कोचिंग की टीचर से दोस्ती और चुदाई : १ - Hindi Sex Stories
- Golu Yadav
- 4 days ago
- 7 min read
Updated: 1 day ago
हेलो दोस्तो आप लोग कैसे है। मैं कामवासना सेक्स स्टोरी बहुत पढ़ता हु तो मैंने सोचा अब अपना भी कहानी लोगो तक पहुँचाऊ। मैं यहाँ पर अपनी एक सच्ची कहानी लेकर आया हु। उम्मीद है की आप लोगो को पसंद जरूर आयेगा।
ये कहानी मेरी यानी की गोलू यादव और आन्शी सिंह (नाम बदला हुआ) की है । हम दोनों के बीच ये सेक्स 2023 में हुआ था। तो कहानी की शुरूआत होता है जब मैं 12 वी का रिजल्ट आने के JEE की तैयारी के लिए प्रयागराज 2022 के अक्टुबर मे गया। वहा जाते ही मैंने राजपुर मे रूम रेंट पर ले लिया और ऑनलाइन कोर्स खरीद कर तैयारी करने लगा।
मैं अब अपने लुक के बारे मे बता दु मेरा हाईट 5.4 फीट है मतलब ज्यादा लम्बा नही था, रंग गेहुआ, और वजन भी ना तो ज्यादा और ना ही कम था मतलब मगर उस समय के बी.एम.आई. के हिसाब से बिल्कुल सही था और चेहरे से भी अच्छा था मैं।
अब मै आप लोगो को आन्शी सिंह के बारे मे बता दु। आन्शी मुझे से लंबी (लगभग 5.7 के आस पास) थी। उस का साइज 36-34-38 और रंग गोरा था। आन्शी पेशे से एक प्रतिष्ठित प्राइवेट कोचिंग मे तीन साल से टीचर थी, और वो गणित पढ़ाती थी। मैं कोचिंग का नाम नहीं बता रहा हु नहीं तो वो बदनाम हो जायेगी।
आन्शी की आयु उस समय 30 वर्ष था पर उस का शादी नही हुई था,और वो खुद सरकारी टीचर के लिए का एक्जाम देती थी। आन्शी यू.पी.एस.सी. भवन वाले रोड पर एक बिल्डिंग के 1 बी.ऐच.के. फ्लैट मे रहती थी।
मेरा मुलाकात आन्शी से कैसे हुई ये बताता हु आप लोगो को।
2022 दिसंबर के ठन्ठ के दिनों का समय था। मैं कभी कभी कंपनी गार्डन जाता था। एक दिन मैं 3 पी.एम. के आस पास गार्डन मे बैठा था तभी एक महिला सूट सलवार मे मेरे पास आयी और बोली।
आन्शी- आप यही बैठे रहेंगे क्या कुछ देर तक।
मैं- बैठूंगा पर ज्यादा देर तक नही, लेकिन आप ये क्यो पूछ रही है।
आन्शी- बात ऐसी है मेरा पेट अचानक से खराब हो गया है तो मुझे वाशरूम जाना है।
मैं- हाँ तो जाइए, नही तो प्रॉब्लम हो जायेगा आप को।
आन्शी- अगर आप यही रहेंगे तो मैं अपना बैग आप के पास रख दे रही हु आप देखते रहो।
मैं- आप रख दिजिए कोई बात नही।
आप लोगो को बताना भूल ही गया था की मैं जहा बैठा था वहा पर एक वाशरूम पास मे ही था। आन्शी ने अपना बैग रखा और अपना फोन लेकर चली गयी अंदर। लगभग 10 मिनट के बाद वो बाहर आयी। जिस बेंच पर मैं बैठा था उसी पर थोड़ा दूर बैठे गयी।
आन्शी- अब सही है, आप का बहुत बहुत धन्यवाद।
मैं- इस मे धन्यवाद की क्या बात है। आन्शी बैग से एक रुमाल निकला और पानी पोछने लगी।
मैं- आप यहाँ रोज आती है क्या।
आन्शी- नहीं मैं रोज नही आती केवल शटरडे और सन्डे को आती हु।
मैं- आज तो शटरडे मतलब कल भी आयेंगी, क्या इसी टाइम पर आती है आप।
आन्शी - हाँ, आऊँगी पर टाइम का पता नही।
आन्शी अपना बैग लेकर चली गयी और मैं भी वहा से चला गया। अगले दिन उसी टाइम पर मैं वहा बैठा था तभी वहा से आन्शी जाते हुए दिखी। आन्शी मुझे देख कर मुस्कुरा रही थी। ऐसे ही अगले दो तीन शनिवार रविवार को गार्डन मे अलग अलग जगह पर हम दोनों एक दूसरे से मिले और मुस्कुरा कर आगे चले जाते थे।
जनवरी मे किसी शनिवार का दिन था, मैं गार्डन मे घूम रहा था तो मैंने देखा की आन्शी एक जगह घास पर बैठ कर धूप ले रही थी और फोन चला रही थी। मैं उस के पास डरते हुए गया और उस से थोड़ा दूर पर बैठे गया। आन्शी मुझे देखते ही मुस्कुराने लगी।
आन्शी- और कैसे हो?
मैं- सही हु, यहाँ से जा रहा था तो सोचा मिल लु।
आन्शी - अच्छा, वैसे मैं भी बोर हो रही थी अकेले।
मैं- आप के साथ किसी को भी नही देखा आज तक यहाँ क्या आप अकेली आती हो?
आन्शी- मैंने भी तुम को अकेले ही देखा है।
मैं- हाँ, मैं अकेले ही आता हु क्योकि यहाँ पर मैं ज्यादा लोगो को नहीं जानता तो कोई ज़्यादा दोस्त भी नहीं है।
आन्शी- यही सेम मेरा भी है। तुम यहाँ के लोकल हो या फिर तैयारी के लिए आये हो।
मैं- हाँ, मैं तैयारी के लिए ही आया हु।
ऐसे ही हम दोनों गार्डन मे मिलने लगे और बाते करने लगे। मैं उन से 10 साल छोटा था। हम दोनों ने एक दूसरे का नम्बर भी ले लिया था। जब भी गार्डन आना होता तो एक दूसरे को बता कर आते थे। गार्डन मे घंटो घूमते और बाते करते। हम दोनों को एक दूसरे के लव लाइफ के बारे मे भी पता चल गया था।
आन्शी का 1 साल पहले ब्रेकउप हो गया था कुछ कारणों के वजह से, और मेरा तो केवल एक तरफा ही था जो की मैंने जब प्रपोज किया था तो उस( मेरी क्रश ने)ने मना कर दिया था। लगभग 10-15 दिनों के बाद मैं और आन्शी फोन पर बात करने लगे।
हम दोनों आपस मे रात रात तक बाते करने लगे। वो मुझे अपने बारे मे सब कुछ बताने लगी की उस के साथ दिन मे, कोचिंग मे क्या क्या हुआ और मैं भी सब कुछ बताने लगा। अब आन्शी और मैं गार्डन के बाहर भी मिलने लगे। एक दूसरे के साथ मार्केट या फिर माल जाने लगे।
आन्शी जब जींस पहनती थी उस समय उसकी नर्म गदराई जांघे कयामत ढाती थी। जब वो चलती तो कमर किसी बलखाती नागिन की तरह मचलती। मैं उस के साथ फ्लैट पर भी जाने लगा वहा पर रहता बाते करता और चला जाता।
एक दिन आन्शी ने अपने फ्लैट पर बुलाया। जब मैं फ्लैट पर पहुँचा तो दरवाजे खुलने पर देखा की आन्शी शॉर्ट और बिना बाजू वाला टी शर्ट पहने हुई थी। उस की गोरी और केले के तने जैसा जंघा देख कर मैं दंग रह गया था क्योकि पहली बार ऐसे देखा था और उस का छाती रोजे से ज्यादा बड़ा लग रहा था।
अंदर जाकर पूरा फ्लैट देखा, और जब बाथ रूम मे गया तो वहा पर आन्शी का ब्रा-पैन्टी देखा जिसे वो छुपाने लगी तो मैं बोला रहने दो कोई बात नही। चाय-पानी के बाद आन्शी ने कुछ खाने को बनाया और बेड पर हम दोनों बैठ कर खाने लगे उस के बाद बेड पर लेट कर बाते करने लगे ।
मैं- क्या आप ने कभी अपने एक्स के साथ सेक्स किया था?
आन्शी- ये क्यो पूछ रहे हो तुम।
मैं- बस ऐसे ही, बताओ ना।
आन्शी- हाँ, किया था।
मैं- क्या अब भी करने को मन करता है?
आन्शी- ये सब क्या पूछ रहे, जब मन करता है तो खुद के हाथ से काम चला लेती हु।
मैं- खुद से ही।
आन्शी-(हँस कर)तुम ने तो कभी भी नही किया होगा।
मैं- हँसो मत, मैंने कभी नही किया, आज तक मैं इतना भी करीब नही आया।
आन्शी- जब gf बनाना तो उस के साथ कर लेना।
मैं- अगर आप चाहो तो मैं gf के बिना कर सकता हु।
आन्शी- मैं समझ रही हु तुम्हारा मतलब, मन तो मेरा भी है पर ये गलत है।
मैं उन के होठों पर किस करने लगा, जिस के वजह से वो खड़ी हो कर जाने लगी पर मैंने पकड़ लिया और बोला मुझे पता है आप भी सेक्स करना चाहती हो पर शर्मा रही हो।
मैं पीछे से ही उस के बूब्स को दबाने लगा। आन्शी अब आहे भरने लगी । मैंने उस मोढ कर किस करना शुरू कर दिया जिस से वो गरम हो गयी और मेरा साथ देने लगी। वो मेरे चेहरे को चूमने लगी और मैं उस के चेहरे को। मेरा एक हाथ उस के चुचे को और दूसरे हाथ को उस के शार्ट मे डाल कर गांड को मसल रहा था और वो खुद एक हाथ को मेरे पैंट के उपर से लौडा को रगड़ने लगी।
मैंने आन्शी को उपर से नंगा कर दिया। मैं उस के बूब्स को चूसने और मसलने लगा। उस के पूरे पेट को चूमने लगा और नीचे आते हुए उस को नीचे से भी नंगा कर दिया और फिर खुद भी नंगा हो गया। मैंने उसे पहली बार पूरा नंगा देखा तब उस के पूरे शरीर का पूरा पता चला।
आन्शी की ये गोरी टांगे जैसे किसी हिरनी की मचलती कमर हो, जांघ रुई के गद्दे के जैसे वटवृक्ष की डाली हो, पेट के बीचो बीच नाभी मानो ताज महल पर काले टिके की तरह बुरी नजरो से बचा रहा हो, गला एक दम सुराही के जैसा, और उस का चेहरा एक यैवन से लबालब हंसनी का चेहरा हो । मतलब वो पूरी तरह एक ऐसी रस से भरी फुल है जिसका रस और खुशबु निचोड़ाने का मन कर रहा हैं और गांड के बारे मे क्या बोलू।
उस की गांड इतनी बड़ी है की मानो दो लड़कियों का गांड मिला कर बना हो, गांड का शेप एक दम कतीलाना है। मन तो कर रहा था आन्शी की गांड का तकिया बनाकर सो जाउ । गांड के छेद मे मुह डाल लू और पूरा चाट चाट कर लाल कर दु। मैंने पूछा की मेरा चुसोगी।
जिस का जवाब आन्शी ने तुरंत घुटनों पर बैठे गयी और बोली ये तो मेरा फेवरेट है। आन्शी ने अपने हाथ मे लौडा लेकर आगे पीछे करने लगी और अपनी जुबान को लौड़े के टोपे पर चलने लगी। मैं उस के इस अदा से पागल हो गया था। आन्शी ने जैसे ही पूरा लौडा मुह मे लिया मेरा वीर्य निकल गया और उस का मुह भर गया।
पहली बार किसी ने लौडा चूसा था और उत्तेजना वस मैं तुरंत झड़ गया। आन्शी वासरूम मे गयी और मुह धो कर वापस आयी और मेरे बगल मे बिस्तर पर लेट गयी। आन्शी खुद ही बोली मैं समझ सकती हु तुम परेशान मत हो अगली बार तुम मेरी फाड दोगे मुझे पूरा विश्वास है तुम पर।
मैं – आन्शी, आप मुझे बहुत अच्छी लगती हो और मैं बहुत दिनों से आप के साथ सेक्स करना चाहता था पर डर लगता था।
आन्शी- सच बोलु तो तुम मुझे पहले अच्छे नही लगते थे पर बाते करते करते अच्छे लगने लगे, फिर तुम को एक दिन मूतते हुए दिखा तो तुम्हारा लण्ड भी देख लिया था जो की मेरे एक्स से बड़ा था। मुझे लण्ड की जरूरत थी तो सोचा तुम से ही चुद जाती हु।
मैं - आप तो बड़ी हवसी निकली और सीधा लण्ड और चुदाई की बात कर रही हो, मैंने आप के बारे मे ऐसा नही सोचा था।
आन्शी- मेरे पास चुत है हवस तो रहेगी ही।
हम दोनों ऐसे ही बाते करते करते बिना कपड़ो के सो गए।
कहानी का दूसरा भाग पढ़े : कोचिंग टीचर से दोस्ती और चुदाई : २
आप लोगो को कहानी कैसी लगी इस का फीड बैक jfxitdiyfit@gmail.com पर जरूर मेल करना क्योंकि इन फीड बैक से आगे के लिए मोटीवेशन मिलेगा। मेरा खास तौर पर 27 साल से 40 साल के बीच वाली औरतो से अनुरोध है की फीड बैक जरूर दे। क्योंकि मुझे लड़कियों से ज्यादा भाभी और आंटी पसंद है। भाभी और आंटी मेच्योर होती है और चुदने के जगह और समय का जुगाड़ खुद ही कर लेती है।
