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जंगल में भूत मुजे चोद गया - Antarvasna Sex Stories

मेरा नाम खुशी है. मैं लुधियाना की रहने वाली हूँ.

मेरा बदन बहुत सेक्सी है.


तुम सब चोदू किस्म के लौंडों को बता दूँ कि मैं बहुत ही चुदक्कड़ लड़की हूँ.

मैंने बहुत बड़े बड़े लंडों से अपनी चूत और गांड की चुदाई करवाई है.


यह पोर्न फंतासी सेक्स कहानी लुधियाना से शुरू हुई थी.

मैं वहां अपने परिवार से अलग रहती थी. मैं अपने ऑफिस में काम किया करती थी.


मुझे घूमने का बहुत शौक है.

खास करके मुझे जंगलों में घूमना बहुत अच्छा लगता था क्योंकि बचपन से ही मैं अपने छोटे भाई के साथ जंगल में ही घूमती आई हूँ.


मेरा एक छोटा भाई है जो मेरे मम्मी के साथ ही रहता है.

उसने भी मेरी ली हुई है.

उसके साथ हुई चुदाई की कहानी को मैं फिर कभी सुनाऊंगी.


मुझे अपने काम से बहुत कम छुट्टियां मिलती थीं और मुझे घर पर भी रहना पसंद नहीं था.


जब मैं अपने ऑफिस जाती थी तो उधर मेरा मैनेजर अक्षय था.

वह भोसड़ी वाला मुझे कुत्तों की तरह देखता था.

उसका बस चलता तो वह मुझे वहीं ऑफिस में ही नंगी करके चोद देता.


हालांकि जैसे वह मुझे गंदी नज़र से देखता था, मुझे वह तब भी पसंद था.

पर जब तक किसी का लंड न देख लूँ मैं उसके साथ चुदाई के लिए नंगी नहीं होती थी.


मेरा नियम है कि पहले लंड देखो … सही माल है तभी चूत खोलो.

वर्ना लंड हिलाते हुए लड़कियों के पीछे घूमना तो लौंडों का काम ही है.


यही कारण था कि मैं अक्षय को अपने ऊपर चढ़ने की इजाजत नहीं दे रही थी.

ऑफिस में किसी और लड़की ने भी मुझे अक्षय के लंड के बारे में नहीं बताया था कि उसका सामान कैसा है.


एक बार हमारे ऑफिस की तरफ से सरकारी योजना के तहत हम तीन लोगों की एक ट्रिप जा रही थी जो एक गांव में जाने वाली थी.


उस गांव में मीटिंग होनी थी.


मैनेजर की सारी व्यवस्था थी क्योंकि वह उसी गांव में रहता था.


उस दिन सब लोग सुबह सुबह तैयार हो कर गांव की तरफ निकल पड़े.


करीब 5 घंटे तक बस में बैठ कर सफर करने के बाद हम सब करीब रात को 8 बजे वहां पहुंच गए.

हम सब बहुत खुश थे … खास करके मैं!


वहां जाते ही गांव के लोगों ने हमारी आवभगत की.

हमें सोने के लिए बड़े से हवेली जैसे मकान में जगह दी गई.

उधर सबके लिए अलग अलग बेड लगे हुए थे.


हम तीन जन थे.

तो उधर एक रीना नाम की लड़की ने खाना बनाया और हम सबको खाना खिलाया.


उस लड़की से मेरी अच्छी दोस्ती हो गई थी.

वह हमारे मैनेजर अक्षय के कहने पर हम सबके लिए खाना बनाने आई थी.


रीना अपने पिता के साथ ही रहती थी.

उसका फिगर 34-30-38 का रहा होगा.

उसकी गांड बहुत बड़ी थी.


उसे देख कर पहली नजर में ही मुझे ऐसा लगा जैसे वह गांड बहुत ज्यादा चुदवाती होगी.


मेरे साथ के दो लोग बाहर घूमने चले गए थे.

मुझे नहीं मालूम था कि वे दोनों दारू पीने गए हैं.


यह बात तो मुझे रीना ने बताई कि वे दोनों उसके बाप के साथ दारू पीने उसके घर गए हैं.


वह बार बार अक्षय का नाम ले रही थी.

तो मुझे कुछ संदेह हुआ कि इसका अक्षय से क्या लेना देना है.


मैंने उससे पूछा- तुम अक्षय को इतना करीब से कैसे जानती हो?

वह हंसने लगी और कुछ नहीं बोली.


कुछ देर बाद वह अपने ब्लाउज में से एक बीड़ी का बंडल निकाल कर एक बीड़ी अपने मुँह में दबा कर सुलगाने लगी.

तो मुझे भी तलब लगने लगी.


मैं भी कभी कभी सिगरेट पी लेती हूँ तो मैंने उससे एक बीड़ी मांगी.

उसने मुझे दे दी और माचिस भी पकड़ा दी.


अब हम दोनों बीड़ी पीते हुए इधर उधर की बातें करने लगे.


वह मेरे बारे में जानना चाह रही थी कि मैं किस किस्म की लड़की हूँ.

मैंने उससे बात दिया कि मैं तो बिंदास हूँ किसी से भी सैट हो जाती हूँ.


वह हंसने लगी और बोली- क्या अक्षय साब से भी सैट हो आप?

मैंने कहा- नहीं. उस भोसड़ी वाले को तो मैं घास भी नहीं डालती हूँ. साला मेरे पीछे पीछे लंड हिलाता घूमता है.


वह मेरे मुँह से गाली सुनकर हंसने लगी और बोली- क्यों दीदी, आपको कैसा लंड पसंद है?

मैंने हाथ के इशारे से कहा- इतना बड़ा!


वह हंसने लगी कि हाथ भर का ले भी पाओगी?

मैंने कहा- हां ले लूँगी. है तेरे पास?


वह बोली- हां मिल जाएगा!

मैंने कहा तो चल, दिलवा आज रात में!


वह बोली- आ जाना रात को मेरे घर.

मैंने कहा- किधर है तेरा घर?


उसके बाद वह मुझे अपने घर का रास्ता बताने लगी.

तभी मेरे साथ के दोनों लोग आ गए.

वे दोनों नशे में चूर थे.


तब तक खाना भी बन गया था.

सभी ने खाना खाया और हम सब सो गए.

हमारी मीटिंग कल सुबह होनी थी.


रात के बारह बज रहे थे, अचानक से मेरी आँख खुली.


मुझे पानी की प्यास लगी हुई थी … शायद मेरी चूत को लंड की प्यास भी लग रही थी.


मैंने पीने के लिए अपने साथ के लोगों को जगाया भी, पर सब सो रहे थे.

काफ़ी देर ढूंढने के बाद मुझे एक घड़े में पानी रखा हुआ दिखा. मैंने जल्दी से उस घड़े से पानी पी लिया.


फिर वापस आकर अपने बेड पेर लेट गई.

पर अब नींद नहीं आ रही थी.

अब मेरी चूत में खुजली हो रही थी.


मेरा मन अब चुदने का कर रहा था पर मुझे चोदने के लिए आस पास कोई बड़ा लंड नहीं था.

तभी मुझे रीना की याद आई कि वह कह रही थी कि रात को हाथ भर का लंड दिलाएगी.


मैंने सोचा कि चलो उसी के पास चलती हूँ और बाहर जंगल में भी घूम आती हूँ.


फिर मैंने उसके घर जाकर उसको अपने साथ लेने के लिए चल पड़ी.

थोड़ी देर बाद मैं वहां पहुंच गई.


बाहर आकर मैंने उसे आवाज़ दी- रीना … रीना …

पर उसने नहीं सुनी. मुझे लगा कि वह सो रही होगी.


मैंने अन्दर जाकर देखा कि वह और उसका बाप दोनों गहरी नींद में सो रहे थे.

अचानक से मेरी नज़र उसके बाप के लंड पर जा पड़ी जो खड़ा था.


लंड देख कर मेरी चूत में खुजली होने लगी.

मैंने सोचा कि ये सब तो सो रहे हैं, किसी को कुछ पता नहीं लगेगा.


फिर मैं धीरे से उसके बाप के पैरों के पास जाकर बैठ गई.

उसके बाप ने एक धोती सी पहनी थी, जिसमें से उसका लंड साफ दिख रहा था.


मैंने धीरे से उसकी धोती एक साइड की और लंड अपने हाथ में लेकर ऊपर नीचे करने लगी.

लंड में गजब की सख्ती थी. मुझे अब उस लंड से चुदने का मन कर रहा था.


मैंने उसका लंड मुँह में ले लिया और चूसने लगी.

मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.


पर थोड़ी देर बाद ही उसका माल मेरे मुँह छूट गया तो सारा मज़ा किरकिरा हो गया था.


अब मैं वहां से जाने ही लगी थी कि किसी से ने मेरा हाथ पकड़ लिया.

मैंने पीछे मुड़ कर देखा, तो वह रीना थी.


उसने मुझे गाली देते हुए कहा- तू मेरे बाप का लंड खाएगी … साली रंडी कहीं की!


उसके बदलए हुए तेवर देख कर मैं पहले तो हिचकिचाई पर बाद में मैं भी शेरनी हो गई.

मैंने भी जवाब देते हुए कहा- हां भोसड़ी वाली खाऊंगी … तो तू क्या कर लेगी!


उसने मेरा हाथ पकड़ा और जंगल की ओर चल पड़ी.


मैंने उससे कई बार पूछा- तू मुझे लेकर कहां जा रही है?

वह गुस्से में बोली- तुझे चुदने का बड़ा शौक है ना … तो चल अब चुदवाने ले जा रही हूँ.


मुझे भी गुस्सा आ गया.

मैंने उससे कहा- जैसे तू तो चुदवाती ही नहीं है. साली कुतिया ऐसे कैसे तेरी गांड बाहर आ गई है रंडी कहीं की.


तो वह बोली- हां मैं भी चुदक्कड़ हूँ तेरी तरह.

अब हम दोनों जंगल में आ चुकी थी.


उसने मुझसे मेरी जींस निकालने को कहा.

मैंने वैसा ही किया.


उसने कहा- तुझे कितने बड़ा लंड चाहिए … बोल!

मैंने दिमाग़ में सोचा कि ये ऐसे क्यों पूछ रही है.


वह बोली- जल्दी बता रंडी!

मैंने कहा- रुक साली रंडी, बताती हूँ.


मैंने उससे कहा कि मुझे दस इंच का हथियार चाहिए.

वह बोली- मादरचोद बहन की लौड़ी, तू इतना बड़ा लंड सह लेगी!

मैंने जवाब देते हुए कहा- हां सह लूँगी.


उसने कहा- मैं तो इतनी बड़ी चुदक्कड़ हूँ, तब सिर्फ़ 9 इंच का ही ले पाती हूँ. इसका मतलब यह हुआ कि तू मुझसे बड़ी चुदक्कड़ है!


वह मुझे एक पेड़ के पास ले गई जहां पूरा अंधेरा था.

वहां जाते ही माल की खुशबू आ रही थी.

मुझे और चुदने का मन होने लगा.


वह बोली- मैं यहीं रोज आकर चुदवाती हूँ.

मैं बोली- बहन की लौड़ी, तुझे यहां चोदता कौन है?

वह- रुक, दिखाती हूँ.


वह पेड़ के पास जाकर बोली- हे मेरा भूत देवता, मुझे लंड प्रदान कर. एक नौ इंच का और एक दस इंच का लंड प्रदान कर!


उसके इतना ही कहते पेड़ के पीछे से दो आदमी निकल कर हमारे सामने आ गए.

वे रीना के सामने खड़े हो गए.


तभी पेड़ से एक आवाज़ आई कि ये ले मेरी बेटी, अब खूब चुदवा इनसे!


मैंने सोचा कि अब लंड मिलेगा … वाउ.


रीना ने उन्हें कहा- साले दस इंच वाले … तू इसे चोद!

वह दूसरे से बोली- और तू मुझे चोद.


इतना कहते ही एक भूत मेरे पास आ गया.

उसका लंड पूरा 10 इंच का होगा.


मैंने जल्दी से उसकी ओर मुँह किया और अपने मुँह में लेकर चूसने लगी.

रीना भी ऐसे ही करने लगी.


मुझे उस भूत से डर भी लग रहा था पर मज़ा भी आ रहा था.


वह मेरा सिर पकड़ कर पूरा लंड मेरे मुँह में दे रहा था. मैं सांस भी नहीं ले पा रही थी.


उधर रीना भी पूरा लंड ले रही थी.

फिर मैंने उठ कर लंड को पकड़ा और उसे अपनी चूत पर रख लिया.


लंड सैट करने के बाद मैंने उस भूत को चोदने को कहा.

उसने घचाक से लंड पेला और मुझे चोदने लगा.


उसका आधा लंड जाते ही मेरी गांड फट गई.

मैं आआह आह करने लगी.


रीना मुझे देख कर कहने लगी- अब आह आह क्यों कर रही है कुतिया … लंड के मज़े ले रंडी!

मैंने कहा- हां मज़ा तो आ रहा है.


मैं अपनी गांड उठा कर उस दस इंच के लंड से ज़ोर ज़ोर से चूत चुदवाने लगी.


फिर मेरा ध्यान रीना की तरफ गया.

वह घोड़ी बन कर चुदवा रही थी.


मैंने उससे कहा- तू क्या घोड़ी बन कर ही चुदवाती है?

वह- हां खुशी … मुझे मेरी गांड बड़ी करनी है ताकि मैं अपने बाप को खुश कर सकूँ!


मैंने चुदते हुए कहा कि क्या तेरा बाप भी ठरकी है?

वह बोली- हां दीदी, वह मेरी मां के मरने के बाद मेरी ही गांड मारता है.


मैं उसकी बात से समझ गई कि यह साली बड़ी वाली रांड है.


इसी तरह हम दोनों बातें करती रहीं और भूतों से चुदवाती रहीं.

यह सिलसिला पूरी रात चला.


उन दोनों भूतों ने हम दोनों को बहुत चोदा जंगल में!


मेरी बुर का भोसड़ा बन गया था लेकिन मज़ा भी बहुत आया.


उसी वक्त मुझे अक्षय की आवाज आई तो मेरी नींद खुल गई.


मैंने देखा कि अक्षय का दस इंच का लंड था और वह मुझे चोद चुका था.

मैं एक पल को तो अचकचा गई.


फिर उसने ही मुझे हिला कर कहा कि रीना ने बताया कि तुझे हाथ भर का लंड चाहिए था!

मैं समझ गई कि अक्षय और रीना आपस में पहले से ही सैट हैं.


मैंने मुस्कुरा कर अपनी बांहें फैला दीं और अक्षय वापस मेरे साथ चिपक गया.


एक बार फिर से हम दोनों चुदाई की तैयारी करने लगे.


तो दोस्तो, सपने में भूत के लंड से चूत चुदाई की Antarvasna Sex Stories आपको कैसी लगी, प्लीज बताएं.

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