top of page

बहन मेरा खड़ा लण्ड पकड़ने लगी - Free Sex Kahani

मेरा नाम प्रियांश है। मैं एक स्टूडेंट हूँ, और ये मेरी सच्ची कहानी है, जो मेरे पहले सेक्स अनुभव की है। चूंकि ये मेरा पहला अनुभव था, तो ज्यादा गंदा नहीं है, बस एक दिल से दिल तक की बात है। मेरी फिजिक नॉर्मल है, और मेरा लंड 6.5 इंच का है। मेरी जिंदगी उस वक्त बिल्कुल औसत चल रही थी। मन में सेक्स करने की तीव्र इच्छा थी, लेकिन रंडी के साथ करने का मन नहीं था, और कोई गर्लफ्रेंड भी नहीं मिली थी। बस, हवस और सपनों के सहारे दिन कट रहे थे।


मेरी एक कजिन सिस्टर है, स्वीटी, जो मेरी ही उम्र की है। वो गोरी, थोड़ी मोटी, लेकिन बहुत k्यूट है। उसकी हाइट छोटी है, पर उसके बूब्स और गांड बड़े और आकर्षक हैं। हम दोनों व्हाट्सएप पर अक्सर बातें करते थे, अपनी लव लाइफ के बारे में मजाक-मजाक में चर्चा करते। वो कई बार मजाक में कहती, “काश तू मेरा भाई ना होता, मैं तुझे बॉयफ्रेंड बना लेती।” मैं उसकी बात को हँसकर टाल देता। उस वक्त मेरे मन में कोई गलत ख्याल नहीं था।


बात तब की है, जब मैं वेकेशन में स्वीटी के घर अकेला गया। एक दिन मामा अपनी दुकान पर गए थे, और मामी अपनी माँ से मिलने ससुराल चली गई थीं। घर में सिर्फ मैं और स्वीटी थे। हम बेड पर आमने-सामने बैठे थे, पैर फैलाकर, और ढेर सारी बातें कर रहे थे। बातों-बातों में मुझे उसकी चैट की एक बात याद आई, और मैंने अचानक पूछ लिया, “स्वीटी, तुझे मैं इतना सेक्सी क्यों लगता है?”


वो हँसकर बोली, “हाँ यार, तू मुझे सचमुच सेक्सी लगता है। तेरा स्टाइल, तेरी बातें, सब कुछ।”


मैंने मजाक में कहा, “जा, आज तक किसी लड़की ने ऐसा नहीं कहा।”


स्वीटी ने नकली गुस्से में मेरा पैर पकड़ लिया और बोली, “मैं लड़की नहीं हूँ क्या?” उसका हाथ मेरे पैर पर पड़ा, और मेरे तो जैसे होश उड़ गए। पहली बार किसी लड़की ने मुझे इस तरह छुआ था। मेरा लंड धीरे-धीरे खड़ा होने लगा। मैंने उसे छुपाने की कोशिश की, लेकिन स्वीटी की नजर पड़ गई। वो जोर से हँसने लगी।


मैंने उसे डाँटकर चुप कराया, “चुप कर, कभी-कभी हो जाता है।”


स्वीटी ने आँख मारते हुए कहा, “अच्छा? क्या हो जाता है?”


मैं शरमाकर बोला, “कुछ नहीं।”


वो बोली, “अबे, बोल दे ना!”


मैंने कहा, “चुप हो जा।”


अचानक वो उठी, मेरे पास आकर बैठ गई, और मेरे लंड पर हाथ रख दिया। मैंने झट से उसका हाथ हटाया। मुझे अच्छा तो लग रहा था, लेकिन मन में यही चल रहा था कि वो मेरी बहन है। तभी उसने बिना कुछ कहे मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए और चूसने लगी। उसका गर्म, नरम होंठ मेरे होंठों पर था, और मेरे पूरे शरीर में जैसे बिजली दौड़ गई। फिर वो बड़े प्यार से बोली, “यार, मैं तुझसे बहुत प्यार करती हूँ। प्लीज, मुझे आज करने दे।”


मैं हैरान था। मैंने कहा, “पागल हो गई है क्या? तू मेरी बहन है।”


स्वीटी बोली, “हाँ, तेरे लिए पागल हूँ। मैंने इतने हिन्ट्स दिए, फिर भी तू नहीं समझा। मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता कि तू मेरा भाई है। मैं तुझसे प्यार करती हूँ।”


वो मेरे ऊपर चढ़ गई और मेरे चेहरे पर पागलों की तरह चूमने लगी। उसकी गर्म साँसें मेरे चेहरे पर पड़ रही थीं। अब मुझसे भी कंट्रोल नहीं हो रहा था। मैंने भी उसे जोर से चूमना शुरू कर दिया। मेरा हाथ अपने आप उसके बूब्स पर चला गया। मैंने उन्हें दबाना शुरू किया। वो इतने नरम और भरे-भरे थे कि मैं खो सा गया। दोनों हाथों से मैंने उसके बूब्स पकड़े और जोर-जोर से दबाने लगा। स्वीटी चूमते-चूमते सिसकारने लगी, “मम्म्म… मम्म्म… आह्ह…”


मैंने चूमना रोका और पूछा, “बस, या और करना है?”


वो बोली, “अब सब कुछ हो जाने दे, रुक मत। मुझे तुझसे पूरा प्यार करना है। मैं तुझमें समा जाना चाहती हूँ। मैं तुझे बहुत प्यार करती हूँ।”


मैंने मुस्कुराकर कहा, “मैं भी तुझसे प्यार करता हूँ, स्वीटी।”


वो उठी और मेरी शर्ट उतारने लगी, फिर बनियान, और फिर पैंट। अब मैं सिर्फ़ अंडरवियर में था। वो मेरे पूरे शरीर पर पागलों की तरह चूमने लगी—मेरे सीने पर, मेरे पेट पर, मेरी जाँघों पर। मैंने उसे नहीं रोका। जब वो मेरे अंडरवियर के पास पहुँची, तो बिल्कुल जंगली हो गई। उसने मेरे लंड को अंडरवियर के ऊपर से ही मुठ्ठी में पकड़ लिया और जोर से दबा दिया। मेरे मुँह से “आह्ह” निकल गई। मैंने कहा, “पागल हो गई है क्या?”


वो हँसकर बोली, “पागल तो बनने वाला है, रुक थोड़ा।”


फिर उसने एक-एक करके अपने सारे कपड़े उतार दिए। उसका गोरा, भरा हुआ बदन मेरे सामने था। उसके बूब्स गोल और भारी थे, और उसकी चूत चिकनी और गुलाबी। वो मेरे ऊपर चढ़ गई और अपना एक बूब मेरे मुँह में डालकर बोली, “चूस इसे।” मैंने उसके बूब को जोर-जोर से चूसना शुरू किया। उसका निप्पल मेरे मुँह में था, और मैं उसे जीभ से चाट रहा था। वो सिसकारने लगी, “आह्ह… प्रियांश… और जोर से… चूस मेरे भाई… प्लीज…” मैंने दूसरा बूब भी चूसा, और उसे चुटकी में लेकर खींचा। वो अब पूरी तरह गर्म हो चुकी थी और लेट गई।


उसने कहा, “मेरी चूत चाट दे।” मैं चिकनी चूत का दीवाना हूँ, और स्वीटी की चूत देखकर तो मैं और पागल हो गया। मैंने उसकी टाँगें फैलाईं और अपना मुँह उसकी चूत पर रख दिया। उसकी चूत गीली और गर्म थी। मैंने जीभ से उसे चाटना शुरू किया, धीरे-धीरे, फिर जोर-जोर से। मैंने उसकी चूत के होंठों को चूसा, उसके दाने को जीभ से सहलाया। स्वीटी बिल्कुल बेकाबू हो गई। वो चिल्लाने लगी, “आह्ह… प्रियांश… मार डाला… प्लीज… और चूस… मेरे प्यार…” वो अपनी कमर उठा-उठाकर मुझे और गहराई तक चूसने का इशारा कर रही थी।


वो चीख रही थी, “प्रियांश… मुझे छोड़ दे… मैं तेरी हूँ… और जोर से… मार दे मुझे…” उसकी चूत से गर्म पानी निकल रहा था, और मैंने उसे पूरा चाट लिया। कुछ देर बाद वो झड़ गई। उसका पूरा बदन काँप रहा था। वो बेसुध होकर लेटी रही। मैं भी थककर उसके बगल में लेट गया।


थोड़ी देर बाद वो उठी और एक झटके में मेरा अंडरवियर उतार दिया। मेरा लंड उसके सामने था, पूरा खड़ा और सख्त। उसने उसे पहले ध्यान से देखा, फिर सूँघा। उसकी गर्म साँसें मेरे लंड पर पड़ रही थीं। फिर उसने अपनी जीभ से उसे चाटना शुरू किया, धीरे-धीरे, जैसे कोई आइसक्रीम चूस रहा हो। उसने लंड का सुपारा मुँह में लिया और चूसने लगी। मैंने कहा, “पूरा मुँह में ले।” उसने मुझे एक सेक्सी स्माइल दी और पूरा लंड मुँह में ले लिया। वो जोर-जोर से चूसने लगी, अपने होंठों को मेरे लंड पर ऊपर-नीचे करने लगी। मैं सिसकारने लगा, “स्वीटी… तू कमाल है… थैंक यू यार… तू सचमुच बहुत सेक्सी है… पहले बता देती।”


मेरा झड़ने वाला था, लेकिन ये मेरा पहला सेक्स था। मैं नहीं चाहता था कि चुदाई के वक्त दिक्कत हो, इसलिए मैंने उसका मुँह हटाया। मैंने उसे बेड पर लिटाया। वो बस मुस्कुरा रही थी। हमारे पास कंडोम नहीं था, लेकिन स्वीटी उठी और मामा का कंडोम पैकेट ले आई। उसने मेरे लंड पर कंडोम चढ़ाया और एक बार फिर उसे चूसा। फिर वो नॉटी स्माइल के साथ लेट गई।


इसे भी पढ़ें पापा के साथ मॉर्निंग वॉक

मैंने उसकी टाँगें फैलाईं और अपने लंड को उसकी चूत पर रगड़ना शुरू किया, उसे तड़पाने के लिए। स्वीटी गुस्से में बोली, “कुत्ते, तड़पा मत… डाल दे अंदर।” मैंने धीरे से लंड अंदर डाला। सिर्फ़ एक इंच गया, और वो चिल्ला उठी, “प्रियांश… मार डाला… बहुत दर्द हो रहा है।”


वो मेरी प्यारी थी। मैंने कहा, “ठीक है, रहने दे। तुझे दर्द होगा।”


स्वीटी दर्द में मुस्कुराई और बोली, “अरे मेरे बुद्धू राजा, पहली बार थोड़ा दर्द होता है। होने दे… थोड़ा रुककर कर… बाद में बहुत मजा आएगा।”


ये सुनकर मैं थोड़ा रुका। फिर मैंने पूरा लंड एक झटके में अंदर डाल दिया। स्वीटी ने अपने मुँह को जोर से बंद किया और चीखने लगी। मैं थोड़ा और रुका। जब वो शांत हुई, तो बोली, “आ मेरे राजा, अब लगा धक्के।”


मैंने जोर-जोर से उसे चोदना शुरू किया। उसकी चूत इतनी टाइट थी कि मेरा लंड हर धक्के के साथ उसकी दीवारों को महसूस कर रहा था। मैंने उसकी टाँगें और चौड़ी कीं, ताकि मेरा लंड उसकी चूत की गहराई तक जाए। उसकी चूत गीली थी, और हर धक्के के साथ “पच-पच” की आवाज़ गूँज रही थी। मैंने एक हाथ से उसके बूब्स को मसलना शुरू किया, और दूसरा हाथ उसकी कमर पर रखकर उसे अपनी तरफ खींच रहा था। स्वीटी की आँखें बंद थीं, और वो हर धक्के के साथ सिसकार रही थी, “आह्ह… प्रियांश… तू मुझे मार डालेगा… और जोर से… मेरी चूत फाड़ दे…”


मैंने उसे और तड़पाने के लिए धक्के धीमे कर दिए। वो गुस्से में बोली, “कुत्ते, रुक मत… चोद ना मुझे…” मैं हँसा और फिर से पूरी ताकत से धक्के मारने लगा। उसका पूरा बदन मेरे नीचे काँप रहा था। मैंने उसकी एक टाँग अपने कंधे पर रखी, ताकि मेरा लंड उसकी चूत के और अंदर तक जाए। हर धक्के के साथ उसकी चूत मेरे लंड को जकड़ रही थी, जैसे वो मुझे कभी छोड़ना ही ना चाहती हो।


मैंने उसे पलट दिया और कुतिया की तरह घोड़ी बनाया। उसकी भारी गांड मेरे सामने थी, गोल और चिकनी। मैंने उसे दोनों हाथों से पकड़ लिया और अपना लंड उसकी चूत में पीछे से डाला। मैं जोर-जोर से पेलने लगा। स्वीटी के मुँह से अब सिर्फ़ सिसकारियाँ और चीखें निकल रही थीं, “आह्ह… भाई… तू कमाल है… मेरी चूत को ऐसा मजा कभी नहीं मिला… और पेल… फाड़ दे इसे…” मैंने एक हाथ से उसकी गांड पर थप्पड़ मारा, और वो और जोश में आ गई। उसकी गांड लाल हो रही थी, और वो हर थप्पड़ के साथ और जोर से सिसकार रही थी।


मैंने उसकी कमर पकड़कर उसे अपनी तरफ खींचा और अपने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी। उसकी चूत अब इतनी गीली थी कि मेरा लंड आसानी से अंदर-बाहर हो रहा था, लेकिन उसकी जकड़न मुझे पागल कर रही थी। मैंने उसे फिर से पलटकर सीधा लिटाया और उसकी टाँगें हवा में उठा दीं। मैंने अपना लंड उसकी चूत में डाला और इस बार इतनी तेजी से धक्के मारे कि बेड हिलने लगा। स्वीटी की सिसकारियाँ अब चीखों में बदल गई थीं, “प्रियांश… मैं मर जाऊँगी… आह्ह… तू रुक मत… मुझे चोद दे… मैं तेरी हूँ…”


मैंने उसके बूब्स को जोर-जोर से मसला, उसके निप्पल्स को चुटकी में लेकर खींचा, और वो दर्द और मजा दोनों में चीख रही थी। मैंने उसकी चूत के दाने को उंगलियों से सहलाया, और वो और बेकाबू हो गई। उसकी चूत मेरे लंड को और जोर से जकड़ रही थी। मैंने अपने धक्कों की रफ्तार और बढ़ा दी, और हर धक्के के साथ उसका पूरा बदन हिल रहा था।


मैंने महसूस किया कि मेरा झड़ने वाला है। मैंने कहा, “स्वीटी, मेरा निकलने वाला है।” वो बोली, “अंदर ही छोड़ दे… मैं बाद में गोली ले लूँगी।” ये सुनकर मैं और जोश में आ गया। मैंने अपनी पूरी ताकत से धक्के मारे, और कुछ ही पलों में मैं उसकी चूत में झड़ गया। मेरा गर्म माल उसकी चूत में भर गया, और उसी वक्त स्वीटी भी झड़ गई। उसकी चूत मेरे लंड को जकड़ रही थी, और उसका गर्म पानी मेरे लंड पर महसूस हो रहा था। हम दोनों के शरीर पसीने से भीग चुके थे।



हम दोनों बेसुध होकर एक-दूसरे के बगल में लेट गए। स्वीटी मेरे सीने पर सिर रखकर लेटी थी, और हम दोनों एक-दूसरे को प्यार से चूम रहे थे। मैंने उससे कहा, “स्वीटी, तू सचमुच कमाल है। मुझे नहीं पता था कि तू इतनी हॉट है।”


वो हँसकर बोली, “तुझे पहले ही हिन्ट्स दिए थे, बुद्धू। अब तू मेरा है।”


उस दिन के बाद हमारी जिंदगी बदल गई। स्वीटी और मैं अब हर मौके की तलाश में रहते थे। अगले दिन मामा और मामी घर पर थे, लेकिन हमारी नजरें एक-दूसरे से नहीं हट रही थीं। खाने की मेज पर जब सब बैठे थे, स्वीटी ने चुपके से मेरे पैर पर अपना पैर रगड़ा। उसका पैर मेरी जाँघ तक गया, और मेरे लंड ने फिर से हलचल शुरू कर दी। मैंने उसे आँखों से इशारा किया, “पागल, रुक जा।” लेकिन वो अपनी नॉटी स्माइल के साथ मुझे तड़पाती रही।


उस रात, जब सब सो गए, स्वीटी चुपके से मेरे कमरे में आ गई। उसने सिर्फ़ एक पतली सी नाइटी पहनी थी, जिसमें से उसके बूब्स और गांड साफ़ दिख रहे थे। वो मेरे बेड पर चढ़ गई और बिना कुछ कहे मेरे होंठों पर चूमने लगी। मैंने उसे खींचकर अपने ऊपर लिया और उसकी नाइटी उतार दी। उसका नंगा बदन चाँदनी में चमक रहा था। मैंने उसके बूब्स को चूसा, उसकी चूत को चाटा, और फिर उसे रात भर चोदा। हम दोनों ने उस रात तीन बार चुदाई की, हर बार एक-दूसरे को और गहराई से महसूस करते हुए।


हमारी चुदाई का सिलसिला अब हर मौके पर चलता था। कभी बाथरूम में, जब वो नहाने जाती और मैं चुपके से अंदर घुस जाता। कभी छत पर, जब रात को सब सो जाते। एक बार तो हमने किचन में भी चुदाई की, जब वो रात को पानी पीने गई थी। स्वीटी की हवस और प्यार दोनों मुझे दीवाना बना रहे थे।


एक दिन उसने मुझसे कहा, “प्रियांश, तू मेरा पहला और आखिरी प्यार है। मैं तुझसे कभी जुदा नहीं होऊँगी।” उसकी आँखों में सच्चाई थी, और मैंने उसे गले लगाकर कहा, “स्वीटी, मैं भी तुझसे बहुत प्यार करता हूँ। तू मेरी जिंदगी का सबसे खूबसूरत हिस्सा है।”


हमारी ये चुदाई और प्यार की कहानी अब भी चल रही है। जब भी हमें वक्त मिलता है, हम एक-दूसरे में खो जाते हैं। मेरी जिंदगी अब सिर्फ़ औसत नहीं रही, बल्कि स्वीटी ने इसे रंगीन, रसीला, और प्यार से भरा बना दिया। दोस्तो, ये थी मेरी और स्वीटी की सच्ची Free Sex Kahani। आपको कैसी लगी, जरूर बताएँ।

Recent Posts

See All
विधवा माँ की कामवासना जगाई - Antarvasna Sex Stories

मेरे पापा उनकी शादी के २ साल बाद ही गुज़र गए थे। हम लोग गुजरात से मुंबई आ गए। बचपन से ही मुझे मम्मी नहलाया करती थीं और वे खुद भी मेरे साथ नहाती थीं.जब मैं छोटा था, तब एक बार मैंने मम्मी से पूछा था- मम

 
 
 
शादी में मामा की लड़की की चुदाई - Desi Sex Kahani

मैं मामा के घर शादी में गया तो मैंने अपनी कज़िन को काफ़ी सालों बाद देखा था। वो मस्त चुदने लायक माल हो गई थी। मैंने उसको पटाया और शादी वाले घर में मौक़ा पाके उसको कैसे चोदा उसकी कहानी।

 
 
 
ससुरजी के साथ मेरी सुहागरात - Antarvasna Sex Stories

सुहागरात को मेरे पति ने लंड चूत पे लगाया तो पानी निकल गया, फिर मेरी माहवारी आ गई और वो ड्यूटी पे चले गए। मैं अभी भी कुंवारी थी। मेरे ससुर ने मेरी सील तोड़ी और सुहागरात मनाई।

 
 
 

Comments

Rated 0 out of 5 stars.
No ratings yet

Add a rating*

Hindi Sex Stories, Indian Sex Stories, Desi Stories, Antarvasna, Free Sex Kahani, Kamvasna Stories 

कामवासना एक नोट फॉर प्रॉफिट, सम्पूर्ण मुफ्त और ऐड फ्री वेबसाइट है।​हमारा उद्देश्य सिर्फ़ फ्री में मनोरंजन देना और बेहतर कम्युनिटी बनाना है।  

Kamvasna is the best and only ad free website for Desi Entertainment. Our aim is to provide free entertainment and make better Kamvasna Community

bottom of page