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फौजी किराएदार ने मेरे जिस्म का भोग लगाया - Indian Sex Stories

यह Indian Sex Stories एकदम सच्ची है.


मेरा नाम निशा है और मेरी उम्र 21 साल है. मेरा कद 5 फुट 6 इंच है. मेरे बूब्स 34 इंच के, कमर 30 की और मेरी गांड 36 की है.

मेरे होंठ गुलाबी हैं और मेरा रंग गोरा है.


मेरे दूध व चूतड़ एकदम उठे हुए हैं. मेरे बूब्स बिना ब्रा के एकदम तने रहते हैं.

जब मैं चलती हूं तो मेरे चूतड़ स्पंज की तरह ही हिलते हैं और मेरे बूब्स भी स्प्रिंग की तरह उछाल लेते रहते हैं.


मैं कॉलेज में ग्रेजुएशन कर रही हूँ और सेकंड इयर में हूं.


मेरी सभी सहेलियां ओपन माइंडिड हैं. वे सब अपने अपने ब्वॉयफ्रेंड की सेक्स की बातें बताती हैं और उनके साथ खुल कर चुदाई करती भी हैं.

उनकी सेक्सी बातों से मुझे भी काफी अच्छा लगता है.


जबकि मैंने आज तक सेक्स नहीं किया है क्योंकि मेरा अरमान है कि मैं अपनी सील पैक चुत को अपने पति को सुहागरात में तोहफे में दूँगी.


लेकिन मेरी सहेलियों की बातों से मेरे शरीर में अजीब सी कंपन होती है और कामुकता अंगड़ाई लेने लगती है.

इस कारण से मेरी चुत गीली हो जाती है और ऐसा लगता है कि झट से किसी का लंड अपनी चुत में ले लूँ.


हमारा घर काफी बड़ा है और काफी किराएदार भी हैं. सबसे ऊपर वाले फ्लोर पर एक रूम और किचन बाथरूम के साथ एक स्टोर रूम है.


मेरी मम्मी ने वह वाला एक रूम भी किराए पर दे दिया है.

उन्होंने यह कमरा जिसको किराए पर दिया है, वह एक साउथ इंडियन है और फौजी है.


वह साउथ इंडियन फौजी अक्सर मेरे जिस्म को ताड़ते हुए मुझे लाइन मारता है.


मैं अक्सर कपड़े धोने के बाद उन्हें सूखने डालने के लिए ऊपर छत पर जाती, तो उधर फौजी किराएदार मुझे छूने की अक्सर कोशिश करता है.


उसने कई बार मेरी गांड पर भी हाथ मारा है.

मैं जब भी छत पर जाती, तो वह मौका देखकर मेरे बूब्स भी दबा देता.


शुरू में मुझे काफी गुस्सा आया और मैंने उसको काफी डांटा भी, तो वह हंसकर अपने कान पकड़ कर सॉरी बोल देता था … जो मुझे काफी अच्छा लगता.


एक बार उस फौजी किराएदार ने मौका देखकर मुझे अपनी बांहों में जकड़ा और अपने होंठों को मेरे गुलाबी होंठों से लगाकर लंबा चुंबन ले लिया.

इस दौरान मेरे बूब्स उसकी छाती में दब गए.


मुझे गुस्सा तो आया लेकिन मुझे दिल ही दिल में अच्छा लगा.

तो भी मैंने उसे गुस्से से देखा.


मुझे गुस्सा देख कर उसने अपने कान पकड़ कर मुझे सॉरी बोला.

मैं हंस दी और उसे समझ में आ गया कि लौंडिया हंसी तो फंसी.


उसकी यही वाली अदा मुझे अच्छी लगने लगी थी तो मैं भी उससे लगने लगी थी.


अब मैं जब भी छत पर कपड़े सुखाने जाती या कपड़े उतारने जाती या शाम को छत पर घूमने जाती तो वह मेरे इंतजार में रहता और मौका देख कर मुझे अपनी बांहों में दबोच लेता.


जब मैं कपड़े सुखाने जाती तो वह अपने कमरे का दरवाजा खोल कर अपने लौड़े को हिला हिला कर मुझे दिखाता.

मैं भी चोरी चोरी तिरछी नजरों से उसके लौड़े को देखती रहती.


उसका लंड एकदम काला और काफी लंबा मोटा था.

उसके लंड को देखकर मेरी चुत में खुजली होने लगती और जब उसकी आंखें मेरी आंखों से मिलतीं, तो मैं एकदम से आंखें दूसरी तरफ कर लेती.


एक दिन फौजी किराएदार मौका देख कर मुझे अपनी बांहों में दबोचा और अपने कमरे में ले गया.

मुझे ले जाकर उसने अपने बेड पर लिटा दिया और मेरे ऊपर चढ़ गया.


वह मेरे गुलाबी होंठों को चूसते हुए मेरे दोनों बूब्स दबाने लगा.

फिर जल्दी से मेरी टी-शर्ट ऊपर उठा कर मेरी एक चूची मुँह में लेकर चूसने लगा और दूसरे को अपने हाथ से मसलने लगा.


मैं उसका विरोध कर रही थी लेकिन जल्दी ही मैं उसके आगोश में ढीली पड़ती चली गई.


उसने बारी-बारी से मेरे दोनों बूब्स को चूस चूस कर लाल कर दिए.

मेरे बूब्स और ज्यादा कड़क पोजीशन में आ गए. मेरे दोनों मम्मों के निप्पल चूसने के कारण वे भी मोटे होकर तन गए.


फिर वह मेरे पेट से होते हुए नीचे को आया.


उसने मेरे पजामे को नीचे खिसका दिया और अपना मुँह मेरी चुत पर लगाकर चूसने लगा.


मैं अपने होशो हवास खो बैठी और मेरे मुँह से लंबी लंबी सिसकारियां निकलने लगीं- सीई ईई अईई ईईई आह हहह … मर गई आह जोरर से इ आहह!


मेरी आंखें बंद होने के कारण उसने कब अपने कपड़े निकाल दिए कुछ अहसास ही न हुआ, बस जल्दी से वह अपना लंड मेरी चुत में रगड़ने लगा.


मैं लंड की गर्मी अपनी चुत पर पाकर इतनी ज्यादा मस्ती में आ गई कि मुझमें कुछ सोचने समझने की ताकत ही नहीं रही.

वह ऊपर उठकर मेरे बूब्स को मुँह में लेकर चूसते हुए मुझे और ज्यादा चुदासा कर रहा था और साथ ही अपने लंड को मेरी चुत पर रगड़ रहा था.


मेरी चुत काफी गीली होकर बहने लगी थी और अंतत: मैंने अपनी बांहों का हार बना कर उसके गले में डाल दिया.

अपने गुलाबी होंठों से उसके होंठों को चूम लिया.


तभी मम्मी ने नीचे से मुझे जोर से आवाज लगाई- निशा, नीचे आ जल्दी से खाना खा ले.


मैं घबरा गई और बोली- हां मम्मी, आई बस … दो-चार कपड़े और रह गए हैं, उन्हें सूखने डाल कर अभी आई.

मम्मी- हाँ जल्दी से आ जा और गर्म गर्म खाना खा ले.

मैं- आई मम्मी!


फौजी- निशा मेरी जान, तुम बहुत मस्त चीज हो!

मैं- अच्छा कितनी मस्त हूं?


फौजी- तुम अप्सरा जैसी खूबसूरत हो.

तभी मैंने फौजी किराएदार को जल्दी से अपने से अलग किया और कहा- मम्मी बुला रही हैं, जल्दी से हटो.


वर्जिन गर्ल फोरप्ले सेक्स का मजा लेने के बाद मैं अपने कपड़े ठीक करके थोड़ी देर बैठ गई और मैं अपनी सांसों पर कंट्रोल करने लगी.

फिर कपड़ों से खाली हो चुकी बाल्टी को उठाकर जल्दी से नीचे चली गई.


मम्मी ने कहा- खाना खा ले बेटा, अभी एकदम गर्म है. फिर बाद में नहाने चली जाना!

मैं- ठीक है मम्मी.


अब तक मैंने अपनी सहेलियों की बातों से आनन्द उठाया था लेकिन अब मैंने हकीकत में इस आनन्द का मजा लिया तो पता चला कि मेरी सहेलियां सही कहती थीं.


खाना खाने के बाद मैं बाथरूम में नहाने चली गई और नहाती हुई साबुन से अपनी दोनों चूचियों को मलने और सहलाने लगी.

मेरे दोनों बूब्स दबाने और चूसने के कारण लाल हो गए थे.


अब फौजी किराएदार मौका देखकर मुझे अपनी बांहों में लेकर मेरे गुलाबी होंठों को चूसता और मेरे दोनों बूब्स को चूसने लगता व मेरी गांड को दबा दिया करता.


उसकी इन्हीं हरकतों से अब मुझे रात को नींद में भी फौजी किराएदार का लंड हिचकोले लेता दिखता और मेरी गांड में व चुत में घुसता दिखाई देता.


अब मुझे मजा आने लगा था तो मैं खुद छत पर घूमने और जाने का कोई ना कोई बहाना करके जाने लगी.


बल्कि अब तो मैं छत पर जाते समय सीढ़ियां के दरवाजा की कुंडी भी लगाने लगी थी कि न जाने किस घड़ी में मेरी चुत की ओपनिंग हो जाए.


फौजी किराएदार भी बेसब्री से मेरा इंतजार करता और हम दोनों एक दूसरे की बांहों में खो जाते.


एक दिन फौजी किराएदार ने अपने कमरे में मुझे पूरी नंगी कर दिया.

वह अपने सारे कपड़े उतार कर खुद भी नंगा हो गया.


वह मुझे बिस्तर पर अपने शरीर के नीचे दबा कर मसलने लगा और मेरे गुलाबी होंठों को चूसने लगा.


मैं उसके नीचे नंगी दबी हुई मचल रही थी- आह काटने से दर्द हो रहा है … काटो मत न!

फौजी- निशा, तुम्हें नंगी देख कर मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा है! तुम बहुत खूबसूरत और सेक्सी हो!


उसका लंड मेरी जांघों में ठोकरें मार रहा था और वह मेरे दोनों मम्मों को बारी बारी से अपने मुँह में लेकर चूसते हुए मुझे गर्म कर रहा था.

साथ ही उसने अपने दोनों हाथों से मेरी दोनों हथेलियों को फैला कर पकड़ रखा था.


इस तरह से मैं पूरी तरह से दबी हुई थी.


फिर हम दोनों 69 में आ गए.


वह मेरी चुत को मुँह से जोर जोर से चूसने लगा.


मैं- बहुत लंबा मोटा लंड है, मेरे मुँह में नहीं जाएगा.

फौजी- निशा जानेमन, धीरे-धीरे चला जाएगा.


शुरू में तो मुझे उसका लंड अपने मुँह में लेकर अच्छा नहीं लगा लेकिन उसने मेरी चुत को चूस चूस कर मुझे इतनी ज्यादा गर्म कर दिया कि मैं भी अब उसके लौड़े को मुँह में लेकर चूसने लगी.


मेरी मादक सिसकारियां निकलने लगीं- आह आह … मर गई आह … क्या कर दिया तुमने आह!


तभी मेरी चुत से ढेर सारा पानी निकलने लगा.

मैं उसके मुँह में झड़ गई.


उसने मेरी चुत का सारा पानी पी लिया. मुझे अपनी ढीली चुत चटवाने में असीम आनन्द आने लगा.


मेरे मुँह से मादक आवाजें निकलने लगी थीं- आहह हह जोरर से आह हह और जोरर से आह … खा जाओ मुझे आह!


उसका लंड एकदम से अकड़ गया था.

वह खड़ा हो गया और उसने मुझे बैठा दिया.

फिर अपना लंबा व मोटा लंड मेरे होंठों से लगा कर मेरे मुँह में धक्के लगाने लगा.


उसका लंड बड़ी मुश्किल से मेरे मुँह में जा रहा था और फंस फंस कर गले तक ठोकर मार रहा था.

मेरे मुँह से लंड लेने से फच फच गुं गु की आवाज आ रही थी.


उसने मुझे और मेरे मुँह को अपने हाथ से पकड़ रखा था.

फिर अचानक उसने हिचकोले लेते हुए पूरा लंड जड़ तक मेरे गले तक पहुंचा दिया और उससे ढ़ेर सारा गर्म गर्म वीर्य छोड़ते हुए मेरे मुँह में भर दिया.


सारा वीर्य मेरे गले से नीचे उतरता चला गया.


कुछ देर तक उसने अपने लंड को मेरे गले में डाल कर रखा, फिर लंड निकाल कर अपने होंठों से मेरे होंठों को चूसने लगा जिससे मुझे उसके होंठों से अपनी चुत का पानी का स्वाद चखने को मिल गया.


मैं- कितना गर्म गर्म वीर्य है. तुमने सारा वीर्य मेरे मुँह में भर दिया सारा पेट में चला गया.

फौजी- निशा तुम और तुम्हारी चुत का पानी बहुत स्वादिष्ट है.


मैं- तुमने अपने होंठों से मुझे भी मेरी चुत का पानी का स्वाद चखा दिया.

हम दोनों नंगे ही एक दूसरे की बांहों में पड़े थे और होंठों को भर कर चूसने लगे.


अब हम दोनों फिर से तैयार होने लगे थे.

वापस 69 में आकर वह मेरी चुत को चूस रहा था और मैं उसके लौड़े को मुँह में लेकर चूसने लगी थी.

मैं अपनी जीभ से लंड के सुपाड़े को कुरेदने लगी.


वह मेरी चुत के होंठों को खींच खींच कर चूस रहा था जिससे मेरी मदभरी सिसकारियां निकलने लगी थीं- आह सीईई आहह … और जोरर से चूसो आह मैं मर गई!


उसी वक्त मेरे मुँह से लंड की टोपी को जीभ से सहलाने और गुदगुदाने से फौजी के मुँह से भी मीठी-मीठी आवाजें निकलने लगी थीं- ओहह मेरी जान निशा … साली क्या मस्त चूस रही है … आह पूरा मुँह में ले ना … आह और जोर से चूस ले!


हम दोनों अपनी इन्हीं आवाजों से मस्ती में डूबे हुए थे कि तभी मेरे फोन की घंटी बज उठी.


मैंने देखा कि मेरी मम्मी का फोन मुझे आ रहा था.

मैं जल्दी से बिस्तर से उठी और अपने कपड़े पहन कर बाहर आ गई.


फिर सूखे कपड़े उतार कर नीचे चली गई.

अब हम दोनों मजे लेने का कोई भी मौका नहीं छोड़ते थे.


हर बार हम दोनों ने एक दूसरे का बहुत स्वादिष्ट पानी तरह तरह से चूस कर निकाला और चखा.


तब भी हम दोनों अपनी असली मंजिल तक अभी भी नहीं पहुंच पाए थे.

हर बार मंजिल तक पहुंच कर रह जाते थे.


जिस तरह से हम दोनों ही एक दूसरे के नजदीक आ गए थे तो जल्दी ही मेरी सील पैक चुत में फौजी किराएदार का लंड घुसना तय हो गया था.


फिर एक दिन वह भी आना तय था जब फौजी का मूसल लंड मेरी चुत की जड़ तक घुसेगा और चुत के अन्दर जाकर खून खराबा करते हुए मेरी सील तोड़ देगा.

मुझे विश्वास है कि उसका लंड मेरी चुत का उद्घाटन जरूर करेगा.


आगे की सेक्स कहानी में जानिए कि वह पल कब आया जब फौजी ने मेरी सील पैक चुत को तहस-नहस करके मेरी चुत की सील तोड़ी.


यह सब सेक्स कहानी के अगले भाग में लिखूँगी, आपकी मुहब्बत के इंतजार में आपकी निशा तड़फ रही है!


इस Indian Sex Stories के लिए अपने कमेंट्स आप रिया को लिख कर प्लीज जरूर बताएं.

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