पंजाबन भाभी दी चुत्त मारी - Hindi Sex Kahani
- Kamvasna
- 1 day ago
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मेरा नाम अक्षय है। मेरी उम्र 26 साल है।
मेरे पिताजी का अंडरगारमेंट्स का एक शोरूम है और कई अन्य बिजनेस भी हैं।
ये मेरी पहली कहानी है, तो अगर कोई गलती हो जाए, तो माफ कीजिएगा।
मेरी ये भाभी पंजाबी सेक्स कहानी बिल्कुल सच्ची घटना है।
इसमें फेसबुक पर मिली एक शादीशुदा महिला और मेरे बीच हुए हसीन मिलन और लम्हों का जिक्र है।
अब उन्हें आंटी कहूँ या भाभी, समझ नहीं आता।
उनका नाम रजनी है और उम्र लगभग 38 से 40 के बीच होगी।
रजनी एक शादीशुदा औरत थी। उनके पति एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करते थे।
उनके 8 और 6 साल के दो बेटे भी थे।
रजनी एक पंजाबन औरत थी, तो उसकी बॉडी के बारे में आप सब अंदाजा लगा ही सकते हैं।
एकदम गोरी-चिट्टी, वो पंजाबी में कहते हैं ना, “हथ लाए मैली होन्दी!”
बिल्कुल मस्त औरत थी।
मैं अपने बारे में ज्यादा लंबी-लंबी नहीं हाँकूँगा।
मैं एक सामान्य-सा दिखने वाला लड़का हूँ।
मेरे लंड का साइज 6 इंच लंबा और 3 इंच चौड़ा है।
मैं फेसबुक पर शादीशुदा महिलाओं की प्रोफाइल पसंद करके उनसे दोस्ती करने की कोशिश करता था।
क्योंकि मुझे शादीशुदा औरतें बहुत पसंद हैं।
इसी तरह रजनी भी मेरी दोस्त बनी।
हम लोग रोज चैट करने लगे।
धीरे-धीरे नंबर का आदान-प्रदान हुआ।
हम व्हाट्सएप पर चैट और कॉल पर बात करने लगे।
अब हम काफी करीब आ गए थे।
मैं रजनी को कई बार मिलने के लिए बोलता था पर वो कोई-न-कोई बहाना बनाकर मना कर देती थी।
फिर अचानक उनके पति की नौकरी चली गई।
उनके पति को घर पर रहना पड़ा।
मुझे जब इस बात का पता चला तो मैंने रजनी की मदद करने का प्रस्ताव दिया।
मैंने रजनी के पति को अपने पापा के शोरूम में एक अच्छे पद पर नियुक्त करवा दिया।
इससे रजनी के परिवार का दुख खत्म हो गया।
अब रजनी मुझसे और अच्छे से बात करती थी।
उसने मुझे बताया कि वो भी मुझसे प्यार करने लगी है।
एक दिन रजनी ने सामने से मुझे मिलने के लिए बोला।
मेरी तो किस्मत खुल गई!
मैंने तुरंत उससे पूछा, “सिर्फ मिलेगी या और कुछ भी?”
उसने कहा, “सिर्फ मिलना है, अकेले में!”
मैंने कहा, “मैं सिर्फ मिलना नहीं चाहता और ना ही तुमको धोखे में रखना चाहता हूँ। मैं तुमको प्यार करता हूँ और हर संभव तरीके से तुमको पाना चाहता हूँ। तुम्हारे साथ सब कुछ करना चाहता हूँ। ये सब जान जाने के बाद भी बताओ, क्या तुम मिलोगी अकेले में?”
रजनी बोली, “ठीक है, मुझे कुछ समय दो इसके लिए!”
मैं मान गया।
अगले ही दिन रजनी का कॉल आया।
रजनी बोली, “मुझे चंडीगढ़ जाना है किसी काम से, क्या तुम मेरे साथ चलोगे?”
मैंने कहा, “ठीक है, हमारी कार में चलते हैं!”
मैंने अपनी कार निकाली, रजनी को उसके घर से लिया और चल दिए।
बातचीत करते-करते हम हाईवे पर पहुँच गए।
मेरी कार में सारी खिड़कियों में काले रंग के कवर लगे हुए हैं, जिससे बाहर से कोई अंदर नहीं देख सकता।
मैंने रजनी के गाल पर एक किस किया और “आई लव यू” बोला।
रजनी भी आज अच्छे मूड में लग रही थी।
उसने मुझे कसके होठों पर चूम लिया और मेरे होठ चूसने लगी।
मैंने भी मौका पाकर गाड़ी साइड में निकल रहे जंगल वाले कच्चे रास्ते पर डाल दी और थोड़ी दूर पर गाड़ी रोक दी।
गाड़ी रुकते ही रजनी मुझ पर टूट पड़ी।
हम दोनों एक-दूसरे को चूमते-चाटते हुए एक-दूसरे के कपड़े निकाल रहे थे।
रजनी सिर्फ ब्रा और पैंटी में थी।
मैं ऊपर से टी-शर्ट और नीचे से अंडरवियर में था।
मैंने रजनी को लंड दिखाया और चूसने को बोला।
वो तुरंत चूसने लग गई।
रजनी लंड चूसने में पूरी माहिर थी।
मैं भी पूरा लंड उसके गले में अंदर तक उतार रहा था।
रजनी मेरे लंड को आइसक्रीम की तरह चूस रही थी, मेरे सुपाड़े को अपनी जीभ से चाट रही थी।
तभी किसी के आने की आहट हुई।
रजनी ने ऊपर से टॉप पहन लिया और हम दोनों ने कार वहाँ से बढ़ा ली।
मैंने रजनी को चलती कार में लंड चुसवाना शुरू किया।
वो भी बड़े मजे से मेरा लंड गपागप चूस रही थी।
फिर वह बोली, “अब मुझसे और नहीं रुका जा रहा, चोद लो मुझे अब!”
मैंने कपड़े पहने और उसे भी पहनने को बोला।
रास्ते में एक होटल में हम दोनों रुके।
होटल में कमरा बुक किया।
मैंने कमरे की चाबी ली और रजनी के साथ कमरे में चला गया।
कमरा अंदर से लॉक किया और हम दोनों फिर से शुरू हो गए।
इस बार रजनी को पूरी नंगी किया और खुद भी नंगा हो गया।
हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए और एक-दूसरे को मज़ा देने लगे।
रजनी ने अपनी चुत्त के बाल साफ कर रखे थे।
उसने ऐसा शायद मेरे लिए ही किया था।
कुछ देर बाद रजनी का पूरा शरीर अकड़ने लगा और वो झड़ने लगी।
रजनी की चुत्त का सारा पानी मैं चाट गया।
रजनी की चुत्त पूरी गीली थी और उसमें से एक बहुत प्यारी और हल्की-सी गंध आ रही थी।
मैंने रजनी को अपने ऊपर बैठाया और पूछा, “तैयार हो, जान?”
रजनी बोली, “हाँ, मैं तो कब से तैयार हूँ!”
मैंने कहा, “तो फिर इसे अपने मखमली छेद का रास्ता बताओ!”
रजनी ने मेरा लंड पकड़ा और अपनी चुत्त में जड़ तक समा लिया।
अब कमरे में चुदाई का माहौल शुरू हो गया।
कमरा फच-फच की आवाज़ से गूँज रहा था।
रजनी की गीली चुत्त में मेरा लंड बहुत आनंद दे रहा था।
हम दोनों जमकर चुदाई में मस्त हो गए।
10 मिनट बाद रजनी अकड़ने लगी और मेरे ऊपर ही लेटकर झड़ गई।
पर मैं अभी टिका हुआ था।
मेरी जाँघों पर रजनी की चुत्त का रस और मेरे लंड के रस का मिला-जुला तरल फैल चुका था।
मैंने रजनी को पूरे जोश से चोदना जारी रखा।
वो भी मुझसे इम्प्रेस हो गई।
मैंने रजनी की चूचियों को जमकर पिया, कसकर दबाया।
निप्पल को अपने दाँतों से काटा, जिससे रजनी और गर्म होती जा रही थी।
मैंने रजनी को घोड़ी बनाया और फिर से उसकी चुत्त चोदने लगा।
रजनी की चूचियों को अपने दोनों हाथों से कसकर दबा रहा था।
भाभी पंजाबी सेक्स में मजे में सिसकियाँ ले रही थी।
रजनी बोली, “और जोर से चोदो! मुझे अपनी रानी बना लो! फाड़ दो मेरी चुत्त को! आह, आह, बहुत मज़ा आ रहा है! तुम बहुत अच्छी चुदाई कर लेते हो!”
मैंने कहा, “बहुत दिनों बाद आज ये मौका मिला है। आज अपनी सारी ख्वाहिशें पूरी करूँगा। और तुमको भी पूरा मज़ा करवाऊँगा!”
रजनी बोली, “अब से मैं तुम्हारी हूँ। जो चाहते हो, जैसे चाहते हो, करो! सब तुम्हारे लिए ही है। और ज़ोर से चोदो मुझे!”
मैंने भी लगभग 10 मिनट चोदने के बाद पूछा, “माल कहाँ लोगी?”
रजनी बोली, “अंदर मत गिराना, मेरे मम्मों पर गिरा दो!”
मैंने सारा माल मम्मों पर गिरा दिया।
रजनी अपने जिस्म पर गर्म माल गिरवाकर ऐसे ही लेटी रही।
रजनी बोली, “आखिर तुमने मुझे पा ही लिया। अब मैं तुम्हारी हूँ!”
और रजनी ने मुझे चूमना शुरू कर दिया।
थोड़ी देर की चूमा-चाटी से मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया।
रजनी ने मेरा लंड हाथ में पकड़कर कहा, “लगता है इसकी प्यास अभी नहीं बुझी!”
मैंने कहा, “इसको तुम्हारे दो छेद मिले हैं। अब ये तीसरे छेद को माँग रहा है!”
रजनी बोली, “गांड मैंने कभी भी नहीं मरवाई। गांड में बहुत दर्द होता है। चुत्त चाहिए, तो मार लो!”
मैंने एक बार फिर रजनी को लिटाया, उस की कमर के नीचे तकिया लगा दिया।
इससे उसकी चुत्त और अच्छे से ऊपर की तरफ आ गई।
दोनों टाँगों को अपने कंधे पर रखकर मैंने एक जोरदार शॉट मारा।
रजनी की चीख निकल गई।
वह बोली, “आराम से करो! मैं कहीं भागी थोड़े ही जा रही हूँ! इतनी दर्दनाक चुदाई मत करो कि ठीक से चल भी ना पाऊँ!”
मैंने कहा, “तुम चिंता मत करो, रजनी। सिर्फ आज चलने में दिक्कत होगी, फिर सब ठीक हो जाएगा। आज मुझे चोदने दे बस, जी भर के!”
और मैं फिर से रजनी की चुत्त जोरदार तरीके से चोदने लगा।
रजनी भी मस्त होती जा रही थी।
वो मदहोशी में बड़बड़ा रही थी।
रजनी बोली, “खोल दो मेरी चुत्त! आज इसको असली लवडा मिला है। और जोर से चोदो!”
मैंने रजनी को घोड़ी बनाया और रजनी की चुत्त चोदने लगा।
रजनी की चुत्त लगातार चुदाई से बुरी तरह गीली हो गई थी।
मैंने रजनी की गांड में अपनी उंगली डालनी शुरू की।
पहले तो रजनी ने मना किया।
पर चुदाई से वो इतनी गर्म थी कि कब उसकी ना हाँ में बदल गई, वो नहीं समझ पाई।
मैंने रजनी को गांड मरवाने के लिए कहा तो उसने किसी और दिन का कहकर टाल दिया।
चुत्त तो उसकी नदी बन चुकी थी।
फच-फच आवाज़ से कमरे में सेक्स का संगीत गूँज रहा था।
30 मिनट की धुआँधार चुदाई के बाद मैंने रजनी की गांड के ऊपर अपना सारा माल गिरा दिया।
इसके बाद हम साथ में नहाए।
बाथरूम में रजनी से लंड चुसवाया और सारा लंड का माल रजनी को पिलाकर अपने आप को शांत किया।
रजनी भी मुझे पाकर बहुत खुश लग रही थी।
वह बोली, “आज तक मेरे पति ने मेरी कभी भी ऐसी चुदाई नहीं की। तुम्हारे लंड का कमाल देख कर मैं कहूँगी कि आज से तुम ही मेरे पति हो!”
फिर हम दोनों ने खाना मँगाया।
खाना खाने के बाद तैयार होकर चंडीगढ़ के लिए निकल गए।
रजनी की गांड चुदाई की कहानी फिर कभी सुनाऊँगा।
ये मेरी पहली कहानी है। अगर कोई गलती हुई हो, तो उसके लिए आप सब से माफी माँगता हूँ।
आप सब को मेरी ये Hindi Sex Kahani कैसी लगी, मुझे जरूर बताएँ।
धन्यवाद!
आप सब की कीमती प्रतिक्रियाओं का इंतज़ार रहेगा।
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