top of page

बस में मिले अंकल से उनके ऑफिस में चुदी - Indian Sex Stories

नमस्ते दोस्तो, मेरा नाम मधु है.

कहानी शुरू करने से पहले मैं आपको अपने बारे में बता दूं।


मेरा फिगर 40-34-42 है। मेरी ऊंचाई 5.5 इंच है और वजन थोड़ा ज्यादा होने के कारण मेरा शरीर काफी गदराया हुआ दिखता है।

केवल मेरे मम्मे देखकर ही काफी आदमियों का पैंट में ही पानी निकल चुका है।


यह हॉट कॉलेज गर्ल अंकल सेक्स कहानी उस वक्त की है जब मैं अपनी पढ़ाई के लिए कॉलेज के हॉस्टल में रहा करती थी.

वहा मैंने काफी लड़कों से चुदवाया था।


मैंने अपने कॉलेज के कई सारे गार्ड्स से भी चुदवा रखा था।

और इसलिए वो लोग भी मुझे कॉलेज में ब्रा में नहीं आने देते थे।

ताकि जब भी चांस मिले वो मेरे तरबूज दबा कर आनंद ले सकें।

और मुझे भी ब्रा पहनना कभी अच्छा नहीं लगता था।


कॉलेज होने की वजह से कई जगह कैपंस के लिए भी जाना पड़ता था।

यह कहानी ऐसे ही एक हॉट कॉलेज गर्ल के कैंप से लौटने के वक्त की है।


सुबह अपने हॉस्टल से तयार होकर हम सब लोग कैंप की जगह जाने के लिए बस स्टॉप पर इकट्ठा हुए व बस का इंतजार करने लगे।


थोड़ी देर में वहाँ बस आई और हम बस में बैठकर कैंप वाले जगह पर जाने लगे।

3 घंटे का रास्ता था पर हम वहा आराम से पहुँच गए और कैंप शुरू हुआ।


कैंप करते वक्त मुझे वहा एक लड़का मिला जो वहा कैंप की सारी तैयारियां देख रहा था।

वो बार बार हमें चाय नाश्ते के लिए पूछ रहा था।


मुझे वो लड़का काफी पसंद आया था और उसे देखकर मेरे चूत में खुजली होने लगी थी।

वो लड़का काफी हैंडसम ऊंचा था और उसने बॉडी बनाई हुई थी।


मैंने उस कैंप वाले लड़के से उसी के घर पर चुदवाया।

कैंप वाले लड़के से चुदाई की कहानी मैं अलग से बाद में लिखूँगी.


इस लड़के से चोदते चोदते कब शाम हो गई, पता ही नहीं चला।

मैं जैसे तैसे सामान बांधकर जाने लगी और कैंप वाली जगह पर जाकर देखा तो सब बंद हो गया था और सब जा चुके थे।


मैंने अपने दोस्तों को कॉल करना चाहा तो पता चला कि मेरे मोबाइल में कुछ भी सिगनल नहीं है जिसके कारण कोई मुझे कॉन्टैक्ट नहीं कर पाया होगा और मेरे बिना ही चले गए होंगे।


इस सारी पंचायत में अंधेरा हो गया था.

अब उस लड़के ने मुझे वापस जाने के लिए बस में बिठा दिया।


मुझे खिड़की वाली सीट मिल गई और मैंने अपना सारा सामान एडजस्ट करके वहां बैठ गईं।


मेरी बाजू वाली सीट खाली थी तो वहा एक अंकल जी आकर बैठ गए।

अंकल दिखने में एकदम दुबले पतले आदमी थे।


बैठे बैठे हमारी बातें शुरू हो गई और बातों बातों में पता चला कि उनको भी उसी शहर जाना है जहाँ मुझे जाना है।


इधर उधर की बातें करते करते बस में काफी अंधेरा हो गया था और बस की लाइट्स भी बंद थी।


तो मैं अपने मोबाइल में कोरियन सीरीज लगाकर देखने लग गई।

कुछ देर बाद उन अंकल ने कहा- मैं ऐसे अकेले बोर हो रहा हूँ, तुम जो देख रही हो वो मुझे भी दिखाओ।


मैंने एक हेडफोन निकालकर अंकल को दे दिया।

अब हम दोनों सीरीज देखने लग गए।


उस बस की सीटें छोटी थी तो अंकल और मेरे बदन एक दूसरे को छू रहे थे।


उस छुअन से मैं गर्म हो रही थी और शायद अंकल भी!

मैं उनके बदन से सटी हुई थी, उनके हाथ से मेरा हाथ लग रहा था।


और अचानक उन्होंने अपना हाथ मेरे हाथ पर फिराना शुरू कर दिया।

मुझे अच्छा लग रहा था तो मैंने मना नहीं की।


उससे उनकी हिम्मत बढ़ी और वो मेरे बड़े बड़े मम्मों को अपनी कोहनी से दबाने लगे।

और चूंकि मैं ब्रा नहीं पहनती, उन्हें इस बात का पता चल गया; वो अपनी कोहनी से और जोर जोर से मेरे मम्मे दबाने लगाने।


मैंने स्लीवलेस और गहरे गले का टॉप पहना था।

उन्होंने पहले शर्ट के ऊपर से ही मेरे मम्मे हाथ में लिए।

मेरा खरबूजा उनके एक हाथ में पूरा नहीं आ रहा था, फिर भी उन्होंने कस के मसल दिया।


मैं कराह उठी।

पर बस में होने के कारण किसी ने गौर नहीं किया।


यह देख कर उनकी हिम्मत और बढ़ गई और वो एक मम्मे को एक हाथ में और दूसरा अपने मुंह में लेकर चूसने लगे।

मैं अभी तक बहुत गर्म हो चुकी थी।


उन्होंने मेरा एक हाथ लेकर अपने पैंट के ऊपर रख लिया।

उनकी पैंट में बना तंबू देखकर में गीली होने लगी और अपना दूसरा हाथ मैंने अपने पैंट में डालकर मेरी चूत को सहलाने लगी।


यह देखकर अंकल जी को और जोश आया और वो मेरा चूचा छोड़कर मेरी चूत पर टूट पड़े।


उन्होंने एकदम से मेरी चूत में उंगली डाली तो मैं और गीली होने लगी।

वो वैसे ही मेरी चूत में उंगली अंदर बाहर कर के मुझे मजा दे रहे थे।

कभी 2 कभी 3 कभी 4 उंगली डालकर वो मुझे उंगलियों से चोद रहे थे।

और साथ ही मेरे मम्मे भी मसल रहे थे, चूस भी रहे थे।


इतने में कोई बस स्टॉप आया और कंडक्टर जोर से चिल्लाते हुए लाइट लगाने के लिए बढ़ने लगा।

हम एक दूसरे से अलग होकर बैठ गए।

उनका स्टॉप मेरे स्टॉप से पहले था।


जगह के कमी के वजह कुछ न कर पाने से उन अंकल ने अपना विजिटिंग कार्ड मुझे दिया और चोदने की इच्छा जाहिर करके अपने ऑफिस में बुलाया।

फिर वे अगले ही स्टॉप पर उतर गए।


मैंने उनका कार्ड तो ले लिया पर मुझे मौका कब मिलेगा ये सोचते सोचते मेरा स्टॉप आ गया और मैं उतर गई।


इसके बाद कॉलेज में शिक्षकों और गार्ड्स से चुदवाते चुदवाते मैं इस घटना के बारे में भूल गई।


मुझे अगली बार जब फिर कैंप के लिए जाना पड़ा. तब अचानक से मुझे उन अंकल की याद आई और मैंने उनका नंबर घुमाया।


वो उनकी ऑफिस का था।

उनकी सेक्रेटरी ने फोन उठाया- हेलो, विराज आर्किटेक्ट्स! जी मैं आपकी कैसे मदद कर सकती हूँ?

मैं- क्या मैं देवेन जी से बात कर सकती हूं?


सेक्रेटरी- सर अभी जरूरी मीटिंग में हैं. अगर कुछ मैसेज हो तो आप यहां छोड़ सकती हैं।

मैं- नहीं शुक्रिया. कब तक फ्री होंगे देवेन जी?

सेक्रेटरी- आधे घंटे में सर फ्री हो जायेंगे।

मैं- ठीक है। वो जैसे ही फ्री होते हैं, आप मुझे तुरंत कॉल करिए प्लीज!


सेक्रेटरी- ओके ठीक है … आपका नाम?

मैं- मिस मधु … उनसे कहिए कि नागपुर से लौटते हुए बस में की हुई डील के बारे में बात करनी है।


कॉल होने के बाद मैं उनके कॉल का वेट कर रही थी।

और वेट करते करते मुझे कब नींद लग गई पता ही नहीं चला।


काफी देर बाद जब नींद खुली तो देखा कि मेरे मोबाइल पर देवेन जी के काफी सारे मैसेजेस और मिस्ड कॉल्स हैं।

मैंने तुरंत उन्हे ऑफिस के नंबर पर कॉल किया।


यह कॉल देवेन जी ने उठाया।

मैंने अपना परिचय दिया- हेलो देवेन जी।

देवेन- अरे डार्लिंग, तुम कहां थी? कब से तुम्हारी कॉल का इंतजार कर रहा था मैं!


मैं- मिस्टर देवेन, बस आप ही के बारे में सोच कर अपनी चूत को उंगली किए जा रही थी। क्या मुझे चोदने का ऑफर अभी भी चालू है?


देवेन- अरे मेरी रानी, तुम्हें चोदने के लिए तो कब से बेताब हूं। तुम्हारे नर्म नर्म मम्मे जोर जोर से दबाना चाहता हूं। तुम्हारी चूत में अपना लौड़ा देकर जमकर चोदना चाहता हूँ।

तुम्हारे रसीले होठों से मेरा लौड़ा चुसवाना भी चाहता हूं। बोलो डार्लिंग कब मिलोगी?


मैं- आज मिलें? वैसे भी मुझे चुदे काफी समय हो गया है।

देवेन- ठीक है, मेरे ऑफिस में आ जाओ। 10 बजे तक मेरी एक मीटिंग है। उसके बाद हम खूब मजे करेंगे। तुम 10 बजे तक मेरी ऑफिस में पहुंच जाना। मैं तुम्हें लेने के लिए तुम्हारे हॉस्टल पर कार भेज दूंगा।

मैं- ओके देवेन जी, मिलते हैं रात में!


अब चूंकि मैं हॉस्टल में रहती थी, मुझे रात में बाहर रहने में कोई आपत्ति नहीं थी।

और साथ ही मैंने अपने रूम मेट को इस बारे में बता दिया था तो किसी भी चीज की कोई दिक्कत नहीं थी।


मैं रात को मस्त सेक्सी सा लाल रंग का टॉप और ब्लैक स्कर्ट पहनकर तैयार हो गई और कार का इंतजार करने लगी।

समय काटने के लिए फोन चलाने लगी।


थोड़ी देर में गाड़ी आ गई और मैं उसमें बैठकर अंकल के ऑफिस के तरफ जाने लगी।

उस गाड़ी का ड्राइवर कुछ 30 साल का होगा।


आदत से मजबूर कहो या चुदने ही जा रही थी इस कारण बोलो मैंने अपनी ब्रा नहीं पहनी थी।

रास्ते में गड्ढे होने के कारण गाड़ी बहुत उछल रही थी। उसी के साथ मेरे मम्मे भी उछल कूद कर रहे थे।


और इतने बड़े तरबूजों की उछलकूद को भला कौन नजरंदाज कर सकता था?

वो मुझे हवस भरी नजरो से देखने लगा।


अपनी किसी अन्य कहानी में लिखूंगी कि कैसे अंकल से चुदने जाते जाते गाड़ी में ही चुद गई लेकिन अभी इसी कहानी को आगे बढ़ाते हैं।


तो 2 बार चोदने के बाद ड्राइवर भैया ने मुझे अंकल के ऑफिस के बाहर छोड़ दिया और मुझे सुबह वापस ले जाने के लिए आने का वादा करके चले गये।


अब मैं अंकल के ऑफिस में पहुंच गई।

मैं वक्त से पहले वहा पहुंच गई थी।

देखा तो वहा कोई नहीं था।


पर केवल एक कमरे की लाइट्स जल रही थी और वहा से कुछ बातों की आवाजें भी आ रही थी।


मैंने सोचा क्यों न यूं ही झांक कर देखा जाए कि क्या हो रहा है?

जैसे ही मैंने उस कमरे में देखा तो मेरे अंदर करेंट सा दौड़ गया।


अंकल की सेक्रेटरी उनके कॉन्फ्रेंस टेबल पर पैर फैलाकर बैठी थी और अंकल उसकी चूत चाट रहे थे।


एक और उन्ही के उम्र के आदमी उसके मम्मे मसल रहे थे और उसे किस भी कर रहे थे।

मुझे भी काफी मजा आने लगा और मैं अनजाने में अपने स्कर्ट को उठाकर अपनी चूत को घिसने लगी और उसमे उंगली डालने लगी।


क्या मस्त चूत थी उसकी … और क्या मस्त चूस रहे थे अंकल उसकी चूत को।

वो सेक्रेटरी ‘आआ ह्हह मेरे राजा … चूसो इसे … इसका पूरा पानी निकल दो … आह्ह्ह्ह …’ करके सिसकार रही थी और अंकल मजे में उसे चूसे जा रहे थे।


दूसरे अंकल उसके मम्मे दबा कर उसका दूध पी रहे थे।


इधर मेरी हालत खराब हो गई थी।


और उधर वो सेक्रेटरी भी निहाल होने को थी.

तो मैंने अपने आप को ठंडा करके वहाँ से जाना ठीक समझा।


मैं वाशरूम गई।

वहाँ अपने आप को ठीक किया और अंकल को कॉल किया- हेलो देवेन जी, मैं आपके ऑफिस में आ गई हूं। मुझे कहां आना है?

देवेन- तुम रिसेप्शन में वेट करो। मीटिंग अभी बस थोड़े देर में खत्म हो जायेगी।

मैं- ठीक है जल्दी आइए, मैं आपका इंतजार कर रही हूं।

देवेन- ठीक है।


अंदर हो रही मीटिंग के बारे में सोच कर मेरी चूत गीली हो रही थी तो मैं उंगली डालकर उसे सहला रही थी और वहा पड़ी मैगजीन उठाकर पढ़ने लगी।


थोड़ी देर बाद वो सब लोग वहाँ से निकले।

अंकल मेरे पास आए और बोले- ये मेरे जर्मनी के क्लायंट हैं. इन्हें बाहर तक छोड़ कर आता हूं, तब तक तुम कॉन्फ्रेंस रूम में वेट करो।

मैं वहाँ जाकर अंकल का इंतजार करने लगी।


10 मिनट बाद वो अंकल आए और आते ही अपना लौड़ा दिखाने लगे।

उनका लौड़ा काफी सख्त हो चुका था।

वे बोले- देखो इसे क्या हो गया है. तुम्हें देखकर बिलकुल बैठ ही नहीं रहा है।


यह सुनकर मैं उनके लन्ड पर लपक पड़ी और भूखे की तरह उसे चूसने लगी।

अंकल के मुंह से सिसकारियां छूटने लगी- हाए मेरी रानी … क्या मस्त लन्ड चूसती हो तुम! आआअ ह्ह्ह मजा आ गया। और जोर से चूसो इसे, चूस कर सारी मस्ती निकल दो इसकी! आआह ह्ह मेरी रानी … क्या मजा आ रहा है उह्ह उम्मम्म!


कहते ही जोर से पिचकारी मेरे मुंह में छोड़ दी।

मैं पूरा पानी पी गई।


अब उन्होंने मुझे उस टेबल पर बिठाया और मुझे किस करने लगे।

हम दोनों एक दूसरे को बेतहाशा चूमने लगे।


साथ ही अंकल मेरे मम्मे भी दबाने लगे।

उन्होंने मेरे कपड़े उतार कर एक कोने में फेंक दिए और मुझे फिर से चूमने लगे।


मैं भी एक हाथ से अंकल का लन्ड ऊपर नीचे कर रही थी और उनका साथ दे रही थी।


अब तक मैं बहुत गर्म हो चुकी थी और अब मुझे मेरी चूत में लन्ड चाहिए था।

मैंने अंकल से कहा- प्लीज, मेरी चूत चोद दो आज! ओ मेरे अंकल जी … तुम्हारी इस प्यासी रण्डी की चूत की प्यास बुझा दो।


पर अंकल को मुझे छेड़ने में मजा आ रहा था; बोले- चुप कर रण्डी … साली इतने लोगों से अपनी चूत चुदवाती है … फिर भी प्यास नहीं बुझती तेरी? कितने लौड़े चाहिए तुझे प्यास बुझाने को? ले साली चूस इसे, चूस चूस कर पहले गीला कर!


और मेरे मुंह में अपना लन्ड पेल दिया।

मैं उसे फिर चूसने लगी।

अंकल आहें भरे जा रहे थे और मेरा सिर अपने लौड़े पर दबाते जा रहे थे।


फिर उन्होंने अपना लन्ड निकाला, मुझे टेबल पर लिटाया, लन्ड मेरी चूत पर रखा और जोर से धक्का मार दिया।

मैं चिल्ला उठी।

उनका आधा ही लंड मेरी चूत में घुसा था.


उन्होंने मुझे किस करना शुरू किया और फिर से धक्का मारकर पूरा लौड़ा घुसा दिया।

मेरी आंखों से पानी निकल रहा था।


वो थोड़ी देर रुके और फिर धीरे धीरे अपना लन्ड अंदर बाहर करने लगे।

थोड़ी देर के बाद मुझे भी मजा आने लगा और मैं भी अपनी गांड उठा उठा कर उनका साथ देने लगी।


अंकल धीरे धीरे रफ्तार बढ़ा रहे थे।

मुझे इतने बड़े लन्ड की आदत नहीं थी तो मुझे बहुत मजा आने लगा था और अंकल भी खूब तबियत से मुझे चोद रहे थे मानो बरसों से किसी को चोदा न हो।


इस चुदाई में हमें सुबह हो गई थी. मैं सुबह तक 4 बार और अंकल सेक्स में 2 बार झड़ चुके थे।


अब ऑफिस के एम्पलाइज का आना भी शुरू होने वाला था तो हमने एक दूसरे को लंबी किस करते हुए विदा किया और फिर मिलने का वादा करके वहाँ से बाहर आ गई।


अंकल ने रात वाले ड्राइवर को कॉल करके बुलाया और उसके साथ मैं अपने हॉस्टल वापस चली गई।

मेरी उस दिन इतनी चुदाई हुई थी कि मैं रूम पर जाकर सो गई।


मेरी अगली कहानी ‘चुदने जाते जाते गाड़ी में ही चुद गई’ में पढ़िए कि अंकल ने भेजी हुई कार के ड्राइवर ने मुझे गाड़ी में ही कैसे चोद डाला।

यह Indian Sex Stories आपको कैसी लगी मुझे मेल करके बताइए.

Recent Posts

See All
चुदासी बैंक मैनेजर मैडम की चुदाई का मजा - Hindi Sex Stories

दोस्तो, आंटियो, भाभियो, जैसा कि आपको पता है कि पिछले एक साल से मैं लुधियाना में पोस्टेड हूँ. ये Hindi Sex Stories कुछ समय पहले की है जब मुझे स्कूल के अकाउंट्स का चार्ज भी मिल गया. ये एक हाई स्कूल था,

 
 
 
जवान लड़के लड़की का लाइव सेक्स देखा - Antarvasana Sex Stories

मेरे ढाबे पे रियल सेक्स लाइव शो का मजा हमें तब लिया जब एक जवान जोड़े को हमने अपने घर में शरण दी. कमरे की टूटी खिड़की से अंदर का पूरा नजारा दिख रहा था. पढ़े एक गरम गरम कहानी।

 
 
 

Comments

Rated 0 out of 5 stars.
No ratings yet

Add a rating*

Hindi Sex Stories, Indian Sex Stories, Desi Stories, Antarvasna, Free Sex Kahani, Kamvasna Stories 

कामवासना एक नोट फॉर प्रॉफिट, सम्पूर्ण मुफ्त और ऐड फ्री वेबसाइट है।​हमारा उद्देश्य सिर्फ़ फ्री में मनोरंजन देना और बेहतर कम्युनिटी बनाना है।  

Kamvasna is the best and only ad free website for Desi Entertainment. Our aim is to provide free entertainment and make better Kamvasna Community

bottom of page