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ससुर जी का घोड़े जैसा लण्ड - Free Sex Kahani

मेरी उम्र 26 साल की है। मेरा नाम सुनीता है, और मैं एक हाउसवाइफ हूँ। मेरी शादी को अभी तीन साल हुए हैं। मेरा फिगर 34-28-36 है, और मेरी गोरी त्वचा और लंबे काले बाल मेरी खूबसूरती को और निखारते हैं। मेरे पति, अजय, एक मार्केटिंग कंपनी में जॉब करते हैं, जिसके चलते वो ज्यादातर घर से बाहर ही रहते हैं। महीने में शायद ही 4-5 दिन घर पर होते हैं। मेरे ससुर जी, रामलाल, 50 साल के हैं, लेकिन उनकी कद-काठी और ताकत किसी जवान मर्द से कम नहीं। वो गाँव के सरपंच रह चुके हैं और अब भी खेतों में काम करते हैं, जिससे उनका शरीर मजबूत और फिट है। मेरी सास, कमला, 45 साल की हैं, और मेरी ननद, रीना, 19 साल की है, जो कॉलेज में पढ़ती है। रीना का फिगर 32-26-34 है, और वो थोड़ी शरारती और बिंदास है। हम सब एक ही घर में रहते हैं, और मेरा कमरा पहली मंजिल पर है, जबकि ससुर जी और सास का कमरा नीचे है। रीना का कमरा भी नीचे है, लेकिन उसका कमरा किचन के पास है।


शादी के इन तीन सालों में मैंने और अजय ने शायद 25-30 बार ही सेक्स किया होगा। अजय को टाइम ही नहीं मिलता, और जब मिलता है, तो वो थके हुए होते हैं। मेरी चूत चुदाई के लिए तड़पती रहती है। मैं रात को अकेले लेटी रहती, और मेरी उंगलियाँ मेरी चूत की प्यास बुझाने की कोशिश करतीं, लेकिन वो मजा कहाँ जो एक मर्द के लंड से मिलता है। मैंने कई बार अजय से कहा, लेकिन वो हँसकर टाल देते। मेरी चूत की आग दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही थी, और मैं बस किसी तरह अपनी इस प्यास को बुझाना चाहती थी।


एक दिन दोपहर की बात है। मैं अपने कमरे में टीवी देख रही थी। बाहर गर्मी थी, और घर में सन्नाटा। सास और ससुर खेत गए थे, और रीना अपने कमरे में थी। मुझे प्यास लगी, तो मैं किचन की ओर जाने लगी। किचन जाते वक्त रीना के कमरे के पास से गुजरी, तभी मुझे कुछ अजीब सी आवाजें सुनाई दीं। जैसे कोई सिसक रहा हो, और कुछ हल्की-हल्की कराहें। मैंने सोचा शायद रीना किसी से फोन पर बात कर रही है। लेकिन उत्सुकता ने मुझे रोक लिया। मैंने चुपके से उसकी खिड़की की ओर झाँका। जो मैंने देखा, उसने मेरे होश उड़ा दिए।


रीना पूरी नंगी जमीन पर लेटी थी। उसका गोरा बदन चमक रहा था, और हमारा पालतू कुत्ता, शेरू, उसकी चूत को चाट रहा था। रीना की आँखें बंद थीं, और वो अपने होंठ काट रही थी। उसका एक हाथ कुत्ते के लंड को पकड़े हुए था, और वो उसे जोर-जोर से हिला रही थी। मैं स्तब्ध थी। मेरा दिमाग सुन्न हो गया। तभी रीना ने करवट ली और घोड़ी बन गई। शेरू तुरंत उसके पीछे चढ़ गया और उसकी चूत में अपना लंड डालकर जोर-जोर से धक्के मारने लगा। रीना की मुँह से “आह्ह… उह्ह…” की आवाजें निकल रही थीं। मैं ये सब देखकर सन्न रह गई। मेरे पैर जम गए, लेकिन मेरा दिल जोर-जोर से धड़क रहा था। मैं चुपके से वहाँ से हट गई और किचन में चली गई।


पानी पीते वक्त मेरा दिमाग घूम रहा था। मैं सोच रही थी कि रीना ऐसा कैसे कर सकती है। करीब 15 मिनट बाद शेरू रीना के कमरे से बाहर निकला, और उसके पीछे-पीछे रीना भी बाहर आई। उसने एक ढीली सी टी-शर्ट और शॉर्ट्स पहन रखे थे। मुझे देखकर वो थोड़ा घबरा गई। मैंने उससे सीधे कह दिया, “रीना, मैंने सब देख लिया। तुम ये क्या कर रही थी?”


रीना के चेहरे का रंग उड़ गया। वो मेरे सामने रोने लगी और बोली, “भाभी, प्लीज किसी को मत बताना। मैं… मैं बस…”


मैंने उसे चुप कराया और समझाया, “रीना, ये गलत है। तुम कोई बॉयफ्रेंड बना लो। जानवर के साथ ऐसा करना ठीक नहीं।”


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रीना ने सिसकते हुए कहा, “भाभी, मैं बॉयफ्रेंड तो बना लूँ, लेकिन मर्द का लंड तो कुत्ते से भी बड़ा होता है। मुझे डर लगता है।”


मैंने हँसते हुए पूछा, “अरे, इतना भी बड़ा नहीं होता। तुम क्या सोच रही हो?”


रीना ने गंभीर होकर कहा, “नहीं भाभी, मैंने देखा है। इसलिए कह रही हूँ।”


मैंने मजाक में कहा, “अच्छा, किसका देख लिया? कहीं घोड़े का तो नहीं?”


रीना ने शर्माते हुए कहा, “नहीं भाभी, मैंने डैडी का देखा है। उनका लंड तो सचमुच घोड़े जैसा है। इतना लंबा और मोटा… मैंने ऐसा पहले कभी नहीं देखा।”


उसकी बात सुनकर मेरी चूत में अचानक खलबली मच गई। मेरे दिमाग में बिजलियाँ कौंधने लगीं। मेरे ससुर जी का लंड इतना बड़ा? मेरे घर में ही ऐसा खजाना? मेरी चूत की आग और भड़क उठी। मैंने ठान लिया कि मुझे किसी भी हाल में ससुर जी का लंड देखना है। बस, मुझे एक सही मौके की तलाश थी।


कुछ दिन बाद वो मौका आ ही गया। मेरे सास, रीना, और बाकी रिश्तेदार एक शादी में दो दिन के लिए बाहर गए। घर में सिर्फ मैं और ससुर जी रह गए। उस रात मैंने प्लान बनाया। मैंने ससुर जी के दूध में नींद की गोली मिला दी। वो हर रात दूध पीते थे। दूध पीते ही वो अपने कमरे में चले गए, और थोड़ी देर बाद उनकी खर्राटों की आवाज आने लगी। मैंने करीब 30 मिनट इंतज़ार किया और फिर उनके कमरे की ओर गई। मेरा दिल जोर-जोर से धड़क रहा था। मैंने दरवाजा खोला और अंदर झाँका। ससुर जी गहरी नींद में थे। मैंने उन्हें जोर-जोर से हिलाया, लेकिन वो नहीं उठे। मैं समझ गई कि अब रास्ता साफ है।


मैंने धीरे से उनकी धोती खींची और उनका अंडरवियर नीचे सरका दिया। जैसे ही उनका लंड बाहर आया, मेरी आँखें फटी की फटी रह गईं। रीना ने सच कहा था। उनका लंड अभी सोया हुआ था, लेकिन फिर भी इतना बड़ा और मोटा था कि मेरी चूत में सिहरन दौड़ गई। करीब 5 इंच लंबा और इतना मोटा कि मेरा हाथ शायद ही उसे पूरा पकड़ पाए। मैंने धीरे-धीरे अपने दोनों हाथों से उनके लंड को पकड़ा और सहलाने लगी। उसकी गर्मी मेरे हाथों में महसूस हो रही थी। मैंने उसे ऊपर-नीचे किया, और मेरे होंठ बेकाबू होकर उसके लंड के पास चले गए। मैंने धीरे से उसकी टोपी को चूमा। उसका स्वाद नमकीन और उत्तेजक था।


मैंने धीरे-धीरे उनके लंड को अपने मुँह में लिया और चूसने लगी। मेरी जीभ उनके लंड की नसों पर फिसल रही थी। मैं नीचे से ऊपर तक चाट रही थी, और मेरी चूत में खलबली मच रही थी। तभी अचानक उनके लंड में एक झटका सा लगा। वो धीरे-धीरे खड़ा होने लगा। मैंने देखा कि 5 इंच का लंड अब ८ इंच का हो गया था, और फिर ९ और अंत में १० इंच का हो गया। इतना मोटा और लंबा लंड मैंने अपनी जिंदगी में कभी नहीं देखा था। मेरी चूत अब पूरी गीली हो चुकी थी। मैंने अपनी साड़ी और पेटीकोट उतार दिए और पूरी नंगी हो गई। मेरी चूत पानी छोड़ रही थी, और मेरे निप्पल्स सख्त हो चुके थे।


मैंने उनके लंड को अपनी चूत पर रगड़ना शुरू किया। उसकी गर्मी और सख्ती मेरी चूत को और पागल कर रही थी। मैंने सोचा कि अगर ये लंड मेरी चूत में गया, तो शायद मेरे पेट तक पहुँच जाए। मैं डर रही थी, लेकिन मेरी चूत की आग उस डर को दबा रही थी। मैंने लंड को अपनी चूत के मुँह पर रखा और धीरे-धीरे रगड़ने लगी। “आह्ह… उह्ह…” मेरे मुँह से सिसकारियाँ निकल रही थीं। मैं बस उस लंड को अपनी चूत में लेने के लिए तड़प रही थी।


तभी अचानक मेरी कमर पर किसी ने जोर से पकड़ लिया। मैं डर के मारे चीख पड़ी। मैंने पीछे मुड़कर देखा तो ससुर जी जाग चुके थे। उनकी आँखों में एक शरारती चमक थी। वो बोले, “बहू, अब तो लंड नाप लिया, अब इसे अपनी चूत में भी ले लो। तुझे बहुत मजा आएगा।”


मैं घबरा गई और छुड़ाने की कोशिश की, लेकिन उनकी पकड़ बहुत मजबूत थी। उन्होंने मुझे बेड पर धकेल दिया और मेरे ऊपर चढ़ गए। मेरे ब्लाउज को एक झटके में फाड़ दिया और मेरे 34 साइज के चूचे बाहर आ गए। वो मेरे चूचों को जोर-जोर से मसलने लगे। “आह्ह… ससुर जी… धीरे…” मैं कराह रही थी, लेकिन मेरी चूत और गीली हो रही थी। उन्होंने मेरे एक चूचे को अपने मुँह में लिया और जोर-जोर से चूसने लगे। उनकी जीभ मेरे निप्पल्स पर गोल-गोल घूम रही थी। मैं पागल हो रही थी। अजय ने कभी मेरे चूचों को इस तरह नहीं चूसा था।


ससुर जी अब मेरी चूत की ओर बढ़े। उन्होंने मेरी टाँगें फैलाईं और मेरी चूत को अपनी जीभ से चाटने लगे। जैसे ही उनकी जीभ मेरी चूत के दाने को छूई, मेरे पूरे बदन में करंट दौड़ गया। “आह्ह… उह्ह… ससुर जी… ओह्ह…” मैं सिसकारियाँ ले रही थी। उनकी जीभ मेरी चूत के अंदर तक जा रही थी, और वो मेरे चूत के रस को चाट रहे थे। मैंने उनका लंड पकड़ा और जोर-जोर से हिलाने लगी। उनका लंड अब और सख्त हो गया था।


तभी ससुर जी ने अपना लंड मेरे हाथ से लिया और मेरी चूत के दाने पर रगड़ने लगे। “आह्ह… ससुर जी… ये क्या कर रहे हो… मैं मर जाऊँगी…” मैं चिल्ला रही थी। उनकी रगड़ इतनी तेज थी कि मेरी चूत ने दो मिनट में ही पानी छोड़ दिया। मेरे पूरे बदन में सिहरन दौड़ रही थी।


ससुर जी हँसे और बोले, “बहू , अभी तो लंड अंदर गया भी नहीं, और तेरी चूत ने जवाब दे दिया?”


मैं शरमाते हुए बोली, “ससुर जी, अब बस करो… मेरी चूत को चोद दो… ये मुझे बहुत तड़पाती है।”


वो मुस्कुराए और फिर से मेरी चूत को चाटने लगे। इस बार उनकी जीभ मेरे चूत के दाने पर गोल-गोल घूम रही थी। “आह्ह… ओह्ह… ससुर जी…” मेरी सिसकारियाँ कमरे में गूँज रही थीं। उन्होंने अपनी दो उंगलियाँ मेरी चूत में डाल दीं और जोर-जोर से अंदर-बाहर करने लगे। साथ ही उनकी जीभ मेरे चूत के दाने को चाट रही थी। मैं एक मिनट में ही फिर से झड़ गई। मेरी चूत ने ढेर सारा पानी छोड़ दिया।


मैंने तड़पते हुए कहा, “ससुर जी, अब और मत तड़पाओ… प्लीज, अपना लंड मेरी चूत में डाल दो… मेरी प्यास बुझा दो।”


मैंने उनका लंड पकड़ा तो महसूस हुआ कि वो इतना मोटा था कि मेरे हाथ में पूरा नहीं आ रहा था। मैं डर गई। इतना बड़ा लंड मेरी चूत को फाड़ देगा। मेरे चेहरे पर डर देखकर ससुर जी बोले, “बहू , डर मत। आज ये लंड तेरी चूत में जाएगा, तो तू किसी और के लंड की ओर देखेगी भी नहीं।”


मैंने हिम्मत जुटाई और बोली, “ससुर जी, मेरी चूत की अच्छे से चुदाई करना। ये साली मुझे बहुत तंग करती है।”


वो हँसे और अपना लंड मेरे मुँह के पास ले आए। मैं समझ गई कि वो क्या चाहते हैं। मैंने तुरंत अपना मुँह खोला और उनके लंड को चूसने लगी। मैंने उनकी टोपी को जीभ से चाटा, फिर पूरे लंड को अपने मुँह में लिया। उनका लंड मेरे गले तक जा रहा था। उन्होंने मेरा सिर पकड़ा और जोर-जोर से मेरे मुँह को चोदने लगे। “उह्ह… ग्लक… ग्लक…” मेरे मुँह से आवाजें निकल रही थीं। मुझे साँस लेने में दिक्कत हो रही थी, लेकिन वो रुके नहीं। करीब 5 मिनट तक उन्होंने मेरे मुँह को बेरहमी से चोदा।


फिर उन्होंने लंड निकाला और मेरी चूत पर रख दिया। मैंने अपनी टाँगें फैलाईं और साँस रोके इंतज़ार करने लगी। उन्होंने अपने लंड का सुपाड़ा मेरी चूत के मुँह पर रखा और धीरे से दबाया। “आह्ह…” मेरी चीख निकल गई। उनका सुपाड़ा ही इतना मोटा था कि मेरी चूत खिंच रही थी। फिर उन्होंने एक जोरदार धक्का मारा, और उनका 4-5 इंच लंड मेरी चूत में घुस गया। मैं दर्द से तड़प उठी। “आह्ह… ससुर जी… धीरे…” मैं चिल्लाई, लेकिन वो रुके नहीं।


वो पुराने खिलाड़ी थे। उन्होंने धीरे-धीरे धक्के मारने शुरू किए। मेरी चूत उनके लंड को समाने की कोशिश कर रही थी। उन्होंने मेरी गांड के नीचे एक तकिया रखा, जिससे मेरी चूत और ऊपर उठ गई। अब वो और गहराई में धक्के मारने लगे। “पच… पच… पच…” मेरी चूत से आवाजें निकल रही थीं। मैं उनकी हर धक्के के साथ सिसकारियाँ ले रही थी। “आह्ह… उह्ह… ससुर जी… और जोर से…” मैं चिल्ला रही थी।


तभी उन्होंने अपना लंड बाहर निकाला और एक जोरदार धक्के के साथ अपना पूरा १० इंच का लंड मेरी चूत में उतार दिया। “आआह्ह्ह…” मेरी चीख पूरे कमरे में गूँज गई। मैं मछली की तरह तड़प रही थी। मेरी चूत में ऐसा लग रहा था जैसे कोई गर्म लोहे की रॉड घुस गई हो। लेकिन दर्द के साथ-साथ मजा भी आ रहा था। मैंने अपनी दोनों टाँगें ऊपर उठाईं और अपनी गांड हिलाकर उनके धक्कों का जवाब देने लगी।


ससुर जी ने मेरी टाँगें अपने कंधों पर रखीं और जोर-जोर से मुझे चोदने लगे। “पच… पच… फच… फच…” मेरी चूत की आवाजें कमरे में गूँज रही थीं। मैं अपनी आँखें बंद करके हर धक्के का मजा ले रही थी। “आह्ह… ससुर जी… चोदो… मेरी चूत को फाड़ दो…” मैं बड़बड़ा रही थी। वो मेरे चूचों को मसल रहे थे और मेरे निप्पल्स को चूस रहे थे।


करीब 20 मिनट की इस जबरदस्त चुदाई के बाद मेरा शरीर अकड़ गया। मेरी चूत ने उनके लंड पर पानी की बौछार कर दी। “आह्ह… ओह्ह…” मैं झड़ गई। दो मिनट बाद ससुर जी ने भी अपना सारा माल मेरी चूत में उड़ेल दिया। उनकी गर्म पिचकारी मेरी चूत की गहराई में जा रही थी। मैं सुस्त पड़ गई। मुझे इतना जोर से पेशाब आ रहा था कि मैं उठ भी नहीं पा रही थी। ससुर जी ने मुझे अपनी गोद में उठाया और बाथरूम ले गए। मैंने उनके सामने पेशाब किया। मेरी चूत से निकलता गर्म पेशाब देखकर वो फिर गरम हो गए।


उन्होंने मुझे टॉयलेट सीट पर बिठाया और मेरी दोनों टाँगें ऊपर उठा दीं। फिर अपना लंड मेरे मुँह में डालकर फिर से मेरे मुँह को चोदने लगे। “ग्लक… ग्लक…” मेरे मुँह से आवाजें निकल रही थीं। फिर उन्होंने मेरी चूत और गांड दोनों को बारी-बारी से चोदा। पहले मेरी चूत में धक्के मारे, फिर मेरी गांड में उनका सुपाड़ा डाला। “आह्ह… ससुर जी… मेरी गांड…” मैं चिल्ला रही थी। मेरी चूत और गांड दोनों की हालत खराब हो चुकी थी। मैं थककर चूर हो गई थी।


उस दिन से मैं हर रात ससुर जी से चुदवाती हूँ। एक दिन रीना ने मुझे और ससुर जी को सेक्स करते देख लिया। मैंने उसे भी अपने साथ शामिल कर लिया। अब हम तीनों इस सेक्स लाइफ का पूरा मजा लेते हैं। Free Sex Kahani

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