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पापा ने माँ को चोदना और लड़को की गांड मारना सिखाया - Antarvasna Sex Stories

दोस्तो, मेरा नाम अनुज है, मैं अलीगढ़ शहर, वेस्ट यूपी में रहता हूँ. अभी मेरी उम्र 24 साल है और मैं एक अच्छा दिखने वाला लड़का हूं मैं अभी अपनी पढ़ाई ही कर रहा हूं


दोस्तो, जब मैं 18 वर्ष का था तो पापा मेरे फ्रेंड बनने की कोशिश कर रहे थे.

हम लोग हर बात को शेयर करते थे लेकिन उससे मुझे शिकायत थी कि उन्होंने मुझे चुदाई नहीं सिखाई.


यह Antarvasna Sex Stories मेरे सामने मम्मी पापा की चुदाई की है.


मैं अपने पापा के साथ ड्रिंक करने लगा था. मम्मी भी कभी कभी साथ में ड्रिंक कर लेती थीं.

हम तीनों बिंदास और फ्रेंडली एन्जॉय करते थे.


कभी कभी पापा का मूड बन जाता था, तो वो टीवी पर ब्लू-फिल्म लगाते हुए ड्रिंक करते थे.

मैं भी उनके साथ ब्लू-फिल्म का मजा लेने लगता था.


एक दिन ऐसे ही पापा सनी लियोनी की चुदाई देख रहे थे.

मैं भी बगल में था.


हम दोनों ड्रिंक कर रहे थे. हमारे चार चार पैग हो गए थे. मम्मी दो पैग लेकर किचन में चली गई थीं.


पापा ने सनी लियोनी की चुत देख कर कहा- साली ने न जाने कितने लौड़े खा लिए होंगे.


मुझे सनी लियोनी के दूध बड़े मस्त लग रहे थे और वो एक काले हब्शी का लंड चूस रही थी.


मैंने कहा- पापा, इस साली से मैं अपना लंड चुसवा लूं … तो मजा आ जाए.

पापा हंसने लगे और बोले- अरे बेटा, लंड किसी से भी चुसवा ले और अपने मन में महसूस कर ले कि सनी लियोनी लंड चूस रही है … तो सेम वही मजा आ जाएगा.


मैं हंसने लगा.


इस तरह से हम दोनों सेक्स का खुला मजा लेने लगे थे.


एक दिन मैंने पापा के साथ ड्रिंक करते समय उनसे अपनी पुरानी इच्छा जाहिर की- मुझे अब आप दोनों की चुदाई देखनी है. मुझे चुदाई सीखनी है.


पापा बोले- यह सब चीजें तो अपने आप उम्र के हिसाब से आ जाती हैं, इसको सिखाने की कोई जरूरत नहीं होती है.

मैंने कहा- मुझे आप दोनों को बिल्कुल नंगा देखना है और आप दोनों के अंग छूकर देखना है. यह तो मेरा हक भी है कि मुझे जन्म देने वाले मम्मी पापा को नंगा देखूं.


पापा बोले- ये कोई बड़ी बात नहीं है, तू मेरा बेटा है. मुझे और अपनी मम्मी को नंगी देखने का तुझे पूरा हक है. बस थोड़ा इंतजार करो.

मैंने कहा- ठीक है.


फिर एक रात को मैं अपने कमरे में लेटा था. मुझे नींद नहीं आ रही थी. बगल के कमरे में पापा मम्मी लेटे थे.


मैं पापा मम्मी को नंगी देखने की सोच कर मन ही मन उत्तेजित हो जाता है और पापा द्वारा मम्मी की चुदाई की कल्पना कर रहा था.

मेरा लंड भी तन कर खड़ा था और मेरी चड्डी फाड़ने पर उतारू था.


तभी पापा की कमरे से फुसफुसाने की आवाज सुनाई देने लगी.

मैं पापा के कमरे के गेट के पास जाकर कान लगाकर सुनने लगा.


पापा मम्मी से कह रहे थे- आज हम दोनों को अपने बेटे को इसी कमरे में सोने देना चाहिए.

मम्मी बोलीं- अब वो बड़ा हो गया है और जवान भी हो गया है. उसके साथ एक कमरे में सोना ठीक नहीं है.


पापा बोले- हां मैं जानता हूं कि वह बड़ा हो गया और उसका लंड खड़ा भी होने लगा है. मगर जान, वह हमारा एकलौता बेटा है, हमें उसकी बात मान लेना चाहिए. अपने बेटे से शर्म कैसी … अगर हम लोगों को वह नंगा देख भी लेगा और चुदाई करते देख भी लेगा, तो क्या हो जाएगा. आगे उसको भी तो यही सब करना है. वो ढंग से चुदाई करना भी सीख जाएगा. वैसे भी वो मेरे साथ बैठ कर ब्लू-फिल्म तो देखता ही है. उस वक्त वो तुम्हारी नाइटी से साफ़ दिखने वाले मम्मे भी देखता ही है.


मम्मी मना करने लगीं और कहने लगीं- वो सब मैंने आपके कहने पर एक हद तक मान लिया था. पर उसके सामने आपके लौड़े से चुदाना … न बाबा न … मुझे शर्म आती है.


पापा कहने लगे- अबे यार, वो जब छोटा था, तब मैं उसके सामने ही तुम्हें नंगी करके चुदाई करता था, तब तुम्हें शर्म नहीं आती थी. आखिर वो निकला तो तुम्हारी चुत से ही है ना!


मम्मी- वो बात अलग थी. तब उसे चुदाई का ज्ञान नहीं था. मगर अब वो लंड चुत चुदाई की फिल्में देखता है, तो मुझे उसके सामने नंगी होने में शर्म आएगी.

पापा बोले- यदि हम उसकी शर्म खत्म नहीं करेंगे तो वो कहीं और ये सब करेगा. कहीं रंडियों के चक्कर में पड़ गया, तो कहीं किसी बीमारी में न फंस जाए.


अब मम्मी कुछ नहीं बोलीं.


तो मैं समझ गया कि मामला फिट हो गया है. इसके बाद मैं बिना एक पल की देर करे, पापा के कमरे में घुस गया और सीधा पलंग पर जाकर बैठ गया.


अचानक से मुझे कमरे में आया देखकर पापा मम्मी हड़बड़ा गए.

मैंने देखा पापा मम्मी नंगे लेटे थे.

पापा मम्मी के जिस्म पर केवल चड्डी भर थी. मैंने भी केवल चड्डी ही पहन रखी थी, बनियान तो मैं अपने कमरे में ही उतार आया था.


मैंने पापा के पास जाकर उनके कान में कहा- पापा मुझे यहीं लेटने दो.

पापा बोले- ठीक है.


मैं पापा के पास लेट गया और उनका लंड दबाने लगा.

मम्मी ने अपने शरीर पर चादर ओढ़ ली और पापा के कान में कुछ कहने लगीं.


इससे पहले कि वह कुछ और कह पातीं, पापा ने मम्मी के होंठों पर अपने होंठ रख दिए और होंठों का रस पीने लगे.

इधर मैंने पापा का लंड चड्डी से बाहर निकाला, तो देख कर दंग रह गया.


पापा का लंड एकदम गोरा और साढ़े सात इंच का था. पापा के लंड पर एक भी बाल नहीं था.

मैंने पापा की चड्डी पूरी उतार दी और उनका लंड हिलाने लगा.


थोड़ी देर बाद मैंने मम्मी के ऊपर से चादर हटाना चाही तो मम्मी ने चादर पकड़ ली.


मैंने कहा- पापा, मुझे मम्मी को भी नंगी देखना है.

पापा बोले- ठीक है, जो करना है कर ले.


मैंने मम्मी के ऊपर से चादर खींच कर अलग कर दी और मम्मी की चूचियों को भूखी नजरों से देखने लगा.


पापा ने मम्मी के होंठों पर किस करना जारी रखा और मैंने उसी समय अपनी मम्मी का एक दूध अपने मुँह में ले लिया.

मैंने मम्मी के मम्मे को चूसना शुरू कर दिया.


मेरी देखा देखी दूसरा वाला चूचा पापा ने मुँह में दबा लिया.

अब बाप बेटे दोनों मिल कर मम्मी का दूध चूस रहे थे. मम्मी ने अपनी आंखें बंद कर ली थीं और मजे से हम दोनों से अपने दोनों मम्मे एक साथ चुसवा रही थीं.


कुछ देर बाद पापा ने मम्मी की चड्डी के अन्दर उंगली डाल दी तो मम्मी की एक आह निकल गई.

इससे मेरी नजर उनकी चुत पर चली गई.


पापा ने मम्मी की चुत में उंगली करना शुरू कर दिया था. थोड़ी देर बाद मम्मी भी हम दोनों का साथ देने लगीं.


मैंने मम्मी की चड्डी उतार कर अलग कर दी.

पापा के लंड की तरह मम्मी की चुत गोरी थी और उस पर एक भी बाल नहीं था.

मम्मी की चुत एकदम गुलाबी थी.


मैंने पापा भी उंगली निकालकर मम्मी की चुत जीभ से चाटना शुरू कर दिया.


थोड़ी देर बाद मम्मी के मुँह से आह आह की आवाज निकलने लगी.


मैंने मम्मी से कहा- मम्मी अपनी दोनों टांगों को फैला दो … मुझे आपकी चुत अन्दर से देखना है.

अब मम्मी ने बिंदास अपनी टांगें फैला दी थीं.


मैंने मोबाइल की टॉर्च जलाकर मम्मी की चुत अन्दर से देखी, मुझे अपनी मम्मी की चुत अन्दर से देखना बहुत मस्त लग रहा था.


चुत के अन्दर रस भरा हुआ था और उनकी फांकों के बीच में दाना एकदम कड़क दिख रहा था.


मम्मी ने मेरे सर पर हाथ फेरा और बोलीं- कैसी दिख रही है बेटा … अच्छी लगी या नहीं?

मैंने कहा- मम्मी आपकी चुत बहुत शानदार है. ऐसी लाल चुत तो मैंने अभी तक ब्लू-फिल्म में भी नहीं देखी.


मम्मी मेरी बात से खुश हो गईं.


अब मैंने अपनी चड्डी भी उतार दी और नंगा हो गया.

मेरा लंड भी पापा की तरह साढ़े 7 इंच का गोरा लंड था. जब भी मैं इस पर अपना हाथ चलाता हूं तो ये गुलाबी हो जाता है.


इससे पहले कि मैं कुछ कर पाता, पापा बोले- चलो, मैं तुझे चुत चोदना सिखाता हूं और बताता हूं कि संभोग कैसे किया जाता है.


अपने लंड पर पापा ने थूक लगाया और मम्मी को पीठ के बल पलंग पर लेटा दिया.


पापा ने अपने लंड को मम्मी की दोनों टांगें फैलाकर पापा ने अपने लंड को सैट किया और एक ही झटके में अपना पूरा लंड मम्मी की चुत में ठांस दिया.

मम्मी की हल्की सी आह निकली और उन्होंने पापा के लौड़े को अपनी चुत में चबा लिया.


पापा मम्मी के ऊपर लेट गए और कमर आगे पीछे करके मम्मी की चुत में लंड के झटके देना शुरू कर दिए.


मम्मी की चुत चुदाई के साथ ही पापा ने उनके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और अपने दोनों हाथों से मम्मी के दूध दबाने लगे.


मैंने पहली बार इतनी पास से किसी की चुदाई देखी थी.

मेरी तबीयत भी मस्त हो गई.

पापा के लंड को चुत के अन्दर जाते और बाहर आते देख कर मैं बेकाबू होने लगा.


मैंने भी उधर ही पापा मम्मी की चुदाई देखते हुए लंड हिलाना शुरू कर दिया और मुठ मारने लगा.


कुछ देर बाद पापा ने मम्मी की चुदाई पूरी कर ली और झड़ने को आ गए.


पापा ने मम्मी की चुत से लंड खींचा और मम्मी के मम्मों पर लंड झाड़ना शुरू कर दिया.

उसी समय मेरा मुठ भी निकलने लगा और मैंने पापा की तरफ देखा तो उन्होंने हां में इशारा कर दिया.


मैंने अपने लंड का रस भी मम्मी की चूचियों पर झाड़ दिया. चुदाई के बाद हम तीनों सो गए.


एक घंटे बाद पापा ने मम्मी को फिर से जगाया.

इस बार पापा मेरी मम्मी की गांड मारने वाले थे.


मम्मी बोलीं- पीछे की चुदाई मत करो यार … बहुत दर्द होता है.

पापा ने कहा- आज तेल लगा कर तेरी गांड मारूंगा. जब से बेटा पैदा हुआ है, तब से तेरी चुत ढीली हो गई है … चुत चुदाई में मजा नहीं आता. आज जब तक मैं तुम्हारी गांड नहीं मार लूंगा, तब तक मुझे चैन नहीं मिलेगा.


फिर पापा ने मुझसे कहा- जा व्हिस्की की बोतल उठा ला. तेरी मम्मी को पिला दूंगा, तो इसको दर्द नहीं होगा.


मैंने झट से दारू की बोतल ले आया.

पापा ने मम्मी के मुँह से बोतल लगा दी और मैं देख कर हैरान रह गया कि मम्मी ने चार बड़े बड़े घूंट नीट ही लगा लिए थे.


उनके हाथ से बोतल लेकर पापा ने भी चार घूंट खींचे और मुझे बोतल पकड़ा दी.

मैंने भी एक सिप नीट लिया तो मुझे बड़ी कड़वी लगी. मैंने गिलास में पैग बना कर गटक ली.


अब मम्मी मस्त हो गई थीं. पापा ने उनको घोड़ी बना दिया और उनकी गांड में तेल लगाकर उंगली करने लगे.


थोड़ी देर में मम्मी की गांड चुदाई के लिए तैयार हो गई तो पापा ने अपने लंड पर तेल लगाया और एक ही झटके में मम्मी की गांड में डाल दिया.

मम्मी के मुँह से चीख निकल गई, लेकिन पापा ने मम्मी को नहीं छोड़ा.


पापा ने मम्मी की गांड मारना जारी रखा. पापा के लंड के जोरदार झटकों से मम्मी का बुरा हाल हो गया था.

लेकिन पापा को इसकी परवाह नहीं थी.


तभी पापा के इशारे पर मैंने मम्मी की चुत में उंगली करना शुरू कर दी.

बाद में मैंने मम्मी की चुत चाटी.


अब मम्मी को भी मज़ा आने लगा था. मम्मी ने पूरी मस्ती से पापा से अपनी गांड चुदाई करवाई.

रोज-रोज मम्मी पापा की चुदाई देखकर मैं भी बेकाबू होने लगा. मुझे रोज मुठ मारनी पढ़ती थी.

मुझे भी किसी की चुत या गांड तलाश थी, जिसकी मैं चुदाई कर सकूं.

लेकिन यह संभव नहीं हो पा रहा था.


मेरे पापा भी अच्छी तरह से जानते थे कि मुझे चुदाई करने की बहुत इच्छा हो रही है … लेकिन उनसे भी कुछ नहीं हो पा रहा.

पापा, मम्मी की चुदाई मुझे करने देने के मूड में नहीं थे.

मैं भी ये नहीं चाहता था.


यह देसी गांड चुदाई कहानी मेरे पहले सेक्स की पर गांड मारने की कहानी है.


जब दीवाली का त्यौहार आया तो हम सभी लोग अपने गांव गए.

हमारे गांव में परम्परा थी कि दीवाली के दूसरे दिन गांव के कमजोर वर्ग के बड़े घरों के लोगों की मालिश करने आते थे और बदले में उनको खाना पीना पैसा आदि मिलता था.


दीवाली के दूसरे दिन एक नई उम्र का जवान लड़का हमारे घर पर मालिश करने आया.

पापा उसको लेकर ऊपर वाले कमरे में चले गए और अपनी मालिश करवाने लगे.


मैंने सोचा चलो देखते हैं कि मालिश कैसे होती है.

मैं कमरे के पास खड़ा होकर दरवाजे से छिपकर सब देखने लगा.


उस लड़के ने पापा के पूरे शरीर की मालिश की, हाथ पैर की, पेट की मालिश की.

तब पापा के बदन पर केवल चड्डी थी. चड्डी में पापा का लंड खड़ा साफ दिख रहा था.


पापा ने अपनी चड्डी नीचे खिसकाते हुए लड़के से कहा- चल अब लंड की मालिश कर दे.

वो लड़का पहले तो शर्माया.


पापा ने उसका हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया और उसका लंड पकड़ कर दबाने लगे.


थोड़ी देर तक ऐसा ही चलता रहा, फिर जब उस लड़के का लंड भी खड़ा हो गया तो वो भी पापा का लंड सहलाने लगा.

उस लड़के के पजामे में उसका लंड खड़ा साफ दिख रहा था.


अब उस लड़के ने पापा के लंड की मालिश करना शुरू कर दी.

पापा ने कुछ पल बाद लड़के को नंगा कर दिया और उसका लंड पकड़ कर हिलाने लगे.


लड़का भी मस्त हो गया.


ये सीन देखकर मैं भी बेकाबू होने लगा तो मैंने भी अपने कपड़े उतार डाले और सिर्फ चड्डी पहने हुए कमरे में घुस गया.


मुझे अचानक कमरे में देखकर वो लड़का घबरा गया.

मगर मेरे पापा सामान्य थे.


वो उस लड़के से बोले- कोई बात नहीं … सब ठीक है.


पापा ने लड़के को फिर से अपना लंड पकड़ा दिया.


लड़का बोला- अंकल जी व्..वो …

पापा बोले- अबे कुछ नहीं है … हम दोनों के बीच में कोई पर्दा नहीं है. वो सब कुछ जानता है.


इसी बीच मैंने उस लड़के का लंड पकड़ लिया और मसलने लगा.


वो कुछ तक समझ पाता कि मैंने उसका लंड मुँह में ले लिया और चूसने लगा. वो भी लंड चुसवा कर मस्त हो गया.


जब लड़का मस्त हो गया, तो मैंने उसकी गांड में तेल लगाकर उंगली करना शुरू कर दी.


लड़का मना करने लगा और कहने लगा- उधर उंगली मत करो, दर्द होता है.

मैंने कहा- क्या उंगली से ही दर्द होता है?

वो बोला- नहीं उंगली से तो मजा आता है, लेकिन इसके बाद जब आप उंगली की जगह लंड पेलोगे तो दर्द होगा.


मैंने कहा- पहले कभी मरवाई नहीं है क्या?

वो बोला- हां काफी बार मरवाई है.


अब पापा बोले- तो भोसड़ी के हमारे लंड में क्या कांटे लगे हैं, जो तुझे दर्द होने लगेगा.


वो पापा से कुनमुनाने लगा- नहीं अंकल जी आपके में कांटे तो नहीं हैं, लेकिन गांड में लेने के बाद दो दिन तक हाजत सही से नहीं होती.


पापा- तुम सूखी गांड मरवाते होगे इसलिए ऐसा होता है. यदि तुम ज्यादा तेल या क्रीम लगवा कर गांड मरवाओगे तो तुम्हें जरा भी दर्द नहीं होगा. बल्कि सही से पेट साफ़ होने लगेगा और मजा भी आएगा.


वो पापा की तरफ हैरानी से देखने लगा.


पापा ने उसे अपनी तरफ खींचा और कहा- चल आज मैं तुझे सिखाता हूँ कि गांड कैसे मारी जाती है.


वो असमंजस में था लेकिन उसका मन बन गया था.


पापा ने उसे औंधा लेटने को कहा और लेटी हुई अवस्था में उससे घुटनों पर होकर गांड उठाने को कहा.

उसने पोजीशन ले ली.


फिर पापा ने उससे पैर खोलते हुए गांड खोलने का कहा.

वो अपनी गांड खोल कर तैयार हो गया.


अब पापा ने तेल की शीशी से उसकी गांड पर तेल टपकाना शुरू किया.


मैं बड़े ध्यान से देख रहा था कि उस लड़के की गांड में तेल भरता जा रहा था.


पापा ने उससे कहा- गांड ढीली कर और तेल अन्दर तक जाने दे.


उसने अपनी गांड के फूल को खोलना बंद करना शुरू कर दिया.


पापा ने रुक रुक कर तेल टपकाना जारी रखा और उसकी गांड तेल से लबालब हो गई.


अब पापा ने मुझे इशारा किया कि गांड में उंगली डालो और तेल को अन्दर तक डालते हुए गांड की मालिश करो.


मैंने उस लड़के की गांड में अपनी एक उंगली डाली और तेल के कारण उंगली बड़ी आराम से अन्दर सरक गई.

उसने भी कुछ नहीं कहा और वो मेरी उंगली का मजा लेने लगा.


पापा ने तेल और टपकाया तो उस लड़के को और मुझे काफी मजा आने लगा.

उसने अपनी गांड हिलानी शुरू कर दी तो मैंने देखा कि उसके गोटे हिल रहे थे और गोटों पर भी तेल जा रहा था.


मैंने एक हाथ से उसके गोटे सहलाने शुरू कर दिए और कभी कभी मैं उसके लौड़े को भी सहला देता जा रहा था.


अब उसने अपनी गांड हिलानी शुरू कर दी थी.


मैंने पापा की तरफ देखा तो पापा ने आंख मार दी.

और मैंने दूसरी उंगली भी गांड में पेल दी.


उसे और मजा आने लगा.


मैंने कुछ देर उंगली चलाई तो पापा ने और तेल टपका दिया.

इधर मैं उसका लंड भी मसल रहा था.


वो एकदम से कामुक हो गया और बोला- अंकल अब लंड डालो, मजा आ रहा है.


पापा खुश हो गए और मुझसे बोले कि चढ़ जाओ और लंड इसकी गांड में पेल दो.

मैंने कहा- पहले आप मार लो, मैं देखूंगा.


पापा ने उसे कमर से पकड़ा और लंड उसकी गांड के छेद पर टिका कर दाब दी तो सुपारा गांड में घुस गया.


उसकी हल्की सी आह निकली और मैंने पापा के हाथ से तेल की शीशी लेकर लंड और गांड के जोड़ पर तेल टपकाना शुरू कर दिया.


गांड में तेल की अधिकता होने से पापा का लंड आराम से अन्दर जाने लगा.


कुछ ही देर में पापा का पूरा लंड उस लड़के की गांड में अन्दर तक जा चुका था.


तभी पापा बोले- मजा आ रहा है लौंडे … देखा हम लोग तेरी बहुत प्यार से ले रहे हैं. तुझे दर्द नाम का भी नहीं होगा.

वो कहने लगा- हां अंकल जी, आज तो मुझे बड़ा मजा आ रहा है.


बस मैंने ये सुना तो उसका लंड हिलाना चालू कर दिया.


आज पहली बार मैं किसी लड़के की गांड मारते हुए देख रहा था.


कुछ ही देर में धकापेल शुरू हो गई और दस मिनट बाद पापा ने अपना माल उसकी गांड में ही छोड़ दिया.

इसी बीच मैंने उसके लौड़े को भी हिलाया था तो वो भी झड़ गया था.


पापा के झड़ने के बाद मैंने लड़के के मुँह में अपना लंड डाल दिया और लड़का लंड चूसने लगा.

एक हाथ से वो पापा का लंड पकड़े था.


कुछ देर बाद पापा ने उससे कहा कि जाकर गांड धोकर आ जा, अब भैया तेरी गांड मारेगा.

वो गांड धोकर आ गया.


अब पापा ने फिर से उस लड़के की गांड में तेल लगाया और उसके छेद में उंगली डाल दी.

लड़का फिर से सिहर गया लेकिन उसने कुछ कहा नहीं.


मैंने पापा को आंख मार कर इशारा किया कि मुझे इस लड़के की गांड मारना है.

पापा ने भी अपनी आंख दबाकर मुझे गांड मारने की इजाजत दे दी.


मैंने उस लड़के को घोड़ी बनाने की कोशिश की तो लड़का घोड़ी बन गया.


पापा ने उठकर लड़के के दोनों हाथ पकड़ लिए और कमर पकड़ कर अपनी ओर झुका लिया.


मैंने अपनी लंड में ढेर सारा तेल लगा कर लड़के की गांड के मुहाने पर रख कर रगड़ना शुरू कर दिया.


लड़का रुकने को कह रहा था लेकिन मेरे लंड से रुका नहीं जा रहा था.


पापा ने इशारा दिया, तभी मैंने एक जोरदार झटका दे दिया और मेरा सुपारा लड़के की गांड के अन्दर चला गया.

लड़का दर्द से चीख पड़ा लेकिन मैंने उसको नहीं छोड़ा और झटके देना शुरू कर दिए.


पापा ने मुझे रोका और समझाया कि गांड में लंड डालते समय हमेशा इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि लंड धीरे धीरे अन्दर जाए और गांड में चिकनाहट बढ़िया हो. क्योंकि चुत खुद से रस छोड़ती है जबकि गांड एक बूंद भी रस नहीं छोड़ती है. लिहाजा तेल ज्यादा होना चाहिए.


मैं समझ गया कि गांड मारने की तकनीक क्या है.


थोड़ी देर में मेरा पूरा लंड लड़के की गांड के अन्दर घुस गया था.

लड़के के चेहरे से भी अब सुकून दिख रहा था.


पापा ने लड़के के मुँह में अपना लंड दे दिया और उसका लंड पकड़ कर दबाने लगे.


लड़का थोड़ी देर में मस्त हो गया और मेरा सहयोग करने लगा. कुछ मिनट के बाद मैं उसकी गांड में ही झड़ गया.


वो हम दोनों से गांड मरवा कर बहुत खुश हुआ.

इसके बाद पापा ने दीवाली की इनाम वगैरह देकर उसे विदा कर दिया.


जाते समय पापा ने उस लड़के से कह दिया कि तुम रोज मालिश करने आना.


वो भी समझ गया कि बाप बेटे दोनों के लंड से गांड की खुजली मिटेगी और गांड में दर्द भी नहीं होगा.


दोस्तो, पहली बार में मुझे गांड चुदाई करने मिली थी. चुत चोदना अब भी शेष था.

मुझे विश्वास था कि पापा जल्दी मेरे लिए चुत का बंदोबस्त कर देंगे.


उसके बाद एक हफ्ते तक हम लोग गांव में रहे और रोज हम दोनों ने उस लड़के की गांड मारी और जमकर मजा किया.


मैंने घर पहुंचकर पापा से कहा कि लड़के की गांड मारना तो ठीक रहा मगर अब चुत का बंदोबस्त भी कीजिए. वरना मैं तो गांडू बन कर रह जाऊंगा.


पापा ने कहा- किसी की एक बार गांड मार लेने से कोई गांडू नहीं बन जाता है बेटा. हर जवान लड़के को एक दूसरे के लंड देखने और पकड़ने का शौक होता है और कभी-कभी लड़के की गांड मारना गलत नहीं है. इससे कोई भी समलैंगिक नहीं हो जाता. मैं भी तेरी मां की गांड मारता हूं तो क्या मैं गे हूँ. यदि गांड चुदाई ही ठीक रहती … तो तुम कैसे पैदा होते. तुम एक उभयलिंगी हो, जो दोनों के साथ संभोग कर सकते हो.


पापा से ये सुनकर मेरा आत्मविश्वास काफी बढ़ गया और मैं फिर से चुत की चर्चा करने लगा.


तो पापा बोले- अब तुम मम्मी की चुदाई देख देख कर काफी कुछ सीख गए हो. जैसे ही मेरी नजर में कोई चुत मिलती है मैं तुम्हारे लिए उसे सैट करने की कोशिश करूंगा. तुम भी अपनी कोशिश जारी रखो.


पापा की बात सुनकर मैंने ओके कह दिया और घूमने निकल गया.


दोस्तो, आपको मेरी Antarvasna Sex Stories कैसी लगी, प्लीज़ मेल करें.

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