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चुदाई की प्यासी बहन को दो भाइयों ने पेला

दोस्तो, मेरा नाम राज है और मैं बिहार का रहने वाला हूं।

हमारे घर में हम पांच लोग हैं जिसमें मेरे मम्मी-पापा, मेरा सबसे बड़ा भाई, उसके बाद मेरी बहन, और फिर सबसे छोटा मैं।


मेरे भाई का नाम रेयांश है और उसकी उम्र 25 साल की है।

मेरी बहन की उम्र 22 साल है, जबकि मैं 19 साल का हूं।


कुछ समय पहले मेरी एक गर्लफ्रेंड हुआ करती थी जिसके साथ मैं चुदाई के मजे लिया करता था।

लेकिन फिर हमारा ब्रेकअप हो गया।

अब मैं अकेला हो गया था।


मैं घर में ही पड़ा रहता था।

लेकिन कई बार मैं मन बहलाने के लिए अपनी दीदी के साथ टाइम पास कर लिया करता था।

बता दूं कि मेरी बहन का नाम सिमरन है।


यह माय सेक्स विथ सिस्टर कहानी इसी सिमरन के साथ की है.


एक दिन ऐसे ही मजाक-मजाक में मैंने अपनी दीदी के मम्में पकड़ लिए।

मैं काफी देर तक उन पर हाथ रखे रहा।

मेरा तो लंड खड़ा होने लग गया!


लेकिन दीदी ने मुझसे कुछ नहीं कहा।

मैं भी हैरान था कि दीदी कुछ नहीं बोली।


खैर, तो ऐसा मजाक हम दोनों भाई-बहन के बीच में चलता रहता था।


उस दिन जब मैंने दीदी के चूचों को पकड़ा तो पाया कि दीदी के चूचे कितने सॉफ्ट थे।

रात को मुझे लंड हिलाकर सोना पड़ा था।


कुछ दिन फिर ऐसे ही निकल गए।


एक दिन दीदी नहाकर बाहर आ रही थी।

उसने बदन पर तौलिया लपेटा हुआ था।

उसकी जांघें बहुत सेक्सी लग रही थीं।


दीदी की नंगी और पानी से गीली जांघें देखकर मेरा लंड खड़ा होने लगा।

मेरा मन कर रहा था कि दीदी की चूत भी देखने को मिल जाए।

लेकिन ऐसा हो नहीं सकता था।


उस दिन भी मन को मारकर रह गया।


एक दिन की बात है कि मेरे मम्मी-पापा और भाई, तीनों ही एक शादी में गए हुए थे।


दीदी नहीं गई क्योंकि उसको कुछ काम था।

तो मैं और दीदी घर में ही थे।


रात का समय आया तो दीदी ने खाना बना दिया।

हम दोनों सारे कामों से फ्री होकर अपने फोन में बिजी हो गए।


कुछ देर में हमें नींद आने लगी तो हम दोनों अपने-अपने रूम में जाकर सोने लगे।

लेकिन एकदम से मौसम खराब हो गया और आसमान में बिजली कड़कने लगी।


मेरी दीदी को बिजली की आवाज़ से बहुत डर लगता है।

तो वो उठ कर मेरे कमरे में आ गई।


वो बोली कि वो भी मेरे साथ ही सोने वाली है।

मैंने भी हां कह दिया।


फिर हम सोने लगे।


हम दोनों एक ही बेड पर सो रहे थे और मैं अंडरवियर में ही था।

मुझे रात को सिर्फ अंडरवियर में ही सोने की आदत है।


तो देर रात को अचानक से मुझे महसूस हुआ कि कोई मेरे लंड को छेड़ रहा है।

मेरी आंख खुल गई तो देखा कि दीदी ने मेरे लंड को अंडरवियर के कट से बाहर निकाला हुआ था।


मेरा लंड खड़ा हो चुका था।

लेकिन दीदी के हाथ में लंड देखकर मैं सकपका गया।


मैं एकदम से उठकर बैठा और बोला- दीदी, ये क्या कर रही हो?

उसने कुछ नहीं जवाब दिया और फिर मुझे पीछे धकेलते हुए लेटा दिया।


इससे पहले मैं कुछ और कह पाता दीदी ने मेरे लंड को मुंह में भर लिया और जोर-जोर से चूसने लगी।

दीदी के मुंह में लंड गया तो मुझे भी मजा आने लगा।


लगभग 15 मिनट तक दीदी मेरे लंड को चूसती रही।


मैं अपनी गर्लफ्रेंड को भी बहुत लंड चुसवाता था।

लंड चुसवाने में मुझे बहुत मजा आता है।


मेरी गर्लफ्रेंड की चुदाई करते समय वो मेरे लंड को मुंह में लेकर लॉलीपोप की तरह चूसा करती थी।

इसलिए लंड चुसाई में मैं लम्बे समय तक टिका रहता था क्योंकि गर्लफ्रेंड ने मुझे आदत डाल रखी थी।


तो दीदी जब लंड चूसते हुए थकने लगी तो वो ऊपर उठ गई। मैं भी पूरे जोश में था।

वो मेरे होंठों के करीब आई और मैंने भी उसके होंठों पर होंठ रख दिए।


हम दोनों किस करने लगे।

काफी देर तक एक दूसरे के होंठों को चूसने के बाद हम नंगे होने लगे।

मैंने शर्ट भी उतार दी।


उधर दीदी ने अपनी कमीज और सलवार निकाल दी।

उसने नीचे से ब्रा-पैंटी डाली थी जिसको उसने अगले ही कुछ पल में बदन से अलग कर फेंका।


उसके गोल-गोल चूचे उसकी छाती पर चिपके हुए थे।

चूचियों की गोलाई बहुत ही सेक्सी थी।

ऐसा लग रहा था जैसे खरबूजे लटके हों।


फिर वो मेरे सामने ही लेटकर अपनी चूत को सहलाने लगी।

उसने टांगें खोल दीं।

उसकी चूत मेरे सामने थी।


उसने चूत में उंगली करते हुए मुझे नीचे चाटने का इशारा किया।

मैंने दीदी की चूत में मुंह लगा दिया और जीभ से चाटने लगा।

दीदी की चूत से रस निकल रहा था जिसका स्वाद मुझे बहुत मीठा लग रहा था।


मैं दीदी की चूत का सारा पानी साथ के साथ चाटता जा रहा था।

काफी देर तक दीदी की चूत को मैंने चाटा।

फिर उससे रहा न गया।


दीदी ने मेरे लंड को हाथ में लेकर सहलाया और चोदने का इशारा कर फिर नीचे लेट गई।


मैं दीदी के ऊपर आ गया और उसकी चूत पर लंड को सेट कर दिया।

दीदी को भी पता था कि उसकी चूत अब चुदने वाली थी तो वो भी पूरी तरह से तैयार थी।


मैंने दीदी की चूत पर लंड को अच्छी तरह से सेट करके एक जोर का धक्का मारा तो लंड 4 इंच तक दीदी की चूत में जा घुसा।


वो एकदम से चिल्ला पड़ी।

उसकी आंखों से आंसू आने लगे और बोली- निकाल ले भाई, बहुत दर्द हो रहा है … आह्ह … आईई … मम्मी।


मैं झट से बोला- रंडी तूने ही तो शुरू किया था, अब तो मैं तेरी चूत को चोदकर ही रहूंगा। इतने दिनों के बाद किसी की चूत चोदने को मिली है।


फिर मैंने दीदी की चूत में एक और धक्का लगाया तो लंड 2 इंच और अंदर चला गया।

तीसरे धक्के में मैंने पूरा 7 इंच का लंड दीदी की चूत में फंसा दिया।


वो छटपटाने लगी।

बार-बार वो लंड को बाहर निकालने के लिए कह रही थी।

लेकिन मैं उसकी नहीं सुन रहा था।


मैंने उसकी चूत में धक्के लगाने शुरू कर दिए।

मैं धीरे-धीरे दीदी की चुदाई करने लगा।

उसकी चूत काफी टाइट थी।


दस मिनट तक वो ऐसे ही कराहती रही।

फिर धीरे-धीरे उसे मजा आने लगा।

कुछ ही देर बाद वो गांड को उठाने की कोशिश करने लगी।


मैं समझ गया कि अब इसको मजा आने लगा है।


फिर मैंने चुदाई की स्पीड तेज कर दी।

दीदी को भी गांड उछालते हुए चुदने में डबल मजा मिल रहा था।


कुछ देर चोदने के बाद मैंने उसको उठाया और फिर घोड़ी बनने के लिए कहा।

वो पहले तो मना करने लगी लेकिन मैंने उसकी गांड पर एक तमाच मारा तो मान गई।


फिर वो मेरे सामने घुटनों पर झुक गई और मैंने पीछे से चूत पर लंड लगाकर धक्के देने शुरू कर दिए।


मैं पीछे से दीदी की चुदाई करने लगा।

हर धक्के के साथ उसके चूचे हवा में आगे-पीछे डोल रहे थे।


लंड के धक्कों के साथ दीदी के हिलते हुए चूचे देखकर उत्तेजना और ज्यादा बढ़ रही थी।

मैं पूरे जोश में दीदी की चुदाई करने में लगा हुआ था।


फिर एकदम से वो चिल्लाने लगी- आह्ह और चोदो भाई … आह्ह चूत में लंड घुसेड़ते रहो … आह्ह चोदते रहो … आह्ह चोदो भाई।

मैं और जोर से दीदी की चूत में लंड के धक्के लगाने लगा।


दीदी से रुका न गया और उसका बदन एकदम से अकड़ गया।

चूत से खूब सारा पानी निकला जिसमें मेरा लंड भी भीग गया।


अब मैं पच-पच की आवाज के साथ दीदी की चूत मार रहा था।

मैं भी झड़ने के करीब पहुंच रहा था।

मैं पूरी ताकत लगाकर दीदी की चूत में लंड को पेल रहा था।


फिर दो मिनट बाद झटके देते हुए मैं दीदी की चूत में झड़ गया।


माय सेक्स विथ सिस्टर का मजा लेने के बाद मैं दीदी के ऊपर ही लेट गया।

वो भी एकदम से थक गई थी।


कुछ देर तक हम भाई-बहन एक दूसरे से चिपके पड़े रहे।

मेरा लंड खुद ही दीदी की चूत से बाहर आ चुका था।


फिर हम अलग हुए।

थोड़ी देर में दीदी ने फिर से मेरे लंड को छेड़ना शुरू कर दिया मैं भी उसकी चूचियों को छेड़ने लगा।

देखते ही देखते दोनों फिर से गर्म हो गए।


एक बार फिर से चुदाई का खेल शुरू हो गया।

उस रात को दीदी को मैंने कई बार चोदा।


2 बार तो मैंने दीदी के मुंह में पानी निकाला।


फिर हम सो गए।


सुबह वो उठी और फ्रेश होने चली गई।

मैं भी उठकर फ्रेश हो गया।


दीदी ने खाना बनाया और हम दोनों ने खाना खाया।

दिन में हम दोनों टाइम पास करते रहे।


फिर रात हो गई।


रात को दीदी ने कहा कि उसका डिनर बनाने का मन नहीं है।

मैंने खाना ऑर्डर कर दिया।

फिर हमने खाना खा लिया।


उसके बाद हम दोनों चूमा-चाटी के साथ शुरू हो गए।

फिर देखते ही देखते नंगे हो गए।


हम 69 की पोजीशन में आ गए और चूत-लंड चाटने लगे।


उसके बाद हमने चुदाई शुरू कर दी।

मैं दीदी की चुदाई में लगा हुआ था कि एकदम से भाई घर में आ धमका।


हमें बताया गया था कि ये लोग 3 दिन के बाद आने वाले हैं लेकिन भाई को ऐसे अचानक देखकर मैं डर गया।


लेकिन दीदी को डर नहीं लगा।

उसकी चूत में बहुत गर्मी थी।

वो भाई को देखकर बोली- आजा भाई, तेरी ही कमी थी। जल्दी से आजा, चोद दे मुझे!

मैं तो हैरान था कि ये सब क्या बोल रही है ये!


लेकिन अगले ही पल भाई अपने कपड़े उतारने लगा।

वो मेरे सामने ही नंगा हो गया।

उसका लौड़ा खड़ा हो चुका था।


उसने दीदी की टांगों को खोला और चूत में देकर चोदना शुरू कर दिया।

मैं हैरान था।


मेरी ऐसी हालत देखकर भाई बोला- हैरान मत हो, ये बहुत बड़ी रंडी है। मैं तो इसे रोज चोदता हूं।


मैं एक पल के लिए यकीन नहीं कर पाया लेकिन दीदी की मस्ती देखकर समझ गया कि जरूर ये दोनों रोज चुदाई के मजे लेते हैं।

फिर मुझसे भी रुका न गया और मैं जाकर तेल की शीशी उठाकर ले आया।


मैंने दीदी की गांड के छेद पर तेल लगा दिया।

मैंने लंड पर भी तेल लगा लिया और दीदी की गांड के छेद में लंड को डालने लगा।


भाई ने भी पोजीशन को एडजस्ट कर लिया।


अब वो भाई के लंड पर बैठकर गांड को हिलाते हुए चुद रही थी।

और इसी बीच मैंने उसकी गांड में लंड को धकेल दिया।


अब दीदी की चूत में भाई का लंड था और गांड में मेरा लंड।


मेरी चुदक्कड़ बहन अपने दो सगे भाईयों से रंडी की तरह चुद रही थी।


हमें भी बहुत मजा आ रहा था।


भाई के साथ बहन की गांड चुदाई करने में अलग ही मजा आ रहा था।


कुछ देर बाद हमने पोजीशन बदल ली।

अब भाई ने दीदी की गांड मारी और मैंने उसकी चूत।


मैंने सारा वीर्य दीदी की बच्चेदानी में गिरा दिया।


तो उस रात को हम दोनों भाईयों ने दीदी की चुदाई की।

उसके बाद मैं पढ़ाई के लिए पटना आ गया।


मैंने भाई से इस बारे में बात की और कहा कि वो लोग भी पटना आ जाएँ।

फिर वो दोनों मेरे साथ ही रहने आ गए।


आने के बाद हम दीदी को पूरा दिन घर में नंगी ही रखते थे।

जब मन करता था हम दीदी को पेल देते थे।


तो दोस्तो, यह थी मेरी रंडी बहन की कहानी।

आपको मेरी बहन की चुदाई की कहानी कैसी लगी मुझे जरूर बताना।

आप सबकी प्रतिक्रियाओं के लिए मैं इंतजार करूंगा।


आप नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में माय सेक्स विथ सिस्टर कहानी पर अपनी बात रख सकते हैं।

या फिर आप मैसेज करना चाहते हैं तो मेरे ईमेल पर कर सकते हैं।

मेरा ईमेल है- davidarya671@gmail.com

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