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सहेली की चुदाई करते पकड़ा तो भाभी ने भी टांगे खोल दी - Antarvasna Stories

मेरा नाम सुदामा है और मैं 24 साल का हूं, हमारे परिवार में मम्मी-पापा, बड़ा भाई और भाभी, कुल पांच लोग रहते हैं, भाई शहर से बाहर नौकरी करता है इसलिए चार-पांच महीने में एक बार ही घर आता है, मैं और भाभी घर पर ज्यादा समय साथ बिताते हैं, हमारी बॉन्डिंग दोस्तों जैसी है, मैं अपनी हर बात भाभी को बता देता हूं।


भाई की गैरमौजूदगी में घर के सारे काम भाभी मुझसे ही करवाती है, कभी-कभी तो अपनी पैंटी और ब्रा भी मंगवा लेती है, मैं चुपचाप ला देता हूं, मन ही मन उन हसीन कपड़ों को सूंघकर मुठ मार लेता हूं, लेकिन भाभी के साथ कुछ करने की हिम्मत कभी नहीं हुई, डर लगता था।


एक दिन भाभी की सहेली सीमा हमारे घर आई, वो देखने में बेहद मस्त माल थी, गोरा बदन, टाइट बूब्स, गोल गांड, उसे देखते ही मेरा लंड खड़ा हो गया, मेरी नजरें सिर्फ उस पर टिकी रहीं, सीमा को भी पता था कि मैं उसे घूर रहा हूं, वो मुस्कुराती रही, जाने के बाद मेरे मन में उसे चोदने की आग लग गई।


सीमा के जाने के बाद मैंने भाभी से कहा, भाभी एक काम कर दो, भाभी बोली बोलो देवर जी, मैंने कहा आपकी सहेली सीमा के साथ मेरी सेटिंग करवा दो, भाभी हंसकर बोली कोई बात नहीं, मैं पूछ लेती हूं, फिर भाभी ने सीमा को फोन किया और सीधे पूछा, तुझे मेरा देवर पसंद है क्या, सीमा पहले शर्मा गई लेकिन भाभी ने साफ कहा कि देवर तेरे साथ सेटिंग करना चाहता है, और सीमा मान गई।


मैंने भाभी से सीमा का नंबर लिया और बातें शुरू की, सिर्फ दो-तीन दिन चैट और कॉल के बाद मैं सीधे काम की बात पर आ गया, मैंने कहा सीमा मुझे तुम्हें चोदना है, मुझे क्या पता था कि वो चालू रांड है, वो तुरंत मान गई, बोली कब और कहां, मैं हैरान रह गया लेकिन खुशी से पागल हो गया।


एक दिन घर पर कोई नहीं था, मम्मी-पापा रिश्तेदारों के यहां गए थे, भाभी को भी कहीं जाना पड़ा, मैं अकेला था, मैंने सीमा को फोन किया लेकिन लग नहीं रहा था, तभी किस्मत ने साथ दिया, कुछ देर बाद सीमा खुद हमारे घर आ गई, उसने पूछा तेरी भाभी कहां है, मैंने उसकी बात अनसुनी कर दी और सीधे उसे बाहों में उठा लिया।


सीमा बोली छोड़ो मुझे, पागल हो गए हो क्या, कोई देख लेगा, मैंने कहा घर में कोई नहीं है, मेरी बात सुनकर वो चुप हो गई और मुस्कुराने लगी, मैं उसे कमरे में ले गया, बेड पर पटक दिया और खुद उसके ऊपर गिर पड़ा, उसके रसीले होंठ चूसने लगा, आह्ह क्या स्वाद था, वो भी मेरे ऊपर हावी होने लगी, अपनी जीभ मेरे मुंह में डाल रही थी।


मैंने उसकी कमीज और ब्रा फटाक से उतार दी, उसके लटकते बूब्स बाहर आ गए, मैं उन्हें दबाने लगा, निप्पल चूसने लगा, सीमा सिसकारियां ले रही थी, आह्ह सुदामा दबाओ जोर से, ओह्ह चूसो मेरे बूब्स, उसने मेरी टी-शर्ट उतार दी, मेरे बाल सहलाने लगी, फिर मेरी लोअर खींचकर उतार दी, मुझे पूरा नंगा कर दिया और मेरे सख्त लंड से खेलने लगी, मुठ मार रही थी।


मैंने उसकी लेगिंग उतार दी, सिर्फ पैंटी थी, उसे भी खींचकर फेंक दिया, उसकी काली चूत साफ दिख रही थी, गीली हो चुकी थी, वो मेरी मुठ मार रही थी, मैंने लंड हाथ में पकड़ा और उसकी चूत पर रगड़ने लगा, फिर मुंह से थूक निकालकर उसकी चूत पर मला, दोनों टांगें कंधों पर उठाई और एक जोरदार झटका मारा, पूरा लंड एक ही बार में अंदर घुस गया।


सीमा की मुंह से छोटी सी चीख निकली, आआह्ह्ह ओह्ह्ह मां मर गई, कितना मोटा है तेरा, मैंने पूछा साली कितनों से चुद चुकी है, वो बोली जानू सिर्फ तुमसे, मैं हंसा और उसके दोनों बूब्स पकड़कर जोर-जोर से धक्के मारने लगा, पट-पट-पट की आवाजें गूंजने लगी, कमरे में सिर्फ हमारी सांसें और चुदाई की आवाजें थीं, आह्ह इह्ह ओह्ह सीमा चिल्ला रही थी, जोर से पेलो सुदामा।


थोड़ी देर बाद मैं थक गया, लंड निकाला और बेड पर लेट गया, सीमा मेरे ऊपर चढ़ गई, लंड हाथ में पकड़ा और अपनी चूत पर सेट करके धीरे-धीरे अंदर लेने लगी, पूरा लंड समा गया, अब वो ऊपर से कूदने लगी, उसके लटकते बूब्स मेरे मुंह के सामने झूल रहे थे, मैं उन्हें पकड़कर दबा रहा था, वो जोर-जोर से उछल रही थी, आह्ह ह्ह्ह ऊउइइ ओह्ह्ह फाड़ दो मेरी चूत आज।


थोड़ी देर बाद मेरा रस निकलने वाला था, मैंने सीमा की चूत में ही सारा माल छोड़ दिया, वो भी झड़ गई, मेरे ऊपर लेट गई, हम दोनों थककर आंखें बंद कर चुके थे, वासना में डूबे थे, हमें पता ही नहीं चला कि भाभी कब कमरे में आ गई, भाभी जोर से बोली सुदामा ये क्या कर रहा है।


सीमा ने झटके से कपड़े पहने और बाहर भाग गई, मैं वहीं नंगा खड़ा रह गया, दिल जोर-जोर से धड़क रहा था, जैसे बाहर निकल आएगा, सोच रहा था आज सब खत्म हो जाएगा, लेकिन भाभी की नजर मेरे थरथराते लंड पर अटक गई—वो काला, नसों से भरा मोटा लंड जो अभी सीमा की चूत की गर्मी से चमक रहा था,


हवा में मेरे वीर्य की हल्की गंध फैल रही थी, और तभी अनकंट्रोल होकर जोरदार पिचकारी निकल पड़ी, सफेद गाढ़ी धारें फर्श पर गिरती हुईं, भाभी की सांसें जैसे रुक गईं, उनकी आंखें वासना से चमक उठीं, होंठ थोड़े खुले, मैं मन ही मन सोच रहा था—क्या भाभी गुस्सा होंगी या ये नजरें कुछ और कह रही हैं,


मुझे पहले से पता था कि भाभी लंड की प्यासी हैं, भैया उनकी जरूरत कभी पूरी नहीं कर पाते, मैं तो उनकी पैंटी-ब्रा चुराकर सूंघ-सूंघकर मुठ मारता था, लेकिन ये नहीं जानता था कि भाभी खुद मेरी ये हरकतें छुपकर देखती रही हैं, और रातों में उंगली करके अपनी आग बुझाती थीं,


मैंने जल्दी से अंडरवियर पहना और भाभी के पास गया, वे दरवाजे पर खड़ी थीं, मैं हाथ जोड़कर बोला, भाभी प्लीज किसी को मत बताना, आप जो कहेंगी वो करूंगा, भाभी चुप रहीं, लेकिन उनकी नजरें आग उगल रही थीं, अचानक उनका हाथ सीधा मेरे लंड पर चला गया, गर्म उंगलियां उसे सहलाने लगीं, मसलने लगीं, लंड फिर तनने लगा,


मैं समझ गया, आज रिश्तों की सारी दीवारें गिरने वाली हैं, मैंने हिम्मत जुटाई, धीरे से करीब आया, भाभी की सांसों की गर्माहट मेरे चेहरे पर लग रही थी, उनकी औरताना खुशबू—वो मादक मस्क—मुझे पागल बना रही थी, मैंने उनके गुलाबी होंठों को छुआ, पहले हल्के से, फिर दबाकर चूस लिया,


भाभी ने तुरंत जोर से मुझे चूसना शुरू कर दिया, आह्ह्ह… ऊउइ… उनके होंठ शहद जैसे मीठे और नरम थे, जीभें आपस में लड़ने लगीं, लार मिल रही थी, हम पागलों की तरह एक-दूसरे को खा रहे थे, भाभी मेरी पीठ सहला रही थीं, मैं उनके बदन को चूमते हुए नीचे सरक रहा था,


कमरे का दरवाजा बंद किया, भाभी को दीवार से चिपका लिया, पास के आईने में हमारी परछाईं दिख रही थी—भाभी के बूब्स दबते हुए, वो दृश्य और जोश बढ़ा रहा था, मैं फिर उनके होंठ चूसते हुए बड़े-बड़े बूब्स हाथों में ले दबाने लगा, पहले हल्के से सहलाया, फिर जोर से मसला,


भाभी ने आनंद से आंखें बंद कर लीं, आह्ह… ह्ह्ह… इह्ह… ऊईई… उनके निप्पल्स कड़े होकर ब्रा से बाहर झांक रहे थे, मैंने कमीज उतार दी, लाल ब्रा में बूब्स और सेक्सी लग रहे थे, ब्रा से निकले हिस्से को जीभ से चाटा, भाभी के बदन पर पसीने की चमक थी, मेरे बालों को कोमल हाथों से सहला रही थीं,


भाभी सिसकारी भरकर बोलीं, आह्ह… देवर जी, मैं आपसे कितना प्यार करती हूं, कितने दिनों से तुम्हारे लंड की कल्पना करती हूं, मैंने कहा, भाभी मैं भी आपको रोज सपने में चोदता हूं, फिर हाथ पीठ पर ले जाकर ब्रा खोल दी,


ब्रा गिरी तो गोरे-गोरे बड़े बूब्स लटकते हुए आजाद हो गए, निप्पल्स गुलाबी और सख्त, मैंने उन्हें हाथों में लिया, सहलाया, मरोड़ा, जोर से दबाया, भाभी की कमर ऐंठ गई, आह्ह्ह… ह्ह्ह्ह… देवर जी, चूसो इन्हें,


मैंने भाभी को बेड पर लिटाया, लेगिंग उतार दी, अब सिर्फ गीली पैंटी बाकी थी, मैंने पैंटी सूंघी—वो मादक गंध, जैसे बारिश की मिट्टी, लंड फिर खड़ा हो गया, भाभी मुस्कुराईं, अब असली चीज चखो, मैंने पैंटी फाड़कर उतार दी, चूत पूरी साफ, गोरी और गीली चमक रही थी,


बूब्स फिर मुंह में लिया, जोर से चूसा जैसे दूध पी रहा हूं, निप्पल काटा, भाभी बोलीं, ऊउइ… देवर जी, बस दूध ही चूसोगे या मेरी गीली बुर को भी चखोगे, जल्दी करो, तड़प रही हूं,


मैंने हाथ चूत पर ले गया, पहले बाहर से सहलाया, फांकों को चिढ़ाया, फिर उंगली अंदर, भाभी की आंखें बंद, आह्ह्ह… ओह्ह्ह… ऊउइ… रस टपकने लगा, भाभी कांपते स्वर में बोलीं, देवर जी, देखो मेरी बुर से रस बह रहा है, जीभ से निचोड़ो ना, चाटो जोर से,


मैं मुंह चूत पर ले गया, पहले बाहर से जीभ फेरी, क्लिट को टटोला, चूसा, गंध मादक थी, रस मीठा-नमकीन, भाभी की जांघें कांप रही थीं, कमर ऊपर उठा रही थीं, आह ह ह ह्हीईई… आअह्ह्ह्ह… देवर जी और जोर से चाटो, पूरा पी जाओ,


मैंने पूरा रस चूस लिया, फिर टांगें कंधों पर रखीं, लंड हाथ में लिया, चूत पर रगड़ा—ऊपर-नीचे, क्लिट से टकराता हुआ, भाभी और गीली हो गईं, मुंह से थूक लगाया, टिप अंदर दबाई, चूत की दीवारें कसकर लंड को पकड़ रही थीं, गर्माहट कमाल की,


फिर जोर का झटका, आधा लंड फाड़ता हुआ अंदर, भाभी चीखीं, आह्ह्ह… ईईईइ… देवर जी, दर्द हो रहा लेकिन मत रुको, एक पल भैया का ख्याल आया, लेकिन भाभी की वासना ने सब भुला दिया,


मैंने कहा, भाभी आपकी बुर सच में बहुत टाइट है, भाभी बोलीं, बोलो मत, पूरा ठोको, मैंने फिर धक्का मारा, पूरा लंड जड़ तक घुस गया, भाभी की चीख गूंजी, आह्ह्ह्ह… ओह्ह्ह… बुर फाड़ दी तुमने,


फिर मैं धक्के मारने लगा, पहले धीरे, फिर तेज, पट-पट-पट की आवाजें, भाभी चीख रही थीं, आह इह्ह ओह्ह… ऊउइ ऊईईई… देवर जी और जोर से चोदो, फाड़ दो मेरी टाइट बुर को, भैया तो कभी ऐसा नहीं करते, मुझे अपना बना लो, पेलते रहो,


कमरा चीखों और पट-पट से भर गया, कुछ देर बाद मेरा रस निकला, मैंने पूरा माल भाभी की बुर में छोड़ दिया, भाभी भी झड़कर हांफने लगीं, फिर बोलीं, देवर जी, तुम्हारा लंड कितना मोटा है, मेरी बुर अब तुम्हारी ही है, रोज ऐसा करना,


इस तरह घर में ही मुझे चूत मिल गई, भाभी को घर में लंड, अब हर रात मम्मी-पापा के सोने के बाद मैं उनके कमरे में जाता हूं, एक-दो राउंड जरूर चुदाई करता हूं, उनकी बुर के मजे लेता हूं, वो मेरे लंड की प्यास बुझाती हैं.


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