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आंटी की चुदाई उसकी मर्जी से!

यह आंटी सेक्स कहानी उन दिनों की बात है जब आज से 18-19 साल पहले छोटे कस्बों और गांवों में मोबाइल फोन नहीं होते थे. उस दौर में घर में रंगीन टीवी, फ्रिज, कूलर, केबल कनेक्शन और घर पर लैंडलाइन फोन होना एक सम्पन्नता की निशानी समझा जाता था.

उन दिनों में मोहल्ले में एक या दो घरों में ही लैंडलाइन फोन हुआ करते थे और पूरा मोहल्ला उसी से काम चलाता था.

उसी समय जब में 12वीं कक्षा का छात्र था, तभी मेरे घर के सामने एक नए पड़ोसी अपने परिवार के साथ रहने आये, उनके परिवार में पति-पत्नि और चार बच्चे थे.

पति की उम्र करीब 40 वर्ष और पत्नी की उम्र करीब 35 वर्ष थी. पति ट्रक ड्राइवर थे इसलिए एक से डेढ़ महीने में 2 या 4 दिन ही घर पर रहते थे, बाकी के समय में पत्नी ही अकेले चारों बच्चों की देखभाल करती थी.

हमारी नई पड़ोसन आंटी जवान और बिना मर्द के अकेले रहने के कारण मोहल्ले के सभी मर्दों के आकर्षण का केंद्र बन गयी थी.मोहल्ले का लगभग हर मर्द किसी ना किसी बहाने से उन हॉट ऑन्टी से चुहलबाजी करता था और उनके करीब आने का बहाना ढूंढता था.

ऑन्टी का रंग साँवले से थोड़ा साफ, बड़ी बड़ी आंखें और चेहरा सामान्य था. उनका कद सामान्य और शरीर की संरचना भी लगभग सामान्य थी.पर उनके कसे हुए सुडौल वक्षस्थल का आकार लगभ 36 से 38 के बीच था जो उनकी जवानी में चार चाँद लगा देता था.

अक्सर ऑन्टी अपने घर के खुले आँगन में तथा छत पर पेटीकोट और ब्लाउज में घूमती थीं जिसमें उनकी खुली हुई कमर, सुडौल वक्षस्थल और शरीर का एक एक उभार स्पष्ट नजर आता था जो मोहल्ले के सारे मर्दों को आहें भरने के लिए मजबूर कर देता था.

इसके अलावा अक्सर ऑन्टी घर के बाहर मैक्सी या गहरे गले के ब्लाउज और ढीली ढाली साड़ी में घूमा करती थीं, जिसमें कई बार साड़ी का पल्लू खिसकने पर या मैक्सी के अंदर से उनके वक्ष के उभार या मैक्सी से बाहर आने के लिए आतुर उनके सुडौल वक्षों के दर्शन अक्सर हो जाया करते थे.

ऑन्टी की इन अदाओं का मोहल्ले का हर मर्द दीवाना हो गया था.

उन दिनों पूरे मोहल्ले में सिर्फ हमारे घर में ही टेलीफोन कनेक्शन था.सप्ताह में 2 या 3 बार ऑन्टी के पतिदेव का फोन आता था जिस कारण अक्सर ऑन्टी का हमारे घर आना जाना लगा रहता था.

कई बार ऑन्टी अपने पति से बात करने के बाद हमारे घर के सदस्यों के साथ बातें करने के बहाने काफी देर तक बैठी रहती थीं.

एक बार की बात है जून के महीना था, मेरी माँ और छोटा भाई नानी के घर गए हुए थे और दोपहर में पिताजी के आफिस जाने के कारण में बिल्कुल अकेला था.

मैं अपने अकेले होने का पूरा फायदा उठाते हुए दोपहर में सीडी प्लेयर पर ब्लू फ़िल्म देख रहा था.तभी अचानक से लाइट चली गयी और ब्लू फिल्म की सीडी प्लेयर के अंदर ही रह गयी.

उसी वक़्त अचानक से ऑन्टी के पति का कॉल आ गया.तो मैंने बात करने के लिए ऑन्टी को बुला दिया.

अपनी ढीली ढाली साड़ी में ऑन्टी अपने चिरपरिचित अंदाज़ में घर के अंदर दाखिल हुईं.

ऑन्टी ने थोड़ी देर अपने पति देव से बात करके फोन रख दिया.उसके बाद उन्होंने मुझसे पूछा- क्या हुआ तुम्हारी मम्मी नहीं दिखाई दे रहीं, आराम कर रहीं हैं क्या?मैंने बताया कि मम्मी नानी के घर गयी हुई हैं.

इस पर वो मुस्कुराती हुई बोली- तो इसका मतलब तुम घर में अकेले हो?मैंने मुस्कुरा कर हाँ में सर हिला दिया.

इस पर उन्होंने तुरंत मुझसे पूछा- तो तुम अकेले घर पर क्या कर रहे हो?मैंने जवाब में कहा- बाहर काफी तेज लू चल रही है इसलिये मैं आराम कर रहा था.

इसी बीच बातों बातों में उन्होंने बताया कि उनके बच्चे भी अपने दादी दादा के घर घूमने गए हैं तो वो भी घर पर अकेली ही हैं.

हम लोग बातचीत कर ही रहे थे उसी बीच लाइट आ गई.टीवी तो रिमोट से ऑन न होने के कारण स्क्रीन ऑफ थी लेकिन सीडी प्लेयर ऑन हो चुका था और उसमें डिस्क प्ले हो चुकी थी.मैं बातों ही बातों में यह बात भूल चुका था कि सीडी प्लेयर ऑन है.

लेकिन अचानक से ऑन्टी का ध्यान सीडी प्लेयर की ओर चला गया, उसमें डिस्क की प्ले टाइमिंग डिस्प्ले स्क्रीन पर शो हो रही थी.इस पर वो मुस्कुरा कर बोलीं- अच्छा तो ये आराम हो रहा था, अकेले अकेले मूवी देखी जा रही थी!

उनके ये बोलते ही मेरे होश उड़ गए, मेरा माथा पसीने से लथपथ था और धड़कन बहुत तेज़ हो गयी थी.

मेरी चोरी पकड़े जाने के डर से मैं बुरी तरह डर गया था.तभी उन्होंने पूछा- कौन सी मूवी देख रहे थे?उनके इस सवाल का मैंने लड़खड़ाती हुई आवाज में जवाब दिया- बस ऐसे ही … दोस्त ने सीडी दे दी थी तो टाइम पास करने के लिए देख रहा था.

इस पर वो कुटिल मुस्कान बिखेरती हुए बोलीं- चलो मैं भी घर पर अकेले बोर हो रही थी, लाओ मैं भी मूवी देख लेती हूं. वैसे भी बहुत दिनों से मैंने भी कोई मूवी नहीं देखी.यह कहते हुए उन्होंने टीवी का रिमोट उठा लिया.

और जब तब मैं कुछ कहने की कोशिश करता, उन्होंने पॉवर बटन दबा दिया.

इधर मेरा पूरा शरीर पसीने से तरबतर, हाथ पैर भयंकर कांप रहे थे और दिल की धड़कन इतनी तेज़ कि जैसे मानो अभी बाहर ही निकल कर गिर पड़ेगा.

जैसे ही टीवी ऑन हुआ, स्क्रीन पर डॉगी पोज वाला सीन चल रहा था.ये देखते ही ऑन्टी के हाथ से रिमोट छूट कर जमीन पर गिर गया और वो अपने चेहरे पर दोनों हाथ रख कर चिल्लाईं- हाय दइया … तुम ये सब देख रहे थे? मैं तो तुम्हें बहुत सीधा सादा समझती थी. और तुम …

मैंने तुरन्त जमीन से रिमोट उठा कर टीवी ऑफ किया और फिर दोनों हाथों से उनके पैर पकड़ कर जोर जोर से रोने लगा और गिड़गिड़ाते हुए एक ही रट लगाए था- प्लीज ऑन्टी, मम्मी को कुछ मत बताना!वो झुँझलाती हुई बोलीं- नहीं, आने दो तुम्हारी मम्मी को … उन्हें तुम्हारी हरकत के बारे में जरूर बताऊँगी. आखिर उन्हें भी तो पता चले!

उनके ये शब्द सुनकर मैं और तेज़ चीख चीख कर रोने लगा और वो मुझे भला बुरा बोलती रहीं.करीब 15-20 मिनट के बाद उन्होंने मुझे उठाया और बोली- पहले रोना धोना बन्द करो … और जाओ मुँह धो कर आओ.

मैं फिर भी गिड़गिड़ाते हुए बोला- प्लीज ऑन्टी, मम्मी को कुछ मत बताना!यह कहते हुए मैं बाथरूम में गया और मुँह धोकर आया और उनके सामने सहम कर बैठ गया.

वो कड़क स्वर में बोलीं- कब से देख रहे हो ये सब?मैं बड़े धीमे स्वर में बोला- बस ऑन्टी आज पहली बार था.

इस पर वो मुझे काफी कुछ उल्टा सीधा बोलती रहीं, मैं चुपचाप उनकी सारी बातें सुनता रहा.

धीरे धीरे उनकी आवाज नर्म पड़ती गयी, बात करते करते हुए वो बोलीं- आज तो मैं तुम्हें माफ कर रही हूँ पर दोबारा ऐसी हरकत की तो समझ लेना!मैं उनके पैर पकड़ कर दोबारा ऐसा ना करने के लिये कहने लगा.

उन्होंने मुझे उठा कर अपने पास बिठाया और मुस्कुराकर बोलीं- मैंने माफ तो तुम्हें कर दिया, लेकिन एक शर्त है, तुम्हें अब आज के बाद मेरी हर बात माननी पड़ेगी.उनकी बात सुनकर मैंने उनकी हाँ में हाँ मिला दी.

इस पर वो मेरे और सटकर करीब आ गईं और धीरे धीरे मेरी बनियान में हाथ डालकर मेरी छाती सहलाने लगीं.उनकी इस हरकत से मैं अचम्भित था.

मैं कुछ समझ पाता … इससे पहले उन्होंने मुझे धक्का देकर बेड पर लिटा दिया और मेरे होंठों को अपने होठों में दबा कर चूसने लगीं.और मैं एकदम अवाक था.

मेरे मन में डर और उत्तेजना का एक गजब का मिलाजुला रोमांच था.पूरे शरीर का एक एक रोम रोम उत्तेजना और रोमांच से पुलकित था.

परन्तु ऑन्टी के डर की वजह से कुछ बोलने या अपनी ओर से प्रतिक्रिया देने में पूर्णतः अक्षम था.

मेरे होठों को चूसने के बाद ऑन्टी ने मेरी बनियान निकाल दी और मेरे सीने पर किस करते हुए एक एक कर दोनों स्तनों की घुंडियों को चूसने लगीं.

उनकी इस हरकत से मेरे पूरे तन बदन में बिजली दौड़ गयी, ये मेरा जीवन का पहला अनुभव था इसलिए मैं बुरी तरह छटपटा रहा था.

इसके बाद ऑन्टी ने अपने ब्लाउज के हुक खोल कर अपनी सफेद रंग की ब्रा निकाल दी और अपने बड़े बड़े स्तनों को पूरी तरह आजाद कर दिया.

जिन्हें देखने के लिए पूरा मोहल्ला लालायित था, आज वो मेरे सामने एकदम नंगे सर उठाये खड़े थे.यह दृश्य देखकर तो मैं जैसे पागल से हो गया था, सब कुछ मुझे एक मीठे सपने की तरह लग रहा था.

ऑन्टी ने अपने दोनों विशालकाय स्तन मेरे सीने से जोर जोर से रगड़ना शुरू कर दिया.अब तो बस मैं बदहवास सा हो गया; अब मुझसे नहीं रह गया और मैंने अपने दोनों हाथों से उनकी पीठ और साड़ी के ऊपर से ही उनके मोटे मोटे चूतड़ों को सहलाना शुरू कर दिया.

इसके बाद भीषण उत्तेजना के कारण मैंने झटका देकर ऑन्टी को अपने नीचे कर लिया और बदहवास होकर उनके दोनों स्तनों को चूसना शुरू कर दिया.

इस पर हॉट MILF आंटी बुरी तरह तमतमा उठी और मुझे जोर का थप्पड़ जड़ते हुए बोली- ज्यादा उबाल आ गया क्या? तू मेरी नहीं ले रहा, बल्कि मैं तेरी ले रही हूँ. इसलिए मैं जितना कहूँ सिर्फ उतना कर!

ऑन्टी के इस व्यवहार से में बुरी तरह सहम गया.और ऑन्टी ने मुझे फिर से नीचे करके मेरे ऊपर बैठ गयी और एक ही बार में मेरा निक्कर अंडर वियर समेत निकाल दिया.वे मेरे लिंग को सहलाते हुए उसे मुंह में लेकर जोर जोर से चूसने लगी.

ऑन्टी की इस हरकत से में एक बार फिर रोमांचित हो उठा लेकिन ऑन्टी के डर से बिना कोई प्रतिक्रिया दिए मैं शांत लेटा रहा.

कुछ देर लंड चूसने के बाद ऑन्टी ने अपनी साड़ी और पेटीकोट निकाल दिया.पेटीकोट के नीचे ऑन्टी ने पैंटी नहीं पहनी थी इसलिए ऑन्टी अब पूरी तरह नंगी हो गईं और मेरे बगल में लेट कर अपनी दो उंगलियां अपनी योनि में फिराने लगीं.

थोड़ी देर सहलाने के बाद ऑन्टी ने मुझसे उनकी योनि को चाटने के लिये कहा.

उनके कहने पर मैंने चुपचाप उनकी योनि को चाटना शुरू कर दिया.इस पर ऑन्टी सिसकारियां लेती हुई मेरे बाल पकड़ कर खींचने लगी और चीखकर बोलीं- और जोर से चाट!

मैं भी जोर जोर से ऑन्टी की गीली चूत चाटने लगा.ऑन्टी की आंखें बंद थीं और वो एकदम नशे में सिसकारियां ले रहीं थीं.

यह मेरा पहला अनुभव था इसलिए मुझे भी बेहद मज़ा आ रहा था, आनंद से मेरा रोम रोम पुलकित था.

थोड़ी देर ऐसे ही चटवाने के बाद ऑन्टी ने मेरा सर अपने हाथों से हटा दिया और फिर सीधी लेट कर अपनी टाँगें फैला कर मुझे अंदर डालने के लिए कहा.

मैंने बिना देर किये उनके ऊपर आकर अपना लन्ड उनकी चूत के होठों पर रख कर धीरे से दबाया वो एक ही बार में पच्छ की आवाज के साथ पूरा अंदर चला गया.

मैं अपने दोनों हाथों की कोहनी उनके स्तनों के पास टिका कर जल्दी जल्दी झटके लगा रहा था.हमारी जांघे आपस में टकरा रहीं थी.

ऑन्टी अपनी आँखें बन्द करके मुस्कुराती हुई सिसकारियां ले रही थी.मुझे भी अदभुत आनंद आ रहा था.

ऑन्टी के दोनों पर्वताकार स्तन जोर जोर से हिल रहे थे.मेरा मन उनहे मसलने और चूसने के लिए बेहद ललचा रहा था लेकिन मैं ऑन्टी के डर से शांत था.

थोड़ी देर ऐसे ही करने के बाद ऑन्टी मुझे अपने ऊपर से हटा कर नीचे लेटने के लिए बोली.मैं बिस्तर पर सीधा लेट गया.

ऑन्टी ने मेरे ऊपर आकर अपने हाथ से मेरा लन्ड पकड़ कर अपने अंदर ले लिया और मेरे सीने पर अपने दोनों हाथ रखकर मेरे ऊपर कूदने लगी.इस पोजीशन में मुझे बहुत मजा आ रहा था, ऑन्टी के दोनों स्तन बुरी तरह ऊपर नीचे झूल रहे थे.

ऑन्टी की सिसकारियों की आवाज और तेज हो गयी थी और ऑन्टी ने झटकों की गति भी बढ़ा दी थी.वे अब चरम आनंद जी तरफ बढ़ रही थी.

थोड़ी देर तेज गति से करने के बाद हम दोनों लोग झड़ गए.

उसके बाद ऑन्टी मुझसे अलग हो कर कपड़े पहने लगी.

लेकिन यह मेरा पहला अनुभव होने कारण में कुछ देर तक ऐसे ही निढाल होकर बिस्तर पर पड़ा रहा.मुझे ऐसा लग रहा था जैसे किसी ने मुझे नींबू की तरह निचोड़ दिया हो, शरीर में जैसे जान ही न हो!

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