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लंड की प्यासी कामवाली को चोदा - Hindi Sex Stories

मेरा नाम अजय है, मैं 26 साल का हूँ और मैं गुजरात के अहमदाबाद का रहने वाला हूँ.

ये Hindi Sex Stories 4 साल पहले की है, मेरी और मेरी नौकरानी की.


पहले मैं अपने बारे में बता दूँ. मेरी हाइट 5 फुट 7 इंच है और मैं दिखने में एक औसत लड़का हूँ, बस जिस्म से पहलवान हूँ.


मेरे घर में मैं, मेरे पापा-मम्मी रहते हैं.


हमारे यहां एक फुल-टाइम नौकरानी काम करती है, जिसका नाम संगीता है.


वह हमारे घर के बाहर वाले कमरे में ही अपने छह साल के ब/च्चे के साथ रहती है.

उसका मर्द उसे छोड़ कर चला गया है.


वह एक मध्यम आयु की औरत है, करीब 35 साल की शादीशुदा और एक बच्चे की माँ है.

उसका फिगर 36-32-40 का है.


वह रोज़ साड़ी पहनती है और उसके ब्लाउज़ पीछे से पूरी तरह खुले होते हैं, जो सिर्फ़ डोरी से बंधे रहते हैं.


पहले मैं उसके बारे में बुरा नहीं सोचता था.

लेकिन एक दिन उसने पूरी तरह पारदर्शी साड़ी पहनी और ब्लाउज़ भी आगे से गहरे गले वाला था.


जब भी वह पौंछा लगाती, मुझे उसकी चूचियों की गहरी नाली साफ दिखती थी, जहां से उसके बूब्स भी काफी बाहर आ रहे होते थे.


उस दिन के बाद मैंने उसके नाम पर कई बार मुठ मारी.

अब मैं बस उसे असल में चोदने की सोच में ही रहता था.


एक दिन वह बाहर पौंछा लगा रही थी.

तब मैं जानबूझ कर बाथरूम में गया और वहां जाकर अपना 6 इंच लंबा और 3 इंच मोटा लंड हिलाने लगा.


मुझे पता था कि वह हर बार वहां पानी डालने आती है, इसलिए मैंने बाथरूम का दरवाज़ा बंद नहीं किया.


थोड़ी देर में वह बाथरूम के दरवाज़े के पास आई और एक झटके में दरवाज़ा खोल दिया.

उस वक़्त मैं उसके सामने नीचे से पूरी तरह नंगा था, लंड हाथ में लिए खड़ा लंड हिला रहा था.


उसने मुझे देखकर एक शरारती हंसी दी और बाहर चली गई.

उसकी हंसी से मेरा जोश और बढ़ गया.


मैं कुछ दिनों बाद ऐसा करने लगा.


उसे भी अब मेरा लंड देखकर मज़ा आने लगा था तो वह जानते हुए भी कि मैं बाथरूम में हूँ, वहां आ जाती थी.


एक दिन वह किचन में काम कर रही थी, तब मैं वहां पानी लेने गया.

मेरा लंड पूरी तरह टाइट था और मैंने जानबूझ कर अंडरवियर नहीं पहना था.

मम्मी अपने दूसरे काम में व्यस्त थीं और रसोई में सिर्फ़ संगीता थी.


मैंने उससे पानी का गिलास माँगा.

उसने कहा- मेरे हाथ खराब हैं, आप ले लीजिए!

गिलास उसके बगल में था तो मुझे उसके एकदम पास से जाना पड़ा.


मैंने जानबूझ कर गिलास लेने के लिए उसके पीछे खड़े होकर ऐसा किया कि मेरा लंड उसकी बड़ी सी गांड को छू जाए.

वह कुछ नहीं बोली, बस मेरी ओर देखकर फिर से हंसी.


मैंने वहीं खड़े उसकी गांड में लंड को घिसते हुए पानी पिया और अपने कमरे में चला गया.


वह मेरी तरफ देख कर हंस कर देख रही थी.

उस वक्त तो मुझे लगा कि उससे कह दूं कि कमरे में आ जा!


एक दिन मम्मी-पापा को किसी काम से बाहर जाना था.

वे लोग रात को देर से आने वाले थे.


मम्मी ने संगीता को बता दिया कि मेरे खाने का ध्यान रखे और कुछ ज़रूरत हो तो कर दे.


मम्मी-पापा जैसे ही गए, मैं सोकर उठा और बाथरूम में नहाने गया.


मैंने उसी वक़्त सोच लिया कि आज तो कुछ भी करके इसे चोदना ही है!


संगीता जब सुबह घर में अन्दर आई तो मैंने उस दिन सिर्फ एक फ्रेंची पहनी हुई थी, जिसमें मेरा लंड एकदम कड़क होकर चड्डी को फुलाया हुआ था.

मैं बाथरूम में चड्डी पहन कर नहा रहा था तो मेरा जिस्म बहुत सेक्सी लग रहा था.


वह अन्दर आई तो उसने बाथरूम के खुले दरवाजे से मुझे देखा और उसकी पहली नजर मेरे लौड़े पर गई.

उसने लंड को देखा और एक आह सी भरी.


उस दिन सुबह से ही गहरे गले का ब्लाउज़ पहना था.

साड़ी भी उसने ऐसे पहनी थी कि मुझे सब कुछ आसानी से दिख जाए.


मैंने संगीता को करीब बुलाया और लंड को सहलाते हुए कहा- मुझे मेरा तौलिया दे दो, मैं बाहर भूल गया हूँ!

वह कमरे में तौलिया देने आई, मैंने दरवाज़ा खुला ही रखा था.


उसने मुझे तौलिया दिया, तब मैं उसके सामने पूरी तरह नंगा था और मेरा लंड पूरा तना हुआ था.


संगीता ने मेरे तने हुए लौड़े को देखा और मुझे तौलिया देकर बाहर चली गई.

उसकी आंखों में वासना साफ दिखाई दे रही थी.


मुझे समझ में आ गया कि वह चुदने के लिए तैयार है.


मैंने कपड़ों में शॉर्ट्स और बनियान पहनी, अंडरवियर नहीं पहना.

वह किचन में थी, मैं उसके पीछे गया और उसकी गांड को सहलाने लगा.


वह वासना भरी आवाज में बोली- साहब, आप क्या कर रहे हैं? ये सही नहीं है, मत करो!

मैं- ये सब तो तुझे पसंद है ना? मैं करूँ तो!

संगीता- नहीं साहब, मत करो … ये ठीक नहीं है!


मैं- इतने दिनों से तू मेरे लंड को देखकर मज़े ले रही है, उसका क्या!

संगीता- वह तो मैंने आपके जैसा लंड पहले कभी नहीं देखा, इसलिए!


मैं- हां, तो देख ना, ये ले!

यह कह कर मैंने अपना लंड बाहर निकाल दिया.


संगीता मेरे लौड़े को ललचाई नजरों से देखती हुई बोली- साहब जी, अगर आपकी मम्मी को पता चल गया तो मुझे काम से निकाल देंगी!

मैं- उन्हें बताएगा कौन? मैं तो नहीं बताने वाला!


मैंने उसके दोनों हाथ मेरे लंड पर रख दिए.

मैंने उसे कमर से पकड़कर अपनी ओर खींच लिया और उसके होंठों पर अपने होंठ रखकर चूमने लगा.


पहले तो उसने बहुत रोकने की कोशिश की.

लेकिन वह भी मुझसे चुदना चाहती थी इसलिए उसने भी मेरा साथ देना शुरू कर दिया.

मैंने उसकी साड़ी का पल्लू नीचे उतार दिया.


अब वह मेरे सामने गहरे गले के ब्लाउज़ में खड़ी थी.

उसने मेरा लंड पकड़ा और जोर-जोर से हिलाने लगी.


वह बोली- साहब जी, बहुत दिनों से मेरी चूत आपके इस लंड को चाहती है! इतनी देर क्यों की चोदने में!


मैं- इतनी देर न करता तो तू सामने से मेरे लंड को थोड़ी पकड़ती!

ये कहकर मैंने उसकी पूरी साड़ी उतार दी और उसे अपनी बांहों में जोर से पकड़ लिया.


उसके बड़े-बड़े बूब्स मेरी छाती को छू रहे थे.

मुझे बहुत मज़ा आ रहा था, एकदम नर्म अहसास हो रहा था.


मैंने उसे नीचे बैठकर मेरा लंड चूसने को कहा.


वह तुरंत तैयार होकर नीचे बैठ गई और मेरे लंड के टॉप को जीभ से सहलाने लगी.

मेरे शरीर में सनसनी दौड़ने लगी.


अचानक उसने मेरा पूरा लंड मुँह में ले लिया.

वह जोर-जोर से मुँह हिलाने लगी.

उसके मुँह से पच-पच की आवाज़ आ रही थी और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.


मैंने इसके बाद उसे दीवार की तरफ करके उसके मुँह को चोदना शुरू किया और जोर-जोर से लंड अन्दर-बाहर करने लगा.


उसकी आंखों और मुँह से पानी निकलने लगा और वह पूरी लाल हो गई!


दस मिनट तक ये सब चला और फिर मैंने उसे अपनी गोद में उठा लिया और किस करते-करते अपने बेडरूम में ले गया.


वहां जाकर मैंने उसे बेड पर डाल दिया.

अब वह मेरे सामने ब्लाउज और पेटीकोट में लेटी हुई थी.


मैंने उसका पेटीकोट उतार दिया तो देखा कि उसने पैंटी पहनी ही नहीं थी और उसकी चूत पूरी साफ थी, एक भी बाल नहीं था!


मैं समझ गया कि उसे भी पता था कि आज वह चुदने वाली है.


मैंने उसकी चूत को देखते ही उसमें अपनी जीभ घुमानी शुरू कर दी.

एक उंगली और जीभ दोनों साथ में शुरू किए और बहुत तेजी से उसकी चूत चाटने लगा.


उसके मुँह से पूरे कमरे में ‘आह्ह्ह आह्ह्ह!’ की आवाजें गूंज रही थीं

उसने मुझे ‘साहब’ कहना बंद करके ‘अजय’ कहना शुरू कर दिया था.


‘अजय, चाटो और जोर से … अन्दर तक पूरा डाल दो!’

मैंने कहा- हां मेरी रानी, आज तो पूरा अन्दर तक चाट कर डालूँगा!’


वह बोली- आह … आज मेरी चुत की धज्जियां उड़ा दो … मेरी चुत तुम्हारे लंड के लिए प्यासी है.


उसकी चूत बहुत गीली हो गई थी और मुझे भी बहुत मजा आ रहा था.


थोड़ी देर बाद मैं उसके ऊपर चढ़ गया और उसका ब्लाउज पूरा फाड़ दिया.

वह चिल्लाई- अजय, क्या कर रहे हो! मेरा फेवरेट ब्लाउज था ये!

मैंने कहा- तेरे लिए और बनवा देंगे रानी, तू अभी मजे ले!


जैसे ही ब्लाउज निकला, उसने नीचे कुछ नहीं पहना था.

उसके बड़े-बड़े बूब्स मेरे सामने थे और उसके निप्पल बहुत बड़े थे, पूरी तरह टाइट हो गए थे.


जैसे ही मैंने उसके निप्पल को उंगलियों से पकड़ा, वह ‘आआ आह्ह आआ ह्ह्ह!’ चिल्लाने लगी.


संगीता- धीरे करो अजय, बहुत दर्द हो रहा है!

मैं- दर्द में ही तो मजा है!


यह कह कर मैंने उसके दूध और जोर से दबाना शुरू कर दिए.


इसके बाद मैंने उसके दोनों हाथ पकड़कर ऊपर कर दिए और निप्पल को मुँह में लेकर चूसना शुरू किया.


पूरा निप्पल मैंने दांतों से काट लिया तो वह बहुत चिल्ला रही थी.

लेकिन मैं रुका नहीं और बहुत जोर-जोर से निप्पल को चूसता रहा.


मैंने बारी-बारी से दोनों बूब्स को इतना चूसा कि दोनों में से दूध निकलने लगा.

मैंने सारा दूध पी लिया और दोनों को बहुत मजा आया.


अब मैंने उसे वहीँ रखकर उसकी चूत में मेरा लंड डाल दिया.

उसकी चूत बहुत गीली थी इसलिए लंड अन्दर गया लेकिन पूरा नहीं गया … तो मैंने एक और जोर का धक्का मारा और पूरा लंड अन्दर डाल दिया.


उसने उसी वक्त जोर से चिल्लाकर मुझे लंड बाहर निकालने को कहा.

संगीता- अजय, बाहर निकालो प्लीज … मुझे बहुत दर्द हो रहा है! आआ हह उफ्फ़!


लेकिन मैं कहां सुनने वाला था! मैंने और तेज धक्का लगाना शुरू कर दिया और अन्दर-बाहर करने लगा.

अब उसे भी मजा आने लगा था तो उसने दोनों पैर मेरी पीठ पर ले जाकर मुझे जकड़ लिया और मुझे अपने बहुत करीब खींच लिया.


पूरे कमरे में ‘पच्छ पच्छ पच!’ की आवाजें और संगीता की चीखें ‘आह्ह अजय, चोदो मुझे, बहुत मजा आ रहा है! आआ ह्ह्ह्ह!’ गूंज रही थीं.


मैंने इसी पोजीशन में उस 10-15 मिनट चोदा.


फिर मैंने उसे मेरी घोड़ी बनाया और पीछे से उसके बाल पकड़ कर चूत में लंड डाल दिया.

पीछे से जैसे ही लंड अन्दर गया, उसके मुँह से बहुत बड़ी चीख निकली और उसने बहुत जोर से चिल्ला दिया.


अब मैंने उसके बाल पकड़े हुए थे और पीछे से जोर-जोर से धक्के लगा रहा था.

उसकी गांड पर भी मैं जोर-जोर से चांटे मार रहा था और वह बहुत मजे ले रही थी.


इसी पोजीशन में मैंने उसे 10 मिनट और चोदा. इस दौरान वह झड़ चुकी थी.

दस मिनट बाद मैं भी झड़ने वाला था तो मैंने उससे पूछा कि पानी कहां डालना है.


उसने अन्दर ही छोड़ने को कहा.


मैंने अपना सारा पानी उसकी चूत में डाल दिया और पीछे से उसके ऊपर लेट गया.


उस दिन फिर मैंने उसे और दो बार चोदा और ऐसे ही हर बार जब भी मेरा मन होता, वह मुझे चोदने देती और हम ऐसे ही मजेदार सेक्स के मजे लेते रहते.

दो साल बाद उसके पति ने उससे वापस रिश्ता बना लिया और वह उसे लेकर दूसरे शहर में चला गया.


उधर उसकी जॉब लग गई थी तो संगीता यहां से चली गई और हमारी कहानी यहीं रुक गई.


आपको मेरी देसी कामवाली चुदाई की Hindi Sex Stories कैसी लगी, प्लीज जरूर बताएं.

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