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माँ और बेटा: एक निश्चल प्रेम कहानी - Indian Sex Stories

मेरा नाम सोनिया है। मेरी उम्र 38 साल है, और मैं एक ऐसी औरत हूँ जो अपनी ज़िंदगी को अपने तरीके से जीती है। मेरा फिगर 36-28-36 है, गोरी चमड़ी, लंबे काले बाल, और एक ऐसी मुस्कान जो किसी का भी दिल जीत ले। मेरा बेटा, जैकी, 19 साल का है। वो लंबा, गोरा, और कसरती बदन वाला नौजवान है, जिसके चेहरे पर हमेशा एक मासूम-सी हँसी रहती है। मैं उसे प्यार से जैकी बुलाती हूँ। मेरे पति की मृत्यु एक हादसे में तब हो गई थी, जब हमारी शादी को सिर्फ़ चार महीना हुआ था। उस दिन मैं उन्हें बताने वाली थी कि मैं प्रेग्नेंट हूँ, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंज़ूर था। उनकी मौत के बाद से मैंने अपनी पूरी ज़िंदगी जैकी के लिए समर्पित कर दी। वो मेरा इकलौता सहारा है, मेरा सब कुछ।


हमारा परिवार काफ़ी अमीर है। मेरे पति का बड़ा बिज़नेस था, जिसे मैंने उनकी मौत के बाद संभाला और उसे और ऊँचाइयों तक पहुँचाया। जैकी भी अब बड़ा हो गया है और बिज़नेस में मेरा हाथ बटाता है। हमारे पास सब कुछ है – बड़ा बंगला, महँगी गाड़ियाँ, नौकर-चाकर, और पैसों की कोई कमी नहीं। मैंने कभी दूसरी शादी नहीं की, क्योंकि जैकी और बिज़नेस ही मेरी दुनिया बन गए। हम माँ-बेटे के रिश्ते से ज़्यादा दोस्त जैसे हैं। एक-दूसरे से कोई बात नहीं छुपाते, हर छोटी-बड़ी चीज़ शेयर करते हैं।


लेकिन एक दिन, मेरे जन्मदिन की रात, सब कुछ बदल गया। उस रात जैकी ने मुझे सरप्राइज़ दिया। रात के 12 बजे वो मेरे कमरे में आया, हाथ में फूल, केक, और एक ख़ूबसूरत गिफ्ट बॉक्स लिए। हमने साथ मिलकर मेरा जन्मदिन मनाया, हँसे, बातें कीं, और केक काटा। फिर मैंने उसका गिफ्ट खोला। उसमें एक काली, छोटी, सेक्सी ड्रेस थी। स्ट्रैपलेस, गहरी नेकलाइन वाली, और इतनी टाइट कि मेरे कर्व्स को पूरी तरह उभारे। मैं वैसे तो मॉडर्न कपड़े पहनती हूँ, लेकिन ये ड्रेस कुछ ज़्यादा ही बोल्ड थी। जैकी ने मुझे कहा, “मॉम, कल शाम हम बाहर मूवी देखने जाएँगे और डिनर करेंगे। ये ड्रेस पहनकर चलना।” उसने ये भी कहा कि हम कुछ अलग करेंगे – शराब पीएँगे और पार्टी करेंगे। मैं जानती थी कि जैकी ने कभी शराब नहीं पी थी, लेकिन उसकी उत्साहित आँखें देखकर मैं मना नहीं कर पाई। मैंने हँसते हुए हामी भर दी। वो खुशी से उछल पड़ा। हमने केक खाया और फिर सो गए।


अगले दिन सुबह मैं ऑफिस चली गई, और जैकी कॉलेज। हमने शाम 5 बजे मिलने का प्लान बनाया था। ऑफिस से निकलते वक्त मैंने जैकी की दी हुई ड्रेस पहनी। जब मैंने खुद को शीशे में देखा, तो मैं भी चौंक गई। ड्रेस मेरे जिस्म को इस तरह चिपक रही थी कि मेरी हर एक कर्व साफ़ नज़र आ रही थी। मेरे गोरे घुटनों से ऊपर की जाँघें, मेरे उभरे हुए सीने, और पतली कमर – सब कुछ ऐसा लग रहा था जैसे मैं 25 साल की हूँ। ड्रेस की नेकलाइन इतनी गहरी थी कि मेरे क्लीवेज साफ़ दिख रहे थे। मुझे अपने हनीमून के दिन याद आ गए, जब मैं अपने पति के लिए ऐसी ही बोल्ड ड्रेसेस पहनती थी। हम मॉरीशस गए थे, जहाँ दिन-रात बस प्यार और सेक्स में डूबे रहते थे। उनके जाने के बाद 19 साल से मैंने कभी किसी मर्द का साथ नहीं लिया। लेकिन उस ड्रेस को पहनकर, मेरे मन में कुछ अजीब-सी हलचल होने लगी।


मल्टीप्लेक्स पहुँचते ही मैंने देखा कि जैकी पहले से मेरा इंतज़ार कर रहा था। मुझे देखते ही उसकी आँखें फटी की फटी रह गईं। वो बोला, “मॉम, तुम तो बिल्कुल हॉट लग रही हो! ये ड्रेस तुम पर इतनी सेक्सी लगेगी, मुझे बिल्कुल अंदाज़ा नहीं था।” मैं शरमा गई, लेकिन हमारी दोस्ती जैसी खुली बातों की आदत के चलते मैंने हँसते हुए कहा, “बस-बस, अब ज़्यादा चापलूसी मत कर।” हम दोनों हँसते हुए थिएटर में चले गए। हम एक इंग्लिश लव स्टोरी देखने गए थे, जिसमें कुछ बोल्ड सेक्स सीन भी थे। मेरे दिमाग में पहले से ही मेरे पति की यादें घूम रही थीं, और ऊपर से ये सीन मुझे और बेचैन कर रहे थे। मैंने और जैकी ने पहले भी कई फ़िल्में साथ देखी थीं, लेकिन आज कुछ अलग था। उस ड्रेस की वजह से, या शायद मेरे मन की उथल-पथल की वजह से, मुझे कुछ होने लगा था। मैंने जैकी का हाथ पकड़ लिया, और उसने भी मेरा हाथ कसकर थाम लिया। पहली बार, उसके छूने से मेरे जिस्म में एक अजीब-सी सिहरन दौड़ गई। मैंने खुद को समझाया कि वो मेरा बेटा है, ये गलत है। मैंने किसी तरह खुद को संभाला, और हमने पूरी मूवी हाथ थामे देखी।


मूवी ख़त्म होने के बाद हम एक 5-स्टार होटल में डिनर करने गए। गाड़ी में हम दोनों पीछे बैठे थे, ड्राइवर गाड़ी चला रहा था। जैकी ने कहा, “मॉम, इस मूवी के सेक्स सीन कुछ ज़्यादा ही बोल्ड थे, है ना?” मैंने सिर्फ़ “हाँ” में जवाब दिया। फिर वो बोला, “मेरे दिमाग में अब भी वो सीन घूम रहे हैं।” उसके चेहरे से मैं समझ गई कि वो उत्तेजित था। लेकिन मैं कुछ कह नहीं पाई। रेस्टोरेंट पहुँचकर हमने ड्रिंक्स ऑर्डर किए। जैकी पहली बार शराब पी रहा था, और उसकी ख़ुशी देखते बन रही थी। उसने अलग-अलग तरह की शराब ट्राई की, और जल्दी ही उसे नशा चढ़ गया। मैंने भी पी थी, लेकिन मैं पूरी तरह होश में थी। जैकी को इतना नशा चढ़ा कि उसने खाना भी ठीक से नहीं खाया। मैंने सोचा अब घर चलना चाहिए। मैंने उसे अपने कंधे का सहारा देकर गाड़ी में बिठाया और घर ले आई।


घर पहुँचकर मैंने उसे उसके बेडरूम तक पहुँचाया। वो नशे में कुछ बड़बड़ा रहा था, लेकिन समझ नहीं आ रहा था। मैंने सोचा कि उसके जूते और मोज़े उतार देती हूँ, बाकी कपड़े वैसे ही रहने देती हूँ। जूते उतारने के बाद मैंने उसे गुड नाइट कहने के लिए गले लगाना चाहा। जैसे ही मैं उसके ऊपर झुकी, उसने अचानक मुझे अपनी बाहों में जकड़ लिया। मैं बेड पर गिर गई। जैकी ने मुझे कसकर पकड़ लिया और चूमने लगा – कभी गालों पर, कभी होंठों पर, कभी कंधों पर। मैंने कहा, “जैकी, बेटा, ये क्या कर रहा है? मैं तुम्हारी माँ हूँ!” लेकिन वो नशे में इतना डूबा हुआ था कि कुछ सुन ही नहीं रहा था। मैं समझ गई कि ये नशे और मूवी के सीन का असर है। मैंने उसे रोकने की बहुत कोशिश की, लेकिन मेरे जिस्म में भी एक अजीब-सी गर्मी उठ रही थी।


चूमते-चूमते उसने मेरी ड्रेस के स्ट्रैप्स नीचे खींच दिए। ड्रेस मेरे सीने से आधा नीचे सरक गई, और मेरे स्तन आधे नज़र आने लगे। मैं स्ट्रैपलेस ब्रा पहने थी, जो अब साफ़ दिख रही थी। जैकी का मुँह मेरे स्तनों की तरफ़ बढ़ने लगा। मैंने फिर से उसे रोकने की कोशिश की, लेकिन वो नहीं रुका। उसने मेरी ड्रेस को और नीचे खींचा, और मेरी ब्रा के साथ-साथ ड्रेस मेरी कमर तक आ गई। मेरे गोल, सख्त स्तन अब पूरी तरह नंगे थे। जैसे ही जैकी के होंठ मेरे निप्पल को छूए, मेरे पूरे जिस्म में बिजली-सी दौड़ गई। मैं एक पल के लिए ठिठक गई। मेरी सारी कोशिशें रुक गईं, और मैं बस लेटी रही। जैकी मेरे स्तनों को चूम रहा था, चूस रहा था, जैसे कोई भूखा प्रेमी। मैं मदहोश हो रही थी। मैं भूल गई कि वो मेरा बेटा है। उसकी हर छुअन मुझे मेरे पति की याद दिला रही थी।


धीरे-धीरे मैं भी उसका साथ देने लगी। मैंने उसके बालों में उंगलियाँ फिराईं और उसे चूमने लगी। मैं जानती थी कि ये गलत है, लेकिन उस पल में कुछ और सूझ ही नहीं रहा था। जैकी का लंड अब मेरी चूत पर रगड़ रहा था। उसकी पैंट अभी भी थी, लेकिन उसका सख्त लंड मुझे साफ़ महसूस हो रहा था। मेरे जिस्म में आग-सी जल रही थी। मेरी ड्रेस अब मेरी कमर तक थी, और मैंने अपनी पैंटी भी उतार फेंकी। अब मैं पूरी नंगी थी। जैकी मेरे जिस्म को चूमे जा रहा था, और उसका लंड मेरी चूत पर रगड़ रहा था। मैंने उसकी पैंट की ज़िप खोली, उसका अंडरवेयर नीचे खींचा, और उसका लंड बाहर आ गया।


जैकी का लंड लंबा, मोटा, और गर्म था – शायद 7 इंच लंबा और इतना मोटा कि मेरे हाथ में मुश्किल से आ रहा था। मैंने उसे पकड़ा और अपनी गीली चूत पर सेट किया। मेरी चूत इतनी गीली थी कि एक ही धक्के में उसका पूरा लंड अंदर घुस गया। हम दोनों के मुँह से एक साथ चीख निकली, “आआह्ह्ह!” पहले दो पल हल्का-सा दर्द हुआ, लेकिन फिर जो मज़ा आया, उसे मैं बयान नहीं कर सकती। 19 साल बाद कोई मुझे चोद रहा था, और वो मेरा अपना बेटा था। जैकी ने मुझे 20 मिनट तक चोदा, हर धक्के के साथ मेरे मुँह से सिसकारियाँ निकल रही थीं, “आआह्ह्ह… जैकी… ओह्ह… बेटा… आआह्ह्ह… आई लव यू…” मैं उस 20 मिनट में तीन बार झड़ चुकी थी। हर बार झड़ने का मज़ा पिछले बार से ज़्यादा था। आख़िरकार, जैकी ने भी तीन ज़ोरदार धक्कों के साथ अपना गरम-गरम माल मेरी चूत में छोड़ दिया। इतना माल था कि मेरी चूत से बाहर टपकने लगा। वो थककर मेरे सीने पर गिर गया, और मैं भी तीन बार झड़ने के बाद थक चुकी थी। हम दोनों उसी तरह सो गए।


सुबह जब आँख खुली, मैं नंगी लेटी थी, और जैकी मेरे सीने पर सिर रखकर सो रहा था। उसने शर्ट पहनी थी, लेकिन पैंट और अंडरवेयर नहीं। जैसे ही वो जागा, उसने मुझे नंगी देखा और डर के मारे उछलकर खड़ा हो गया। उसने खुद को देखा, अपनी पैंट उठाई, और जल्दी से पहन ली। वो घबराते हुए बोला, “मॉम, ये सब क्या हुआ? हम यहाँ ऐसे क्यों हैं?” मैंने शांति से कहा, “जैकी, कल रात तुमने बहुत शराब पी थी। तुम नशे में थे। मैंने तुम्हें रोकने की बहुत कोशिश की, लेकिन मैं खुद को भी नहीं रोक पाई।” जैकी रोने लगा, “मैंने क्या कर दिया? मैंने अपनी माँ का रेप कर दिया! मैं ऐसा कैसे कर सकता हूँ?” उसका रोना देखकर मेरा दिल पिघल गया। मैंने अपनी ड्रेस पहनी, उसे अपने पास बिठाया, और समझाया, “जैकी, ऐसा मत कहो। मैं तुमसे नाराज़ नहीं हूँ। सच कहूँ तो, पहले मुझे भी अजीब लगा, लेकिन बाद में मुझे अच्छा लगने लगा। मैं होश में थी, फिर भी मैंने तुम्हें नहीं रोका। ये रेप नहीं था। मैंने खुद तुम्हारे कपड़े उतारे।”


जैकी हैरान होकर बोला, “मॉम, ये क्या कह रही हो? हम माँ-बेटे हैं। ये समाज की नज़रों में गलत है।” मैंने कहा, “हाँ, बेटा, जानती हूँ। लेकिन अब जो हो गया, उसे बदल नहीं सकते। उस वक़्त जो हुआ, वो हम दोनों ने चाहा। ये बात सिर्फ़ हमारे बीच रहेगी। मुझे इस बात का कोई अफ़सोस नहीं है। उल्टा, मुझे खुशी है कि 19 साल बाद मुझे वो सुख मिला, जो तुमने मुझे मेरे जन्मदिन पर दिया।” जैकी ने कहा, “मॉम, तुम सच में मुझसे नाराज़ नहीं हो?” मैंने उसे गले लगाते हुए कहा, “नहीं, बेटा। तुम मेरे सबसे अच्छे बेटे हो, और मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूँ।” हम दोनों नहाकर तैयार हुए, नाश्ता किया, और रोज़ की तरह जैकी कॉलेज गया, मैं ऑफिस।


ऑफिस में मेरा मन काम में नहीं लगा। सारा दिन मेरे दिमाग में कल की रात घूम रही थी। जैकी के होंठ मेरे जिस्म पर, उसका लंड मेरी चूत में, उसका गरम माल – सब कुछ मेरी पैंटी को बार-बार गीला कर रहा था। मैं अपने केबिन में बैठकर अपनी चूत को सहलाती रही। एक बार तो मैं मसलते-मसलते झड़ भी गई। लेकिन फिर भी मेरा मन नहीं भरा। मैं बार-बार जैकी के बारे में सोच रही थी। किसी तरह दिन कटा, और मैं शाम को घर पहुँची। कुछ देर बाद जैकी भी आया। रात के 8 बजे हम साथ बैठकर टीवी देख रहे थे। जैकी थोड़ा उदास लग रहा था, शायद खुद को दोषी मान रहा था। मैंने नॉर्मल बिहेव किया, उससे हँसी-मज़ाक किया। धीरे-धीरे वो भी मुस्कुराने लगा। रात के 10 बजे हमारी नौकरानी ने खाना बनाकर रखा और चली गई। हमने साथ में खाना खाया। जैकी अब नॉर्मल लग रहा था, और उसे खुश देखकर मैं भी खुश थी। लेकिन मेरे अंदर कल की रात की आग अभी भी जल रही थी।


खाना खाने के बाद मैंने कहा, “चलो, बेटा, सो जाते हैं। कल सुबह जल्दी उठना है।” मैंने उसे गले लगाया, उसके माथे पर चूमा, और हम अपने-अपने कमरे में चले गए। लेकिन मेरे कमरे में आते ही मेरे जिस्म में फिर से वही बेचैनी शुरू हो गई। मुझे जैकी की ज़रूरत महसूस हो रही थी। मैंने अपनी नाइटी, ब्रा, और पैंटी उतार दी और सिर्फ़ एक पतला, रस्सी वाला गाउन पहन लिया। रात के 2 बज गए, लेकिन नींद नहीं आ रही थी। मैं अपने स्तनों को दबा रही थी, अपनी चूत को सहला रही थी, लेकिन कुछ राहत नहीं मिल रही थी। आख़िरकार, मैं उठी और जैकी के कमरे की तरफ़ चली गई।


जैकी का कमरा खुला था, और एक हल्की-सी लाइट जल रही थी। मैंने देखा कि वो बेड पर अकेला बैठा था, सोया नहीं था। मुझे देखते ही वो चौंक गया और बोला, “मॉम, आप इस वक़्त यहाँ? क्या हुआ?” मैंने कहा, “तुम भी तो जाग रहे हो। नींद क्यों नहीं आ रही?” वो बोला, “बस, यूँ ही, मॉम। कुछ सोच रहा था।” मैंने पूछा, “क्या सोच रहे थे? कल की रात की बात?” वो चुप रहा, फिर बोला, “मॉम, कल जो हुआ, उसे भूलना आसान नहीं है। मैं हैरान हूँ कि मैंने ऐसा कैसे कर लिया। लेकिन जब आपने सुबह कहा कि आपको बुरा नहीं लगा, तो मुझे थोड़ा सुकून मिला। फिर भी, मैं सारा दिन यही सोचता रहा कि जो हुआ, वो सही था या गलत।”


मैंने उसकी बातें सुनीं और सोचा कि अब हमें इस बदलाव को अपनाना होगा। मैंने कहा, “जैकी, एक ही रास्ता है। क्यों ना हम इस बदलाव को स्वीकार कर लें? मैं भी सारा दिन यही सोच रही थी। 19 साल से जो इच्छा मैंने दबा रखी थी, उसे तुमने कल रात खोल दिया। मुझे तुम्हारी ज़रूरत है, बेटा। मैं खुद को रोक नहीं पा रही।” वो बोला, “मॉम, ये सही है? हम माँ-बेटे हैं।” मैंने कहा, “हाँ, जानती हूँ। लेकिन ये बात हमारे बीच ही रहेगी।” वो बोला, “मॉम, कल रात मैं नशे में था। आज मैं होश में हूँ। मैं ऐसा नहीं कर पाऊँगा।” मैंने कहा, “कर पाओगे, बेटा। मैं तुम्हारी मदद करूँगी।”


मैंने पूछा, “क्या तुमने पहले कभी सेक्स किया है?” वो बोला, “नहीं, मॉम। कभी नहीं।” मैंने पूछा, “क्या तुमने किसी औरत को नंगी देखा है?” वो बोला, “मैंने अपने दोस्तों के साथ कुछ पॉर्न फ़िल्में देखी थीं। और आज सुबह आपको… लेकिन मैंने सिर्फ़ आपका ऊपरी हिस्सा देखा था।” मैं मुस्कुराई और खड़ी हो गई। मैंने अपने गाउन की रस्सी खोली, और गाउन फर्श पर गिर गया। अब मैं पूरी नंगी उसके सामने खड़ी थी। जैकी की आँखें फटी की फटी रह गईं। मैंने पूछा, “बताओ, मैं कैसी लग रही हूँ?” वो बोला, “मॉम, आप सच में 38 की हैं? मैंने जितनी पॉर्न फ़िल्में देखीं, उनमें लड़कियाँ 18-25 की थीं, लेकिन आपका जिस्म उनसे भी ज़्यादा ख़ूबसूरत है।”


मैं हँसी और बोली, “तो मुझे अपनी 16 साल की गर्लफ्रेंड समझकर प्यार करो। मैं तुम्हें माँ और बीवी का प्यार दूँगी, तुम मुझे बेटे और पति का प्यार दो।” बस, फिर क्या था। जैकी खड़ा हुआ और मुझे गले लगाकर चूमने लगा। आज वो होश में था, और उसकी हर छुअन में एक अलग जुनून था। उसने मेरे होंठों को 10 मिनट तक चूमा, फिर मुझे गोद में उठाया और बेड पर लिटा दिया। उसने अपनी टी-शर्ट, पैंट, और अंडरवेयर उतार दिया। मैंने पहली बार उसके नंगे जिस्म को ठीक से देखा। उसका लंड, गोरा, मोटा, और लंबा, मेरे सामने तना हुआ था। मेरा दिल ज़ोर-ज़ोर से धड़क रहा था।


जैकी बेड पर आया और मेरे ऊपर चढ़ गया। उसका जिस्म आग की तरह गर्म था। मैंने उसे कसकर जकड़ लिया। उसने मेरे होंठों को चूमा, फिर मेरे गाल, मेरी गर्दन, और मेरे कंधों को। उसका हर चुंबन मेरे जिस्म में आग लगा रहा था। उसने मेरे स्तनों को अपने हाथों से दबाया, मेरे निप्पल्स को अपनी जीभ से चाटा। मैं सिसकारियाँ ले रही थी, “आआह्ह्ह… जैकी… ओह्ह… बेटा…” वो मेरे स्तनों को चूस रहा था, जैसे कोई बच्चा अपनी माँ का दूध पीता हो। उसकी जीभ मेरे निप्पल्स पर गोल-गोल घूम रही थी, और मैं सातवें आसमान पर थी। 15 मिनट तक उसने मेरे स्तनों का मज़ा लिया, फिर वो नीचे की तरफ़ बढ़ा। उसने मेरी नाभि को चूमा, अपनी जीभ से सहलाया। मैं पागल हो रही थी।


फिर वो और नीचे गया और मेरी चूत के पास रुक गया। मेरी चूत, गोरी, गुलाबी, और पूरी तरह साफ़, क्योंकि मैं नियमित शेव करती हूँ। उसने मेरी चूत को गौर से देखा, और उसकी आँखों में एक नशा सा छा गया। उसने धीरे से अपनी उंगलियाँ मेरी चूत पर फेरी। मेरे जिस्म में बिजली-सी दौड़ गई। मैं सिसकारी, “आआह्ह्ह… जैकी… बेटा… मत तड़पाओ…” उसने मेरी चूत से टपक रहे पानी को अपनी उंगलियों पर लिया और चाटा। वो बोला, “मॉम, तुम्हारी चूत का स्वाद और ख़ुशबू… इसमें तो नशा है।” फिर उसने मेरी चूत पर एक चुम्बन किया। मैं चीख पड़ी, “उई माँ… जैकी… मार डालेगा तू…” उसने मेरी चूत को चाटना शुरू किया। उसकी जीभ मेरी चूत के हर कोने को छू रही थी। पूरा कमरा मेरी सिसकारियों से गूँज रहा था, “आआह्ह्ह… जैकी… ओह्ह… बेटा… आआह्ह्ह… मार डालो…” 10 मिनट की चटाई के बाद मैं ज़ोर से झड़ गई, “आआह्ह्ह्ह्ह… हैईई… मैं गई…”


वो मेरे पास लेट गया। उसका चेहरा मेरे चूत के पानी से गीला था। मैंने उसके चेहरे को चाटा। अपने ही पानी का स्वाद मुझे और उत्तेजित कर रहा था। मैंने उसका लंड पकड़ा, जो अब भी तना हुआ था। मैंने उसे सहलाया, फिर चूमा। जैकी सिसकारी, “आह्ह… मॉम…” मैंने उसका लंड अपने मुँह में लिया और लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी। उसका लंड इतना स्वादिष्ट था कि मैं रुक ही नहीं पा रही थी। जैकी अपनी कमर हिला रहा था, “मम्मा… आह्ह… मम्मा…” 3 मिनट चूसने के बाद वो कराहा, “मॉम… मैं झड़ने वाला हूँ…” और फिर उसके लंड से एक तेज़ धार मेरे मुँह में गिरी। मैंने उसका सारा माल पी लिया।


लेकिन मेरी आग अभी बुझी नहीं थी। मैं फिर से गर्म हो चुकी थी। मैंने जैकी के लंड को सहलाना शुरू किया, और हम फिर से चूमने लगे। धीरे-धीरे उसका लंड फिर से तन गया। वो मेरे ऊपर चढ़ा और मेरे जिस्म को चूमने लगा। उसका लंड अब मेरी चूत पर रगड़ रहा था। अचानक वो रुका और बोला, “मॉम, ज़रा पलट जाओ, सीने के बल लेट जाओ।” मैं पलट गई। उसने मेरी पीठ पर लेटकर मेरी पीठ और कंधों को चूमा। फिर उसने मेरी कमर को ऊपर उठाया। मैं अपने घुटनों और हाथों के बल थी, मेरी गाँड ऊपर। मैं समझ गई कि वो मुझे डॉगी स्टाइल में चोदना चाहता है। उसने मेरे पैर फैलाए और मेरी चूत और गाँड को देखने लगा। फिर उसने मेरी गाँड को चूमा, चाटा। उसकी जीभ जब मेरी गाँड के छेद को छूई, मैं चीख पड़ी, “आआह्ह्ह… जैकी… ये क्या कर रहा है…” उसने मेरी गाँड को चाटना जारी रखा। मेरी चूत से पानी टपकने लगा। मैंने कहा, “जैकी… अब और मत तड़पाओ… चोद दे मुझे…”


उसने कहा, “अब चोदता हूँ अपनी प्यारी माँ को…” और फिर उसने अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया। मैं चीखी, “आआह्ह्ह… हैईई…” उसने मेरे दोनों स्तनों को पकड़ लिया और ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारने लगा। कमरे में हमारी चुदाई की आवाज़ें गूँज रही थीं – थप-थप-थप। मैं सिसकार रही थी, “आआह्ह्ह… जैकी… चोद दे… और ज़ोर से…” 20 मिनट की चुदाई के बाद मैं फिर से झड़ गई। लेकिन जैकी नहीं रुका। मैं थककर बेड पर गिर गई। उसने मुझे सीधा लिटाया, मेरी टाँगें फैलाईं, और फिर से अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया। वो मुझे चूम रहा था, मेरे स्तनों को दबा रहा था, और चोदे जा रहा था। 10 मिनट बाद मैं फिर से झड़ गई, और इस बार जैकी भी मेरे साथ झड़ गया। उसका गरम माल मेरी चूत में भरा गया।


लेकिन वो रात यहीं ख़त्म नहीं हुई। हमने पूरी रात चुदाई की। कभी वो मुझे आगे से चोदता, कभी पीछे से, कभी मेरे मुँह में अपना लंड देता। रात में जब मैं टॉयलेट गई, तो जैकी मेरे साथ आया। उसने मुझे टॉयलेट में ही, एक टाँग उठाकर, खड़े-खड़े चोदा। उस रात मैं 7 बार झड़ी, और जैकी 5 बार। उस रात के बाद हमारी ज़िंदगी बदल गई। हम कभी माँ-बेटे की तरह रहते, कभी पति-पत्नी की तरह। जैकी अब हर रात मुझे चोदता है। 19 साल की तन्हाई को मेरे बेटे ने ख़त्म कर दिया। अब बिना चुदाई के ना मुझे नींद आती है, ना उसे।


क्या आपको लगता है कि मेरा और जैकी का ये रिश्ता सही है? अपनी राय कमेंट में बताएँ।

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