top of page

दीवाली वाले दिन मिली भाभी की चूत चोदी

यह मेरी पहली सेक्स कहानी है, जो मैं आप सबके साथ शेयर कर रहा हूं, अगर कोई गलती हो जाए तो मुझे माफ़ कर दीजिएगा.

मेरा नाम आकाश (नाम बदला हुआ) है, मैं दिल्ली का रहने वाला हूं और मेरी उम्र 21 साल है.

मैं उम्मीद करता हूं इस दीवाली सब लड़कियों और भाभियों की चूत और गांड में जबरदस्त खुजली हुई होगी और आप सबने अपनी खुजली मिटाई होगी.

जवान भाभी की चुदाई बाथरूम में की. वो अनजान भाभी थी जो मुझे अनायास ही मिल गयी थी.

भाभी दिखने में बहुत ही सेक्सी हैं. उनकी उम्र 32 साल है और उनका साइज 34-28-36 का है. वो बहुत गोरी हैं.

यह बात दीवाली वाले दिन की है.मैं उस दिन मॉर्निंग में पार्क गया हुआ था. वहीं मुझे एक सेक्सी हॉट भाभी के दर्शन हुए.वो दीवाली वाले दिन पहली बार पार्क में आयी थीं.उनका नाम अंकिता (नाम बदला हुआ) था.

मेरी बात उनसे अंजाने में हो गई.पार्क में वॉक करते हुए अचानक से उनके पेट में दर्द होने लगा.जब उनके पेट में दर्द होना शुरू हुआ था तो मैं उनके पास से ही निकल रहा था.

मेरी नजर उन पर पड़ी, तो मैंने उनसे पूछा- क्या हुआ?उन्होंने बताया तो मैं उन्हें तुरंत हॉस्पिटल ले गया.

वहां डॉक्टर को दिखाया, तो डॉक्टर ने कहा कि पहले ही दिन ज्यादा रनिंग करने से इनके पेट में दर्द शुरू हो गया, डरने की कोई बात नहीं है.

डॉक्टर ने उन्हें दवा दे दी, जिससे भाभी को थोड़ी देर में आराम लगा.

फिर हम दोनों बाहर आ गए.

मैंने उनसे कहा- आपको पहले ही दिन इतनी रनिंग नहीं करनी चाहिए थी.भाभी ने कहा- हां आगे से ध्यान रखूंगी.

फिर उन्होंने थैंक्स कहा.मैंने बोला- अब आप चली जाओगी. उन्होंने कहा- हां.

फिर जैसे ही वो जाने लगीं, तो उनको थोड़ी कमजोरी लग रही थी.

मैंने कहा- मैं आपको आपके घर छोड़ देता हूं.भाभी बोलीं- नहीं, मैं आपको पहले ही परेशान कर चुकी हूँ. आपको अपने घर भी तो जाना होगा.

मैंने भाभी से कहा- परेशानी कैसी.

उसी समय मैंने अपने घर पर फोन करके सब बता दिया था.

भाभी बोलीं- ठीक है, इसी बहाने आप हमारे हाथ की चाय भी पी लोगे.मैंने कहा- हां क्यों नहीं.

फिर मैं उनको उनके घर छोड़ने जाने लगा.रस्ते में मैंने उनके लिए एक ग्लूकोज का पैक भी ले लिया था ताकि भाभी की कमजोरी दूर हो जाए.

भाभी ने कहा- आप तो बहुत केयरिंग हो, मुझे आपसे मिलकर बहुत अच्छा लगा.मैं- भाभी में तो ऐसा ही हूं और जहां आप जैसी सुन्दर सेक्सी भाभी हो, तो बस वहां तो पूछो ही मत.

भाभी ने जब ये सुना तो हंस कर बोलीं- अच्छा बच्चू, ऐसा है क्या?मैं- हां बिल्कुल.

इसके बाद हम दोनों भाभी के घर पहुंच गए.

भाभी के कोई बच्चा नहीं था और उनके पति का ट्रांसपोर्ट का बिजनेस था.वो महीने में 1-2 बार ही घर आ पाते थे.दीवाली की वजह से उनके पति का काम बहुत ज्यादा बढ़ गया था तो वो दीवाली पर घर नहीं आए थे.

भाभी के सास ससुर गांव में रहते थे.

चूंकि मैं चुदाई का बहुत शौकीन हूं और स्पेशली भाभी और औरतों में मुझे ख़ास रूचि है.इधर भाभी के मामले में मुझे आशा की किरण दिखाई देने लगी थी.

जब हम दोनों घर में पहुंचे तो मैं बैठ गया और भाभी चाय बना कर ले आईं.

वो मुझे अपने घर के बारे में सब बताने लगीं.मेरे मन में लड्डू फ़ूटने लगे कि मामला सैट हो सकता है.

रात होने से पहले ही मैंने सोचा कि आज अच्छा मौका भी है और भाभी मुझसे खुश भी हैं.पति महीने में 1-2 आते है तो भाभी चुदाई की भी प्यासी होंगी.

मैंने और भाभी ने चाय पी ली.

फिर मैं जाने को हुआ तो भाभी ने नंबर एक्सचेंज करने की बात कही.

मैंने जाते हुए कहा- भाभी, दोपहर को शॉपिंग करने चलोगी?भाभी तुरंत मान गईं क्योंकि भाभी घर पर अकेली ही थीं. उन्हें दीवाली पर किसी का साथ चाहिए था.

मैं काम से फ्री होकर करीब 2 बजे उनके घर पहुंच गया.भाभी ने नीले रंग की शाइनिंग वाली साड़ी पहनी हुई थी.वो इस साड़ी में इतनी सेक्सी लग रही थीं कि मन तो कर रहा था कि उन्हें वहीं चोद दूं, लेकिन मैंने कंट्रोल किया.

मैंने उनकी साड़ी और खूबसूरत मेकअप की तारीफ़ की तो भाभी मुस्कुरा दीं.

फिर हम दोनों मार्केट चले गए.मार्केट में हमने खूब सारी शॉपिंग की.मैंने भाभी को एक लहंगा दिलवाया, जिसे देखकर वो बहुत खुश हुईं.

उसके बाद भाभी लेडीज जोन में चली गईं. मैं बाहर इंतजार कर रहा था.

कुछ देर बाद मेरा इंतजार खत्म हुआ और भाभी बाहर आकर मुझसे बोलीं- चलो.

मैंने भाभी से कहा- भाभी, आप मुझे बहुत अच्छी लगने लगी हो.भाभी बोलीं- हां, मुझे भी तुम अच्छे लगने लगे हो.

मैंने कहा- भाभी आप बुरा न मानें तो क्या मैं आपसे कुछ कह सकता हूँ!भाभी- हां बेहिचक कह दो.

मैंने कहा- भाभी मैं आपको प्यार करने लगा हूँ.भाभी मेरी ओर अपलक देखने लगीं और धीरे से बोलीं- हां मैं भी तुमसे बहुत प्यार करने लगी हूं.

मैंने भाभी की तरफ बांहें फैला दीं.वो मेरे गले से लग गईं.

हम दोनों काफी देर तक एक दूसरे को महसूस करते रहे.फिर भाभी मुझसे अलग हो गईं.

मैंने कहा- भाभी मैं आज आपको चोदना चाहता हूं.भाभी ने पहले तो न कर दी.

फिर मैंने कहा- भाभी मैं जानता हूं कि आप भी चुदना चाहती हो, अगर आपको मैं पसंद नहीं हूं तो बता दीजिए. मैं अभी चला जाता हूं.भाभी ने कहा- ऐसी बात नहीं है, मैं भी तुम्हें बहुत प्यार करती हूं.

हम दोनों की बात होने लगी.कुछ देर बाद भाभी ने हां कह दी.

मुझे पता ही था कि भाभी हां ही कहेंगी क्योंकि उनके पति उन्हें सेक्स का सुख नहीं दे पाते थे.

भाभी भी एक औरत थीं, कब तक सेक्स न करतीं.हर औरत का चुदने का मन करता है.

हम दोनों तुरंत भाभी के घर पहुंचे.भाभी के घर कोई नहीं था लेकिन मुझे अपने घर भी जाना था क्योंकि दीवाली का दिन था इसलिए जाना जरूरी था; कोई और दिन होता तो बहाना मार देता.

मैं मेडिकल शॉप से कंडोम लेने जाने लगा तो भाभी बोलीं- रहने दो … आज पहली बार मेरी चुदाई अच्छे से होगी.

उन्हें देखकर लग रहा था कि मैं उन्हें पूरा निचोड़ दूंगा, मैंने उनकी बात समझ ली.

हम दोनों भाभी के घर पहुंचे, सब कुछ सैट था.

मैंने समय न खराब करते हुए तुरन्त भाभी को अन्दर लिया और मेनडोर लॉक कर दिया.कोई आने वाला तो था नहीं तो मुझे डर भी नहीं था.

ये तो आप भी जानते हैं कि डोर लॉक करके चुदाई करने में जो मज़ा है, वो मज़ा खुले डोर में नहीं है.

मैंने डोर लॉक करते ही भाभी के होंठ से होंठ मिला लिए और करीब 10 मिनट तक मैंने भाभी के होंठों का रसपान किया.क्या रसीले होंठ थे, पूरे रस से भरे हुए.भाभी ने भी मेरा बराबर साथ दिया.

फिर मैं भाभी को गले पर, गाल पर, भाभी की नाभि को चूसने और चाटने लगा.भाभी की मादक सिसकारियां निकलने लगीं.

मैं भाभी को बेडरूम में ले गया और बेडरूम भी अन्दर से लॉक कर दिया.

भाभी लजाती हुई सामने खड़ी थीं.मैंने आगे बढ़ कर भाभी की साड़ी का पल्लू नीचे गिरा दिया.भाभी के बूब्स देखते ही मैं तो मानो पागल हो गया. क्या भरे हुए बूब्स थे भाभी के.

मैं भाभी के मम्मों को ब्लाउज के ऊपर से ही मसलने लगा.भाभी गर्म होने लगीं.

फिर मैंने भाभी के ब्लाउज के हुक को खोल दिया और उनकी ब्रा को ब्लाउज समेत उतार कर उनके मम्मों को आजाद कर दिया.

एक बार नजर भरकर भाभी के मम्मों को देखा और उन पर टूट पड़ा.

कुछ ही देर में मैंने भाभी के मम्मों को चूस चूस कर पूरा लाल कर दिया था.भाभी को दर्द होने लगा और वो जोर जोर से आवाजें भर रही थीं.

फिर मैंने भाभी के पेटीकोट को ऊपर किया और उनकी चिकनी जांघों को सहलाने लगा, चाटने लगा.

भाभी अब तक पूरी जोश में आ गई थीं. भाभी ने मेरे कपड़े उतारे. पहले शर्ट उतारी, फिर पैंट उतार दी.

पैंट उतारते ही उन्हें चुदाई का हथियार मेरा लौड़ा दिख गया, जो अब तक काफी कड़क हो गया था.भाभी ने खड़े लंड को देखा और उनके चेहरे पर मुस्कराहट आ गई.

उन्होंने जोश में आकर मेरा अंडरवियर फाड़ डाला.उसके बाद उन्होंने मेरे लौड़े को मुँह में भर लिया और उसे चूसने लगीं.

कुछ पल बाद मैंने उनके पेटीकोट को उतार दिया था और 69 में होकर उनकी चूत चाटने लगा.हम आधे घंटे तक 69 की पोजीशन में ही एक दूसरे को चूसते और चाटते रहे. हम दोनों बिल्कुल चुदासे हो गए थे.

उसके बाद मैंने कहा- भाभी, अब अपनी चुत में मेरा लंड लेने के लिए तैयार हो जाओ.भाभी बोलीं- मैं तो बहुत देर से तैयार हूं.

भाभी को चूत और गांड काफी समय से लंड नहीं मिला था तो उन्होंने झट से हां कर दी थी.

मैंने पहले उनकी उंगलियों से जमकर चुदाई की, जिससे उनकी चूत खुल गई.

ऐसा मैंने इसलिए किया था, जिससे दोनों को ही परेशानी न हो.

मैंने आव देखा न ताव … पहले उन्हें बिस्तर पर लिटा कर उनकी टांगों को खोल दिया.फिर मैंने भाभी के पैरों के नीचे तकिया लगा दिया और उनकी चूत में अपना लंड पेल दिया.पहले शॉट में ही मैंने अपना आधे से ज्यादा लंड भाभी की चूत में पेल दिया.

भाभी की जोर से चीख निकल गई.मैं थोड़ी देर रुक गया.

फिर जब मुझे लगा कि हां अब दूसरा धक्का मारना सही रहेगा, तो मैंने एक और जोरदार धक्का लगा दिया.मेरा पूरा का पूरा लंड भाभी की चूत में समा गया.

इस बार भाभी की चीख बहुत तेज निकली और वो रोने लगीं.मैं फिर से थोड़ी देर रुक गया.

भाभी जब थोड़ी देर बाद नॉर्मल हुईं, तब मैंने अपनी चुदाई शुरू कर दी और धीरे धीरे धक्के मारने लगा.अब भाभी को भी मज़ा आने लगा और उनके मुँह से सिसकारियां निकल रही थीं.

बीच बीच में मैं भाभी की चुदाई के साथ उनके मम्मों के साथ खेलने लगा और उनके होंठों को चूसता रहा.

मैं तो उस समय खुद को जन्नत में हूं … ऐसा महसूस कर रहा था.

उस दिन मैंने जवान भाभी की जमकर चुदाई की.

भाभी भी अपनी गांड उठाकर बोले जा रही थीं- आंह चोदो … और चोदो … मज़ा आ रहा है.

मेरी ताबड़तोड़ चुदाई के दौरान भाभी 3 बार झड़ चुकी थीं.

फिर मैं भी झड़ने वाला था, तो मैंने भाभी से पूछा- कहां निकालूँ?भाभी ने बोला- अन्दर ही निकाल दो.

मैंने बोला- कोई प्रॉब्लम तो नहीं होगी न!भाभी ने कहा- मैं पिल्स खा लूंगी, कुछ नहीं होगा.

अब मेरा लंड उनकी बच्चेदानी को छू रहा था.मैंने भाभी के अन्दर ही सारा वीर्य छोड़ दिया और भाभी के बगल में ही लेट गया.

भाभी के चेहरे पर मुस्कान थी. मैं समझ गया था कि वो बहुत खुश हैं.

फिर भी मैंने पूछा- मज़ा आया?वो बोली- हां बहुत ज्यादा.

फिर भाभी नंगी ही किचन में गईं और चाय नाश्ता ले आईं.हम दोनों ने नंगे ही चिपटकर एक दूसरे को नाश्ता खिलाया और चाय पी.

मैंने बोला- एक और राउंड हो जाए!वो बोलीं- हां क्यों नहीं.

हम दोनों एक दूसरे को किस करने लगे और एक दूसरे को चूमने और चाटने लगे.

भाभी सिसकारियां भर रही थीं उनकी आंखें बन्द थीं.

मैंने देर किए बिना अपना लंड उनकी चूत पर टिका दिया और पेल दिया.

भाभी की आंखें एकदम से फट गईं और उनके मुँह से गाली निकल गई- आंह भोसड़ी के धीरे चोद ना!मैंने सॉरी कहा और 2 मिनट रुक गया.

फिर भाभी बोलीं- बाबू ऐसे नहीं करना चाहिए … तुम तो बस मौके का फायदा उठाने में लग गए.मैंने कहा- जो मौके का फायदा न उठाए, वो आपका चाहने वाला ही क्या!

भाभी हंस दीं.

फिर हमने धमाकेदार चुदाई की और भाभी दो बार झड़ गई थीं.

अब मैं भी दुबारा झड़ने वाला था तो मैंने भाभी के मुँह में लंड डालकर अच्छे से मुँह की भी चुदाई की और उनके मुँह में ही झड़ गया.

भाभी मेरा पूरा वीर्य पी गईं और मुझे वासना से देखने लगीं.

इस बार हम दोनों बुरी तरह से पसीना पसीना हो गए थे और थककर एक दूसरे से चिपककर लेट गए.

थोड़ी देर बाद हम दोनों उठे और बाथरूम में चले गए. उधर हम एक साथ नहाए.मैंने उन्हें मसल मसलकर नहलाया और उन्होंने मुझे नहलाया.

बाथरूम में भाभी के ऊपर गिरते हुए पानी को देखकर मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया.हम दोनों ने एक और बार बाथरूम चुदाई की.

मैंने होंठ, बूब्स का रसपान किया, जिसमें भाभी ने भी खूब साथ दिया. भाभी मेरा लंड लेकर चूसे जा रही थीं.

एक बार हम दोनों ने एक दूसरे को फिर से नहलाया.

भाभी मेरा लंड को अच्छे से मसलकर साबुन लगाकर साफ कर रही थीं और मैं उनकी चूत और बूब्स को साफ़ कर रहा था.

अब काफी समय हो गया था तो मैं निकलने के लिए कहने लगा.

भाभी कहने लगीं- अब कब आओगे?मैंने बोला- जब आप बुलाओ.

भाभी बोलीं- मेरा बस चले तो मैं तुम्हें जाने ही न दूं.यह सुनकर मुझे लगा कि चलो भाभी को मज़ा आ गया.

मैंने बोला- भाभी मैं बहुत ही जल्द आऊंगा और आपके साथ पूरा दिन, पूरी रात रहूंगा. लेकिन तब आपको अपनी गांड भी मरवानी होगी. आज जो मैंने आपको लहंगा दिलवाया है, तब आप वही पहनोगी.

उन्होंने बोला- मैं गांड नहीं मरवाऊंगी.मैंने बोला- तो फिर मैं नहीं आऊंगा.

मेरा ऐसा बोलने की ही देर थी कि उन्होंने बोला- बाबू ऐसा मत करना … मैं सोचूंगी बाबू.

मुझे पता था कि वो अपनी गांड जरूर मरवाएंगी.मैंने बोला- मैं जल्द ही आऊंगा जान.

ऐसा कहकर मैं कपड़े पहनकर वहां से निकल आया.

जब तक मैं उनके घर नहीं गया, तब तक हमारी फोन पर और मैसेज पर सेक्सी बातें चलती रहीं,

भाईदूज के बाद मैं जैसे ही फ्री हुआ, उनके घर आ गया और उनकी जबरदस्त चुदाई की.भाभी की गांड भी मारी.

वो सेक्स कहानी मैं अगली बार लिखूंगा.

आपको जवान भाभी की चुदाई बाथरूम में सेक्स कहानी कैसी लगी, मेल करके बताना न भूलें. मुझे आपके मेल का इंतज़ार रहेगा.धन्यवाद. rkindias2604@gmail.com

Recent Posts

See All
चुदासी बैंक मैनेजर मैडम की चुदाई का मजा - Hindi Sex Stories

दोस्तो, आंटियो, भाभियो, जैसा कि आपको पता है कि पिछले एक साल से मैं लुधियाना में पोस्टेड हूँ. ये Hindi Sex Stories कुछ समय पहले की है जब मुझे स्कूल के अकाउंट्स का चार्ज भी मिल गया. ये एक हाई स्कूल था,

 
 
 
जवान लड़के लड़की का लाइव सेक्स देखा - Antarvasana Sex Stories

मेरे ढाबे पे रियल सेक्स लाइव शो का मजा हमें तब लिया जब एक जवान जोड़े को हमने अपने घर में शरण दी. कमरे की टूटी खिड़की से अंदर का पूरा नजारा दिख रहा था. पढ़े एक गरम गरम कहानी।

 
 
 

Comments

Rated 0 out of 5 stars.
No ratings yet

Add a rating*

Hindi Sex Stories, Indian Sex Stories, Desi Stories, Antarvasna, Free Sex Kahani, Kamvasna Stories 

कामवासना एक नोट फॉर प्रॉफिट, सम्पूर्ण मुफ्त और ऐड फ्री वेबसाइट है।​हमारा उद्देश्य सिर्फ़ फ्री में मनोरंजन देना और बेहतर कम्युनिटी बनाना है।  

Kamvasna is the best and only ad free website for Desi Entertainment. Our aim is to provide free entertainment and make better Kamvasna Community

bottom of page