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सहेली की चुदाई के लिए बॉयफ्रेंड को जिगोलो बनाया - Antarvasna Sex Stories

मेरा नाम रोज़ी है मैं उत्तर प्रदेश के रामपुर से 25 किलोमीटर दूर रहती हूं, दिखने में एक अच्छी कामुक औरत हूं।

मेरे पति मुझे छोड़ कर अपनी प्रेमिका के साथ भाग गए, लेकिन मेरी सास ने मुझे माँ जैसा प्यार दिया और मेरे पति की प्रॉपर्टी मेरे नाम कर दी। मेरे लिए वो माँ समान ही है और हम अब साथ रहते है।

मैं चाहे कितनी भी अच्छी इंसान बनू ।लेकिन हूं तो औरत ही, मेरी जिस्मानी ज़रूरत व मानसिक तनाव के चलते मेरे सम्बन्ध राहुल से बन गए। राहुल की वजह से मेरा साइज बढ़ गया वरना पहले मेरा साइज 36, 24, 36 था।

तो समय न गवाते हुए कहानी शुरू करती हूं।

एक रात मेरे पास मेरी स्कूल की सहेली रीमा का फोन आया वो बहुत रो रही थी।

मैने घबराते हुए उससे पूछा “ बहन क्या बात है?”

तो उसने बताया की उसका पति सीधा है मैने पूछा सीधे से किया मतलब?

तो वो बोली “उसके पति को बिल्कुल समझ नहीं की पत्नी के करीब कैसे आते है, वो बस आता है लन्ड डालकर पानी छोड़ता है फिर हट जाता है।”

वो रोना बंद नहीं कर रही थी तो मैने उसे समझाने के लिए अपने घर बुला लिया।

अगली सुबह 11 बजे वो मेरे पास आ गई, वो रो रही थी उसके गाल पर थप्पड़ के निशान थे मैने उसको पूछा के ये सब कैसे हुआ।

रीमा ने बताया की उसके रिश्तेदारों ने अमीर घर का लालच देकर उसके मम्मी पापा को शादी के लिए मना लिया और घर वालों की बात मान कर उसने शादी कर ली।

लेकिन लड़का बहुत सीधा है आसानी से किसी की भी बातों में आ जाता है उसका परिवार भी कुछ खास पढ़ा लिखा नहीं है। उसने B.A कर लिए तो खुद को तीस मार खान समझता है।

घर वाले उसकी सरकारी नौकरी का इंतज़ार कर रहे है, वो मुझे बुरी तरह चोदता है मारता है पीटता है।

उसकी बाते सुनकर मैने उसे कहा तलाक लेले, मगर उसने मना कर दिया उसका कहना था कि उसका खुद का परिवार आर्थिक तौर पर ऐसा नहीं है कि मेरा ख्याल रखले।

मेरे रिश्तेदार मुझे नौकरी नहीं करने देंगे क्योंकि ससुराल में पैसे की कमी नहीं है आखिर शादी तो उसी लालच में हुई थी।

मैने उससे थोड़ा साफ साफ पूछा कि वो क्या चाहती है?

तब उसने बोला “मैं बस अपनी लाइफ में किसी ऐसे को चाहती हूं जो मुझे कुछ पल अपनेपन का सुख दे, मेरा रोना सुने, मुझे सहलाए मुझे वो प्यार दे जो एक औरत चाहती है।”

मैं उसकी परेशानी समझ गई ये परेशानी बस एक औरत ही समझ सकती है।

मैने उसे उस दिन अपने घर ही रुकने को बोला, वो मेरी सांस से घुल मिल गई। मेरी सासू मोम सच में बहुत अच्छी है बस उनको बेटा नालायक मिला।

मेरी सहेली काफी खूबसूरत है उसकी आँखें भूरी और चमकीली है नर्म रेशमी से बाल गोरा व लम्बा चेहरा उसके गले से उठती हड्डी उसके चेहरे हो कामुक बना देती थी।

वो हमेशा हील पहनती जिसमें वह बहुत सेक्सी लगती उसका फिगर मेरा जैसा ही था।

दोपहर को राहुल का मैसेज मेरे फोन पर आया कि उसको पैसे की ज़रूरत है हमारे बीच में दोस्तो वाली उधारी चलती रहती थी।

तभी मेरा माथा ठनक गया, मैने रीमा को बुलाया उसको अपने साथ कमरे में ले गई।

फिर उसको बोली “एक काम करले मेरे पास एक लड़का है उसे पैसे की ज़रूरत है अगर तू उसकी ज़रूरत पूरी कर सके तो वो तेरे दिल को अच्छे से संभाल लेगा।”

उसने मुझसे मना कर दिया कि वो ऐसा कुछ नहीं करेगी उसे सच्चा प्यार चाहिए मैने उसे चपत लगा कर कहा “सच्चे प्यार वाले के साथ तू घर नहीं बसा सकेगी तब क्या करेगी जब वो तुझसे प्यार का बदला मांगेगा।”

उसने सोचने के लिए समय मांगा उस रात वो मेरे पास ही सोई सोते हुए बीच रात को मेरी आँख खुली रोज़ इस समय आम तौर पर मैं राहुल के लोड़े की सवारी करती हूं लेकिन उस रात मेरे साथ रीमा थी।

वो मेरे बगल में लेटी थी मेरी चूत में बेचनी होने लगी, रीमा मेरी नाइटी पहने हुए थी मगर उसने पैंटी नहीं पहनी थी।

मुझसे रहा नहीं गया उस रात मैने उसके पूरे जिस्म को चूमकर स्वाद लिया और उसकी चूत को चूसते हुए अपना तकिया बनाकर चूत पर गाल रखकर सो गई।

मुझे मालूम था वो मान जाएगी इसलिए मैने पहले ही राहुल को सारी बात बता दी थी, मुझे राहुल पर भरोसा था क्यों की उससे चुदाते हुए मुझे 1 साल से ज़्यादा हो चुका था।

राहुल औरतों के दिल को अच्छे से समझता था उनकी ज़रूरत चाहे जज़्बाती हो या जिस्मानी राहुल दोनों पूरी कर पाता था।

उसको मुझे मनाने में ज़्यादा परेशानी नहीं हुई उसकी जगह कोई भी मर्द होता तो आसानी से मान जाता, एक मस्त माल औरत को चोदने मिले साथ में पैसे भी मिले तो कौन सा मर्द मना करेगा।

लेकिन हर मर्द दिल के दर्द को कम नहीं कर सकता ये बात मैने राहुल से मिलकर जानी।

अगली दोपहर हम तीनों ने मिलने का प्लान बनाया हम बाहर मूवी देखने गए।

रीमा ने बोला कि उसे पहले राहुल से मिलकर देखना है कि वो इस लायक है भी के नहीं जैसे मैने बताया उसके बारे में।

हम लोग मूवी देखने मॉल पहुंचे।

कुछ देर में राहुल भी आ गया, आज वो किसी हीरो से कम नहीं लग रहा था फॉर्मल सफेद लाइन वाली शर्ट उसपर नीली जींस और फॉर्मल ब्लैक जूते उसमें से चॉकलेट की बहुत ग़ज़ब की खुशबू आ रही थी।

मुझे उसे देखते ही गुस्सा आया के कुत्ता मेरे लिए तो कभी ऐसे तैयार नहीं हुआ।

उसने हमारे पास आकर बहुत इज़्ज़त के साथ हाथ मिलाया फिर हमें आगे जाने का बोलकर टिकट लेने लगा।

कुछ देर में हम तीनों अपनी अपनी सीट्स पर बैठे थे, उस दिन स्त्री मूवी लगी हुई थी।

मैं बीच में थी और रीमा व राहुल मेरे बराबर में बैठे थे।

मैने बात को आगे बढ़ाया “रीमा ये है राहुल और राहुल ये है रीमा, इसे तुम्हारी मदद की ज़रूरत है तो मैं अभी के लिए यहां से हट रही हूं, तुम दोनों आपस में बातें करो और इंटरवल में बताना कैसा रहा।”

फिर मैं वहां से उठकर आगे की सीट पर जाने लगी मैने सोचा कि ऐसी जगह बैठती हूं जहां से मैं इन दोनों को देख पाऊं।

जाते जाते मैने राहुल को कहा “राहुल मेरी दोस्त का ख्याल रखना ये कोई गलत लड़की नहीं है बस हालात से मजबूर है।”

राहुल ने ओके वाला इशारा करते हुए आँखें बंद कर के खोली जिससे मुझे संतुष्टि मिली।

मैं उन दोनों को अकेला छोड़ कर आ गई थोड़ा सा उनपर नज़र रखने के बाद मेरा ध्यान मूवी की तरफ हो गया।

स्त्री मूवी सच में अच्छी थी इंटरवल से बस पंद्रह मिनट पहले मुझे ध्यान आया की मैं राहुल और रीमा के साथ आई थी।

मुझे बस टेंशन थी की कही रीमा का मूड न खराब हो जाए लेकिन राहुल पर भरोसा था वो कोई ऐसी हरकत नहीं करेगा जिससे रीमा नाराज़ होती।

मैने पलट देखा तो मेरी उम्मीद टूट गई, रीमा राहुल की गोद में बैठी थी दोनों एक दूसरे के मस्ती से होठ चूस रहे थे राहुल का हाथ रीमा की सलवार के अंदर से गांड़ सहला रहा था।

रीमा 36 की गांड़ वो ऐसे दबा रह था जैसे कोई गुब्बारा हो, रीमा लगातार राहुल के बालों से खेले जा रही थी वो इतनी बेताब थी के उसने राहुल की पेंट खोलने शुरू कर दी।

मैने सोचा भाड़ में गई स्त्री पीछे कामसूत्र को एंजॉय करा जाए।

रीमा ने अपनी सलवार खोलकर नीचे करी उसने अपनी वी शेप पैंटी को एक तरफ खींचा उसकी सांसे हाफ रही थी उसकी आआह! हम्मम !

उफ्फफ! हुह्म्म; की आवाज़ मुझ तक आ रही थी। उसने मेरी चूत भी गीली करदी, राहुल का लन्ड उसकी चूत में जाने ही वाला था कि इंटरवल हो गया।

रीमा कूद कर अपनी सीट पर बैठी और कपड़े ठीक करने लगी, राहुल ने भी अपने मस्त लन्ड को अंदर कर के पैंट बंद करी।

दोनों की नज़रे मुझसे मिली तो उन्होंने अपने मुंह नीचे कर लिए, मैं उठी और वापस जाकर उनके बीच में बैठ गई।

“राहुल से तो मुझे उम्मीद थी वो एक मर्द की तरह एक माल औरत को देखने के बाद चुदाई के लिए ऊपर चढ़ने में देरी नहीं करेगा लेकिन हैरत की बात थी के तू कैसे इतनी आसानी से खुल गई।”

मैने हैरानी से रीमा को पूछा।

उसने बताना शुरू करा - यार जब तू यहां से गई तो राहुल उठकर तेरी सीट पर आ गया था।

उसने मुझसे हल्की मुस्कान के साथ पूछा कि “आप रोज़ी जी को कैसे जानती हो।”

मैने बताया “रोज़ी मेरी स्कूल की सहेली है मैं अपनी ज़िंदगी से जुड़ी हर बात बताती हूं उसे।”

फिर मैने राहुल से सीधा पूछ लिया “पहले कितनी लड़कियों को call boy service दी है आपने?”

लेकिन राहुल ने अजीब शक्ल बनाते हुए कहा “मैं कॉल बॉय नहीं हूं रोज़ी जी ने मुझसे बोला के रीमा मेरी सहेली है उसका दिल बहुत परेशान है अपना दर्द बांटने के लिए उसके पास कोई नहीं है तो तुम उसकी मदद कर दो।”

मैं राहुल की बात से खुश थी के वो मेरे जिस्म की हवस में नहीं आया मेरे पास रहकर वो सच में मेरी बाते सुनना चाहता था हालांकि मेरे पास बताने के लिए कुछ नया नहीं था।

हमारे बीच यू ही हंसी मज़ाक होती रही हमने आधे घंटे मूवी एंजॉय करी।

लेकिन जैसे ही डरावना सीन आया तो मैने घबराकर राहुल का हाथ पकड़ लिया, मुझे ऐसी फिल्में पसंद नहीं मुझे बहुत डर लगता है इन चीज़ों से।

मुझे थोड़ी कंपकपी महसूस हुई ए सी काफी तेज़ था राहुल ने मुझे देखकर मेरे कंधे पर हाथ रखलिया और अपने करीब कर लिया।

उसने अपना दूसरा हाथ मेरे हाथों पर रखा और मुझे सहलाने लगा, मुझे उसका ऐसा करना बहुत अच्छा लगा।

उसके करीब होने पर मुझे गर्मी मिलने लगी, वो मुझे बहुत प्यार से सहला रहा था। कुछ देर गुज़री और हमारी आँखें मिलने लगी, उसने बहुत नाज़ुकता से मेरे माथे को चूमा मुझे सच में उस पल में प्यार का एहसास हुआ ये पल में हमेशा से जीना चाहती थी लेकिन अपनी शादी शुदा ज़िंदगी से मुझे ये पल नहीं मिला।

हम एक दूसरे को देखते रहे, धीरे धीरे वो मेरे करीब आने लगा मेरे कंधे से नीचे मुझे पकड़ कर उसने अपने करीब लिया और मैं भी खींचती चली गई।

धीरे धीरे कर के मेरी गर्मी बढ़ती गई, मेरी गर्म सांसों से राहुल के चेहरे पर बाल उड़ते मुझे अच्छे लगे।

मेरी सांसे तेज़ होने लगी राहुल की गर्म सांसे मेरे होठों को छूने लगी और देखते देखते मेरे लाल होठों पर राहुल ने अपने होठ रख दिए।

राहुल के होठ थोड़े मोटे थे मुझे उनको चूसने में मज़ा आ रहा था, उसने मुझे जैसे इज़्ज़त के साथ चूमा वैसी इज़्ज़त मेरी शादी ने मुझे कभी नहीं दी।

फिर वो अपना एक हाथ मेरे 36 के चूंचे पर ले गया, बहुत आराम से राहुल ने मेरी चूंची को भींचा मेरी हल्की सी आआह! निकल गई।

राहुल ने मुझे जोश दिला दिया में उठी और उसकी गोद में चढ़ कर बैठ गई, मैं उसकी सांसे अपने मुंह में महसूस कर रही थी उसके हाथ मेरी पीठ पर घूम रह थे।

वो मेरे निचले होठ चूमता मैं उसके ऊपर के होठ को चूमती वो मेरी नाक को चूमता मैं उकसे गाल को चूमती।

वो धीरे धीरे अपने हाथ मेरी ब्रा के अंदर ले जाने लगा, मैं उस समय पूरी सिहर गई, मेरा दिल किसी इंजन की तरह दौड़ रहा था।

मुझे अपनी चूत में कुछ गिला पान महसूस हुआ, राहुल तब मेरे चूचों में जाकर निप्पल मसलने लगा जिससे मैं पूरी बेचैन हो गई।

उसकी हरकतों कि वजह से मेरी आआह! हम्मम !

उफ्फफ! हुह्म्म; की आवाज़ निकालने लगी थी मगर आसपास लोग थे इसलिए बहुत मुश्किल से मैने खुदको रोका।

राहुल मेरी 36 वाली को गांड़ बिल्कुल गुब्बारे की तरह दबा रहा था।

फिर आखिर कार जब मेरा खुद पर से काबू खत्म हो गया तो मैने अपनी सलवार उतारली मैने सोचा जो होगा देखा जाएगा।

मैने उसकी पेंट खोली 6.5 इंच का लन्ड बाहर निकाला अपने थूक से उसे थोड़ा चिकना करा मैं बस लन्ड लेने ही वाली थी के इंटरवल हो गया।

मैं घबरा गई एक एक कर के सारी लाइट्स जलती देखी तो बस अपनी सीट पर कूदी और कपड़े ठीक कर लिए।

मैने रीमा को रोका उसकी बातों से मेरी चूत अधिक गीली होने लगी थी मैने राहुल को खा जाने वाली नज़रों से देखा वो मुझे देखकर मुस्कुरा रहा था।

मगर मुझे उसपर प्यार भी आया उसने मेरी सहेली की मदद करी थी लेकिन पूरी मदद अभी बाकी थी।

इंटरवल के बाद मुझे वहां से हटने का मन नहीं हुआ राहुल और रीमा ने मुझे इशारा करा के मैं चली जाऊं मगर मुझे उनको तरसता देखने में मज़ा आ रहा था।

जब मूवी खत्म हुई तो हम घर आए। वहीं मिलने का समय हम तीनों ने मिलने के लिए तय कर लिया।

आधी रात हो चुकी थी। हमारे पूरे घर में सन्नाटा था, सिर्फ़ दीवार घड़ी की टिक-टिक कर रही थी और बाहर कुत्तों के भौंकने की आवाज़ गूंज रही थी ।

मेरी सासू भी माँ सो चुकी थीं, उनका मेरे कमरे से काफी कमरा अलग था। मैंने कॉल कर के रीमा को अपने बेडरूम में बुला लिया था।

वो अभी भी वही लाल सलवार सूट पहने थी जो मूवी में पहना था, पर अब उसकी आँखों में वो शर्म नहीं थी, उसकी आंखों में अब हवस भरी चुदाई की सिर्फ़ भूख थी… एक ऐसी भूख जो न जाने कब से दबी हुई थी।

उस चुदक्कड़ को अंदर खींचकर मैंने दरवाज़ा अंदर से लॉक करा और राहुल को मैसेज किया – "आ जा कुत्ते, माल तैयार है।"

पाँच मिनट बाद राहुल चुपके से छत से कूदता हुआ ऊपर से अंदर घुस आया। उसने काली टी-शर्ट और लोअर पहना था, बदन पर वही चॉकलेट की खूशबू थी जो अब मेरा दिमाग घूम रही थी।

कुत्ते राहुल उसकी आँखें रीमा को देखकर चमक उठीं। रीमा भी बेड पर बैठी थी वो उसे घूर रही थी, उसकी साँसें तेज़ थीं, चुन्नी सरक कर कंधे पर लटक रही थी, उसके 36 के मम्मे ऊपर-नीचे हो रहे थे।

मैंने मुस्कुरा कर कहा, "राहुल … आज तू मेरा नहीं, रीमा का है। पूरी रात इसकी चूत और दिल दोनों को ठंडक दे दे।

मैं सिर्फ़ देखूँगी और बताऊँगी कि ये रंडी कितनी गरम है।" आज इसकी चुदाई की वीडियो बनाऊंगी मैं और इसे दिखाऊंगी इसकी असलियत।

राहुल ने हल्के से सिर हिलाया और रीमा के पास बेड पर बैठ गया। रीमा ने शरमाते हुए आँखें नीची कर लीं। राहुल ने बहुत प्यार से उसका चेहरा ऊपर उठाया और कहा, "रीमा… डर मत, मेरी जान अब हममें कैसी शर्म।

मैं तुझे वो सुख दूँगा जो तेरा पति नहीं दे पाया। बस मुझे अपना बना ले, मुझे मौका दे।" उसने रीमा के गाल पर हल्का सा किस किया। रीमा की साँसें और तेज़ हो गईं।

मैं बेड के कोने पर बैठ गई, अपनी नाइटी ऊपर चढ़ा कर अपनी चूत सहलाने लगी मुझे भी रीमा के जिस्म को देखकर उसे चोदने का मन हुआ काश मेरे पास भी लन्ड होता तो आज इसकी चूत मैं फाड़ती।

मेरी चूत पहले से ही गीली थी, आज मैं सिर्फ़ देखने वाली थी, पर मेरा बदन भी चुदाई की आग में जल रहा था। राहुल ने धीरे-धीरे रीमा की चुन्नी उतारी। फिर उसकी सलवार का नाड़ा खींचा।

रीमा ने कुछ नहीं कहा, बस आँखें बंद कर ली और एक एक पल को महसूस करने लगी। उसकी सलवार नीचे सरक गई, उसकी काली वी-शेप पैंटी पूरी गीली हो चुकी थी, चूत के दाने के नज़ारे साफ़ दिख रहे थे।

राहुल ने अपना हाथ रीमा की जाँघों पर फेरा, वो ऊपर-ऊपर से उसे छूकर तड़पा रहा था… फिर वो पैंटी के ऊपर से ही चूत को सहलाने लगा।

साली रीमा की मुँह से पहली सिसकारी निकली, "आआह्ह… राहुल … कितना अच्छा लग रहा है…"

राहुल ने भी गरम होकर पैंटी एक झटके में नीचे खींच दी। रीमा की गुलाबी चूत बिल्कुल साफ़ थी, छोटे-छोटे बाल, फूली हुई फाँके, उसमें से गरमा गर्म रस टपक रहा था।

राहुल ने आगे बढ़कर अपना मुँह उसकी चूत पर रख दिया और जीभ चूत के अंदर डाल दी।

रीमा अहो में सुबकने लगी "ओओओ माँ… आआआह्ह्ह… राहुल … क्या कर रहा है… उउफ्फ्फ़… मर गई…!" रीमा का पूरा बदन राहुल के छुने से काँप उठा था। वो राहुल के सिर को जोर से चूत के छेद में दबाने लगी, उसे देखकर ऐसा लग रहा था जैसे लन्ड की जगह पूरे राहुल को ही अंदर ले लेगी आज।

राहुल की जीभ उसकी चूत में अंदर-बाहर होनी शुरू हुई, वो कुत्ते की तरह चूत के दाने को चूस रहा था, चप-चप की आवाज़ कमरे में गूँज रही थी ये आवाज़ मेरी हवस भड़का रही थी।

मैंने भी अपनी नाइटी उतार दी, साथ में ब्रा-पैंटी भी मुझसे गर्मी बर्दाश्त नहीं हो रही थी लेकिन मुझे ये तड़प अच्छी लग रही थी।

मेरे 38 के मम्मे हवा में लटक रहे थे। मैं अपनी उँगलियाँ चूत में डाल कर उन दोनों की रास लीला देख रही थी। मेरी चूत से भी हल्का हल्का पानी बह रहा था।

राहुल ने फिर रीमा को लिटाया और उसका कुर्ता ऊपर उठा दिया। रीमा की काली ब्रा में उसके मम्मे फँसे हुए थे। राहुल ने उसकी ब्रा का हुक खोला और उसके दोनों मम्मे आज़ाद हो गए।

रीमा के गुलाबी निप्पल तने हुए थे। राहुल ने एक मम्मा मुँह में लिया और जोर-जोर से चूसने लगा, वो दूसरे को हाथ से मसल रहा था।

रीमा कामुक आवाज़ में तड़प रही थी, "आआह राहुल … चूस… जोर से चूस मेरी जान… मेरे मम्मे फाड़ दे…मैं तेरी हूं आआह्ह… कितने दिन से कोई ऐसे नहीं चूसा…"

राहुल ने फिर अपना लोअर उतारा। उसका 6.5 इंच का लौड़ा पूरी तरह तना हुआ था, उसका सुपारा लाल हो रहा था, उसकी नसें फूली हुई थी। रीमा ने उसे देखते ही अपना हाथ बढ़ाया और पकड़ लिया।

वो इठलाकर बोली "वाह राहुल … कितना मोटा है तेरा लन्ड… मेरे पति का तो आधा भी नहीं… आह्ह… इसे मेरी चूत में डाल दे मेरी जान…अगर तूने मेरी प्यास अच्छे से बुझाई तो मैं अपनी चूत तेरे नाम कर दूंगी।"

राहुल ने रीमा की टाँगें चौड़ी कीं और लौड़ा चूत के मुँह पर रगड़ने लगा। रीमा की कमर धीरे धीरे वासना से ऊपर उठ रही थी, "डाल ना… प्लीज़… अब नहीं सहा जाता…" रीमा तड़पकर बिनती करते हुए बोली।

राहुल ने उसे एक जोर का धक्का मारा। उसका पूरा लौड़ा एक बार में अंदर चला गया।

"आआआआआआआआआआह्ह्ह्ह्ह… माँ कसम… फट गई मेरी चूत… कुत्ते ओओओओ… कितना मोटा है, चोदने को बोला है साले जान से मारने को नहीं!" रीमा चीख पड़ी। राहुल ने धीरे-धीरे चोदना उसे शुरू किया। हर धक्के में रीमा की चीखें कमरे में गूँज रही थीं।

पछाक-पछाक-पछाक… लौड़ा चूत में अंदर-बाहर होता जाता… चूत से चर-चर की आवाज़ आती जाती… रीमा के मोटे मम्मे उछल रहे थे। राहुल ने जोश में आते हुए अपनी स्पीड बढ़ा दी। रीमा को मज़ा आना शुरू हुआ तो बड़बड़ाने लगी "चोद… राहुल अआह… जोर से चोद… फाड़ दे मेरी चूत ओऊहह्ह्ह… आज तक किसी ने नहीं चोदा ऐसे…आआह आआह्ह… मर गई…आआह मैने अपनी चूत तेरे नाम की ओह! आ रही हूँ…!"

रीमा का पहला ऑर्गेज़म आया। उसकी चूत से फव्वारे की तरह पानी निकला उसकी रस भरी छींटे मेरे ऊपर भी आई, राहुल का लौड़ा पूरा भीग गया था। मगर राहुल नहीं रुका, वो और तेज़ रीना की चूत चोदने लगा।

मैं अब खुद को रोक नहीं पाई। मैं भी बेड पर चढ़ गई और रीमा के मुँह के पास अपने मम्मे लटका दिए। रीमा ने किसी बच्चे की तरह मेरे निप्पल चूसने शुरू कर दिए।

मैं राहुल को देख कर बोली, "कुत्ते… मेरी सहेली को रंडी बना दे आज… पूरी रात चोद इसे…आज से हम दोनों तेरी रण्डी है और तू हमारा पालतू।"

राहुल ने मुझे खुशी भरी आंखों से देखा उसने फिर रीमा को घोड़ी बनाया। रीमा जल्दी से गांड़ उठाकर घोड़ी बन कर खड़ी हो गई,

उसकी 36 की गोल-गोल गांड हवा में लहरा रही थी। राहुल ने पीछे से लौड़ा फिर उसके अंदर पेल दिया।

मैने रीमा की गांड़ पर थप्पड़ मारे राहुल ने भी थप्पड़ों से उसकी गाड़ पर तबला बजाया अब तो कमरा सिर्फ़ थप्पड़ों की आवाज़ से भर गया, रीमा की गांड़ लाल हो गई।

थप्प… थप्प… थप्प… हर धक्के में रीमा की गांड लाल हो रही थी। राहुल उसकी गांड पर थप्पड़ मार रहा था, "ले रंडी… ले… कितने दिन से प्यासी थी ना… आज तेरी चूत की सारी प्यास बुझा दूँगा…"

रीमा जोरो से चिल्ला रही थी, "हाँ आगाह… मैं रंडी हूँ… तेरी रंडी आआह… रोज़ी की रण्डी हूं ओह चोद मुझे… फाड़ दे… आआआह्ह…मैं फिर आ रही हूँ…अआआह संभालो मुझे!"

उसका अब दूसरा ऑर्गेज़म आया… रीमा का बदन बुरी तरह काँप गया था वो बेड पर गिर पड़ी, मुझे उसकी फिक्र हुई।

राहुल ने उसे फिर सीधा किया और अपने लौड़े को उसके मुँह में बेदर्दी से ठूँस दिया, लेकिन रीमा पूरी चुदक्कड़ बनगई थी।

"चूस… रंडी… अपने चूत के रस वाला लौड़ा चूस…" वो बोला। रीमा ने जैसे भूखी शेरनी बनकर लौड़ा चूसना शुरू किया।

वो सालीपूरा लौड़ा गले तक ले जा रही थी, उसके ऊपर अपनी रस भरी लार टपका रही थी। राहुल उसके बाल पकड़ कर मुँह चोद रहा था।

मैं अब राहुल के पीछे चली गई। उसकी गांड पर जीभ फेरने लगी। राहुल की साँसें तेज़ हो गईं। वो बोला, "रोज़ी… तू भी रंडी है… आज दोनों को साथ चोदूँगा।"

राहुल ने रीमा को फिर लिटाया और लन्ड में ठरक भर कर मेरे ऊपर चढ़ गया। पहले उसने मेरी चूत में दो उँगलियाँ डाली, फिर अपना लौड़ा मेरे मुँह में दे दिया।

मैं जोर-जोर से उसे चूसने लगी। रीमा भी जोश में आ गई वो नीचे से मेरी चूत चाट रही थी। हम तीनों का 369 बन गया। कमरे में सिर्फ़ चूसने-चाटने की आवाज़ थी।

फिर राहुल ने रीमा को फिर चोदा… इस बार तो बहुत ही देर तक चोदा। रीमा ने अपने चरमसुख में चार बार झड़ी। आखिर में राहुल ने अपना माल रीमा के मम्मों पर छोड़ा।

वो गाढ़ा-गाढ़ा वीर्य उसके मम्मों पर फैल गया। रीमा ने सारा माल उँगली से उठा-उठा कर चाट लिया।

हम लोगों को चुदाई का खेल खेलते हुए सुबह के 5 बज चुके थे। रीमा तो चुदाई के बाद राहुल की बाहों में सोई थी वो उससे एक पल के लिए भी दूर होने को राजी नहीं थी, मैं अपनी दोस्त के लिए खुश थी मुझे उसके चेहरे पर सुकून था।

मैंने खुशी से राहुल को किस किया और बोली, "शाबाश मेरी जान… तूने मेरी सहेली का घर बचा लिया। अब ये और में तेरी रखैल है।"

राहुल मुस्कुराया, "रोज़ी… तू तो मेरी रखैल है पहले से है ना?" मैंने उसका लौड़ा फिर पकड़ लिया, "हाँ… और हमेशा रहेगी… अब दोनों बहनें मिल कर तेरा लौड़ा चूसेंगी…रात भर तूने हमारी सेवा करी अब हम तेरी सेवा करेंगी।"

रीमा की आँख खुली, उसने मुस्कुरा कर कहा, "रोज़ी… थैंक यू… आज पहली बार मुझे लगा कि मैं औरत हूँ, मुझे मेरा प्यार मिल गया। राहुल … अब से तू मेरा पति है… जब चाहे चोदना, मैं तैयार हूँ।"

फिर हम तीनों फिर सो गए, नंगे… एक दूसरे से लिपट कर। हमारा रिश्ता आज भी कायम है रीमा अपने घर में खुश है राहुल ने उसकी गोद में एक सुंदर सा बेटा भी दिया है जो बिल्कुल राहुल जैसा है।


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Ankur Choudhary
Ankur Choudhary
21 hours ago
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I am from Kangra Himachal Pradesh contact me on 7876020558


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Vani
Vani
3 days ago

Gjb

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