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पार्लर वाली लड़की मुझसे दोस्ती करके चुद गई - Antarvasna Sex Stories

दोस्तो, मेरा नाम बदला हुआ नाम रोहन है.

मैं आज आपको एक सच्ची घटना सुनाने जा रहा हूँ. यह एक पार्लर वाली लड़की की चुदाई की है.


उस लड़की का फिगर 32-28-34 एकदम मस्त था.

जो भी देखे उसको … उसे चोदने के बिना नहीं छोड़ता.


इस Antarvasna Sex Stories में लड़की का बदला हुआ नाम नीलम है. यह बात आज से तीन साल पुरानी है.


उन दिनों हम लोग चंडीगढ़ से एक टूर पर गए थे.

वहां मेरी मुलाकात नीलम से हुई.


आगे बढ़ने से पहले मैं आपको बता दूँ कि मैं उत्तर प्रदेश के बिजनौर का रहने वाला हूँ.

दिखने में हैंडसम हूँ और स्वभाव से भी बहुत मस्त मौला किस्म का इंसान हूँ.


उस टूर में बस में ही मेरी नीलम से मुलाकात हुई थी.

उस बस का सारा जिम्मा मुझे सौंपा गया था इसलिए सभी के नंबर मेरे पास थे.


मैंने सबको कॉल किया और उसी दौरान नीलम को भी कॉल किया.

उस टूर से पहले मेरी उससे कोई जान-पहचान नहीं थी.


रात के ग्यारह बजे की बात है, हम सब बस में बैठे थे.


तभी मेरे पास नीलम का मैसेज आया, जिसमें लिखा था- कहां हो?

मुझे नहीं पता था कि मैसेज किसका है.


मैंने पूछा तो उसने जवाब दिया- मैं नीलम हूँ.

मैंने कहा- कौन नीलम?


उसने कहा- पीछे मुड़कर देखो.

मैंने पीछे देखा और उसे देखता ही रह गया.


उसकी आंखों में शोखी थी तो एक नजर में ही मामला सैट हो गया.

मैंने उससे चैटिंग शुरू कर दी.


रात में जब बस एक होटल पर रुकी तो मैंने नीलम को चाय के लिए पूछा.


पहले तो वह मना करने लगी लेकिन मेरे बार-बार कहने पर वह मान गई.


इस टूर के बाद हम सब अपने-अपने घर चले गए.


उसने कहा- मैं घर जाकर बात करूँगी.

मैंने भी ‘ठीक है.’ कह दिया.


सुबह हम लोग अपने घर पहुंच गए थे.

शाम को नीलम का कॉल आया.

मैं भी उसका इंतजार कर रहा था.


फिर हमारी बातें शुरू हो गईं.

कई दिनों तक हमारी बातें चलती रहीं.

धीरे-धीरे बातें सेक्सी होने लगीं.


मैंने नीलम को मिलने के लिए कहा.

उसने बताया कि वह पार्लर में है.


मेरे घर से उसके घर की दूरी करीब सोलह किलोमीटर थी.

उसने कहा- मैं पार्लर पहुंचकर तुम्हें कॉल करूँगी.


सोलह नवंबर को नीलम ने मुझे पार्लर बुलाया.

वहां हम ज्यादा कुछ नहीं कर पाए क्योंकि पार्लर में बहुत दिक्कत होती है.


जब मैं नीलम के पास से घर लौटा तो हमारी फिर से बातें होने लगीं.

नीलम भी अब सेक्स के लिए पूरी तरह तड़प रही थी.


आखिरकार हमें वह मौका मिल ही गया जिसका हमें इंतजार था.


मेरे दोस्त के घरवाले एक दिन किसी शादी में गए हुए थे.


मैंने नीलम को कॉल किया और मिलने के लिए कह दिया.


नीलम भी कई दिनों से बेकाबू थी.


हम दोनों अपने-अपने घर से निकले और सुबह ग्यारह बजे मेरे दोस्त के घर पहुंच गए.


मैंने नीलम को रूम में घुसते ही पकड़ लिया और उसे चूमने लगा.

नीलम भी मेरा पूरा साथ दे रही थी.


करीब बीस मिनट तक हमारा चुम्बन चलता रहा.


इसके बाद मैंने एक-एक करके उसके सारे कपड़े उतार दिए.

नीलम का फिगर कमाल का था.


मैं थोड़ी देर उसे बस ऐसे ही देखता रहा.

फिर मैंने दोबारा उसका चुम्बन लेना शुरू कर दिया.


उसके होंठों से शुरू करके, उसके बूब्स को चूसते हुए मैं नीचे उसकी चूत तक पहुंच गया.


नीलम पागल-सी हो गई थी, उसकी आवाजें पूरी तरह बदल गई थीं.

वह ‘हुं … हुं … आह ..’ करती जा रही थी और मेरे सिर को अपने पैरों के बीच में दबाए जा रही थी.


मैं नीलम की चुदाई अपनी जीभ से कर रहा था और मुझे भी बहुत मजा आ रहा था.


नीलम एक बार झड़ चुकी थी और चिल्ला रही थी- रोहन, प्लीज मुझे चोद दो!

उस गर्म लड़की ने मेरे कपड़े उतारने शुरू कर दिए.


मेरे सारे कपड़े उतरने के बाद मेरा लंड अपनी पूरी अकड़ में खड़ा था.

नीलम मेरे लंड को देखकर उस पर टूट पड़ी.

उसने मेरे लंड को अपने मुँह में ले लिया.


मैं उस लम्हे को बयान नहीं कर सकता कि मैं कैसा महसूस कर रहा था.

नीलम मेरे लंड को बड़े मजे से चूस रही थी.


हम दोनों 69 की पोजीशन में थे.

हम दोनों एक बार अपना पानी छोड़ चुके थे.


इसके बाद हम फिर से चूमने लगे.

मेरे लंड ने फिर से अपनी अकड़ दिखानी शुरू कर दी.


मैंने नीलम से कहा- घोड़ी बन जा!

नीलम तुरंत लंड लेने के लिए घोड़ी बन गई.


जैसे ही मैंने धक्का मारा, नीलम आगे की ओर गिर पड़ी.


मैंने उसे पीछे से पकड़ा और उसकी चूत पर अपना लंड सही से सैट किया.

फिर उसकी चूत में पेल दिया.


उसकी चीख निकल गई, मैंने धक्के लगाना शुरू कर दिया.


अब नीलम भी चुदाई का मजा लेने लगी.

वह बड़बड़ाने लगी- रोहन और जोर से करो ना!


नीलम की चुदाई करते-करते मैंने उसे सीधा लेटा दिया और उसके ऊपर आ गया.


उसकी टांगें अपने कंधों पर रख लीं और एक हाथ से उसके बूब्स दबाने लगा.

मैं उसे चोदता रहा.


चुदाई करते-करते नीलम ने दो बार पानी छोड़ दिया.

हमारी चुदाई का खेल तीस मिनट तक चला, जिसमें वह दो बार झड़ चुकी थी.


मेरा भी निकलने वाला था.

मैंने उससे कहा, तो नीलम बोली- चूत में ही छोड़ दो.

मैं दो-तीन धक्कों में उसके ऊपर ढेर हो गया.


इसके बाद हमने एक बार और चुदाई की.


उस चुदाई में मैंने उसकी गांड भी मारी और हमारी दमदार चुदाई का खेल देर तक चलता रहा.


अब नीलम की शादी हो चुकी है और उसका एक बेटा भी है.

वह बेटा मेरा ही है.


वह अपने घर में खुश है.


यह मेरी सच्ची सेक्स कहानी है, आपको कैसी लगी Antarvasna Sex Stories … प्लीज जरूर बताएं.

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