डर से मुक्त कर दिया था.
आज की तारीख में मैं हर महीने में कम से कम दो या तीन बार अलग अलग लंड से जरूर चुद लेती हूँ. मुझे अब चुदने में मजा आने लगा है.
मेरी बाकी की दूसरी चुदाई की कहानी आपको जल्द ही पढ़ने को मिलेंगी.
आपको मेरी हॉट कॉलेज Hindi Sex Story अच्छी लगी होगी.
कमेंट और मेल जरूर करना.
आपकी अपनी प्यारी शनाया
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