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कमसिन बीवी की सीलपैक चूत सुहागरात में फाड़ी

Updated: Feb 10

फर्स्ट नाईट कहानी में पढ़ें कि मैंने कैसे अपनी कुंवारी दुल्हन की नाजुक चूत को सुहागरात में अपने लंड से फाड़ा. मैंने पहली रात में उसे 3 बार चोदा.

मेरा नाम साजिद खान है. आज मैं आपको अपनी फर्स्ट नाईट कहानी बता रहा हूँ.

मेरी शादी 2014 के अक्टूबर में हुई थी.

शादी से पहले में अपनी मंगेतर से फोन पर बात किया करता था.उससे मेरी बात उस हद तक चली जाती थी कि मुझको मुट्ठी मार कर सोना पड़ता था.

उस वक्त मैं उससे कहता था- आज तेरी वजह से हाथ से काम करना पड़ा. बस तू आ जा, हरेक बार का हिसाब चुकता कर लूंगा.वो हंस कर कह देती थी- हां हां, मैं आपका माल बनने वाली हूँ, फिर जैसे चाहे मजा ले लेना.

शादी तय होने से पहले लगभग 3 साल तक मैं रोज मुट्ठी मारता रहा.

फिर शादी तय हो गई और वो दिन भी आ गया जब हम दोनों एक साथ एक ही बिस्तर पर आने वाले थे.

शादी की रात को करीब 9 बजे थे.मेरी बीवी के पास कुछ लड़कियां बैठी थीं.

थोड़ी देर में मैं कमरे में अन्दर आ गया, मैंने सबसे कहा- बाहर जाओ और सो जाओ.एक लड़की जो मेरी फूफी की लड़की थी, वो बोली- भाईजान हम बिना नेग के नहीं जाने वाली!मैंने कहा- किस बात का नेग?

वो बोली- अरे आज आपकी मिलन की पहली रात है … अपनी बीवी से मिलने का नेग तो देना पड़ेगा.मैंने कहा- वो मैं अपनी बीवी को दे दूंगा.

वो इठलाई और बोली- ना भाईजान … बीवी का बीवी जाने … बहन बेटियों का नेग तो देना ही पड़ेगा.मुझे अपनी फूफी की लड़की की आंख में शरारत दिख रही थी.

मैंने कहा- अच्छा ठीक है, एक बात बताओ.वो बोली- हां पूछो.

मैंने कहा- जब हम लोग किसी दुकान पर सामान खरीदने जाते हैं, तो जब माल पसंद आता है तभी तो उसके दाम चुकाते हैं? या बिना देखे ही दाम देना पड़ता है?वो बोली- बिना देखे दाम क्यों देना?

मैंने कहा- हां वही मैं कह रहा हूँ … मैं पहले अपनी बीवी को देखूँगा. फिर कोई और बात करूंगा. अब तुम सब जाओ.वो सब हंस पड़ीं और मुझे ताना देती हुई बाहर चली गईं.

मैंने अब अपनी बीवी की तरफ देखा.वो मुस्कुरा दी.

फिर मैंने अन्दर से दरवाजा बंद किया और अपनी बीवी के पास आ गया.मैंने उसको अपनी बांहों में लिया और चूमने लगा.

वो हंस कर बोली- माल पसंद आया?मैंने कहा- हां, बहुत पसंद आया.

वो बोली- तो मुँह दिखाई नहीं दोगे?मैंने अपनी जेब से एक अंगूठी निकाल कर उसकी उंगली में पहना दी.

अब उसने बाजू में रखी अपनी नाइटी उठा कर कहा- मुझको कपड़े चेंज करने हैं.मैंने बोला- कपड़ों को चेंज करने की क्या जरूरत है, वैसे भी थोड़ी देर में ये सब उतरने वाले हैं.

ये कह कर मैंने उसके हाथ से नाइटी लेकर अलग रख दी और उसके बदन से कपड़े उतारने लगा.वो बोली- नहीं नहीं रूको, मैं खुद उतार लूँगी.

मैंने कहा- अपने आप कपड़े उतारने का आगे बहुत टाइम आएगा. अभी मुझको उतारने दे.वो मुझको रोकती रही लेकिन मैंने उसकी एक नहीं सुनी, उसके सारे कपड़े उतार दिए.

अब वो ब्रा और पैंटी में रह गई थी.

मैंने उनके मदमस्त हुस्न का दीदार करते हुए अपने सारे कपड़े उतारे.

मैं एक अंडरवियर में रह गया था और मेरा लंड खड़ा होकर बाहर आना चाहता था.

सच में मेरी बीवी क्या मस्त माल लग रही थी. पिंक कलर की चोली और कच्छी में वो सेक्सी आइटम लग रही थी.वो एकदम पतली सी और 32-28-34 का साइज था.

मैंने उसको अपनी बांहों में लिया और लेट गया.मैं उसके होंठों को चूस रहा था.

धीरे धीरे हम दोनों एक दूसरे के मुँह में जीभ देने लगे. एक दूसरे का थूक हम दोनों बड़े मजे से पी रहे थे.

मैं उसकी पैंटी में हाथ डाले उसकी चूत मसल रहा था.उसकी चूत एकदम गीली हो गई थी. मैंने उसकी ब्रा खोल दी.

उसकी चूचियां मेरे मुँह के सामने थीं. उसकी भरी हुई चूचियों के बीच की गहरी दरार मुझको पागल कर रही थी.

मैंने उसकी एक चूची को मुँह में ले लिया और चूसने लगा.वो मस्त होने लगी और मादक कराहें निकालने लगी.

अब हमारी सांसें तेज हो गई थीं.मैं लगातार उसकी दोनों चूचियों को बारी बारी से चूसता जा रहा था.

उसके मुँह से गर्म और वासना से भरी हुई सिसकारियां निकलने लगी थीं- आआह आह आह इश्श आहह!उसके दोनों हाथ मेरी कमर को जकड़े हुए थे.

मैं धीरे धीरे चूचियों से नीचे को जाने लगा, उसकी नाभि में जीभ चलाने लगा.वो नागिन की तरह मचल रही थी.

मैंने अब उसकी पैंटी उतार दी.वो एकदम नंगी हो गई थी.

मैंने उसकी टांगें चौड़ी की और देखा कि सामने एकदम गुलाबी और चिकनी चूत नम हुई पड़ी थी.

उसने अपनी एकदम साफ़ की हुई चूत पर हाथ लगा लिया.मैंने उसका हाथ हटाया और उसकी नमकीन चूत को चाटने लगा.

उसकी सिसकारियां एकदम से तेज हो गईं और वो कसमसाने लगी- उई अम्मी मर गई … आअह इस्स्स्स्श!वो मेरा सिर पकड़ कर अपनी चूत में ऐसे दबाने लगी, जैसे वो मुझे चूत के अन्दर कर लेने की सोच रही हो.

उसकी चूत से नमकीन पानी निकल रहा था जिसको मैं जीभ से चाट रहा था.

कुछ देर बाद मैंने अपना अंडरवियर उतार दिया.मेरा सुन्नत हुआ लंड सख्त होकर फुंफकार मार रहा था.वो मेरा मूसल लंड देख कर डर गई और बोली- हाय … इतना बड़ा … मैं नहीं ले पाऊंगी … मेरी तो चूत फट ही जाएगी. तुमने तो बोला था कि उंगली जितना है.

जब मैं उससे फोन पर बात करता था तो मैंने उसे बताया था कि मेरा लंड उंगली जितना है.

मैं उसकी तरफ कर मुस्कुराया और उसके ऊपर चढ़ गया, उसके होंठों को चूसने लगा.

अब हम एक दूसरे में समा जाना चाहते थे. अपनी फर्स्ट नाईट मजा लेना चाहते थे.

उसकी चूत पूरी गीली हो गई थी.मैंने एक हाथ से उसकी टांगें चौड़ी की और अपना लंड उसकी चूत की दरार में लगा दिया.

वो बोली- रूको रूको … अभी नहीं!मगर इतनी देर में मैंने एक झटका मारा.

वो चिल्लाने लगी- आअहह मर गई … रूको … आंह बाहर निकालो … मुझको बहुत दर्द हो रहा है.मैं थोड़ी देर रुका.

लेकिन लंड बाहर निकालना बेवकूफी थी क्योंकि फिर वो दुबारा से लंड चूत में रखने भी नहीं देती.

मैंने फिर से धक्का मारा.मेरा टोपा अन्दर घुस गया था.

वो दर्द से चिल्लाने लगी- आअहह उह आह मर गई … अम्मी मर गई … आंह निकालो … मेरी चूत फट गई.

मेरे लंड से बचने के लिए वो ऊपर की तरफ खिसकने लगी.मैं लंड अन्दर घुसाता, तो वो पीछे को सरक कर चिल्ला देती.

तभी बिजली चली गई.मैंने देखा कि घुप्प अंधेरा हो गया था.शायद इनवर्टर भी डाउन हो गया था.

अब कमरे में लाइट नहीं थी.हम दोनों अंधेरे में ही आगे पीछे हो रहे थे.वो मेरा लंड चूत के अन्दर नहीं जाने दे रही थी.मैं अपना लंड बाहर निकलने नहीं दे रहा था.

हम दोनों बस लंड चूत फंसाए हुए थे.इधर से मैं अन्दर पेलने के लिए ज़ोर लगा रहा था, उधर से वो लंड रोकने की पूरी कोशिश कर रही थी.

इसी धकापेल में हमारी पोजीशन भी चेंज हो गई थी.

करीब पांच मिनट ऐसा ही चलता रहा. तभी वो बिस्तर के सिरहाने में अड़ गई. अब उसका और पीछे जा पाना नामुमकिन था.

मैं धीरे धीरे लंड घुसा रहा था.वो चिल्ला रही थी.

मैंने उसके होंठों को अपने होंठों से भींचा और शॉट मारने की तैयारी कर ली.उसके होंठ मैंने इसलिए दबा लिए थे ताकि उसकी आवाज बाहर ना जा पाए.

उसकी आवाज अन्दर ही दम तोड़ रही थी.मैंने एक तेज शॉट मारा और लंड ने चूत की सील तोड़ दी.खून बह निकला.

‘उम्म्म उंग उंग …’

उसकी दबी हुई आवाजें ही बाहर आ रही थीं.वो बेहद छटपटा रही थी.मैंने उसको बांहों में जकड़ रखा था.

अब लंड अन्दर जा चुका था.मैं धक्के मारने लगा.वो रो रही थी और अपने आपको छुड़ाना चाह रही थी. मेरा लंड अभी भी पूरा नहीं घुस पाया था.

मैं ऐसे ही धक्के मारने लगा.मेरा लंड उसकी टाइट चूत में ही झड़ गया.हम दोनों पसीने पसीने हो रहे थे.

फिर मैं उसके ऊपर से उठा, वो अपनी चूत पर हाथ रख कर इधर उधर पलट रही थी और रो रही थी.

मैंने फोन की लाइट जलाई, उसकी टांगें फैला कर देखा.

उसकी चूत से मेरा लंड का माल और उसकी चूत का पानी निकल रहा था.उसके साथ खून भी निकल रहा था.

मैंने उसकी पैंटी उठाई और उसकी चूत को साफ किया.

धीरे धीरे उसकी चूत की जलन कम हो गई.अब मैं उसको बांहों में लेकर लेटा रहा और उसकी चूचियों को, चूत को सहलाता रहा, उसके होंठों को चूसता रहा.

वो भी मेरा लंड पकड़ कर सहला रही थी.

करीब दस मिनट बाद मेरा लंड खड़ा होने लगा.

मैं उठ कर उसके ऊपर चढ़ गया.वो डर गई और बोलने लगी- अब नहीं … बहुत दर्द होता है … नहीं करो प्लीज़.

लेकिन मैंने उसकी एक नहीं सुनी. मैं उसके होंठों को चूसता रहा.कुछ पल बाद वो भी मेरा साथ देने लगी.

मैंने उसकी चूची को चूसा, फिर उसकी चूत को चाटने लगा.अब वो गर्म हो गई थी.

मैंने अपने लंड पर थूक लगाया और उसकी चूत में पेल दिया.वो चिल्ला उठी और रोने लगी.

वो मेरी कमर को नौचने लगी.मेरा लंड पूरा अन्दर नहीं जा पा रहा था.वो फिर से वहीं कोने में पहुंच गई.

इस बार मैंने तेज धक्के मारने शुरू कर दिए.वो रोए जा रही थी.

मैंने उस पर कोई ध्यान नहीं दिया.

थोड़ी देर में मैंने उसकी चूत में माल निकाल दिया और उसकी बाजू में लेट गया.

बिना बिजली के हम दोनों पसीने में नहा गए थे.

थोड़ी देर बाद मैं उठा.वो बोली- मुझको पेशाब करने जाना है.

हम दोनों ने कपड़े पहने.मैं उसको टॉयलेट ले गया, जहां उसकी चूत से बहुत सारा खून निकला.

मैं भी देख कर डर गया कि कहीं कुछ गलत तो नहीं हो गया.

फिर हम दोनों कमरे में आए.मैंने उसके कपड़े उतारने शुरू किए.

वो बोली- अब क्यों उतार रहे हो?मैं बोला कि हम दोनों बिना कपड़ों के ही सोएंगे.

मैंने उसके कपड़े उतार दिए और अपने भी.थोड़ी देर एक दूसरे को सहलाते रहे.

मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया.वो बोली- अब नहीं, वरना मैं चिल्लाऊंगी.मैंने कहा- चिल्ला ले … या कुछ भी कर … मैं नहीं रुकूंगा.

मैं उसकी चूत में लंड देने लगा.वो अपने आपको छुड़ाना चाह रही थी लेकिन नहीं छुड़ा पाई.

पर पता नहीं क्यों मेरा लंड अभी भी पूरा नहीं जा पा रहा था.

मैंने फिर से उसकी चुदाई की और अपने लंड का गर्म माल उसकी चूत में डाल दिया और एक दूसरे को बांहों में लेकर सो गए.

हमारी रोज चुदाई होने लगी थी.

करीब दस दिन बाद उसकी चूत में लंड सही से जाने लगा.अब वो भी अपनी गांड उठा उठा कर चुदवाने लगी थी.

खूब चुदाई के बाद अब तो मेरी बीवी माल जैसी मस्त लगने लगी है. उसका साइज भी बढ़ गया है. अब उसका साइज 36-38-44 का हो गया है.वो मेरा लंड भी रंडी की तरह चूसती है और मुझे पूरा मज़ा देती है.

दोस्तो, आपको मेरी फर्स्ट नाईट कहानी कैसी लगी. आप प्लीज़ मेल और कमेंट करके बताना.

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1 Comment

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Jay
Jay
Dec 25, 2024
Rated 4 out of 5 stars.

बहुत अच्छी कहानी है।

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