पति ने अपनी पत्नी को अनजान लड़के से चुदवाया - Free Sex Kahani
- Kamvasna
- Oct 10
- 9 min read
नमस्कार दोस्तो.
मैं मोहित, भुजिया और रसगुल्ले के शहर बीकानेर से एक बार फिर हाजिर हूं अपनी आप बीती सुनाने को।
आज मैं आपको एक ऐसी घटना बताना चाहता हूं जो अपने यहां बहुत कम होती हैं।
यह कहानी पिछले साल दिसंबर की है।
मेरी हमेशा से फैंटेसी रही है कि मैं किसी शादीशुदा जोड़े के साथ सेक्स करूं।
इसलिए मैंने एक साईट में अपना विज्ञापन दिया था ताकि मुझे कोई मिल जाए क्योंकि अपने समाज को तो आप जानते ही हो. यहाँ आप खुल के सेक्स के बारे में बात नहीं कर सकते और कोई जोड़ा रास्ते चलते मिलना बहुत ही ज्यादा कठिन है।
जिन्होंने कभी ये किया है, वे मेरी बात समझ सकते हैं।
फिर निजता भंग होने का भी पूरा डर रहता ही है।
मुझे काफी कम लोगों के संदेश आए.
और मैं भी पूरा ध्यान रख रहा था कि कहीं कोई गड़बड़ न हो जाए क्योंकि मैं यह सब पहली बार कर रहा था।
तो मेरे विज्ञापन को देख के गंगानगर के एक व्यक्ति ने मुझे संदेश भेजा। मुझे वो आदमी सही लगा तो मैंने उससे बात की।
बातों बातों में हम दोनों ने एक दूसरे का परिचय लिया.
और औपचारिक बातों के बाद जब हम दोनों पूरी तरह संतुष्ट हो गए तो उन्होंने कहा कि वे जोड़ों की अदला बदली करते रहे हैं. और अब उनके दिमाग में अपनी पत्नी को किसी जवान लड़के से चुदवाने की इच्छा है।
मैंने उनसे कहा- मैं तैयार हूं।
तब उन्होंने बताया कि मेरी फोटो उन दोनों को पसंद आई थी इसलिए उन्होंने मुझे संदेश भेजा था।
उन्होंने ये भी कहा- हम चाहते हैं कि आप लोग हमारे यहां गंगानगर आयें।
मैं तैयार हो गया और हमने नए साल पर मिलने का प्लान बनाया।
हमने दो दिन का प्लान किया.
31 दिसंबर को उनसे बात करने के बाद में दोपहर 1 बजे गंगानगर के लिए रवाना हो गया।
भाभी को चोदने मैं अजमेर जाता था लेकिन यह बिल्कुल ही अलग अनुभव था।
मैं लगभग 7 बजे रात को वहाँ पहुंचा और उनके दिए नंबर पर कॉल किया।
वे मुझे लेने आए।
मैं उनकी कार में बैठा और हमने पहले एक दूसरे से अच्छी तरह परिचय किया।
उन्होंने बताया कि वे खुले विचारों के हैं और समाज के कारण ये सब छुप छुप कर करते हैं।
संतुष्टि के बाद हम उनके घर के लिए रवाना हुए।
मैं आपको जोड़े के बारे में बताना भूल ही गया।
भैया की उम्र 35 साल और उनकी पत्नी 32 की थी।
उनके दो लड़कियां थी, एक की उम्र 5 साल और एक की एक साल थी।
दोनों लड़कियां ऑपरेशन से हुई थी तो भाभी की चूत ढीली नहीं हुई थी।
उनका नाम अजय और साराह (बदला हुआ नाम) था।
भैया ने सब्जी और कुछ सामान लिया फिर हम उनके घर पहुंचे।
भाभी ने दरवाजा खोला।
उन्होंने सलवार कमीज पहना था और ऊपर एक फूल स्लीव ओपन स्वेटर पहनी थी।
जब मैंने उनको देखा तो देखता ही रह गया.
क्या गजब का शरीर था उनका!
38″ के उनके चूचे मेरी नजरों को अपनी तरफ खींच रहे थे।
वे थोड़ा झिझक रही थी, उनके चेहरे पर साफ दिख रहा था.
और जब वे घूम के अंदर जाने लगी तो उनकी 40″ की कयामती गांड ने मटकते हुए मेरे लोड़े को सलामी दी।
भैया ने बताया कि उनकी बड़ी बेटी ननिहाल में है.
और छोटी बच्ची को गोद में उठा के मुझसे नमस्ते करवाया।
मुझे थोड़ा अजीब लगा।
फिर उन्होंने मुझे गेस्ट रूम में भेजा और बोला- नहा धो के फ्रेश हो जाओ और खाना खा लो।
मैं गेस्ट रूम में गया और अपना सामान रख के बाथरूम में गया।
मैंने गीजर चालू किया और साराह के बारे में सोचता हुआ अपने लौड़े की मालिश करने लगा।
अपनी किस्मत को मैं धन्यवाद दे रहा था कि आज इतनी सेक्सी भाभी चोदने को मिलेगी।
थोड़ी मालिश के बाद में फ्रेश होकर और नहा धोकर तैयार हो गया।
भैया खाना लेकर मेरे कमरे में ही आ गए।
मैंने खाना खाया।
और अब चुदाई का बेसब्री से इंतजार करने लगा।
करीब आधे घंटे के इंतजार के बाद भैया ने मुझे अपने कमरे में चलने के लिए कहा।
मैं वहाँ चला गया।
उनके बेडरूम में नील रंग की डिम एलईडी लाइट जल रही थी और एक साइड में छोटे से बेड पर उनकी बेटी सो रही थी।
मास्टर बेड पर उन्होंने मुझे बैठने को कहा और खुद बाहर चले गए।
फिर वे अपनी पत्नी को लेकर आए।
भाभी ने लाल रंग की जालीदार नाईटी पहनी थी और उसमें कमाल की माल लग रही थी।
भैया और भाभी मेरे सामने बैठ गए।
थोड़ी सामान्य बातचीत के बाद हम अपने सेक्स अनुभव साझा करने लगे।
मैंने अपनी किरायेदार भाभी और उनसे मिली चूतों का बताया।
भैया ने बताया कि उनको एयर फोर्स का एक खुले विचार का जोड़ा मिला था जिनके साथ उन्होंने 3 बार अदला बदली की. फिर हाल ही में उनका तबादला हो गया तो वे नया जोड़ा ढूंढ रहे हैं. तभी मेरी प्रोफाइल उन दोनों को पसंद आ गई और उनका भी मन अपनी पत्नी को जवान लड़के से चुदवाने का था।
माहौल गर्म होने लगा लेकिन भाभी अभी भी शरमा रही थी।
भैया इस चीज को समझ गए और उन्होंने कहा- आप दोनों दो मिनट बात करो, मैं आता हूं!
ऐसा बोल कर वे बाहर चले गए।
मैं भाभी के करीब गया और उनका हाथ अपने हाथ में लेकर बोला- आप बहुत खूबसूरत और सेक्सी हो।
बातों से मैं पहले ही गर्म हो चुका था।
मैंने देर नहीं की और अपने होंठ उनके होंठों से मिला दिए।
वे भी मेरा साथ देने लगी।
मैंने देखा भैया दरवाजे के पास खड़े सब देख रहे थे।
उन्होंने मुझे लगे रहने का इशारा किया।
उनका इशारा देख मैं और उत्तेजित हो गया और मैंने अपनी जीभ साराह भाभी के मुंह में डाल दी।
भाभी मेरी जीभ को लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी और फिर अपनी जीभ उन्होंने मेरे मुंह में डाली जिसे मैं बड़ी बेदर्दी से चूसने लगा।
कभी मैं उसको जोर से बाहर खींचता कभी उसके साथ अपनी जीभ से खेलता।
इसी दौरान मैंने अपने हाथ उनके शरीर पर फिराने चालू किए।
मैंने उनके बड़े बड़े स्तनों को नाइटी के ऊपर से ही मसलना शुरू किया।
उनकी सिसकारियां निकलने लगीं जो मुझे और उत्तेजित करने लगी।
मैंने एक हाथ से उसकी नाईटी को खोल दिया और ब्रा के ऊपर से उसके मम्में दबाने लगा।
भाभी की जीभ को छोड़ कर मैंने उनकी गर्दन को ऊपर किया और गर्दन को चूमने चाटने लगा।
इस दौरान मैंने उनके चूचे ब्रा से आजाद कर दिए।
जब मैंने उनके स्तनों को नीली लाईट में पहली बार देखा तो देखता ही रह गया।
मैंने जितनी भाभियों को चोदा है, उनमें साराह भाभी के स्तन बड़े जबरदस्त थे.
शायद यह उसमें भरे दूध का कमाल था जो उनके बड़े बड़े और भूरे निप्पलों से हल्के हल्के निकल रहा था।
मैंने कहा- भाभी, आपके चूचों से तो दूध निकल रहा है. मैंने कभी पिया नहीं है. आज मजा आ जायेगा!
और उनके एक स्तन को मैंने अपने मुंह में लिया।
क्या बताऊं दोस्तो … उस दूध का स्वाद!
जिन्होंने पिया है, वे जानते हैं … उसमें एक अलग ही मिठास होती है।
मैंने उनके स्तन को बेदर्दी से चूसा.
उन्हें भी मजा आने लगा और वे अपना हाथ मेरे सर में फिराने लगी।
मैंने दूसरे स्तन को भी पिया।
मैं दोनों स्तनों में दूध पीने लगा और जन्नत का मजा लेने लगा।
साराह भाभी भी जोर जोर से सिसकारी भरने लगी।
मैंने उनको पलंग पर लिटा दिया और उनके ऊपर आकर दूध पीने लगा।
इस दौरान मैंने अपने कपड़े निकाल दिए और अब हम दोनों सिर्फ अंडरवियर में थे।
मैं थोड़ा उठा और अब मैंने अपना ध्यान उनके बाकी शरीर पर दिया।
बला की खूबसूरत साराह मेरे नीचे थी और नीली एलईडी लाइट में और भी सेक्सी लग रही थी।
मैंने कहा- भाभी, आप उन सब भाभियों से सबसे ज्यादा सेक्सी हो जिनको मैंने आज तक चोदा है।
तब मैंने एक स्माईल पास की और उनके होंठों पर वापस चूमने लगा।
अब मैंने अपना हाथ उनके शरीर पर फिराते हुए धीरे से उनकी पेंटी में डाला।
उनकी चूत बूरी तरह गीली थी और भट्टी की तरह तप रही थी।
मैंने भी देर नहीं की और एक अंगुली उनकी चूत में घुसा दी।
भाभी आहें भरने लगी; वे मुझे और जोर से किस करने लगी.
मैं भी उनका साथ देने लगा।
फिर मैं नीचे सरका और उनकी गर्दन और चूचों को चूसता हुआ उनके पूरे शरीर पर जीभ फेरता हुआ उनकी नाभि पर पहुंचा।
नाभि में जीभ डालते ही भाभी जोर जोर से सिसकारियां भरने लगी।
मैंने थोड़ी देर नाभि में जीभ घुमाई।
नाभि में जीभ फेरते हुए मैं उनके पैरों के बीच आ गया और उनकी चूत से अंगुली निकाल कर मैंने अपने हाथ उनकी पैन्टी के किनारों पर रखे।
इशारा मिलते ही उन्होंने अपनी गांड उठाई और मैंने उनकी पेंटी को नीचे सरका दिया।
नीचे सरकते सरकते मैंने अपनी जीभ नाभि से और नीचे ले जाना शुरू किया और चूत के पास आते आते मैं और धीरे हो गया।
उनकी बेचैनी साफ महसूस हो रही थी।
मैंने थोड़ा सा तड़पा कर अपनी जीभ उनकी चूत के ऊपर रखी।
वे सिहर उठी।
मैंने उनकी चूत में जीभ फिरनी चालू की और उनके नमकीन पानी का स्वाद लेना शुरू किया।
भाभी जोर जोर से ‘आह … उह्ह्ह …’ करने लगी।
मैंने उनके क्लाइटोरीस को जीभ से हिलाया और फिर चूसने लगा।
भाभी अपना हाथ मेरे सर में घुमा रही थी और दबा रही थी।
मैं और जोर से चूसने लगा और अपने पुराने अनुभवों से उनको पूरा मजा देने लगा।
इस दौरान मेरा लोड़ा डंडे की तरह हो गया और अंदर जाने के लिए तड़पने लगा।
मैंने अपनी अंडरवियर उतार दी और उनकी चूत को एक बार और चूसने के बाद अपना लौड़ा उनकी चूत के मुंह पर ले आया और रगड़ने लगा।
बिना देर किए मैंने अपना लन्ड अंदर सरका दिया।
वे इस हमले के लिए तैयार नहीं थी।
मेरा लौड़ा उनकी चूत में आधा ही गया था कि उनकी चीख निकल गई।
मैंने उसको इग्नोर किया और उनके स्तनों को दबाता हुआ अपना लोड़ा अंदर सरकाता रहा।
“उम्म्म … उह्ह्ह …” करते हुए वे मेरे 7 इंच के लौड़े के लिए एडजस्ट हो रही थी।
जब मेरा पूरा लंड भाभी की चूत के अंदर चला गया तो मैं हल्के हल्के झटके देने लगा।
उनके पति से अब रहा नहीं गया और वे अब अंदर आकर भाभी के पास बैठ गए, अपनी पत्नी के सर पर हाथ फिराने लगे और बोले- कैसा लगा मेरी जान?
भाभी अभी भी मेरे लोड़े से एडजस्ट हो रही थी और उम्म्म करते हुए उन्होंने खुशी में अपना सर हिलाया।
उन्होंने इस अदा में अपना सर हिलाया कि वो नजारा आज भी मेरी आंखों के सामने घूमता रहता है।
उनके पति के आने की वजह से मैं और भी उत्तेजित हो गया और धक्का पेल चुदाई करने लगा।
भाभी जोर से सिसकारियां लेने लगी।
उन्होंने पलंग की चादर को कस कर पकड़ लिया और उनका शरीर अकड़ने लगा।
मैं समझ गया कि उनका पानी निकलने वाला है और मैं उनकी चूत के दाने को मसलने लगा।
उनकी चूत ने पानी छोड़ दिया पर मैंने अपनी चुदाई चालू रखी।
मैंने अपने धक्कों की गति बढ़ा दी और उनकी चूत का रस और मेरा लोड़ा फच फच की आवाज कर रहा था।
तेज गति के कारण उनके बड़े बड़े मम्में आपस में टकरा रहे थे और बड़े मादक तरह से हिल रहे थे।
मैंने उनके दोनों बोबों को पकड़ा और जोर से दबाया.
उनकी चीख निकल गई और थोड़ा सा दूध बाहर आ गया।
मैंने उनके दूध को पिया।
बड़े होने की वजह से उनके दोनों चूचे पास पास आ गए।
मैंने दोनों को एक साथ चूसा।
यह चीज उन दोनों के लिए नई थी।
भैया बोले- देखो जान, ये तुम्हारे दोनों चूचे एक साथ चूस रहा है।
भाभी ने सर उठा के देखा और मजे लेने लगी।
“हम्मम्म …” बस इतना ही उनके मुंह से निकला।
वे अपनी सांस काबू में लेने की बेकार कोशिश कर रही थी।
मैंने उनके चूचों को और जोर से चूसा और दूध को पिया।
इस दौरान मैंने उनको धीरे धीरे चोदना चालू रखा।
दूध पीने के बाद मैं उठा और बोला- चलो भाभी, घोड़ी बन जाओ!
बिलकुल भी देर ना करते हुए वे मेरे हटते ही घोड़ी बन गई।
मैं उनके पीछे था और उनकी बड़ी गांड पर जोर से थप्पड़ मारा।
मैं पूरे जोश में था और भैया को बोला- चलो, अपनी पत्नी की गांड फैलाओ मेरे लोड़े के लिए!
भैया ने दोनों हाथों से अपनी पत्नी की गांड फैलाई और मैंने अपना लौड़ा भाभी की चूत पर सेट किया और रगड़ा।
भाभी रगड़ने से तड़पने लगी और पीछे होने लगी।
मैंने बिना देर किए लौड़ा पूरा अंदर सरका दिया और बोला- देखो भाभी, आपके पति आपकी गांड फैला रहे हैं और पराया लौड़ा आपकी चूत में जाते देख रहे हैं. और आप अपने पति के सामने मेरा लन्ड खाने के पीछे हो रही हो, आप दोनों बड़े चोदू किस्म के इंसान हो आपके साथ मजा आयेगा।
यह बोलते हुए मैंने चुदाई चालू की और धीरे धीरे अपनी गति बढ़ा दी।
मैंने अपनी अंगुलियों की नोक से भाभी की कमर पर हल्का हाथ चलाया।
गुदगुदी से भाभी मचलने लगी और मेरे लौड़े को चूत से दबाने लगी।
लगभग 10 मिनट की चुदाई के बाद मैं झड़ने के करीब था और बोला- मेरा आने वाला है, कहाँ निकालूं?
भैया बोले- इसके मुंह में!
मैं ये सब सुन और उत्तेजित हो गया और बहुत तेज धक्के लगाने लगा।
भाभी तेज तेज ‘आह्ह ह … उम्म्म …’ करने लगी।
कमरा हमारे शरीर के मिलन, भाभी की तेज तेज सिसकारियों से गूंज उठा।
मैं झड़ने के करीब था और दो चार आखरी झटकों के बाद अपना लौड़ा निकाल कर भाभी के मुंह में पेल दिया और झड़ने लगा।
भाभी मेरा सारा रस पी गई।
उसके बाद हमने चुदाई के दो राउंड रात को और 3 अगले दिन दोपहर तक लगाए।
मैंने भाभी को अलग अलग पोज में और भैया के साथ अदला बदली करते हुए चोदा।
कभी मेरा लोड़ा भाभी के मुंह में तो भैया का उनकी चूत में, कभी मेरा लोड़ा भाभी की चूत में तो भैया का मुंह में।
मैंने भाभी के चूचों के बीच लंड देकर भी रगड़ा जो उन्हें बहुत पसंद आया।
भाभी ने केवल दो छेद में ही लिया और अपनी गांड नहीं मरवाई।
मैंने एक दो बार उंगली डालने की कोशिश की लेकिन उन्होंने मना कर दिया और बोली- मुझे पीछे अच्छा नहीं लगता।
मैंने मनाने की कोशिश की लेकिन वे नहीं मानी।
भैया बोले- इसको पसंद नहीं है. मैं भी बोल बोल के थक गया।
मैं समझ गया और दुबारा नहीं बोला।
हमने थ्रीसम तो कर लिया लेकिन मेरी एक साथ चूत और गांड मारने की सेक्स फैंटेसी बाकी रह गई।
कभी डबल पेनेट्रेशन हुआ तो आप लोगो के साथ जरूर साझा करूंगा।
आशा करता हूं आपको मेरी कहानी पढ़ने में बहुत मजा आया।
दोस्तो, आपको मेरी आप बीती कैसी लगी, मुझे मेल करके जरूर बताएं।
Free Sex Kahani पढ़ने में अपना कीमती समय लगाने के लिए धन्यवाद।

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