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दोस्त के साथ दारू पीकर उससे गांड चुदाई - Antarvasna Gay Stories

नमस्ते दोस्तो, मेरा नाम रोहित है. मेरी उम्र 28 साल है, हाइट साढ़े पांच फीट की है और रंग एकदम दूध सा गोरा है.


मैं एक गे हूँ इस बात की जानकारी मुझे इस गांड चुदाई के बाद मालूम हुई.


मेरे चूतड़ 34 इंच के हैं, कमर 30 की और लंड साढ़े चार इंच इंच का ही है.


यह Antarvasna Gay Stories उस समय की है, जब मैं 19 साल का था.


मैं दिल्ली में जॉब करता था और मैंने उधर ही एक रूम किराए पर लिया हुआ था.


वह छुट्टी का दिन था.

मैं सुबह से ही बियर पी कर एक सिगरेट फूँकता हुआ कमोड पर बैठ कर अपनी गांड में एक मोमबत्ती करते हुए मोबाईल पर एक ब्लू फिल्म देख रहा था जिसमें एक काला अफ्रीकन सांड जैसा मर्द एक मेरे जैसे दुबले पतले चिकने लौंडे को अपने नीचे दबा कर उसकी गांड मार रहा था.


उस गे सेक्स फिल्म में वह गोरा चिकना लड़का बड़ी मीठी आह आह करता हुआ उस काले सांड का लंबा और मोटा लंड अपनी छोटी सी गांड में मस्ती से ले रहा था.


मुझे यह सब देख कर बड़ा मजा आ रहा था और मैं अपनी गांड में मोटी सी मोमबत्ती को अन्दर बाहर कर रहा था.

मेरा लंड यूं ही लटका हुआ था.


जैसे ही सिगरेट खत्म हुई मैंने उस हाथ से अपने लंड को सहलाना शुरू किया और मुठ मार कर अपना पतला सा पानी टपका दिया.


मैं एकदम से ढीला हो गया और मैंने अपनी गांड से मोमबत्ती निकाल ली.

फिर जल्दी से बाहर आकर मैंने अपने धोने रखे सारे कपड़े साबुन से रगड़ कर रख दिए और एक एक करके सारे कपड़े धो लिए.


फिर नहाया और बाहर आकर कुछ खाना खाया और सिगरेट फूँकते हुए आराम करने लगा.

वे गर्मी के दिन थे, इसलिए मैंने सिर्फ़ फ्रेंची चड्डी पहनी थी.


दोपहर 3 बजे मेरे दोस्त किशोर का फोन आया.

उसने कहा- यार मेरे रूम पर आ जा, पार्टी करते हैं.


मैंने तुरंत हामी भर दी और कहा कि ठीक है, आ रहा हूँ.


किशोर थोड़ा मज़ाकिया स्वभाव का था.

मैंने एक टाइट-सा लोअर पहना, टी-शर्ट डाली और उसके रूम पर चला गया.


वहां पहुंचकर हमने चिकन बनाया और फिर दारू पी.

मैं तो इतना न/शे में हो गया था कि सब कुछ धुंधला-सा लगने लगा.


किशोर ने कहा- यार, आज तो मजा आ गया और इसी मजे के चक्कर में रात भी काफी हो गई है. तू यहीं रुक जा.

मैं भी न/शे में था तो कहीं जाने का मन ही नहीं कर रहा था.

मैं उसके कमरे में ही रुक गया.


फिर न/शे में ही मैंने सब्जी की कड़ाही उठाई और साफ सफाई करने लगा.

उसी वजह से कढ़ाई में लगी थोड़ी सब्जी मेरे लोअर पर गिर गई.


किशोर ने हंसते हुए कहा- ले भोसड़ी के हो गई सफाई … अब चल उतार अपना लोअर … और मेरा शॉर्ट्स पहन ले. अपने वाले को बाथरूम में जाकर साफ कर ले.


मैं बाथरूम में गया और अपना लोअर उतार कर साफ करने लगा.

मैंने बाथरूम का दरवाजा नहीं लगाया था.


तभी किशोर मेरी गोरी गांड को देखकर बोला- यार, तेरी टांगों में तो जरा भी बाल ही नहीं हैं. तेरे तो लड़कियों के जैसे पैर हैं. साले लंड पर झांटें भी उगी हैं या नहीं?

वह मस्ती करता हुआ हंस रहा था.


मैंने मज़ाक में अपनी चड्डी थोड़ी नीचे की और झांटें दिखाते हुए बोला- ले देख ले भोसड़ी वाले … चाटेगा क्या?


अचानक किशोर मेरे पास आया, उसने मेरी चड्डी नीचे खींच दी और बोला- अरे तेरा तो बड़ा छोटा सा खिलौना है!

उसने मेरी बिना बालों वाली जांघों को चाटना शुरू कर दिया.


किशोर की हाइट 6 फीट थी, उसका रंग भी मेरे जैसे ही गोरा था.


उसने एक हाथ से मेरे लंड का टोपा खोला और उसमें उंगली फेरने लगा.

मेरा लंड खड़ा हो गया.


फिर उसने अपनी पैंट उतारी.

उसका 6 इंच का काला लंड बाहर आया जिसमें बालों का ऐसा जंगल था जैसे उसने कई महीनों से झांटें काटी ही न हों.


उसके लंड के सामने मेरा लंड तो कुछ भी नहीं था.

वह पूरा नंगा हो गया और मेरी शर्ट भी उतार दी.


अब हम दोनों पूरी तरह नंगे थे.

पहली बार मैं किसी के सामने नंगा खड़ा था.


फिर वह मेरे पीछे आया, थोड़ा झुका.

उसका लंड मेरी गांड के नीचे से निकल कर मेरे अंडों से टकरा रहा था.


वह मेरी गर्दन पर किस कर रहा था और एक हाथ से मेरा लंड हिला रहा था.


मेरी आंखें बंद हो गईं.

मेरा शरीर बेकाबू होने लगा.

मुझे बेहद अच्छा लग रहा था.


मुझे पता ही नहीं चला कि मैं कब हल्का-सा झुक गया.

मेरी गांड पीछे होने लगी और उसके लंड का स्पर्श मुझे खींच रहा था.


मेरा शरीर कांपने लगा और मैं वहीं ज़मीन पर बैठ गया.

किशोर ने एक हाथ मेरी जांघों के बीच डाला, मुझे गोद में उठा कर कमरे में ले आया.

उसने मुझे बेड पर लिटा दिया और चूमने लगा.


फिर उसने मुझे उल्टा किया, डॉगी स्टाइल में लाया और मेरी कमर पर हल्की-सी कोहनी मारी.


मेरी गांड फैल गई और मेरा छेद आज़ाद हो गया.


वह बोला- यार, तेरी गोरी गांड का तो पता था, लेकिन तेरा ये छोटा-सा गुलाबी छेद तो दिखाई ही नहीं देता. गांड में बाल भी नहीं हैं. तू तो कभी नहीं चुदा है शायद!

मैं चुप रहा.


वह आगे बोला- मैंने तो सोचा था कि तेरी गांड के कई दीवाने होंगे और अब तक तो इसका भोसड़ा बन गया होगा!


मैं कुछ नहीं बोला बस शराब के न/शे की मस्ती में अपने दोस्त की हरकतों का मजा ले रहा था.


मुझे उस वक्त दोपहर वाली गे सेक्स फिल्म याद आने लगी थी.

साथ ही मुझे अपनी गांड में कुलबुलाहट होने लगी थी.

उस काले सांड जैसे अफ्रीकन का मोटा सा लंड याद आने लगा था.


तभी मेरे दोस्त ने मेरी गांड का छेद चाटना शुरू किया और अपनी जीभ मेरी गांड में घुसाने लगा.

जब उसकी जीभ मेरे छेद में घुसने की कोशिश करती, तो मेरी गांड और फैल जाती.


मेरी गांड उठी हुई थी.

पर जैसे ही मैं बैठने की कोशिश करता, वह मेरी गांड पर जोर से चांटा मारता.

इससे मेरी गांड फिर से ऊपर को उठ जाती.


फिर उसने मुझे सीधा किया और मेरे पैरों को मोड़ दिया.

उसने मेरी गांड के नीचे तकिया लगा दिया, जिसकी वजह से मेरा छेद छत की तरफ हो गया और मेरा लंड मेरे मुँह के सामने आ गया.


फिर उसने मेरी गांड पर तब तक चांटे मारे, जब तक वह लाल न हो गई.


वह मेरे चेहरे के सामने अपने लंड को लगाकर बैठ गया.

उसकी पीठ मेरे मुँह की तरफ थी.


उसने मेरी जांघों को पकड़ा और उन्हें मेरे पेट की ओर नीचे दबाकर बेड से मेरे घुटनों को मिला दिया.


इससे मेरी गांड और ऊपर उठ गई और फैल गई.


अब उसने मेरे छेद को चाटना शुरू किया.

उसका लंड मेरे मुँह के अन्दर था जो मेरे गले तक जा रहा था.


लगभग 10 मिनट तक ऐसा ही चलता रहा.


फिर वह उठा और मेरी पूरी गांड में सरसों का तेल जमकर लगाया.

उसने अपनी बीच की उंगली से मेरे छेद में तेल डालना शुरू किया.


ऐसा करते-करते उसकी उंगली मेरे छेद में पूरी चली गई.

मेरे मुँह से ‘आह’ की आवाज निकलने लगी और मैं मदहोश होने लगा.


वह अब उंगली मेरी गांड में अन्दर-बाहर करने लगा.


‘आ … आ … मममम … मममम …’


जब मेरी गांड थोड़ी और फैल गई तो उसने दूसरी उंगली भी डाल दी, जो मुश्किल से गई.

इससे मुझे थोड़ा दर्द भी हुआ जिसकी वजह से मेरी गांड टाइट होकर उठ गई.


पर वह नहीं रुका और उंगलियों से मुझे चोदता रहा.

‘आआआह …’


जब मेरा छेद और फैल गया तो उसने मेरे छेद में दो ढक्कन तेल डाला और अपने लंड पर भी तेल लगा लिया.

अब वह मेरी गांड के ऊपर आ गया और अपना काला लंड मेरे छेद पर रख दिया.


एक जोरदार झटका मारा, तो उसका आधा लंड मेरी गांड में घुस गया.


मेरी टांगें दर्द से ऊपर उठ गईं.

मैं चिल्लाया- आए … मादरचोद हरामी … मेरी गांड फाड़ दी तूने!


वह बोला- कुछ नहीं होगा साले भोसड़ी के गांडू … चुप रह … थोड़ी देर में मजा आ जाएगा तुझे!

मैंने कहा- रहने दे किशोर. बहुत दर्द हो रहा है!


पर वह नहीं माना.

उसने मेरी जांघों को नीचे दबाया और दूसरा झटका मारा, जिससे उसका पूरा लंड मेरी गांड में समा गया.


इस बार मैं दर्द से रोने लगा.

मैंने अपनी गांड को पकड़ कर फैलाने की कोशिश की, शायद दर्द कम हो जाए पर कोई फायदा नहीं हुआ.


अब वह जोर-जोर से झटके मारने लगा.


करीब चार मिनट बाद मेरी गांड का दर्द कम होने लगा और मुझे मजा आने लगा ‘आ … आए … आ … ममम …’


मेरा हाथ कब मेरे लंड पर गया, पता ही नहीं चला.


मैं कभी अपनी झांटों को खींचता, तो कभी अपने लंड को मसलता.


मेरे लंड के पानी से मेरा पेट गीला हो गया.


अब मैं अपनी मुठ मारने लगा.

वह मुझे जोर-जोर से चोदता रहा.


मैं मस्ती में कहने लगा- और जोर से चोद.


वह बोला- आज तू मेरी रंडी है. तेरी मक्खन जैसी गांड फाड़कर तुझे गांडू बना दूंगा.

मैंने कहा- हां साले फाड़ दे मेरी गांड और बना दे मुझे गांडू!


फिर उसने मुझे उठाया और दीवार के सहारे उल्टा खड़ा कर दिया.

उसने मेरी गांड को पीछे खींचा और मैं थोड़ा झुक गया.


उसने मेरी कमर पकड़ी और लंड मेरे छेद में रखकर मुझे चोदने लगा.

मेरी गांड जब उसके लंड से टकराती, तो ‘फच-फच’ की आवाज आती.


वह झटके मारता रहा.

मैं चिल्लाता रहा- अअअअ… आए… आ … मेरे राजा पेल दे आह …’


मैं बहुत कामुक हो गया था. मेरे लंड से चिपचिपा पानी निकल रहा था.


लगभग 15 मिनट तक उसने मुझे ऐसे ही चोदा.

फिर उसने सारा गर्म माल मेरे छेद में अन्दर डाल दिया.


अब वह बाथरूम चला गया.

मैं वहीं कमरे के फर्श पर बैठ गया और मुठ मारने लगा.

मैंने सारा माल अपनी जांघों पर झाड़ दिया.


उसके आने के बाद मैं बाथरूम जाकर नहाया.


फिर हम दोनों ने दारू के पैग लगाना शुरू किए और एक एक सिगरेट पीकर दुबारा से गांड चुदाई शुरू कर दी.


फिर रात के करीब तीन बजे हम दोनों नंगे ही सो गए.


उसके बाद से मैंने किशोर के साथ ही रहना शुरू कर दिया और अब हर रात मेरी गांड में मेरे पति जैसे दोस्त का लंड होता.

मैं उसकी सुहागन बन गई थी.


उसने अपने दो दोस्तों के सामने भी मुझे परोसा और उन दोनों ने उस दिन मेरे पति किशोर को कमरे से जाने को कह दिया था.


उस दिन मैंने अपने पति की गैरमौजूदगी में उन दोनों मर्दों के लंड से अपनी गांड चुदवाई.


उस गे सेक्स कहानी को भी मैं आपके लिए लिखूँगा.

फिलहाल आपको ये Antarvasna Gay Stories कैसी लगी मुझे जरूर बताएं.


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