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दिवाली पर कामवाली को दिया प्यार भरा तोहफा - Antarvasna Sex Stories

दोस्तो, मेरा नाम लवली गज्जू है और मैं शादीशुदा हूं।

मेरी उम्र 28 साल है और बॉडी अच्छी है। हाइट में मैं 5’7″ का हूं और मेरा लंड 6.5 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा है।


मैं गुजरात से हूं और कामवासना सेक्स स्टोरीज पढ़ने का बहुत शौकीन हूं।

खासतौर पर मुझे शीमेल सेक्स स्टोरी, कामवाली की चुदाई की कहानी और सेक्सी आंटी की चुदाई की कहानियां पढ़ना बहुत पसंद है।


कामवासना पर पहली बार मैं कोई कहानी लिखने जा रहा हूं, तो आप किसी भी प्रकार की गलती के लिए माफ करिएगा।


यह फ्री देसी चूत की चुदाई पिछले साल दिवाली के दिन की है।

मेरे घर में मेरे माता-पिता, पत्नी और मैं, हम चार लोग रहते हैं।

मम्मी पापा उस दिन किसी रिश्तेदार के यहां दिवाली की शुभकामनाएं देने गए हुए थे और शाम को लौटने वाले थे।


मेरी पत्नी को भी अपने मायके जाना पड़ गया और मैं घर पर अकेला ही था।


हमारे घर में काम करने के लिए कुसुम नाम की काम वाली आती है।

वो देखने में बहुत ही आकर्षक है, लेकिन रंग थोड़ा सांवला है। उसका फिगर देखकर मेरे तो मुंह और लंड, दोनों में से पानी गिरता रहता था।


उसका फिगर 36-30-34 का है, उम्र 24-25 के करीब है।

गरीब घर से होने के कारण वो दूसरे घरों में काम करके ही अपना गुजारा करती है।


दिवाली वाले दिन उसने लाल रंग का चमकीला सूट और सफेद पजामी पहनी हुई थी।

एक बार तो ऐसा लगा जैसे दुल्हन बनकर आई हो!


लेकिन बाद में ध्यान से देखा तो वो सामान्य सूट सलवार ही था लेकिन उस दिन वो कयामत लग रही थी।

चूचियों पर से सूट एकदम कसा हुआ था और कूल्हों पर उसमें बड़े-बड़े कट थे जिसमें उसकी गांड पर किसी हुई सफेद पजामी दिख रही थी।


मेरा तो मान-ईमान सब पिघल गया।

समझ नहीं आ रहा था उसको देखने से खुद को कैसे रोकूं।


उस दिन कितना भी बड़ा तपस्वी हो, उस मृगनयनी के सामने पिघल कर मोम बनकर बह जाता, मैं तो फिर भी वासना में डूबा एक साधारण मर्द था।


वैसे मेरी उससे काफी बातें होती थीं, मैं तो शुरू से ही उसको चोदने का मौका ढूंढता आ रहा था।

मैंने मजाक में उसको बोला- आज तो पटाखा लग रही हो! बॉयफ्रेंड से मिलने जा रही हो क्या?


उसने गहरी सांस भरते हुए मेरी तरफ शिकायत भरी खामोश नजर से देखते हुए नाराजगी भरा चेहरा बनाया और बोली- काहे का बॉयफ्रेंड! काम से फुरसत मिले तो कुछ देखें ना आपके जैसन!

कहकर वो ठहाका मारकर हंस दी.


इस बात पर मेरी भी छाती गैसे के गुब्बारे की तरफ फूल कर गप्पा हो गई कि उसे भी मैं अच्छा लगता हूं।


फिर वो बाहर की सफाई करने के बाद मेरे बेडरूम में सफाई करने आई तो मैंने उसके अपने पास बुला लिया।


मैंने कहा- दिवाली पर बोनस में क्या चाहिए तुम्हें, बताओ!

उसने शर्माते हुए कहा- जो भी आप देना चाहें।


मुझसे रुका न गया और मैंने उसके गाल पर पप्पी लेते हुए कहा- मैं तो ऐसे प्यार दे सकता हूं तुम्हें!

एकदम शर्माकर वो उठकर भागने लगी तो मैंने उसका हाथ पकड़ कर खींच लिया और अबकी बार सीधे उसे अपनी गोद में बिठा लिया।


उसकी मोटी गांड जब मेरे लंड पर आई तो नर्म-नर्म गद्दे जैसे चूतड़ों का स्पर्श पाकर लंड एकदम से टनटना गया।

मन कर रहा था उसको भींच भींच कर काट खाऊं।


मैंने फिर से उसके गाल पर हल्के से किस किया और पीछे से उसकी कमर में हाथ डालते हुए आगे से दूसरे हाथ से उसकी छातियों को दबाते हुए पीछे वाले हाथ को पकड़ लिया।


अब उसकी चूचियों और गांड, दोनों का स्पर्श मुझे मिल रहा था, जिससे मेरे लंड में तुरंत झटके लगने लगे।

उसको भी शायद खड़े लंड का चूतड़ों पर लगने का अहसास हुआ।


वो फिर से उठने की कोशिश करने लगी तो मैंने कहा- क्या हुआ, तुम्हें ऐसा प्यार करने वाला बी एफ नहीं चाहिए क्या?


उसका चेहरा शर्म से लाल हो गया था, फिर भी उसने कहा- ऐसा मिल जाए तो फिर दिवाली ही मन जाए।


मैंने आगे वाले हाथ से उसकी चूची को दबाते हुए कहा- तो फिर देर किस बात की है कुसुम … बना लो मुझे अपना!

कहकर मैं उसके होंठों को चूमने लगा।


पहले तो उसने होंठ नहीं खोले, लेकिन मैं चूमता ही रहा तो उसने भी होंठ खोलकर मेरे होंठों को अपने होंठों में लेना शुरू कर दिया।


काफी देर तक उसके होंठ चूसने के बाद मैं अब नीचे आने लगा।

उसकी गर्दन पर चूम चूमकर उसको गर्म करने लगा।

आगे से लगातार मेरा हाथ उसकी मोटी मोटी चूचियों को भींच रहा था।


पीछे से मैं उसके चूतड़ों पर हाथ फेर रहा था।


फिर मैंने उसे शर्ट निकालने के लिए कहा तो उसने तुरंत कमीज उतार कर रख दिया और मेरी गोद में बैठ फिर से मेरी बांहों में सिमट गई।

श्वेत ब्रा में कैद उसकी चूचियों की गहरी घाटी अब मेरी नाक के सामने थी।


मैंने क्लीवेज को चाटा और फिर चूचियों को भी ब्रा समेत चूसने-चूमने लगा।

मेरी लार से उसके चूचकों की घुंडी गीली हो गई, जैसे उनमें से दूध रिसने लगा हो।

इतनी सेक्सी शेप वाली चूचियां मैंने कभी नहीं देखी थीं।


फिर मैंने उसकी ब्रा को खुलवा दिया और अब वो ऊपर से पूरी नंगी हो गई।

मेरी गोद में बैठे हुए ही वो मुझे चूचियां पिलाने लगी।

मैं मुंह खोलकर खोलकर उसके चूचों को पूरा मुंह में भरने की कोशिश कर रहा था।


उसके गहरे भूरे रंग के निप्पल एकदम सख्त हो गए थे मानो बस अब इनमें से दूध की धार फूटने ही वाली हो।


ऊपर से स्तनपान का रस लेते हुए नीचे मेरा हाथ उसकी पजामी पर उसकी चूत वाले भाग पर रगड़ रहा था।

उसकी चूत की गद्देदार फांकें मुझे उसकी जांघिया और पजामी से भी अपनी हथेली पर महसूस हो रही थीं।


चूत चूसने और चोदने की प्यास सबसे ज्यादा तेज होती है दोस्तो, इसलिए चूत का स्पर्श पाते ही अब उसको नंगी करके छूने, चूसने और चोदने के लिए इंतजार नहीं कर सकता था मैं। मैंने जल्दी से उसकी पजामी उतरवा दी और उसकी पैंटी भी नीचे करवा दी। अब गोद में बिठाकर मैंने उसकी टांगें खुलवा दीं और उसकी चूत में उंगली अंदर दे दी।


उसके चेहरे पर अब चूत में कुछ अंदर चले जाने का भाव साफ उभर आया।

उसकी शर्म और हल्की मुस्कान अब ओझल हो गई थी और उसकी जगह योनि पर मर्द के स्पर्श के मादक अहसास ने ले ली थी।


मैं उसकी चूत में उंगली से धीरे-धीरे चोदन करने लगा और उसकी नंगी गांड के नीचे लोअर में दबे मेरे लंड का दम घुटने लगा, वो झटके दे देकर रोने लगा था, और बाहर निकाले जाने की गुहार लगा रहा था।


कुसुम की मादकता अब हर पल बढ़ती जा रही थी.

जैसे-जैसे चूत को मजा आता जा रहा था वो अपनी बची-कुची शर्म भी उतारती जा रही थी।


उसने मेरे सिर को पकड़ा और अपनी चूचियां मेरे होंठों से सटा दीं।

मैं फिर से उसके रसीले स्तनों को चूसने लगा।


धीरे-धीरे उसकी चुदास और ज्यादा बढ़ने लगी और उसका हाथ मेरी जांघों पर आकर मेरे लंड को टटोलने लगा।

वो लंड पकड़ना चाहती थी।


दोस्तो, औरत जब मर्द के मर्दन से वशीभूत होकर मदहोश होने लगती है तो लंड जरूर पकड़ने की कोशिश करती है।


मैंने उसको गोद में से हटाया और जल्दी से टीशर्ट और लोअर निकाल कर नंगा होकर बेड पर टांगें फैलाकर लेट गया।

मेरी तोप मेरी जांघों के बीच में सलामी दे रही थी जिसके मुंह पर काफी सारा कामरस निकल कर फैल गया था।


अब गेंद मैंने कुसुम के पाले में फेंक दी।

वो आई और रंडियों की तरह गांड पीछे से उठाकर मेरे लंड पर झुक गई।


लंड को पूरा मुंह में अंदर ले जाते हुए जैसे ही उसने चोपे मारने शुरू किए मैं तो जैसे स्वर्ग की सैर पर निकल गया।

मेरे दोनों हाथ उसके सिर पर आ गए और आंखें बंद करके मैं लंड चुसवाने का पूरा आनंद लेने लगा।


कुसुम अब एक्शन मोड में आ चुकी थी।

उसने मेरे बदन को बेतहाशा प्यार करना शुरू कर दिया।


कभी मेरी जांघों को चूमती तो कभी पेट को, कभी छाती पर चूसने लगती तो कभी गर्दन पर, बीच-बीच में मेरे होंठों का रस भी खींच कर ले जाती थी।


इतना प्यार तो कभी मुझे बीवी से भी नहीं मिला था।

मैं तो जैसे जन्नत में पहुंच गया था।


फिर मैंने भी उसको खुश करने की ठान ली।


मैंने उसे बेड पर प्यार से लेटाया और उसकी टांगें खोलकर फ्री देसी चूत को देखने लगा।

हल्के बालों वाली, रस से रिसती हुई सांवली सेक्सी चूत, अंदर से गहरी गुलाबी, जैसे स्वर्ग का द्वार हो।


मैं चूत में जीभ देकर चूसने लगा तो एकदम वो से सिसकारियां लेने लगी- उम्म … आह्ह … ईईई … ऊईई राज बाबू … बहुत मजा दे रहे … आह्ह … मर जाएगी मै … आईई … स्स्स … अम्मा … ओह्ह … हाय … हमरी चूत।


उसकी ऐसी हालत देख मुझे भी मजा आ रहा था।

जीभ दे देकर मैं उसकी चूत को रिसवाता रहा और रस को अपने मुंह में खींचता रहा।


जब उससे रहा न गया तो बोली- बस कीजिए अब … नहीं रुका जा रहा … लंड डालकर चोद दो जल्दी … आह्ह … प्लीज हमका चोद दो राज बाबू!


उस सेक्सी कामवाली का हुक्म सिर आंखों पर …

मैंने जल्दी से लंड पर थूक लगाया और उसकी चूत के होंठों पर भी थूक मल दिया।

फिर लंड को द्वार पर टिकाकर जोर का झटका दिया और लंड अंदर पेल दिया।


वो चिल्लाई तो मैं उसके ऊपर गिरकर उसकी चूचियों को भींचने और पाने लगा और उसे शांत रहने को कहा।


जब वो शांत हो गई तो मैंने उसको चोदना शुरू किया।

धीरे धीरे उसको भी चुदने में पूरा मजा आने लगा।


अब मेरे हर धक्के पर उसकी आह्ह … आह्ह की आवाज निकल रही थी।

ऐसा ही हाल मेरा भी था।


मैं भी हर धक्के के साथ आह्ह … आह्ह कर रहा था।

दोनों ही एक दूसरे की आवाजें सुनकर और ज्यादा उत्तेजित हुए जा रहे थे।


लगभग 10 मिनट की चुदाई के बाद कुसुम का बदन अकड़ गया और उसकी चूत की छूट के साथ ही उसका बदन भी ऊपर उठ गया।


रस की धार छोड़ते हुए कई बार वो उठ-उठकर वापस बेड पर गिरती रही और फिर हांफती हुई बेड पर ढेर हो गई।


उसकी ऐसी हालत देखा मेरा लावा भी उबल गया और मैं छूटने को हो गया।

पता नहीं उसको कैसे पता लगा, वो बोली- अंदर नहीं साब जी!

मैंने तुरंत लंड खींच लिया और उसके मुंह में दे दिया।


उसने लंड को मुंह में भरा ही था कि गाढ़ा गाढ़ा माल उसके मुंह में गिरने लगा।

उसने सारा माल गले में उतार लिया और अंदर ही निगल गई।


मैं भी हांफता हुआ उसके मुंह में लंड डाले ही उसके ऊपर लेट गया।


वो अभी भी लंड को धीरे धीरे चूस रही थी और जीभ से सहला रही थी।


इतना मजेदार अहसास मुझे कभी नहीं हुआ था।


कुछ देर तक हम ऐसे ही पड़े रहे।


जब मैं ऊपर से हटा तो वो फिर मेरे ऊपर आ गई और लंड चूसने लगी।

मैंने भी उसको नहीं रोका।


कुछ ही देर में लौड़ा फिर से तन गया।

अबकी बार कमान कुसुम ने ही संभाली।


उसने मेरे लंड को हाथ से पकड़ा और चूत पर सेट करके उस पर बैठ गई, उसने पूरा लंड अंदर ले लिया और फिर कूदने लगी।


ऐसा लग रहा था कि वो पोर्न फिल्मों की कोई रंडी हो, जो तेजी से मेरे लंड पर अपनी चूत से आगे पीछे करते हुए मुझे चोद रही थी।

मैं लंड को उसकी देसी चूत में तेजी से अंदर बाहर होते हुए देख रहा था।


गजब की स्पीड थी उसकी!


एक बार फिर से कमरा कामुक सिसकारियों से गूंज उठा- आह्ह … हाह्ह … आह्स्स … हाह्ह … हाईई … उम्म … आह्ह … राज बाबू … आह्ह बहुत मजा आ रहा है … आह्ह।


मैंने भी उसकी गांड को पकड़ लिया और अपनी तरफ धक्के दिलवाने लगा।

कुछ ही देर में उसकी चूत ने फिर से मेरे लंड को भिगो दिया।


जब मेरा निकलने को हुआ तो उसने कह दिया कि मुंह में ही पिलाना।

मैं बोला- बस आने वाला है।

वो जल्दी से लंड पर से उतरी और लंड को मुंह में लेकर तेजी से चूसने लगी।


मैंने फिर से उसके मुंह में ही माल छोड़ दिया।


हम दोनों को इस दो राउंड की फ्री देसी चुदाई में बहुत मजा आया।


वो इतनी खुश लग रही थी कि जैसे उसके हाथ बहुत बड़ा खजाना लग गया हो।


मुझे भी बहुत दिनों के बाद ऐसा सेक्स अनुभव मिला था।

मेरी बीवी से भी ऐसा मजा मुझे नहीं मिला था जैसा उस कामवाली की चुदाई से मिला।


उस दिन हम दोनों काफी देर तक बेड पर पड़े पड़े एक दूसरे को प्यार करते रहे; ओरल सेक्स भी जी भरकर किया।

हमने दिन में तीन बार चुदाई की।


फिर मैंने उसको दिवाली के गिफ्ट के तौर पर चांदी की पायल गिफ्ट की और वो खुशी से उछलती हुई चली गई।


तब से लेकर अब तक कुसुम के साथ मेरा चक्कर चला आ रहा है।

उसकी चूचियां अब पहले भी ज्यादा रसीली हो गई हैं और उसकी गांड भी एकदम बॉम्ब लगती है।

जब भी मौका मिलता है हम दोनों खूब एंजॉय करते हैं।


तो दोस्तो, आपको देसी कामवाली की चुदाई की ये कहानी कैसी लगी, मुझे जरूर बताना!

मैं आपको ईमेल का इंतजार करूंगा।

कहानी पर कमेंट करना भी न भूलें। अपने सुझाव भी आप मुझे दे सकते हैं।


उम्मीद करता हूं कि आप सब ढेर सारा प्यार मुझे और मेरी Antarvasna Sex Stories को देंगे।

आपकी प्रतिक्रियाओं के इंतजार में, आपका गज्जू!

मेरा ईमेल है- abcdef7990@gmail.com

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