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ऑनलाइन मिली सीलपैक लड़की की चूत - Antarvasna Sex Stories

दोस्तो, मेरा नाम सचिन मिश्रा है. मैं यूपी का रहने वाला हूँ.

मेरा कद 6 फीट है, मैं गोरा चिट्टा 24 साल का युवा हूँ.


मेरे लंड का साइज़ नॉर्मल ही है लेकिन मैंने अभी तक अच्छी अच्छी चुदक्कड़ों का भी पानी गिरवा दिया है.

हां तो मेरी भोसड़ी वाली भाभियो और मेरी प्यारी चुत वाली सहेलियो, अपनी चुत पर हाथ रख लीजिए क्योंकि अब आप सब पानी पानी होने वाली हैं.


दरअसल मुझे काफ़ी दिन हो गए थे, मैंने किसी लड़की या भाभी को नहीं चोदा था.


वैसे मैं आपको बता दूं कि मुझे गंदा सेक्स करने में बहुत मजा आता है.

मतलब चुत चाटना, क्लिट को दांतों से काटना, चूचियां पीना काफी पसंद है.

यह सब कुछ मुझे फुल मस्ती वाला सेक्स लगता है.

आप सब समझ रही हो ना, जो मैं आपको समझाना चाह रहा हूँ.


ये Antarvasna Sex Stories में बात तब की है जब मैंने नया नया फ़ेसबुक एप को चलाना शुरू किया था.


मुझे तभी फ़ेसबुक पर एक फ्रेंड रिक्वेस्ट आई.

उसे मैंने एक्सेप्ट करके जवाब दिया.

फिर वही हाय हैलो चलने लगा.


मैं कुछ दिनों तक तो बहुत सीधा बनता रहा.

लेकिन कहते हैं ना कि चुत की चुदास और लंड की प्यास कभी नहीं बुझती.

इसी के चलते उस लड़की से मेरी सेक्स वाली बातें भी चलने लगी थीं.


मैं इधर उस लड़की के बारे में ज़्यादा तो नहीं बताऊंगा लेकिन हां यह जरूर कहूँगा कि ऊपर वाले ने उसे बड़ी फ़ुर्सत से बनाया था.

मेरा भरोसा करो कि जब मैं उससे पहली बार मिला था, तो मेरा क्या हाल हुआ था.

उस वक्त की मैं अपनी स्थिति को शब्दों में बयान नहीं कर पाऊंगा.

बस यूं समझ लीजिए कि मैं बस पागल हो गया था.


वह आजकल बाहर गई हुई थी.


इधर मुझे काफ़ी दिन से चुत का नशा सवार था और मेरे लौड़े के लिए उस लड़की की चुत तो थी तो लेकिन आजकल साली मेरी पहुंच से दूर थी.


मरता क्या ना करता, मैं भी सब्र करके अपने लौड़े को पकड़े बैठा हुआ था.


हमारी बातें होती थीं और बहुत बातें होती थीं … लेकिन कभी चुदाई करने का ज़िक्र नहीं हुआ था.


फिर अचानक से एक दिन उसने खुद ही कहा कि मुझे तुमसे मिलना है!

मैंने कहा- हाँ बताओ, कब और कहां मिलना है?


वह बोली- तुम पहले वाली जगह पर मिलने आओ, तब उस जगह के बारे में भी बता दूंगी.

मैं अगले ही दिन उसके पास आ गया.


उसने मुझसे कहा- कहीं ऐसी जगह ले चलो, जहां कोई आता जाता ना हो!

मैंने कहा- ठीक है, लेकिन मुझे यहां का ऐसा एरिया नहीं मालूम है.


वह बोली- एक जगह है ऐसी, उधर मैं तुम्हें ले चलती हूँ.

मैंने कहा- क्या बात है, तुम्हें ऐसी जगह मालूम है और मुझे नहीं!


वह हंस दी.

लेकिन उसने उस जगह के बारे में मुझे कुछ नहीं बताया.


मैं सारे रास्ते सोचता रहा, उससे पूछता रहा लेकिन उसने आखिर तक कुछ भी नहीं बताया.


हम दोनों अब उस जगह पहुंचने वाले थे जहां वह मुझे ले जाना चाहती थी.


वह कुछ पहाड़ी इलाक़ा था और शायद एक लव स्पॉट था जो किसी प्राइवेट रिज़ॉर्ट जैसा था.


ऑटो से उतर कर मैंने पेमेंट की और उससे इशारे में पूछा कि अब कहां जाना है?


उसने सामने बने टिकट काउंटर की ओर इशारा करते हुए मुझसे टिकट कटवाने को कहा.


मैंने ऐसा ही किया.

मैंने दो टिकट, वैफर्स का पैकेट और पानी की बोतल ले ली और अन्दर की तरफ आ गया.


वहां हर जगह पहाड़ ही पहाड़ थे.

कहीं कहीं झूले पड़े थे, जहां कपल्स मस्ती कर रहे थे.

मैं उन्हें ही देख रहा था.


एक जगह तो एक लड़की को दो लड़के चोदने में बिज़ी थे.


मेरी फ्रेंड ने देखा तो वह मेरी तरफ देख कर मुस्कुरा दी और आगे एक पहाड़ से टिक कर खड़ी हो गई.

मैं उसके पास गया और उसके कान में बोला- इरादे नेक नहीं लग रहे हैं जनाब के!


यह सुनकर वह मुस्कुरा दी.


मैंने सारा सामान एक साइड रखा और बैठ गया.

थोड़ी देर खड़ी रहने के बाद वह आई और मेरी गोदी में बैठ गई.


उसकी गांड के पड़ते ही मेरा लंड हरकत में आ गया और वह मेरी पैंट में तंबू बनाने लगा था.


शायद उसे मेरे लंड का फूलना महसूस हो रहा था.

तब भी वह अनजान बन कर इधर उधर देख कर बात कर रही थी.


वह करीब 10 मिनट मेरी गोदी में बैठी रही थी.


फिर मैंने ही उसे उठाया और मैं अपनी वह कामोत्तेजक दवा पीने चला गया, जो मैं साथ लाया था.

मैंने उसे ली और सिगरेट सुलगा कर पीने लगा.


अब मैं इंतजार कर रहा था कि दवा का असर होना शुरू हो और मैं अपनी छमिया के साथ सेक्स कर सकूँ.


मैं सिगरेट पीकर आया.

वह मेरी तरफ पीठ करके खड़ी थी.


उसने पूछा- सुसू करने गए थे क्या?

मैंने हां में सिर हिला दिया और उसे पीछे से ही हग कर लिया.


मेरा लंड उसकी गांड की दरार में फँस गया.

वह ज्यादा मोटी नहीं थी तो मुझे उसके चूतड़ों में लंड रगड़ने में बहुत मजा आ रहा था.


मैंने धीरे से उसके एक दूध को दबाया, उसने कोई विरोध नहीं किया.

वह खुद चुदासी थी. मेरी GF सेक्स करने को आतुर थी.


मैंने थोड़ी देर उसे ऐसे ही गर्म किया और उसे साथ लेकर एक सुनसान जगह में लेट गया.

मुझे अभी तक नहीं पता था कि मेरे साथ आई यह छमिया सीलपैक आइटम है!


मेरे दूध सहलाने से वह इतना गर्म हो गई थी कि उसकी सांसें तेज होने लगी थीं.

मैंने उसे सीधा किया, उसके चेहरे पर आज जिस तरह के भाव मैंने आज से पहले उसके चेहरे पर कभी नहीं देखे थे.


मैंने उसे अपनी तरफ घुमाया और उसके रसीले होंठों को अपने होंठों में लेकर चूसना शुरू कर दिया.

कुछ देर बाद वह भी मेरा साथ देने लगी थी.


मैंने अपना एक हाथ उसकी गांड पर रखा और घुमाते हुए गांड की गोलाई को दबाने लगा … जिससे उसे और ज्यादा मजा आने लगा.


फिर मैंने उसकी सलवार का नाड़ा खोला और उसको खड़ी कर दिया.

उसकी सलवार तुरंत नीचे गिर गई.


मैं भी झटके से नीचे बैठ गया और मैंने जैसे ही उसकी चड्डी नीचे खिसकाई, मेरी आंखें खुली की खुली रह गईं.


उसकी चुत एकदम लाल पड़ चुकी थी और उस पर हल्के हल्के से बाल थे, जो डिजायन में कटे हुए थे.


उसने अपनी झांटों की मखमल से अपनी चुत को सजाया था.

मैं भी मन ही मन हंस दिया कि साली ये लौंडियां लड़कों को रिझाने के लिए कभी अपनी चुत पर मेहंदी लगाती हैं, तो कभी चुत के दाने को घुँघरू से सजाती हैं, तो कभी झांटों से चुत की सजावट करती हैं.


फिर मैंने जैसे ही उसकी चुत की फांकों को खोल कर देखा, चुत के अन्दर की लालिमा देख कर मेरी जीभ से रुका ही न गया और मेरी जीभ खुद ही उसकी चुत में अन्दर पहुंच गई.


मेरी जीभ की खुरदुरी छुअन से उसकी चुत पानी पानी होने लगी थी.

मैं चुत के पानी को चाटता हुआ उसे साफ करने में लग गया.


मैं काफ़ी देर तक उसकी चुत को चाटता रहा.

वह भी अपनी टांगों में मेरे सर को दबाती हुई अपनी चुत को मेरे मुँह में दे रही थी.


उसकी दबी हुई आवाज, ‘हुं आं आह प्लीज सक माई पुसी आह प्लीज बी फास्ट आह आह’ मुझे और भी उत्तेजित कर रही थी.


इसके साथ ही मेरी दवा ने मेरे लौड़े को हाहाकारी बना दिया था.


कुछ ही देर बाद उसने अपने मुँह से एक प्यारी सी आवाज़ में कहा- आह डालो ना … अब नहीं रहा जाता!

मैं समझ गया कि आज मिल गई इसकी चुत और वह भी सील पैक चुत!


मैंने बिना देर किए उसका दुपट्टा जमीन पर बिछाया और उसे चित लिटा दिया.

उसकी नंगी टांगों को मैंने चौड़ा दिया और खुद उसके ऊपर आने लगा.


उसने कहा- पहले मुझे दिखाओ!

मैंने कहा- क्या?


वह नशे में सी बोली- वही, अपना लंड!

मैंने उसे अपना हथियार दिखाया और पूछा- चूसोगी?


वह बोली- नहीं, उल्टी हो जाएगी.

मैंने भी उसे फोर्स नहीं किया.


वह कहते हैं ना कि प्यार और सेक्स में ज़बरदस्ती मजा नहीं देती.


मैंने उससे कहा- कभी लिया है?

उसने ना में सिर हिलाया.


मैं समझ गया कि बन्नो आज फड़वाने ही आई है.


अब मैंने अपने लंड पर खूब सारा थूक लगाया और उसकी चिकनी चुत पर अपना लौड़ा लगाने से पहले फिर से एक बार चुत को चाटा; फिर लंड के सुपारे को छेद पर टिका दिया.


मैं उसकी चुत पर सुपारे को हल्के हल्के से रगड़ने लगा.

उसे मजा आने लगा और उसका लंड से डर खत्म होने लगा.


यह बहुत जरूरी होता है दोस्तो क्योंकि कुंवारी लड़की को लंड से एक डर रहता है जो उसकी सहेलियां उसे डरवा देती हैं.


मैं अपने सुपारे को बार बार चुत की फांकों में दबाता हुआ हल्की सी दाब दे रहा था जिससे सुपारा अपने मुँह से चुत को चीरने की कोशिश कर रहा था.


उस हल्के दबाव से वह कुछ कसमसा रही थी और अपनी कमर को थोड़ा पीछे करने की कोशिश कर रही थी.

जबकि अभी मेरा लंड अन्दर जा ही नहीं रहा था.


मैंने उसे किस करना शुरू कर दिया.

वह भी मुझे चूमने लगी.

किस करने के साथ साथ मैं अपने लौड़े के सुपारे से नीचे उसकी चुत को सहलाता रहा.


वह मेरे साथ चुंबन में गाफिल हो गई थी, तभी अचानक से मैंने अपने लंड में दाब लगा दी और लौड़ा उसकी चुत को फाड़ता हुआ अन्दर घुसता चला गया.


मैंने महसूस किया कि मेरा आधा लंड उसकी चुत में घुस गया था और वह चिल्लाने की कोशिश कर रही थी मगर मेरे मुँह लगे होने के कारण उसकी आवाज नहीं निकल पा रही थी.

नतीजा यह निकला कि वह दर्द से छटपटाने लगी.


मैंने तुरंत अपना लंड बाहर निकाला और उसे सम्भाला.

लंड निकाल लेने से वह रिलेक्स हो गई और मुझसे छूटने की कोशिश करने लगी.

मगर मैं फिर से अपना लंड अन्दर पेल दिया.


इस बार एक बार में ही पूरा हथियार चुत को चीरता फाड़ता हुआ अन्दर चला गया.

उसे पुनः तकलीफ़ हुई, लेकिन वह सह गई.


करीब दस मिनट तक धकापेल चुदाई चलती रही.

उसके बाद हम दोनों झड़ गए और वैसे ही लेटे रहे.


बाद में उसने बताया कि वह चुदाई के दरमियान दूसरी बार झड़ी थी.

उसके बाद हम दोनों न जाने कितनी बार चुदाई की, कुछ याद ही नहीं है.


तो दोस्तो, यह मेरी सीलपैक चुत की चुदाई की कहानी थी.

Antarvasna Sex Stories आपको कैसी लगी … प्लीज जरूर बताएं.

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